दिल्ली पुलिस सूत्र का कहना है कि श्रद्धा हत्याकांड में आरोपी आफताब ने पुलिस के सामने कबूल किया कि पहचान छिपाने के लिए उसने श्रद्धा के शव के टुकड़े करने के बाद उसका चेहरा जला दिया था। उसने यह भी कबूल किया कि उसने हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के तरीके इंटरनेट पर सर्च किए थे।
RBI की नई मुद्रा नीति से क्या महंगाई काबू में आएगी ?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को कानून के तहत यह आदेश दिया गया है कि वो देश की मौद्रिक स्थिरता सुरक्षित रखेगा. भारत सरकार ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए साल 2015 में RBI अधिनियम में संशोधन करके कहा था कि RBI कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (cpi) यानि महंगाई को 4 प्रतिशत के ऊपर और 2 प्रतिशत से नीचे नहीं जाने देगा. इसके अलावा महंगाई को कंट्रोल करने के लिए सिस्टम में जो नकदी है उसको भी RBI मैनेज करता है.
अगर CPI या कंज्यूमर महंगाई 6 प्रतिशत के उपर है तो इसका मतलब हुआ कि RBI अपना काम करने नाकाम है.
खानापूर्ति ज्यादा, असरदार एक्शन कम
भारत में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI), दरअसल जो असली महंगाई होती है उसे थोड़ा कम करके ही बताती है. थोक महंगाई यानि (WPI) की वाईड़फ़ॉरेक्स दर जून 2022 में 15.18 प्रतिशत थी और पिछले छह महीनों से यह 13.5 प्रतिशत से ज्यादा पर चल रही है. अब अगर इस बात को महंगाई के नजरिए से देखें तो इस मोर्चे पर RBI काफी ज्यादा फिसड्डी साबित हो चुका है.
यदि कोई महंगाई के असली कारणों की तह में जाता है तो पता चलता जाता है कि देश में मौजूदा महंगाई वाईड़फ़ॉरेक्स दरअसल सप्लाई साइड की वजह से ज्यादा है.
भारत बहुत कुछ विदेशों से वाईड़फ़ॉरेक्स इंपोर्ट करता है. क्रूड ऑयल, खाने का तेल, कैपिटल गुड्स और इलेक्ट्रॉनिक्स सभी की कीमतें बहुत ज्यादा ऊपर जा चुकी हैं. पिछले छह महीनों में विदेशी विनिमय दर में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. इस तरह से विदेशों में महंगाई का भारत में महंगाई बढ़ाने में बड़ा रोल है और वाईड़फ़ॉरेक्स RBI शायद इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकता.
दरें बढ़ाने से विनिमय वाईड़फ़ॉरेक्स दर पर सकारात्मक असर
भारत के लिए भी डॉलर ही इंटरनेशनल करेंसी है. रुपए के मुकाबले इसकी विनिमय दर इसकी बाहरी वैल्यू है. जहां RBI के एक्शन से विनिमय दरों का सीधे तौर पर कुछ लेना देना नहीं है लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर ये प्रभावित होती हैं.
भारत के चालू खाते में बड़ा घाटा बना हुआ है, जो 2022-23 में 100 अरब डॉलर से अधिक पर पहुंच सकता है.
विकसित देशों या बड़ी इकनॉमी के मंदी में जाने की आशंका गंभीर है. ऐसे में हमें कमोडिटी की कीमतों से तो राहत मिल सकती है लेकिन एक्सपोर्ट पर नुकसान का डर भी मंडरा रहा है. हमारा इंपोर्ट ज्यादा लचीला है. ऐसे में कुल मिलाकर चालू खाता घाटा की स्थिति ज्यादा बदलने वाली नहीं है.
भारत को पर्याप्त कैपिटल फ्लो होता रहा है. फॉरेक्स रिजर्व रहने से रुपये के बाहरी मूल्य को बनाए रखने और रुपये की कीमतों में गिरावट को कंट्रोल करके चालू खाता घाटे की भरपाई हो जाती है.
Shraddha Aftab News Live: पुलिस को मिली आफताब की पांच दिन की कस्टडी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई
बहुचर्चित श्रद्धा वालकर हत्याकांड के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को दिल्ली पुलिस आज साकेत कोर्ट में पेश करेगी और उसकी आगे की हिरासत की मांग करेगी। पुलिस सारे साक्ष्य जुटा रही है। उन्हें जानकारी मिली है कि आफताब और श्रद्धा का 300 रुपये का पानी का बिल बकाया है।
श्रद्धा हत्याकांड में नया मोड़
मुंबई की युवती श्रद्धा वाकर की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस की जांच में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की जाचं में छतरपुर के जिस फ्लैट में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने श्रद्धा का कत्ल किया, उस फ्लैट का पानी का बिल भी जांच में अहम सबूत बनेगा।
आफताब और श्रद्धा पर 300 रुपये का पानी का बिल बकाया
सूत्रों के अनुसार हत्या के बाद आफताब ने खून के धब्बों को साफ करने के लिए बहुत सारे पानी का इस्तेमाल किया, जिसके कारण पानी का बिल ज्यादा आया और बिल लंबित हो गया। पुलिस को जानकारी मिली है कि आफताब और श्रद्धा पर 300 रुपये का पानी का बिल बकाया है। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि आफताब नियमित रूप से बिल्डिंग की पानी की टंकी की जांच करने जाता था।
वाईड़फ़ॉरेक्स
Senin, 12 Desember 2022 (06:27)
Music
Video
नेपाल में महंगाई क्यों बढ़ रही है?
नेपाल एशिया के सबसे गरीब देशों में से एक है। यह वाईड़फ़ॉरेक्स अधिकतम रूप से अपने आसपास के देशों- भारत और चीन से आयात पर निर्भर करता है। इसकी आबादी लगभग 2.91 करोड़ (2020 में) है। किसी भी वाईड़फ़ॉरेक्स वाईड़फ़ॉरेक्स अन्य देश की तरह, महामारी ने नेपाल को बुरी तरह प्रभावित किया है और वहां रहने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
नेपाल इस समय सबसे बड़ी आर्थिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। आम आदमी को ईंधन, रसोई गैस, भोजन, आश्रय आदि जैसी बुनियादी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है। उपभोक्ता संगठनों ने दावा किया है कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में 20% की वृद्धि हुई है।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 18.5% की गिरावट आई है। विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्राएं, स्वर्ण भंडार, ट्रेजरी बिल इत्यादि जैसी संपत्तियां हैं जिन्हें देश के सेंट्रल बैंक द्वारा बनाए रखा जाता है। इनमें गिरावट से बाजार में महंगाई और आर्थिक उथल-पुथल हो सकती है।
Read More: A Personal Account Of Crossing The Border Between Nepal And China
रूस-यूक्रेन युद्ध ने सीएनजी गैस, पेट्रोलियम, सूरजमुखी तेल आदि सहित ईंधन की कीमतों में वृद्धि की। इसने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को भी बाधित किया है। नेपाल अपनी ईंधन आवश्यकता के लिए भारत पर निर्भर है। भारत को ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का भी सामना करना पड़ रहा है जिसका असर नेपाल पर पड़ा है।
नेपाल में आंतरिक स्थिति भी ठीक नहीं है। सेंट्रल बैंक ऑफ नेपाल ने कहा कि मुद्रास्फीति 7.1% है जो बहुत अधिक है। आने वाले दिनों में इसमें और तेजी आने की संभावना है।
नेपाल अपने आयात व्यय को पूरा करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार पर भी निर्भर रहा है। के.पी. के पतन के कारण इसमें भी गिरावट देखी गई है। जुलाई 2021 में शर्मा ओली की सरकार। तब से, आयात और निर्यात के बीच संतुलन पटरी से उतर गया है। आयात में वृद्धि हुई है जबकि पर्यटन और निर्यात से आय में गिरावट आई है।
नेपाल सरकार की प्रतिक्रिया-
नेपाल की सरकार ने अपने सेंट्रल बैंक के प्रमुख श्री महा प्रसाद अधिकारी को बर्खास्त कर दिया है। उन पर संवेदनशील जानकारी लीक करने और अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहने का आरोप लगाया गया था।
सरकार ने नेपाल ऑयल कॉर्पोरेशन को समर्थन देने का फैसला किया है। अभी तक नेपाल इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से तेल खरीद रहा था। लेकिन बढ़ी कीमतों के कारण, सरकार ने ईंधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने तेल निगम को समर्थन देने का फैसला किया है।
इसने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बनाए रखने के लिए कुछ वस्तुओं जैसे सोना, चांदी, बिजली के उपकरण, कपड़ा, मशीनरी के प्रकार आदि के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
नेपाल सरकार ने विश्व बैंक के अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) से 150 मिलियन डॉलर उधार लेने का विकल्प भी चुना है।
निष्कर्ष
कहा जाता है कि नेपाल का वाईड़फ़ॉरेक्स आर्थिक भविष्य इतना अंधकारमय नहीं है क्योंकि मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार सरकार के आयात बिलों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त है। नेपाल सरकार द्वारा उठाए गए कदम काफी कारगर साबित हो सकते हैं। श्रीलंका के विपरीत, नेपाल बाहरी ऋणों से मुक्त है।
नेपाल के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने आश्वासन दिया है कि श्रीलंका की तुलना में नेपाल काफी बेहतर स्थिति में है और कहीं भी अधिक गंभीर उथल-पुथल की दिशा में नहीं बढ़ रहा है।
Disclaimer: This article is fact-checked
Image sources: Google Images
Feature Image designed by Saudamini Seth
Originally written in English by: Manasvi Gupta
Translated in Hindi by: @DamaniPragya
This post is tagged under: Nepal inflation, India, China, economical turmoil, prices, price hike, food items, necessities, Russia, Ukraine, petroleum, CNG, Sri Lanka, imports, exports, inflation, pandemic, Covid 19, tourism, forex reserves, gold, machinery, oil corporation, remittances, GDP, National bank, World Bank, IDA, Sri Lanka, exchange reserves
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 135