क्रिप्टोक्यूरेंसी दुनिया भर में न्यूनतम लागत पर भुगतान के किसी भी अन्य तरीके की तुलना में बहुत तेजी से सुविधा प्रदान करती है. क्रिप्टोक्यूरेंसी (Cryptocurrency) के उपयोगकर्ता का मानना है कि अगर सरकार कार्ड और दूसरे डिजिटल वॉलेट की इजाजत दे तो, तो एक दिन ऐसा भी आएगा कि क्रिप्टोक्यूरेंसी पारंपरिक भुगतान प्रणाली की जगह ले लेगी. अगर ऐसा होता है तो क्रिप्टोकरेंसी राष्ट्रीय कानूनी मुद्रा और सोने जैसी पारंपरिक वस्तुओं के विकल्प के रूप में कार्य कर सकती है.
Cryptocurrency: भारत में कैसे क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य होगा क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल?
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया था.
February 8, 2022
नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) देश में निवेश के रूप में एक बड़ा आप्शन सामने आया है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की भरमार सी आ गई है. जब बजट 2022 के अपने भाषण में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिक्र किया. तब से देश में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानने और यह कैसे काम करती है, इस बारे में लोगों जानने के लिए बड़े ही उत्सुक हो रहे हैं. सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया था.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी का मतलब?
कागज या सिक्कों की मदद से तैयार किए जाने वाली मुद्रा के मुकाबले डिजिटल लेनदेन का चलन बढ़ गया है। इससे एक कदम आगे बढ़कर मुद्रा की ऐसी व्यवस्था तैयार की गई है, जो पूरी तरह वर्चुअल या डिजिटल होती है। साल 2009 में बिटकॉइन के साथ इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम की शुरुआत हुई और ढेरों नाम इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम से जुड़ते चले गए। क्रिप्टोकरेंसी ऐसी मुद्रा है, जो दिखती नहीं और जिसका लेनदेन पूरी तरह वर्चुअल होता है।
मार्केट रिसर्च वेबसाइट कॉइनमार्केटकैप की मानें तो अभी 10 हजार से ज्यादा तरह ही क्रिप्टोकरेंसीज क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य का इस्तेमाल पब्लिकली किया जा रहा है। अगस्त, 2021 तक इनकी कुल वैल्यू 1.9 ट्रिलियन डॉलर (करीब 1.39 लाख अरब रुपये) से ज्यादा की है। बिटकॉइन, ईथेरम और बाइनेंस कॉइन सबसे ज्यादा मार्केट क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य कैपिटल वाली और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसीज हैं। इन करेंसीज की वैल्यू मार्केट के हिसाब से लगातार बदलती रहती है और इन्हें अलग-अलग कीमत पर खरीदा जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी तेजी से लोकप्रिय क्यों हो रही है?
दूसरी मुद्राओं या करेंसीज की तरह क्रिप्टोकरेंसी पुराने बैंकिंग सिस्टम को फॉलो नहीं करती और इसपर अलग-अलग देश की सरकारों का नियंत्रण नहीं होता। यानी कि बिना किसी मीडियेटर बॉडी के नियंत्रण इन्हें इस्तेमाल करने वालों के पास होता है और वे डिजिटल करेंसी से खरीददारी कर सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य की मुद्रा माना जा रहा है और लोग इसमें निवेश कर रहे हैं। यही वजह है कि बीते कुछ साल में इसकी वैल्यू कई गुना बढ़ गई है।
क्रिप्टोकरेंसी को आप किसी कंपनी के शेयर्स मान सकते हैं, जिन्हें खरीदने के लिए तय रकम देनी होती है। इन शेयर्स की कीमत घट या बढ़ सकती है और जरूरत पड़ने पर आप ये शेयर बेच भी सकते हैं। ठीक इसी क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य तरह आपको क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए अपनी मुद्रा (जैसे- डॉलर या रुपये) में रकम चुकानी होती है। कुछ वक्त बीतने के बाद आपकी ओर से खरीदी गई क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कम या ज्यादा मिल सकती है।
कैसे काम करता है क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन?
जाहिर सी बात है कि क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन का एक डाटाबेस होना जरूरी है और यहां ब्लॉकचेन काम आती है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन ब्लॉकचेन में रिकॉर्ड होते हैं। यानी कि अगर एक यूजर ने क्रिप्टोकरेंसी की मदद से दूसरे को भुगतान किया तो यह जानकारी एक ब्लॉक में एनक्रिप्ट कर दी जाएगी और क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू एक से दूसरे यूजर के पास सुरक्षित ढंग से ट्रांसफर कर दी जाएगी।
किसी मुद्रा या करेंसी को स्टोर करने के लिए एक वॉलेट की जरूरत पड़ती है। असली नोट जेब में रखे पर्स में और डिजिटल लेनदेन से जुड़ी जानकारी हम पेमेंट ऐप्स या वॉलेट में रखते हैं। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद आपको उसे अपने डिजिटल वॉलेट में रखना होता है, जो काम क्रिप्टो ऐप्स कर देती हैं। ऐसे वॉलेट्स में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने या बेचने का विकल्प देते हुए भारत में एक दर्जन से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट काम कर रहे हैं।
घटती या बढ़ती क्यों है क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू?
क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं बल्कि दुनिया की सभी मुद्राओं की वैल्यू घटती और बढ़ती रहती है। अगर किसी करेंसी को में ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य लोग निवेश करना चाहते हैं और करेंसी सीमित है, तो उसकी कीमत बढ़ जाती है। वहीं, इस्तेमाल करने वाले ज्यादा हो जाएं और निवेश करने वाले कम तो वैल्यू कम होने लगती है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वाले बढ़ गए हैं इसलिए आज एक बिटकॉइन की कीमत करीब 33 लाख रुपये के बराबर है।
भारत में मार्च, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर लगा बैन हटा दिया है, यानी कि इसे खरीदना या इस्तेमाल करना अवैध नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किए जाने वाले पेमेंट ज्यादा सुरक्षित होते हैं और इनमें मिडिलमैन ना होने के चलते ज्यादा प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी पड़ती। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किया जाने वाला लेनदेन गोपनीय भी होता है। साथ ही इसकी तेजी से बढ़ती वैल्यू भी इसमें किए गए निवेश को बेहतर बना सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
आज के इस लेख में हम आपको future of crypto in India के बारे में जानकारी दे रहे है। बहुत से लोग यह कहते रहते है कि इंडिया में क्रिप्टोकरेंसी बैन होने वाली है, परंतु गवर्नमेंट का क्या डिसीजन है यह किसी को भी नही पता है। लेकिन कुछ लोग अपने ही मन से यह बात कह रहे है कि क्रिप्टो करेंसी जल्द ही बैन होने वाली है। यदि हम क्रिप्टो करेंसी के बैन होने की बात करे तो ऐसी कई चीजें अभी हमे दिख रही है जिसके चलते तो यही लग रहा है कि फिलहाल इंडिया में क्रिप्टो करेंसी बैन नही हो सकती है।
Future of cryptocurrency in India in Hindi
तो इंडिया में क्रिप्टो करेंसी क्यों बैन नही हो सकती है और इसके क्या कारण है यह सभी चीजें हम आपको बताने वाले है और साथ ही हमारे वित्त मंत्री निर्मला सितारामन का इसपर क्या कहना है यह भी आपको बताने वाले है। तो चलिए सबसे पहले हम आपको यह बताते है कि वित्त मंत्री निर्मला सितारामन का क्या कहना है। वित्त मंत्री निर्मला सितारामन का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी बिल केंद्रीय मंत्री मंड़ल के पास है और बहुत जल्द ही इसपर फैसला भी होने वाला है।
क्या इंडिया में क्रिप्टो बैन होगा ?
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यदि आप यह सोच रहे है की कुछ समय बाद इंडिया में क्रिप्टो बैन हो सकता है तो आप पूरी तरह गलत सोच रहे है क्योंकि इंडिया में क्रिप्टो बैन नही हो सकता है। चलिए हम आपको बताते है कि इंडिया में क्रिप्टो बैन क्यों नही हो सकती है और इंडियन गवर्नमेंट इसके लिए क्या कर सकती है।
तो इंडिया यह वर्ल्ड की सबसे बड़ी कंट्री है जिसने क्रिप्टो में सबसे अधिक पैसा लगाया है। तो यदि इंडियन गवर्नमेंट चाहे तो वह यह कर सकती है कि क्रिप्टो खरीदने और बेचने के लिए टैक्स लगा सकती है। अब इसमें कोई यह नही कह सकता है कि इंडियन गवर्नमेंट इसपर कितना टैक्स लगाती है। लेकिन यदि इंडियन गवर्नमेंट क्रिप्टो पर 15 परसेंट से 18 परसेंट तक GST लगाती है तो आपको क्रिप्टो करेंसी खरीदना थोड़ा महंगा पड़ सकता है। इसके साथ ही आपको जो ट्रांसक्शन फीस लगती है वो भी लगेगी।
Conclusion –
तो इस लेख में हमने आपको भारत मे क्रिप्टो का भविष्य क्या है इसके बारे में विस्तार से जानकारी दे दी है। तो अभी फैसला आपको करना है कि आपको इसमें इन्वेस्ट करना चाहिए या नही। हम आशा करते है कि आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आपको आज का यह लेख पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
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क्रिप्टो करेंसी के फायदे , क्रिप्टो करेंसी के नुकसान ओर क्रिप्टो का भविष्य क्या है बताइए
आप इस पोस्ट में जानेंगे क्रिप्टो करेंसी के फायदे ,क्रिप्टो करेंसी के नुकसान । कई लोग का यह भी प्रश्न रहता है कि कृपया करेंसी का भविष्य क्या है। आपको बता दूं मैं, क्रिप्टो करेंसी आने वाले समय का सबसे बड़ा जायदाद होगा। लोग आज क्रिप्टोकरंसी को छोटी नजर से देख रहे हैं लेकिन आने वाले समय में भविष्य की बात करें तो क्रिप्टो से बड़ा बाजार दूसरा कुछ नहीं हो सकता।
वैसे तो भारत ने भी यह स्वीकार किया है कि क्रिप्टो करेंसी आने वाला भविष्य है तभी भारत ने भी क्रिप्टो करेंसी को बैन नहीं किया और क्रिप्टो करेंसी को चालू रखा और उसके ऊपर बड़ी रकम की टैक्स वसूली कर रहा है..
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क्रिप्टो करेंसी के फायदे
● ये एक ऑनलाइन Currency होने के कारण है, धोखाधड़ी और इसकी नकली करेंसी बनने क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य के चांस कम है।
● क्रि प्टो करेंसी एक स्ट्रांग एंड अन्य सामान्य digital payment से ज्यादा सुरक्षि त माना जाता है।
● क्रि प्टो करेंसी की कीमत बहुत तेजी से दि न ब दि न बढ़ रही है, इसलि ए इन्वेस्ट करने के लि ए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जो फ्यूचर में काफी फायदेमंद साबि त हो सकता है।
● Cryptocurrency की ट्रांसफर और लेन देन बहुत सुरक्षि त है, यह सामान्य लेन देन से बिल्कुल भिन्नऔर ज्यादा सुरक्षित है।
● कोई मेडि एटर नहीं होता है।
● यह ग्लोबल में नहीं है।
● ट्रांजैक्शन फीस बहुत ही है और ट्रांजैक्शन जल्दी और आसानी से होता क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य है। क्रिप्टो करेंसी का गेर-लाभ
● इसमें रि वर्स ट्रांजैक्शन का ऑप्शन नहीं होने के, अगर गलती ट्रांजैक्शन हो जाता है तो आप को बहुत
क्रिप्टोकुरेंसी और ब्लॉकचेन हमारे भविष्य को कैसे बदल सकते हैं?
क्रिप्टोकुरेंसी और ब्लॉकचेन हमारे भविष्य को कैसे बदल सकते हैं?
हम एक वेब 2.0 युग में रहने से संक्रमण कर रहे हैं, जिसमें सोशल मीडिया स्क्रीन पर हावी है, वेब 3.0 पर, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित इंटरनेट को अधिक देखेगा।
कुछ लोग 1980 के दशक के दौरान इंटरनेट की सफलता के लिए ब्लॉकचेन तकनीक के उदय की तुलना करते हैं, जबकि अन्य तर्क देते हैं कि यह केवल एक क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य गुजरने वाली सनक है। यह क्रिप्टोक्यूरेंसी थी, जिसका नाम बिटकॉइन (बीटीसी) था, और निवेश के लिए इसकी चमत्कारी क्षमता जिसने ब्लॉकचेन तकनीक को सुर्खियों में ला दिया है। ब्लॉकचेन क्रिप्टोक्यूरेंसी और इसके व्यापक अपनाने के क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य इर्द-गिर्द घूमता रहता है।
हालांकि, प्रचलन में 19,000 से अधिक altcoins के साथ, क्या यह अभी भी केवल एक 'पासिंग फैड' हो सकता है यदि बाजार इतना विशाल और प्रतिस्पर्धी हो गया है? आइए वास्तविक दुनिया के एप्लिकेशन का पता लगाएं जो ब्लॉकचेन तकनीक और क्रिप्टोकुरेंसी मुख्यधारा के समाज में हो सकती है।
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