दोस्तों एक सही टाइम फ्रेम चुनना उतना ही आवश्यक है जितना कि सही ट्रेडिंग सेटअप को चुनना क्योंकि अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं और इसके लिए आप डेली चार्ट की टाइमफ्रेम को देख रहे हैं तो आपको इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है इसी प्रकार अगर आप पोजीशनल ट्रेडिंग करते हैं और आप 5 मिनट या 15 मिनट के टाइम फ्रेम को देख रहे हैं तो भी आपको कोई फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि हमें जिस ट्रेडिंग स्टाइल से ट्रेड करना है उसी ट्रेडिंग स्टाइल के हिसाब से टाइमफ्रेम भी सिलेक्ट करना पड़ेगा दोस्तो टाइमफ्रेम सिलेक्ट करते समय आपको यह पता होना चाहिए कि टाइमफ्रेम आपको ट्रेड लेने से पहले सिलेक्ट करना है अपने ट्रेडिंग स्टाइल के अनुसार कई ट्रेडर्स ऐसे होते हैं जो ट्रेड लेने के बाद टाइम फ्रेम सिलेक्ट करते हैं और अलग-अलग टाइमफ्रेम देखकर अपने ट्रेड को कैलकुलेट करते रहते हैं लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है एक बार टाइम फ्रेम सिलेक्ट करने के बाद आपको उसी टाइम फ्रेम के हिसाब से ट्रेड लेना है उसी टाइम फ्रेम के हिसाब से आसको स्टॉपलॉस लगाना है और उसी टाइम फ्रेम के हिसाब से एग्जिट भी करना है
Trading in Hindi | ट्रेडिंग कैसे सीखें | ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
Trading क्या होती है और कैसे की जाती है? अगर आपके मन में भी सवाल है तो आपको आज बहुत मज़ा आने वाला है क्योंकि आज हम ट्रेडिंग से जुड़ी सभी जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले हैं। हम जानेंगे कैसे दुनिया में लोग मात्र एक दिन में ट्रेडिंग से हज़ारों रूपये कमा लेते हैं और आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 100 सबसे अमीर आदमियों की लिस्ट में 2 ट्रेडर भी शामिल है जिन्होंने अपनी ट्रेडिंग कला के बल पर बेशुमार दौलत इकट्ठा की है। हालाँकि ऐसे भी लाखों उदाहरण हैं जहाँ ट्रेडिंग ने लोगो को डुबो दिया । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी किताबें नहीं पढ़ी थी।
मार्किट लोगों के मूड से चलता है और अगर आपको पब्लिक के मन का नहीं पता तो आप एक सफल ट्रेडर नहीं बन पाओगे इसलिए पहले शेयर मार्किट की बेस्ट किताबें पढ़कर ज्ञान अर्जित करें और उसके बाद ही ट्रेडिंग करना शुरू करें।
Trading मीनिंग इन हिंदी
आसान हिंदी भाषा में ट्रेडिंग का मतलब होता है ‘व्यापर’ या ‘लेनदेन’। अब व्यापार तो वैसे किसी भी चीज़ का हो सकता है लेकिन क्योंकि हम यहाँ शेयर मार्किट की बात कर रहे हैं तो यहाँ ट्रेडिंग का मतलब है शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया।
जब आप किसी कंपनी के शेयर को कम दाम पर खरीदते हैं और कुछ मिनट, घंटे, या दिनों बाद उस शेयर की कीमत बढ़ जाने के बाद ज़्यादा दाम पर बेचते हैं तो इसी को हम सफल ट्रेडिंग कहते हैं। एक ट्रेडर को सफल तभी कहा जा सकता है जब वह कोई भी शेयर मुनाफे के साथ बेचे अन्यथा अपना नुकसान तो वे लोग भी करते हैं जिन्हे ट्रेडिंग का T भी नहीं पता।
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
अब जैसा की हमने आपसे ट्रेडिंग की परिभाषा में कहा की आप किसी शेयर को कुछ मिनटों से लेकर हफ्ते भर तक होल्ड कर सकते है। उसी समय अवधि के अनुसार ट्रेडिंग को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया गया है:
इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading):
इंट्राडे का हिंदी में मतलब है ‘दिन के अंदर’। जब आप किसी शेयर को एक ही दिन में खरीदते और मार्किट बंद होने से पहले बेच देते हैं तो उस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें आपको सुबह मार्किट खुलते ही पोजीशन बनानी होती है क्योंकि अच्छे मौके सुबह ही मिलते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग का ही एक और टाइप होता है जिसे हम कहते है स्कल्पिंग(Scalping) जिसमे मार्किट खुलने के एक घंटे के अंदर ही शेयर का खरीदना और बेचना दोनों हो जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading)
स्विंग का हिंदी में मतलब होता है ‘झूलना’ और ट्रेडिंग जगत में भी इसका मतलब होता है किसी शेयर को एक से ज़्यादा ट्रेडिंग सेशन तक पकड़ के रखना और कुछ दिन या हफ़्तों बाद बेचना। हम ऐसा कह सकते है कि आपको एक शेयर लेकर कुछ दिनों या हफ़्तों तक झूलना है और जब उसकी कीमत आपके मुताबिक बढ़ जाये तो उसे बेच देना है। अब क्योंकि स्विंग Trading में हम एक दिन से ज़्यादा शेयर को होल्ड करते हैं इसे हम डिलीवरी(Delivery) ट्रेडिंग भी कहते है।
शेयर बाजार में टाइम फ्रेम कैसे सेलेक्ट करें
आज हम समझेंगे how to select chart time frame for trading के बारे में कि हम ट्रेडिंग के लिए चार्ट की टाइमफ्रेम कैसे सेलेक्ट करें दोस्तों यह सवाल बार-बार पूछा जाता है कि हम इंट्राडे के लिए या स्विंग ट्रेडिंग के लिए टाइम फ्रेम कैसे सेलेक्ट करें यह कौन सा टाइम फ्रेम बेस्ट रहेगा इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए तो आज हम टाइमफ्रेम के विषय में सारी जानकारी को समझेंगे और इस पोस्ट को देखने के बाद टाइम फ्रेम सिलेक्ट करने में आपको कोई परेशानी नहीं होगी
ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है जानिए अगर कमाना है लाखों रूपये
शेयर बाजार में ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है ? इसे जानना आपके लिए जरूरी है यदि आप शेयर मार्केट से रेगुलर पैसा बनाना चाहते हैं। बहुत से लोगों का सवाल रहता है कि, क्या हम शेयर बाजार से रेगुलर इनकम कर सकते हैं जिससे हमारे घर का खर्चा चल सके?
तो हमेशा मेरा जबाव यही रहता है कि यदि आपको घर का खर्चा चलाने की जरूरत रहती है तो आपको इससे दूर रहना चाहिए।
स्पष्ट तरीके से कहें तो इसे आप इनकम का स्रोत तब तक नहीं बना सकते, जब तक आप इसमें करोड़ों रुपये निवेश न कर दें।
और यदि आपके पास इतना पैसा है, कि दैनिक खर्चों के बारे में नहीं सोंचना पड़ता है। तब आप उन पैसों को और बढ़ाने के लिए आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश कर सकते हैं।
ट्रेडिंग कैसे किया जा सकता है इसे समझने के लिए आपका पहला कदम यह होना चाहिए कि, आप ट्रेडिंग को समझें और बेसिक जानें कि, ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है एवं शुरुआत में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है जिसमें ट्रेडिंग की शुरुआत में नुकसान न उठाना पड़े।
यदि आप कोई शेयर खरीद कर उसी दिन बेंच देते हैं तो वह डे ट्रेडिंग कहलाती है।
यदि आप कोई शेयर खरीदकर उस दिन न बेचें उसके अगले दिन या बाद में बेचें तो यह स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।
किसी एक बिजनेस में हम कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं और उस पर थोड़ा सा प्रॉफिट लेकर उसे मँहगें में बेच देते हैं। हमारी दुनिया में इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।
लेकिन शेयर बाजार की दुनिया थोड़ी सी अलग है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है और यह साधारण बाजार से कैसे अलग है, इसे समझते हैं।
1 – शेयर बाजार में आप खरीदते तो अपनी मर्जी से हैं किन्तु बेंचने के लिए एक समय निर्धारित होता है। यदि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो अगर आपने बाजार बंद होने से पहले अपने शेयर नहीं बेचें तो वह अपने आप बिक जाता है। चाहे आपका फायदा हो रहा हो या नुकसान।
अधिक जानें : स्पर्ट म्यूचुअल फंड का भविष्य कैसा देखते हैं
लेकिन यदि आप स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो उसमें समय का बंधन नहीं होता है।
ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है जानिए अगर कमाना है लाखों रूपये
शेयर बाजार में ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है ? इसे जानना आपके लिए जरूरी है यदि आप शेयर मार्केट से रेगुलर पैसा बनाना चाहते हैं। बहुत से लोगों का सवाल रहता है कि, क्या हम शेयर बाजार से रेगुलर इनकम कर सकते हैं जिससे हमारे घर का खर्चा चल सके?
तो हमेशा मेरा जबाव यही रहता है कि यदि आपको घर का खर्चा चलाने की जरूरत रहती है तो आपको इससे दूर रहना चाहिए।
स्पष्ट तरीके से कहें तो इसे आप इनकम का स्रोत तब तक नहीं बना सकते, जब तक आप इसमें करोड़ों रुपये निवेश न कर दें।
और यदि आपके पास इतना पैसा है, कि दैनिक खर्चों के बारे में नहीं सोंचना पड़ता है। तब आप उन पैसों को और बढ़ाने के लिए आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश कर सकते हैं।
ट्रेडिंग कैसे किया जा सकता है इसे समझने के लिए आपका पहला कदम यह होना चाहिए कि, आप ट्रेडिंग को समझें और बेसिक जानें कि, ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है एवं शुरुआत में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है जिसमें ट्रेडिंग की शुरुआत में नुकसान न उठाना पड़े।
यदि आप कोई शेयर खरीद कर उसी दिन बेंच देते हैं तो वह डे ट्रेडिंग कहलाती है।
यदि आप कोई शेयर खरीदकर उस दिन न बेचें स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं उसके अगले दिन या बाद में बेचें तो यह स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।
किसी एक बिजनेस में हम कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं और उस पर थोड़ा सा प्रॉफिट लेकर उसे मँहगें में बेच देते हैं। हमारी दुनिया में इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।
लेकिन शेयर बाजार की दुनिया थोड़ी सी अलग है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है और यह साधारण स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं बाजार से कैसे अलग है, इसे समझते हैं।
1 – शेयर बाजार में आप खरीदते तो अपनी मर्जी से हैं किन्तु बेंचने के लिए एक समय निर्धारित होता है। यदि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो अगर आपने बाजार बंद होने से पहले अपने शेयर नहीं बेचें तो वह अपने आप बिक जाता है। चाहे आपका फायदा हो रहा हो स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं या नुकसान।
अधिक जानें : स्पर्ट म्यूचुअल फंड का भविष्य कैसा देखते हैं
लेकिन यदि आप स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो उसमें समय का बंधन नहीं होता है।
अपने डीमैट अकाउंट को सेविंग अकाउंट से करें लिंक, होते हैं कई फायदे
सेविंग अकाउंट आपका बैंक अकाउंट होता है जिसमें आप अपने पैसे रखते हैं। जब भी आप ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करते हैं तो आप इसी अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करते हैं। डीमैट वो अकाउंट होता है जहां आप निवेश किये हुए शेयर्स व सिक्योरिटीज को डीमैटेरियलाइज्ड रूप में रखते हैं।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। आज के समय में शेयर बाजार में निवेश अपने पैसे के निवेश के लिए एक चर्चित तरीका है। न सिर्फ अनुभवी निवेशक बल्कि अधिकतर युवा भी निवेश के लिए शेयर मार्केट की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। शेयर मार्केट में निवेश के लिए तीन महत्वपूर्ण अकाउंट हैं जिसके बारे में हर निवेशक को पता होना चाहिए। पहला है सेविंग अकाउंट, दूसरा डीमैट अकाउंट व तीसरा है ट्रेडिंग अकाउंट।
इन्वेस्टमेंट की प्रक्रिया होती है आसान
अपने डीमैट अकाउंट और सेविंग अकाउंट को लिंक करने से आपका आपके निवेश की प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है। इसके द्वारा आप कभी भी कहीं से भी पेमेंट कर सकते हैं। शेयर मार्केट में अच्छा लाभ कमाने के लिए सही समय पर निर्णय लेना बहुत जरूरी है। डीमैट अकाउंट व सेविंग अकाउंट लिंक होने से आप किसी भी समय पर पेमेंट कर सकते हैं, जिससे आपकी टाइमिंग प्रभावित नहीं होती व आप सही समय पर निर्णय ले सकते हैं।
सही निर्णय के साथ ही फंड ट्रासफंर करना भी इन्वेस्टमेंट का एक महत्वपूर्ण पहलू है। डीमैट अकाउंट व सेविंग अकाउंट के लिंक होने पर आप आसानी से बिना किसी रुकावट के अपने बेचे गए शेयर्स की कीमत को अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं, साथ ही खरीदते समय भी आपको फंड ट्रांसफर करने में कोई दिक्कत नहीं होती। डीमैट अकाउंट व सेविंग अकाउंट लिंक होने से ये काम अक्सर आपके ब्रोकिंग ऐप के द्वारा खुद ही हो जाता है।
अतिरिक्त चार्ज से होती है बचत
कई बार ऐसा होता है कि डीमैट अकाउंट व सेविंग अकाउंट लिंक न होने से आपको ट्रांसफर के लिए एक्सट्रा पैसे देने होते हैं। लेकिन दोनों अकाउंट लिंक होने से आपको कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं देना होता है। साथ ही आप फंड ट्रांसफर की अपर लिमिट से भी बच सकते हैं। यानी कि आप अपनी सुविधा के अनुसार जितना फंड चाहें उतना ट्रांसफर कर सकते हैं वो भी बिना किसी एक्सट्रा चार्ज के।
तो अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश कर स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं रहे हैं तो अपने निवेश की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अपना डीमैट अकाउंट व सेविंग अकाउंट लिंक करना बेहद जरूरी है। इससे आप सही समय पर निवेश के सही निर्णय ले सकते हैं व आसानी से अपने पैसे और अपनी इन्वेस्टमेंट को मैनेज कर सकते हैं। साथ ही अपने निवेश की जर्नी शुरू करने व शेयर मार्केट के बारे में पूरी रिसर्च करने के लिए आज ही 5paisa.com पर जाएं और अपने निवेश के सफर को और भी बेहतर बनाएं। साथ ही DJ2100 - Coupon Code के साथ बनाइये अपना Demat Account 5paisa.com पर और पाएं ऑफर्स का लाभ।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 600