जिस प्रकार पिछले कुछ वर्षों की तुलना में आज ऑनलाइन खरीदारी बड़ी है, उम्मीद यही है, की जैसे-जैसे भारत में इंटरनेट का और अधिक विस्तार होगा, गावों और छोटे कस्बों में भी ऑनलाइन खरीदारी को बढ़ावा मिलेगा। वहाँ भी ई-कॉमर्स का उपयोग बढ़ेगा और घर-घर तक उत्पाद डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
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हेडिंग
हम अपने सेलर से यह पूछते हैं कि उन्होंने Amazon पर बेचने का विकल्प क्यों चुना
अनुपम आसावरी साड़ी
रानी पेरियाकुलम का पहला Amazon सेलर
पिछले साल, मैंने ₹7 लाख से ज़्यादा की बिक्री की थी. मुझे कस्टमर के पास जाने की ज़रूरत नहीं होती है,कस्टमर मेरे पास आते हैं
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पैकेजिंग इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने प्रोडक्ट को डिलीवर करने के लिए किस फुलफ़िलमेंट विकल्प का इस्तेमाल करते हैं. FBA की मदद से, हम आपके प्रोडक्ट को डिलीवरी बॉक्स में पैक करने की ज़िम्मेदारी लेते हैं. Easy Ship और सेल्फ़ शिप में, आपको खुद पैकेजिंग का खयाल रखना होगा, और आप चाहें तो Amazon की पैकेजिंग मटेरियल खरीद सकते हैं.
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने प्रोडक्ट डिलीवर करने के लिए किस फुलफ़िलमेंट विकल्प का इस्तेमाल करते हैं. FBA और Easy Ship में, Amazon कस्टमर तक प्रोडक्ट की डिलीवरी (और रिटर्न) हैंडल करेगा. सेल्फ़-शिप चुनने पर आपको थर्ड पार्टी कूरियर सर्विस या अपने खुद के डिलीवरी एसोसिएट (लोकल शॉप व्यापार मंच प्रकार के लिए) के ज़रिए प्रोडक्ट डिलीवर करने होंगे
FBA ऑफ़र आज़माएं के साथ, आपको FBA के व्यापार मंच प्रकार लिए साइन अप करते समय पहले 3 महीनों के लिए फुलफ़िलमेंट सेंटर, स्टोरेज फ़ीस और रिमूवल चार्ज या पहले 100 यूनिट पर ट्रांसपोर्टेशन चार्ज पर पूरी छूट मिलती है. इस ऑफ़र से आप बिना किसी और लागत के FBA आज़मा सकते हैं!
यहां ऑफ़र के कुछ व्यापार मंच प्रकार फ़ायदे दिए गए हैं जो आपको इस ऑफ़र का फ़ायदा लेने के बाद मिलते हैं:
व्यापार मंच प्रकार
यदि आप ई-कॉमर्स के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़े जिसमे हमने बिलकुल सरल शब्दों में विस्तार से बताया है, की E-commerce kise kahate hain थता ई-कॉमर्स के प्रकार क्या हैं।
E से अर्थ है (इलेक्ट्रॉनिक) और commerce यानि व्यापार। आज के ऑनलाइन युग में इंटरनेट द्वारा लगभग सभी कार्य किए जा रहे हैं, और जिन कार्यों को ऑनलाइन करना संभव नहीं हो पा रहा है, उनके भी ऑनलाइन विकल्प तलाशे जा रहे हैं।
इसी प्रकार आज व्यापार भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यानि इंटरनेट के द्वारा किया जा रहा है, और इंटरनेट द्वारा किया जा रहा कोई भी व्यापार जिसमे उत्पाद या सेवाओं का खरीदना या बेचना शामिल हो वह E-commerce केहलाता है।
E-commerce kise व्यापार मंच प्रकार kahate hain
ई-कॉमर्स को electronic commerce या Internet commerce भी कहा जाता है। यह एक बिज़नेस मॉडल है, जिसमे उत्पाद या सेवाओं को खरीदने या बेचने के लिए इंटरनेट को एक माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता है।
यानि जब इंटरनेट का उपयोग कर उत्पाद या सेवाओं को बेचा या खरीदा जाता है, उसे E-commerce कहते हैं।
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, आप जो भी ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, जैसे कपड़े, जूते, घर का सामान, फर्नीचर या व्यापार मंच प्रकार इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद इत्यादि यानि वह हर एक प्रोडक्ट जिसे आप इंटरनेट के द्वारा खरीदते हैं, या फिर बेचते हैं, वह सब ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता है।
जिस प्रकार हमारे आस पड़ोस में दुकाने होतीं हैं, जहाँ हम जाते हैं, और अपनी आवश्यकता और पसंद के अनुसार सामान खरीदते हैं, ठीक उसी प्रकार ऑनलाइन या इंटरनेट जगत में भी Ecommerce platforms होते हैं, व्यापार मंच प्रकार जैसे Flipkart, Amazon, Shopify, Mintra इत्यादि, यह भारत में कुछ प्रचलित Ecommerce platforms हैं।
‘भारतीय सेना से सीधे टकराव से बचता है चीन, हमें गलवान की घटना से लेना चाहिए सबक’
चीन द्वारा भारतीय सीमा में अतिक्रमण की शुरुआत 1950 के दशक के मध्य में हुई थी लेकिन यह सिलसिला आज भी जारी है और चीन के इस रवैये की वजह से न सिर्फ भारत के साथ बल्कि दुनिया के अन्य देशों के साथ भी उसके रिश्ते लगातार बिगड़ ही रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में यह कोशिश की है और इससे पहले उसने गलवान घाटी में भी यही कोशिश की थी. इन्हीं सब मुद्दों पर जाने-माने जियोस्ट्रैटेजिस्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व सलाहकार ब्रह्म चेलानी से पांच सवाल और उनके जवाब…
सवाल: तवांग में चीनी अतिक्रमण और इस पर भारत की प्रतिक्रिया को कैसे देखते हैं आप?
मंडी परिषद की परिसंपत्तियों पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा ना होने पाए गुणवत्ताहीन कार्य करने वाली संस्थाओं पर होगी सख्त
- दिनेश प्रताप सिंह ने मंडी परिषद के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की
-मंडी परिषद में निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाओं के कार्यों की जांच हेतु कमेटी गठित की व्यापार मंच प्रकार जाए
-गुणवत्ताविहीन कार्य करने वाली संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
लखनऊ : विशेष संवाददाता
प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने मंडी परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मंडी परिषद में निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाओं के कार्यों की जांच के लिए कमेटी गठित की जाए तथा गुणवत्ताविहीन कार्य करने वाली संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
G20 से भारत और कनाडा के संबंधों व्यापार मंच प्रकार को मिलेगा बढ़ावा
भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंधों को अगले साल बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। दरअसल, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और कनाडा के आठ कैबिनेट मंत्रियों के G20 कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आने की संभावना है।
कनाडा से भारत आने वाले महत्वपूर्ण आगंतुकों में पहली कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली होंगी, जिनके मार्च 2023 में भारत आने की उम्मीद है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक होने की संभावना है। दोनों मंत्रियों ने पिछले सप्ताह ही इस बारे में बात की थी। इस बारे में कनाडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ” दोनों के बीच हुई बातचीत सकारात्मक रही।”
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली रायसीना डायलॉग में भी व्यापार मंच प्रकार भाग ले सकती हैं। एक अन्य कैबिनेट मंत्री भी इस बहुपक्षीय सम्मेलन में शामिल हो सकती हैं, जो कि कनाडा की रक्षा मंत्री अनीता आनंद हो सकती हैं। हालांकि G20 में रक्षा से संबंधित कोई वर्टिकल नहीं है, लेकिन भारतीय मूल की अनिता आनंद के भी मार्च में आने की उम्मीद है।
G20 लीडर्स समिट के लिए भारत की यात्रा करेंगे कनाडा के ये मंत्री
इसी प्रकार कनाडा के कई अन्य कैबिनेट मंत्री G20 लीडर्स समिट के लिए भारत की यात्रा करेंगे। बता दें फरवरी 2018 के बाद कनाडा के पीएम ट्रूडो का यह पहला भारत दौरा होगा। बताना चाहेंगे कि नई दिल्ली में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली के साथ इस संबंध में बैठक भी की। इसका जिक्र कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने एक ट्वीट में किया। उन्होंने लिखा कि दोनों देशों के बीच भारत और कनाडा के संबंधों को मजबूत करने सहित कई अहम मुद्दों पर विशेष चर्चा हुई। भारत की अध्यक्षता में हो रहे G20 और दोनों देशों के संबंधों को बेहतर करने की उम्मीद में उन्होंने लिखा कि 2023 एक महान वर्ष साबित होगा।
ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि G20 भारत-कनाडा के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। ओटावा में पूर्व भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने इस बारे कहा, “2023 भारत-कनाडाई रणनीतिक साझेदारी में एक महत्वपूर्ण वर्ष होना चाहिए। हमें इसे एक मजबूत भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक संरेखण की तरह देखना चाहिए।
इस मुद्दे को सुलझाने की होगी सबसे अधिक जरूरत
इन सबके बीच जिस व्यापार मंच प्रकार प्रमुख मुद्दे को सुलझाने की सबसे बड़ी जरूरत होगी, वह खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा कनाडा के क्षेत्र का कथित तौर पर उपयोग किया जाना है, जिसमें अलगाववादी सिख फॉर जस्टिस (SFJ) शामिल है।
उल्लेखनीय है कि कोविड के बाद वैश्विक मंदी के दौर और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच G20 भारत के हाथों में उम्मीद की मशाल है। दुनिया की 80 फीसदी GDP, 75 फीसदी अंतरराष्ट्रीय व्यापार और दुनिया की 60 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले G20 को भारत अगले एक साल तक राह दिखाएगा। ऐसे में यह समय भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित करने का भी मौका है। भारत इसके जरिए जहां अपनी संस्कृति और धरोहर को दुनिया के सामने रख सकेगा, तो वहीं जी-20 के जरिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के समाधान तलाशने का महत्वपूर्ण कार्य करेगा।
G20 के बारे में
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता कर रहा है।
G20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी।
2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर G20 को राष्ट्राध्यक्षों व्यापार मंच प्रकार व शासनाध्यक्षों के स्तर तक उन्नत किया गया था, और 2009 में इसे “अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग हेतु प्रमुख मंच” के रूप में नामित किया गया था।
बता दें, G20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित किया जाता है। शुरुआत में G20 व्यापक आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित था, परंतु बाद में इसके एजेंडे में विस्तार करते हुए इसमें अन्य बातों के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार-विरोध शामिल किया गया।
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