ईजीआर के जरिये हर तरह के बाजार प्रतिभागी (Market Participants) जैसे व्यक्तिगत निवेशक, आयातक, बैंक, रिफाइनर्स, सर्राफा कारोबारी, आभूषण बनाने वाले और खुदरा विक्रेता सोने की खरीद बिक्री कर सकेंगे. शेयरों की तरह ही बीएसई पर किसी खास समय पर सोने की कीमत दिखेगी. अगर आप सोना खरीदना या बेचना चाहते हैं तो अपनी मर्जी से आप गोल्ड की खरीद-बिक्री कर सकेंगे. खरीदा गया सोना आपके डीमैट खाते में जमा हो जाएगा.
खुशखबरी : भारतीय रिटेल निवेशक अब NSE के इस प्लेटफॉर्म से खरीद-बेच सकेंगे अमेरिकी शेयर
NSE International Exchange ने ऐलान किया था कि NSE IFSC प्लेटफॉर्म के जरिए चुनिंदा अमेरिकी स्टॉक में ट्रेडिंग की सुविधा दी जाएगी.
NSE IFSC ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता को चुनिंदा अमेरिकी स्टॉक्स में ट्रेडिंग शुरू करने की परमिशन मिल गई है. NSE IFSC दरअसल NSE का इंटरनेशनल एक्सचें . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : March 02, 2022, 11:49 IST
नई दिल्ली. How Yo Buy American Shares From India : NSE IFSC को चुनिंदा अमेरिकी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता स्टॉक्स में ट्रेडिंग शुरू करने की परमिशन मिल गई है. NSE IFSC दरअसल NSE का इंटरनेशनल एक्सचेंज (NSE International Exchange) है. यह एनएसई की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. पिछले साल अगस्त में NSE International Exchange ने ऐलान किया था कि NSE IFSC प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता के जरिए चुनिंदा अमेरिकी स्टॉक में ट्रेडिंग की सुविधा दी जाएगी. निवेशक इस प्लेटफॉर्म के जरिए अमेरिकी स्टॉक खरीद ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता सकेंगे और शेयरों के बदले डिपॉजिटरी रिसीट जारी कर सकेंगे.
इस प्लेटफॉर्म पर 50 स्टॉक्स के रिसीट की ट्रेडिंग की अनुमति मिली है. इनमें से आठ 3 मार्च से ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे. इन स्टॉक्स में Alphabet Inc (Google), Amazon Inc, Tesla Inc, Meta Platforms (Facebook), Microsoft corporation, Netflix, Apple और Walmart के नाम शामिल हैं. ये सभी अमेरिका के बड़े और नामी स्टॉक्स हैं.
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फॉरेक्स टाइम लिमिटेड (www.forextime.ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता com/eu) साइप्रस प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा विनियमित है, जिसका CIF लाइसेंस नंबर है 185/12, तथा यह दक्षिण ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता अफ्रीका के फाइनेंशियल सेक्टर कंडक्ट अथॉरिटी (FSCA) द्वारा लाइसेंस प्राप्त है और इसका FSP नंबर 46614 है। यह कंपनी यूके के फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी के साथ रजिस्टर्ड है, जिसका नंबर 600475 है।
ForexTime (www.forextime.com/uk) फाईनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी द्वारा लाइसेंस नंबर 777911 के अंतर्गत अधिकृत और विनियमित है।
Exinity Limited (www.forextime.com) मॉरीशस गणराज्य के वित्तीय सेवा आयोग द्वारा विनियमित निवेश डीलर है, जिसकी लाइसेंस संख्या C113012295 है।
अब आप BSE पर भी कर सकेंगे सोने की खरीद-बिक्री, मिलेंगी ये खास सुविधाएं
Gold Trading on BSE : अब आप BSE ने अपने प्लेटफ्रॉम पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट (Electronic Gold Receipt) की शुरूआत कर दी है. जिससे अब आप आसानी से बीएसई पर सोने की खरीद-बिक्री कर सकेंगे. क्योंकि इसके लिए पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) से बीएसई को अपने प्लेटफॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (Electronic Gold Receipt (EGR)) की शुरुआत करने की अनुमति मिल चुकी है. बता दें कि देश के प्रमुख शेयर बाजार बीएसई ने अपने मंच पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट (ईजीआर) की पेशकश की है, जिससे इस बहुमूल्य धातु की प्रभावी और पारदर्शी कीमत का पता लगाने में मदद मिलेगी. एक्सचेंज ने एक बयान में कहा कि उसने दिवाली पर मुहूर्त कारोबार के दौरान 995 और 999 शुद्धता के दो नए उत्पाद पेश किए हैं. इसके तहत कारोबार एक ग्राम के गुणकों में और आपूर्ति 10 ग्राम तथा 100 ग्राम के गुणकों में होगी.
बीएसई पर बेच सकेंगे घर में रखा सोना
अगर आप सोना खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बीएसई के डिलीवरी सेंटर पर जाना होगा. फिर, इस भौतिक सोने (Physical Gold) से आप आभूषण बनवाएं या इसे बार या क्वाइन के तौर रखें, यह आपकी अपनी मर्जी होगी. आप अपने घर में रखा सोना भी बीएसई पर बेच सकेंगे. बीएसई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता ने इसके लिए ब्रिंक्स इंडिया और सिक्वेल लॉजिस्टिक्स के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता साथ समझौता किया है. आपको इसकी शाखा में जाकर फिजिकल गोल्ड जमा करवाना होगा जो ईजीआर के रूप में आपके डीमैट खाते में आ जाएगा.
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स्टॉक मार्केट में नए हैं तो निवेश के लिए फुल सर्विस ब्रोकरेज की सेवाएं बेहतर
यूटिलिटी डेस्क. स्टॉक मार्केट के डिजिटलाइजेशन ने ट्रेडिंग में काफी बदलाव कर दिया है। टेक्नालॉजी में बदलाव आने से ऑनलाइन और रियल टाइम ट्रेडिंग आसान हो गई है। रोजाना हजारों स्टॉक्स की ट्रेडिंग होती है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में अच्छे स्टॉक्स को चुनने की क्षमता और ट्रेडिंग की क्षमता केवल कुछ निवेशकों के पास ही होती है। निवेशकों के पास स्टॉक ट्रेडिंग के लिए दो तरह की सेवाएं मौजूद हैं- फुल सर्विस ब्रोकरेज और डिस्काउंट ब्रोकरेज। आमतौर पर फुल सर्विस ब्रोकरेज के पास बड़ा पोर्टफोलियो होता है और वे रिसर्च, सलाह, वेल्थ मैनेजमेंट और रिलेशनशिप मैनेजर जैसी सेवाएं ऑफर करते हैं। उनके पास अपने ग्राहकों के लिए डेडिकेटेड सर्विस होती है। इसके उलट डिस्काउंट ब्रोकरेज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर केवल इक्विटी को बेचने और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता खरीदने की ही सुविधाएं मुहैया कराते हैं और वे केवल सलाह या रिसर्च सेवाएं नहीं देते हैं। इन ब्रोकरेज की उपस्थिति भी ज्यादा नहीं होती और रिलेशनशिप मैनेजर जैसी सेवाएं भी नहीं होती है, कोई समस्या आने पर निवेशकों को फोन पर केवल रिकॉर्डेड मैसेज ही ज्यादा सुनने को मिलता है। लागत कम करने के लिए यह फर्में ऑफिस स्पेस या स्टाफ पर ज्यादा खर्च नहीं करती है और रिसर्च सर्विस, आईपीओ अप्लीकेशन, म्यूचुअल फंड या रिलेशनशिप मैनेजर जैसी सेवाएं मुहैया नहीं कराती ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता हैं। अगर डिस्काउंट ब्रोकरेज से तुलना करें तो फुल सर्विस ब्रोकरेज की सेवाएं अपेक्षाकृत महंगी है, लेकिन अतिरिक्त सेवाओं के कारण फुल टाइम ब्रोकरेज की सेवाएं लंबे समय में निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित होता है। डिस्काउंट ब्रोकरेज आमतौर पर एक समान शुल्क चार्ज करते हैं जबकि फुल सर्विस ब्रोकरेज परसेंटेज के रूप में चार्ज करते हैं।
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