technical analysis से हम किसीभी स्टॉक प्राइज की मूवमेंट को देखके उसके फ्यूचर(भविष्य)प्राइज का अंदाज़ा लगा सकते हे मतलब हम प्रिडिक्ट करते हे की फ्यूचर में शेयर की प्राइज अप रहेगी या फिर डाउन रहेगी या फिर एक फिक्स रेंज में रहेगी।

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Investing और Trading में अंतर (Hindi)|

Investing और Trading शेयर बाजार के दो पहलू हैं इन्वेस्टमेंट के लिए आपको लम्बी अवधि और एक धैर्य mindset की जरुरत पड़ती हैं पर ट्रेडिंग की लिए आप शार्ट टर्म के लिए कर सकते हैं पर इसमें जोखिम ज्यादा हैं पर अपने स्किल्स और नॉलेज को अच्छा करके आप इसमे शरुवात कर सकते हैं । तो आईये जानते हैं संक्षेप में Investing और Trading के बारे टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? में !!

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What is Investing in Stock Market (Hindi)

किसी भी निवेश से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि आखिर आप निवेश करना क्यों चाहते हैं और किस एसेट क्लास में निवेश करना चाहते हैं। निवेश के कई विकलप हैं जैसे रियल एस्टेट , गोल्ड या फिर कोई गवर्मेंट स्कीम पर इस ब्लॉग में हम जानेगे स्टॉक मार्किट में निवेश क्या होता हैं ? Stock मार्किट में निवेश की सबसे महत्वपूर्ण बात यहाँ हैं की आप किस अवधि के लिए पैसा लगाना चाहते हैं और कितना पैसा लगाना चाहते हैं अपने फाइनेंसियल गोल को ध्यान में रखते हुए।

निवेश टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? लंबी अवधि का दृष्टिकोण लेता है चाहे निवेश के लिए लंबे समय के लिए स्टॉक में निवेश किया गया हो क्योंकि निवेश के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है। निवेशक धीरे-धीरे समय की अवधि में धन का निर्माण करते हैं। निवेश में आम तौर पर कई साल लगते हैं क्योंकि यह कई लाभों के साथ आता है जैसे कि लाभांश, स्टॉक स्प्लिट बोनस आदि। निवेशक को डाउनट्रेंड चक्र या साइडवेज मार्केट में धैर्य की आवश्यकता होती है। क्यूंकि आपका निवेश उस कंपनी की ग्रोथ से जुड़ा हैं जिसका आपने स्टॉक ले रखा हैं और इकनॉमिक एक्टिविटी आदि पर निर्भर करता हैं इसलिये इसमें समय लग सकता हैं ।

Stock Market में निवेश कैसे करें|How to start Investing in Stock Market

अगर आप नए इन्वेस्टर हैं और स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले आपको टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? उसके बारे में अच्छे से जानकारी जुटानी चाहिए। निवेश आप लम्बी अवधी और छोटी अवधि के लिए भी कर सकते हैं और पैसे को एकमुश्त या सिप के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं अपने वित्तीय लक्ष्य को जानना सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक है।एक योजना बनाएं और दूसरा उसका पालन करने के लिए पर्याप्त अनुशासन बरतें।दूसरों को देखकर पैसा न लगाएं और स्टॉक की कीमत का सही आंकलन करें , वैल्यू देखें क्यूंकि इन्वेस्टर लम्बे समय के लिए निवेश करते हैं

वहीं शेयर मार्केट में जिस कंपनी में आप अपने पैसों को इन्वेस्ट करने वाले हैं, पहले उसके टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? फंडामेंटल, ट्रैक रिकॉर्ड, हिस्ट्री चार्ट, मार्केट परफॉर्मेंस आदि चीजों के बारे में अच्छे से जान ले और कम कर्ज वाली कंपनियों का चुनाव करें आप इसके लिए किसी विशेषज्ञ की सहायता भी ले सकते हैं।

up trend

ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का प्राइज एक continually उपर की साइड में चल रहा होता हे। मतलब उसका अभी up trend चालू हे ऐसा कहा जाता हे। और उसी ट्रेंड को फॉलो करके टेक्निकल एनयलीसिस ये अंदाजा लगता हे की आगे भी वो इसी ट्रेंड को फॉलो करेंगे। मतलब वो आगे भी उप ही रहेगा लेकिन टेक्नीकल एनलीसिस सिर्फ अंदाजा लगा सकते हे। क्युकी स्टॉक मार्किट में ऐसी कुछ फिक्स स्ट्रैटर्जी नहीं होती।

जिससे हम मार्किट की प्राइज कहा जाएगी ये पता लगा सके टेक्निकल से सिर्फ मूवमेंट पता चलती हे. और इस ट्रेंड को पता लगाने के लिए भी कई टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? सारे टूल होते हे. जैसे की candlestick pattern , indicators , trend lineऐसे बहुत से सरे टूल होते हे जिससे हम सिर्फ शेयर के प्राइज का अंदाजा लगा सकते हे।

down trend ;

ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का प्राइज नियमित निचे आ रहा हे। तो उसका मतलब स्टॉक का प्राइज डाउन ट्रेंड में हे। और टेक्निकल एनालिसिस को टूल्स से हम ट्रेंड का पता लगा कर हम स्टॉक की फ्यूचर प्राइज का अन्दाज़ा लगा पाते हे।

लेकिन ज्यादा मूवमेंट होने की वजा से न ही ट्रैंड काम आता हे। और नहीं टेक्निकल एनालिसिस का कोई भी टूल। टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक प्राइज की करंट प्राइज देखके के ट्रेडिंग की जाती हे। और प्रिडिक्ट किया जाता हे की आगे भी शेयर प्राइज टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? उसी तरह रहेगा जैसे कोई भी ट्रेंड में होगा वैसे ही भविष्य में रहेगा।

sideways trend

sideways trend में स्टॉक का प्राइज एक रेंज में रहता एक फिक्स प्राइज के बिच में शेयर का प्राइज अप और डाउन रहता हे।और टेक्निकल एनालिसिस से मार्किट का ट्रेण्ड फॉलो करके स्टॉक की फ्यूचर प्राइज क्या होगी इसका अंदाज़ा लगाया जाता हे। sideways trend में ट्रेडिंग करना बहुत ही मुश्किल होता हे। नाहीं प्राइज ऊपर जाती हे. और नहीं निचे वो एक रेंज में उप डाउन होती रहती हे।

टेक्निकल एनालिसिस से स्टॉक में हम सिर्फ ड्रेडिंग कर सकते हे। ये मतलब हम उससे सिर्फ फ्यूचर मे होने वाले मूवमेंट का अंदाज़ा लगा सकते हे और किसी स्टॉक में हम उसका ट्रेंड को देखकर उसमे ट्रेडिंग कर सकते।

फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए क्या जरूरी हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस सिखने के लिए जरूरी नहीं हैं की आप CA हो या बोहोत पढे लिखे हो ।

इंटरनेट की दुनिया मे आज हर कोई फंडामेंटल एनालिसिस सिख सकता हैं, चाहे वह पढ़ा लिखा हो या नहीं ।

सिर्फ आप को शेयर बाजार सीखने मे रुचि होनी चाहिए ।

मौलिक विषलेशन मे आप क्या देखते हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस को हिंदी मे मौलिक विषलेशन कहते हैं ।

मौलिक विषलेशन हम देखते हैं –

  • कंपनी की वर्षीक रिपोर्ट (Annual Report)
  • लाभ और हानि खाता (Profit & Loss Statement)
  • तुलन पत्र (Balance Sheet)
  • नकद प्रवाह विवरण (Cash Flow Statement)
  • Financial Ratio analysis
  • Equity Research
  • DCF (Discounted Cash flow)
  • Industry Analysis
  • कंपनी का मैनेजमेंट

इत्यादि चीजे हम मौलिक विषलेशन करते समय देखते हैं ।

(स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करे इसकी विस्तार मे जानकारी आने वाले आर्टिकल मे दी जाएगी । )

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के जरिये आप जान पाए होंगे की फंडामेंटल एनालिसिस क्या हैं ? और उसके फायदे क्या हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस एक जरिया हैं जो की हम किसी कंपनी को जान पते हैं ।

इससे हमें निवेश करने में आसानी होती हैं और हम बड़ी आसानी से निवेश कर पाते हैं ।

इसे हर कोई सिख सकता हैं ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल –

1 . फंडामेंटल एनालिसिस क्या हैं ?

Ans:- फंडामेंटल एनालिसिस शेयर मार्केट मे स्टॉक को एनालिसिस करने का एक तरीका हैं ।

2 . फंडामेंटल एनालिसिस का क्या फायदा हैं ?

Ans:- फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए शेयर की intrinsic Value यानि की शेयर की वर्तमान कीमत को देखकर भविष्य मे शेयर कैसे प्रदर्शन कर सकता हैं उसकी जानकारी मिलती हैं ।

[2023]शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या होता है? Trading vs Investing in Hindi

यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या होता है? जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के बारें में आसान शब्दों में बेहतर ढ़ंग से समझाया गया है. लेकिन जब तक इस आर्टिकल को पूरा नहीं पढेंगे तब तक समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, इसलिए उम्मीद है की आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़कर, अच्छे से समझने की कोशिश करेंगे.

trading aur investing kya hai aur dono me kya antar hai?

शेयर मार्केट में दिलचस्वी रखने वाले नए निवेशक हमेशा इस बात को लेकर कंफ्यूजन में रहते हैं की शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या होता है. तो चलिए सबसे पहले जानते हैं की शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या है?

ट्रेडिंग क्या होता है? What’s Trading in Stock Market Hindi

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शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है? इसे जानने से पहले हमें शेयर मार्केट क्या है? यह जानना ज़रूरी है, तो “जहाँ पर कंपनियों के शेयर्स अथवा हिस्सेदारी की ख़रीद या बिक्री होती है उसे शेयर मार्केट(Share Market) या शेयर बाजार कहते हैं.”

अब बात आती है ट्रेडिंग क्या होता है? अगर आसान शब्दों में समझें की ट्रेडिंग का क्या मतलब होता है तो किसी भी वस्तु की सेवा का ख़रीद और बिक्री करके मुनाफ़ा कमाना ही ट्रेडिंग कहलाता है. यदि दूसरे शब्दों में समझें तो शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी के शेयर्स को एक दिन से एक वर्ष तक होल्ड करके रखने की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं.

trading

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं? Types of Trading in Stock Market Hindi

स्टॉक मार्केट(Stock Market) में ट्रेडिंग को मुख्यतः चार पार्ट में डिवाइड किया गया है.

  1. इंट्राडे ट्रेडिंग
  2. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग
  3. स्विंग ट्रेडिंग
  4. पोजिसनल ट्रेडिंग

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? What’s Intraday Trading in Hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? शेयर मार्केट में जब किसी स्टॉक को एक दिन के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) कहा जाता है, इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको एक ही दिन के अंदर स्टॉक को ख़रीदना और बेचना पड़ता है अगर आपने इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी भी एक ही दिन में नहीं बेचा तो आपका ब्रोकर उसे बेच देगा फिर चाहे आपको मुनाफ़ा हुआ रहे या फिर नुकसान. केवल एक दिन में ख़रीदने और बेचने की वजह से इसे डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है, इसमें रिस्क और मुनाफ़ा दोनों ही बहुत ही ज्यादा होता है.

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है? Trading vs Investing in Hindi

अगर बहुत ही सरल शब्दों में समझें तो ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में मुख्य अंतर यही होता है की ट्रेडिंग में किसी भी शेयर को बहुत ही शार्ट टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है और इन्वेस्टिंग में किसी कंपनी के शेयर को लॉन्ग टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है. इसके अलावा भी आइये जानते है ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या फ़र्क होता है?

ट्रेडिंग इन्वेस्टिंग
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कम समय के लिए होता है जैसे- कुछ मिनट, कुछ घंटे, एक दिन, कुछ हफ़्तों या फिर एक वर्ष तकशेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग लॉन्ग टर्म के लिए होता है जैसे- एक वर्ष से कई सालों तक
शेयर मार्केट के किसी भी स्टॉक में ट्रैड करने के लिए स्टॉक बहुत ही कम पैसों में मिल जाता है.इन्वेस्टिंग में किसी शेयर्स को पूरा ख़रीदना पड़ता है क्योंकि वह लंबे समय तक होल्ड पर होता है.
ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस करना होता है जबकिइन्वेस्टिंग में किसी भी स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस करना पड़ता है.
ट्रेडिंग में ट्रेडर बहुत ही कम समय में बहुत ही ज्यादा पैसा कमाते टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? है.इन्वेस्टिंग में इन्वेस्टर को ज्यादा रिटर्न पाने के लिए लंबे समय तक शेयर को होल्ड करके रखना पड़ता है.
इसमें जितना कम समय में अच्छा मुनाफ़ा होता है उतने ही कम समय में पैसा भी डूब जाता है. यानी रिस्क ज्यादा होता है.इसमें इन्वेस्टर लॉन्ग टर्म के लिए किसी भी स्टॉक को होल्ड करके रखता है इसलिए पैसे डूबने का रिस्क बहुत ही कम हो जाता है.
ट्रेडिंग में कम समय के अन्दर किसी भी स्टॉक को ख़रीदने और बेचने वालों को ट्रेडर कहा जाता है.इन्वेस्टिंग में लंबे समय तक किसी भी स्टॉक को होल्ड रखने वालों को इन्वेस्टर कहा जाता है.

मूलभूत विश्लेषण के बारे में अधिक जानकारी

मूलभूत विश्लेषण वह विधि है जिसका उपयोग ट्रेडर और निवेशक विभिन्न असेट की कीमत की भविष्यवाणी करने के लिए करते हैं, जैसे कि कंपनियों के शेयर, क्रिप्टोकरेंसी, कच्चे माल या मुद्राएं। तकनीकी विश्लेषण की तुलना में, मूलभूत विश्लेषण बाहरी और आंतरिक वैश्विक कारकों से सम्बंधित है जो सीधे असेट की कीमत को प्रभावित करते हैं।

इस आधिकारिक Olymp Trade ब्लॉग के उपखंड में, आपको ट्रेडिंग में मूलभूत विश्लेषण के बारे में सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध होगी। यह आपको मध्यम-अवधि और लंबी-अवधि के आर्थिक ट्रेंड की पहचान करने में सहायक होगी और इस जानकारी का उपयोग आप एक या असेट के समूह के लिए यथोचित रणनीति विकसित करने में कर सकेंगे।

मूलभूत विश्लेषण प्रशिक्षण सामग्री कौन से अन्य प्रश्नों को सम्बोधित करती हैं?

  • असेट की कीमत में परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए इसका उपयोग कैसे करें?
  • मुद्रास्फीति के आंकड़े और कंपनियों की कमाई रिपोर्ट के अलावा किन बातों पर नजर रखना जरूरी है?
  • क्या अधिक प्रभावकारी है, तकनीकी या मूलभूत विश्लेषण (या: दोनों)?
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