भारत में Cryptocurrency के भविष्य को लेकर कन्फ्यूजन में सरकार, जानें कहां आ रही है दिक्कतें
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर सरकार ये तय नहीं कर पा रही है कि इसे इजाजत देनी चाहिए या नहीं. इसके लिए एक संसदीय समिति का भी गठन किया गया है, जो हर पहलू की पड़ताल करने में जुटी हुई है.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य कैसा होगा, इसे लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी ही होगी. फिलहाल, देश में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर किसी भी चिंता का समाधान निकलता नहीं दिखाई दे रहा है. जहां एक तरफ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बार-बार चेतावनी दे रहा है तो वहीं दूसरी ओर सरकार इस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं कह पा रही है. आलम ये है कि क्रिप्टोकरेंसी पर आने वाला प्रत्येक नया बयान, देश में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों की समस्याएं सुलझाने के बजाय और उलझा दे रहा है.
बताते चलें कि बीते सोमवार को पूर्व वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में संसदीय समिति ने देश में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर एक्सचेंजों, ब्लॉक चेन, क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी), उद्योग निकायों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की थी. इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन तो नहीं लगाया जा सकता है, हालांकि इसे रेगुलेट जरूरत किया जा सकता है. जबकि RBI का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत ही सावधानी से विचार करना चाहिए.
RBI को किस बात की है टेंशन
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य वाले लोगों की सही संख्या नहीं बताई जा रही है. इसमें इन्वेस्ट करने वालों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर RBI द्वारा उजागर की जा रही समस्याओं को मानने के लिए निवेशक तैयार नहीं हो रहे हैं.
क्रिप्टोकरेंसी में मोटा मुनाफा कमाने के लालच में देश के निवेशक बड़ा जोखिम उठा रहे हैं.
कहां फंस रही है सरकार
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर सरकार ये तय नहीं कर पा रही है कि इसे इजाजत देनी चाहिए या नहीं. इसके लिए एक संसदीय समिति का भी गठन किया गया है, जो हर पहलू की पड़ताल करने में जुटी हुई है. समिति क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य का कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से रोक लगाना सही नहीं है लेकिन इसके लिए रेगुलेशन भी बहुत जरूरी है.
मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाना तकरीबन नामुमकिन है. आपको जानकर हैरानी होगी कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले भारतीयों के पास 15 अरब डॉलर से भी ज्यादा की होल्डिंग है. लिहाजा, सरकार इसे लेकर रेगुलेशन तो जरूर लाएगी लेकिन कब लाएगी, इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को ई-कॉमर्स फर्म का दर्जा दे सकती है. दरअसल, सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी के जरिए अपना खजाना भरना चाहती है. सरकार इस पर 1 फीसदी टीसीएस वसूलने की प्लानिंग में है.
भारत में 2022 में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है । future of crypto currency in India in 2022
साल 2022 में क्रिप्टो करेंसी के भविष्य (Future of Crypto Currency in india) को लेकर पिछले कुछ महीनों से भारत में काफी चर्चा हो रही है। इस वर्चुअल करेंसी के दरों में तेज बदलाव को लेकर निवेशकों के मन में हमेशा काफी दुविधा रहती है। रिपोर्टों के मुताबिक, मौजूदा समय में भारत में करीब 100 मिलियन से भी ज्यादा भारतीय क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य नागरिक क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) में ट्रेड यानी ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। बताया जाता है कि दुनियाभर में भारतीयों के ट्रेड करने की संख्या सबसे ज्यादा हैं। यहां हम चर्चा कर रहे हैं कि भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है और आने वाले दिनों में भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य (Future of Crypto Currency in India) यानी उसका हाल कैसे रहेगा।
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युवाओं ने अब तक करोड़ों रुपये क्रिप्टोकरेंसी में किया निवेश
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IMAI) के अनुसार, (ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल भी इस एसोसिएसन के पार्ट हैं) क्रिप्टो में निवेश करने वालों की भारी तादाद में अनुभवी निवेशकों के अलावा क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य भारत के टियर-2 और टियर-3 जैसे शहरों के युवा भी शामिल हैं। टियर 1 के शहरों में तो इसके निवेशकों की काफी संख्या पहले से है। इस एसोसिएशन के अनुसार, भारत के विभिन्न शहरों के युवाओं ने करीब छह लाख करोड़ रुपये तक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखें हैं।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के वर्चुअल करेंसी की भूमिका
ज्ञात हो कि क्रिप्टो उद्योग पिछले एक दशक में वर्चुअल करेंसी के डेवलपर्स के एक छोटे से समुदाय से एक ट्रिलियन-डॉलर की वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकसित हुआ है, जिसमें परिष्कृत तकनीक, विभिन्न उपयोग के मामले और लाखों उपयोगकर्ता शामिल हैं। इस उल्लेखनीय वृद्धि ने बुनियादी ढांचे की सुरक्षा से लेकर मेटावर्स, एनएफटी और डीएओ जैसी पूरी तरह से नई अर्थव्यवस्थाओं तक के महत्वपूर्ण अवसर पैदा किए हैं। जिसका लाभ खासकर युवा भी उठा रहे हैं। हालांकि, निवेशकों को यह भी आशंका है कि आगामी समय में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य में भारत में कैसा रहेगा।
इसमें कोई संशय नहीं है कि पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सबसे आकर्षक निवेश यानी इन्वेस्टमेंट के तौर पर उभरा है। खासकर युवा निवेशकों के बीच यह तेजी से लोकप्रिय हुआ है। परंपरागत रूप से सुरक्षित तरीके से पैसा लगाने वाले निवेशक भी इसमें लगातार दिलचस्पी ले रहे हैं। जहां एक और ब्लॉकचेन की मुख्य भूमिका वाले वेब 3.0 की बात हो रही है, वहीं देश में स्टार्टअप कल्चर भी तेजी से पैर पसार रहा है। ऐसे में दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी वाले देशों में शुमार भारत इस कल्चर को तेजी से अपना रहा है और ब्लॉकचेन आधारित तकनीकों पर बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स को लेकर चर्चा
भारत में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हमेशा से इस बात को लेकर आशंकित रहे हैं कि देश में यह निवेश कानूनी रूप से वैध है या नहीं! इसी क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य धारणा को स्पष्ट करने के लिए पहली बार देश में इस साल के बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स की बात की गई है। इस वर्ष के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर अब 30 प्रतिशत कर यानी टैक्स लगेगा। कराधान उद्देश्य के लिए, क्रिप्टोकरेंसी को अब वर्चुअल डिजिटल एसेट की परिभाषा में शामिल कर लिया गया है। जब टैक्स लगाने की बात सामने आई है तो यह अप्रत्यक्ष तौर इशारा करता है कि वर्चुअल करेंसी में लेन देन अवैध नहीं रह जाएगा। हालांकि इसके रेगुलेशन को लेकर अभी तक कोई ठोस नीति सामने नहीं आई है लेकिन यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में इसे रेग्युलेट करने के लिए निश्चित मापदंड तय किए जा सकते हैं।
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