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SEBI ने Stock Market निवेशकों का किया काम आसान, सही फैसले लेने में मिलेगी मदद

Risk Factor Disclosures: यह कदम अभी चर्चा के प्रारंभिक चरण में है, जिससे निवेशकों को एक झुंड की मानसिकता से बचने में मदद मिल सकती है.

मूल बातों को हमेशा किया जाता है नजरअंदाज

Risk Factor Disclosures: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बाजार के रुझानों पर नियमित रूप से 'रिस्क फैक्टर डिसक्लोजर' जारी करने की योजना बना रहा है. इसमें बाजार में तेजी और गिरावट, दोनों तरह के रुझान शामिल होगा. सूत्रों ने न्यूज एजेंसी भाषा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस डिसक्लोजर से निवेशकों को सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

यह कदम अभी चर्चा तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है के प्रारंभिक चरण में है, जिससे निवेशकों को एक झुंड की मानसिकता से बचने में मदद मिल सकती है. पिछले कुछ वर्षों में, और खासतौर से महामारी के दौरान 2020 की शुरुआत में देखने को मिला कि निवेशकों ने घबराहट में बिकवाली की और उसके बाद जल्दी से अमीर होने के लालच में बड़े पैमाने पर खरीदारी की, जिससे उन्हें नुकसान हुआ.

इस दौरान खासतौर से बड़ी संख्या में आए आईपीओ में और साथ ही वायदा तथा विकल्प खंड में निवेशकों को नुकसान हुआ. एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि निवेशकों ने प्रत्येक चक्र में एक निश्चित रुझान देखा-यानी, जब शेयर चल रहा होता है, तो हर कोई उसे खरीदने के लिए दौड़ता है और फिर संकट आने पर वे घबराहट में बिक्री करते हैं.

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मूल बातों को हमेशा किया जाता है नजरअंदाज

पूंजी बाजार में निवेश की मूल बातों को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है, और इसका एक प्रमुख कारण स्वतंत्र अंतर्दृष्टि की कमी है. अधिकारी ने आगे कहा कि बाजार में उपलब्ध अधिकांश शोध सामग्री बाजार सहभागियों द्वारा तैयार की गई है, जिनके अपने व्यावसायिक हित होते हैं. ऐसे में यह एक अच्छा विचार हो सकता है यदि नियामक खुद बाजार में तेजी या गिरावट को लेकर अपने नजरिए को सार्वजनिक करे.

निवेशकों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है रिस्क फैक्टर डिसक्लोजर

सेबी जिस विचार पर काम कर रहा है, उसकी व्याख्या करते हुए एक उच्च स्तरीय सूत्र ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि सेबी उन मामलों पर डिसक्लोजर करके उदाहरण पेश करे, जो बड़े पैमाने पर निवेशकों के लिए उपयोगी हो सकते हैं, इस योजना में शामिल एक सूत्र ने कहा, मौजूदा नियमों के तहत एक साधारण वाक्य अनिवार्य है कि कुछ ‘निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं’ जो बहुत अधिक घिसा-पिटा हो गया है.

व्यवसायों को बढ़ाना मुख्य उद्देश्य

वक्त की जरूरत है कि निवेशकों को कुछ विस्तृत आंकड़े मिलें, वह भी नियामक से, सिर्फ उनके फंड प्रबंधकों से नहीं, जिनका मुख्य उद्देश्य अपने व्यवसायों को बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह नियामक की जिम्मेदारी है कि सभी जरूरी खुलासे किए जाएं और तय हो कि बाजार निवेशकों को उनके बारे में कैसे बताना चाहिए. सूत्र ने कहा कि यह नियामक का कर्तव्य है कि वह निवेशकों और सभी बाजार जिम्मेदारी को बताए कि उसकी समझ क्या है.

Career Tips: शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले समझ लें ये बातें और फायदे

Stock Market: आज हम आपको बताएंगे कि शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले ट्रेनिंग क्‍यों जरूरी है और इससे आपको क्‍या फायदा होगा।

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हाइलाइट्स

  • ट्रेनिंग सेंटर ढूंढते समय इन बातों का रखें ध्‍यान
  • जानें कौन-से हैं स्टॉक मार्केट के बेस्ट कोर्स
  • जानें शेयर बाजार ट्रेनिंग के फायदे
  1. संस्थानों और दी जाने वाली सेवाओं के बारे में अच्छी तरह से अध्ययन करें।
  2. सेवाओं और संस्थानों की संक्षिप्त तुलना करें।
  3. जांचें कि क्या आपकी आवश्यकताओं के अनुसार कोर्स मौजूद है।
  4. उसी संस्थान में एक उन्नत कार्यशाला की तलाश करें।
  1. ट्रेडिंग में तकनीकी विश्लेषण
  2. मूल्य चार्ट का रुझान विश्लेषण और पैटर्न विश्लेषण।
  3. सकारात्मक और नकारात्मक अंतर
  4. शॉर्ट टर्म, मिडटर्म ट्रेडिंग और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट तकनीक।
  5. धन प्रबंधन और रिस्‍क मिटिगेशन टेक्‍निक।
  • स्टॉक और ट्रेड मार्केट की दुनिया में सही सफलता पाने के लिए पूर्ण और गहरी समझ, ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
  • इसमें लाभ और हानि दोनों होते हैं और नुकसान की संभावना अधिक होती है, यदि आप अच्छी तरह से प्रशिक्षित (trained) नहीं हैं या दिए गए आंकड़ों के आधार पर बाजार की अच्छी तरह से भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं।
  • बहुत सारे लोग एक बड़ी गलती यह करते हैं कि पैसा कमाने के लालच में कम ज्ञान और समझ के साथ शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं। इसके परिणामस्वरूप कम लाभ के साथ-साथ उन्‍हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
  • शेयर बाजार में उतरने से पहले यदि ट्रेनिंग किसी अच्छे संस्थान से लिया गया है, तो आपको ट्रेडिंग स्टॉक, इसकी प्रवृत्ति और पैटर्न और अपेक्षित मूल्य का पूरा तकनीकी एनालिसिस नॉलेज होगा।
  • ट्रेडिंग से सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको एक अच्छे स्टॉक मार्केट प्रशिक्षण में शामिल होने की आवश्यकता है। गंभीर और गतिशील प्रत्येक व्यक्ति के लिए बिना किसी जोखिम के शेयर बाजार से अच्छा रिटर्न अर्जित करना आवश्यक और फायदेमंद है।
  1. ट्रेनिंग शेयर बाजार में ज्यादा मुनाफा कमाने की पूरी तकनीक को समझने में मदद करता है।
  2. स्टॉक मूल्य मूमेंट की पहचान करने के लिए रुझानों और पैटर्न का गहन तकनीकी ज्ञान देता है।
  3. शॉर्ट टर्म, मिड-टर्म ट्रेडिंग और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के बारे में पूरी जानकारी के साथ एक अच्छा ट्रेडर बनने में मदद करता है।
  4. शेयर बाजार में जोखिम कम करने और अधिक लाभ हासिल करने के लिए ट्रेडिंग रणनीति बनाने में मदद करता है।
  5. बिना किसी नुकसान के प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने के लिए आपको मजबूत बनाता है।
  6. आपको ट्रेडिंग के लिए बाजार के हिसाब से लचीला बनाता है।
  7. शेयर और शेयर बाजार के हर क्षेत्र में विश्वास पैदा करने में मदद करता है।
  8. निवेश के सभी क्षेत्रों में नॉलेज बढ़ाता है।
  9. धन प्रबंधन और जोखिम प्रबंधन तकनीकों को समझना
  10. आपको सही समय और ट्रेंड में ग्रोथ स्टॉक्स में अधिक निवेश करने में सक्षम बनाता है। यह आपको बाजार से लगातार समानांतर आय स्रोत अर्जित करने में सक्षम बनाता है।

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Crypto Trading : मार्केट गिर रहा हो तो इन टिप्स को रखें याद, बनेंगे स्मार्ट निवेशक

अगर आप बेयर मार्केट में भी सही चाल चलें तो आगे चलकर आपके क्रिप्टोकरेंसी पोर्टफोलियो को फायदा होगा. हम यहां कुछ चीजें बता रहे हैं तो बेयर मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक ध्यान में रख सकते हैं.

Crypto Trading : मार्केट गिर रहा हो तो इन टिप्स को रखें याद, बनेंगे स्मार्ट निवेशक

Crypto Trading : क्रिप्टो में ट्रेडिंग के वक्त हेल्प करेंगे ये टिप्स. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

किसी भी बाजार की तरह क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भी उतार-चढ़ाव होता है. बाजार में वॉलेटिलिटी साल में कभी भी रह सकती है, ऐसे वक्त में फुलप्रूफ सुरक्षित फैसले लेना मुश्किल हो सकता है, खासकर अगर आप क्रिप्टो निवेशक हैं, तो आपके लिए मुश्किल और बढ़ जाती है.चूंकि क्रिप्टो मार्केट बहुत ज्यादा वॉलेटाइल होता है, ऐसे में हम अभी यह नहीं कह सकते हैं कि हम बेयर मार्केट में हैं या बेयर मार्केट से बाहर निकल रहे हैं. सामान्यतया, गिरावट में चल रहे बाजार को बेयर मार्केट तब कहते हैं, जब स्टॉक/कमोडिटी की कीमतें उनकी पिछली ऊंचाई से 20 फीसदी से ज्यादा गिर जाती हैं, शेयरों पर निगेटिव रिटर्न मिलने लगते हैं.

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हालांकि, ये तो है कि अगर आप बेयर मार्केट में भी सही चाल चलें तो आगे चलकर आपके क्रिप्टोकरेंसी पोर्टफोलियो तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है को फायदा होगा. हम यहां कुछ चीजें बता रहे हैं तो बेयर मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक ध्यान में रख सकते हैं.

सही वक्त पर सही निवेश
मार्केट में जब गिरावट चल रही हो तो उस टाइम आप कुछ निवेश कर सकते हैं, जो लॉन्ग टर्म में आपकी मदद कर सकता है. बेयर मार्केट के साथ दिक्कत ये होती है कि आपको नहीं पता होता है कि गिरावट कब तक रहेगी या फिर कीमतें कहां तक गिरेंगी. इसके चलते या तो आप कभी सही वक्त से पहले निवेश कर बैठते हैं या फिर और इंतजार करने के चक्कर में सही मौका हाथ से निकल जाता है.

चूंकि ये अनुमानों का खेल है, आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा. हालांकि, इसका एक सॉल्यूशन ये हो सकता है कि आप एक प्लान बना लें, जिसके तहत आप नियमित तौर पर एक तय रकम निवेश करते हैं, चाहे मार्केट की दिशा किधर भी जा रही हो. इसे डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग स्ट्रेटजी कहते हैं.

अपना क्रिप्टोकरेंसी प्रोफाइल डाइवर्स रखिए
अगर आप अब तक एक ही करेंसी में निवेश करते आए हैं, तो बेयर मार्केट में एक्सपेरिमेंट करने का अच्छा मौका मिल सकता है. जरूरी नहीं है कि हर क्रिप्टोकरेंसी की कीमत गिर रही हो. ऐसे में जब बाजार में गिरावट चल रही तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है हो तो आप अच्छी रिसर्च करके ध्यान से अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई कर सकते हैं.

लॉन्ग टर्म की सोचिए
बेयर मार्केट में आप लॉन्ग टर्म की सोचकर निवेश के कुछ बढ़िया फैसले ले सकते हैं. ऐसे वक्त में जब कीमतें कम हैं और आप उनमें निवेश करते हैं, तो आपको लॉन्ग टर्म में इसका फायदा होगा. ऐसे वक्त में शॉर्ट तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है टर्म के लिए निवेश करना बहुत समझदारी नहीं होगी. अब चूंकि ये भी है कि क्रिप्टोकरेंसी की वॉलेटिलिटी को देखते हुए लॉन्ग टर्म के बारे में सोचना थोड़ा मुश्किल लगता है, लेकिन अगर समझदारी से फैसले लें तो फायदा उठा सकते हैं.

Video : Crypto अनफिल्टर्ड- लिक्विड स्टेकिंग क्या होती है और इसका DeFi पर क्या असर पड़ता है?

स्टॉक मार्केट में करने जा रहे हैं ट्रेडिंग, ये 5 टिप्स आएंगे काम

घाटे को मैनेज करने के लिए सबसे पहले यह अपनाना जरूरी है कि घाटे से बचा तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है नहीं जा सकता है, वो होगा. लेकिन जब घाटा हो तब उससे निपटने के लिए आपके पास प्लान होना चाहिए.

स्टॉक मार्केट में करने जा रहे हैं ट्रेडिंग, ये 5 टिप्स आएंगे काम

धीरे-धीरे इन टिप्स से आप अपनी ट्रेडिंग स्किल्स को बेहतर कर सकते हैं.

Stock Market Investment tips: शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए उसकी समझ होना बहुत जरूरी है. अगर आपको ट्रेडिंग के नियम नहीं पता तो आपको काफी मुश्किल आ सकती है. हालांकि कामयाब बनने के लिए टेक्निकल चीजें पता होना जरूरी हैं लेकिन इसके बावजूद मात्र 1 फीसदी ट्रेडर्स ही लंबे समय में प्रॉफिट कमा पाते हैं. अगर सिर्फ जानकारी होना ही काफी होता तो ये नंबर कई ज्यादा होता. दरअसल बहुत से ट्रेडर्स यह नहीं समझते हैं कि कामयाब ट्रेडर बनने के लिए उन्हें जानकारी के साथ मनोवैज्ञानिक स्किल भी चाहिए. इन 5 टिप्स से आप एक कामयाब ट्रेडर बनने की शुरुआत कर सकते हैं.

ट्रेड को प्लान करें

सफल ट्रेडिंग एक सोच समझकर प्लान करने वाली रणनीति है जिस पर लगातार काम होता है. एक अच्छा ट्रेडिंग प्लान बताता है कि आप बाजार में क्या करते हैं और कैसे – ट्रेडिंग रूट बनाने में मदद करना , गलतियों से बचना, और अपने आप को बेहतर मैनेज करना.

प्रो टिप: अपना ट्रेडिंग प्लान लिखें. अपने ट्रेडिंग गोल्स, बाजार मापदंडों, कब निकलना है कब रहना है, रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रैटिजी के आधार पर एक लिस्ट बनाएं. जिन्हें आप ट्रैक करना चाहते हैं उन पर्फॉरमेंस और प्रक्रिया मेट्रिक्स को तय करें और नियमित रूप से एक डायरी में रिकॉर्ड करे. अपने ट्रेड का मूल्यांकन करके, आप अपनी स्किल्स को बेहतर कर पाएंगे.

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अनुशासन

कोई प्लान तभी मदद करेगा जब आप अनुशासन के साथ उस पर टिक पाएंगे. किसी एक ट्रेड के लिए अपनी योजना / चेकलिस्ट को न बदलें. प्रदर्शन डेटा को इस्तेमाल कर ट्रेडिंग बिजनेस में ना होने के वक्त परिवर्तन सबसे अच्छा होता है.

प्रो टिप: उन परिस्थितियों से निपटने के लिए एक नियम-आधारित अप्रोच तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है का इस्तेमाल करें जहां अनुशासित होना एक चुनौती है. उदाहरण के लिए, हम में से कुछ अपने स्टॉप-लॉस को नीचे ले जाते हैं, जब कोई व्यापार अच्छी तरह से नहीं होता है – इस उम्मीद में कि वह वापस आ जाएगा लेकिन इससे और ज्यादा फंड्स गंवा दिए जाते हैं. इस स्थिति के लिए एक नियम हो सकता है – “मैं अपने स्टॉप-लॉस को कुछ बहुत एक्सट्रीम कंडिशन के अलावा नीचे नहीं ले जाऊंगा.” इन स्थितियों को पहले से ही तय करें.

ध्यान केंद्रित करने की अपनी क्षमता को बढ़ावा दें

लंबे समय तक ट्रेडिंग स्क्रीन को देखने पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है जो अक्सर खराब निर्णय या महंगी गलतियों की ओर जाता है.
प्रो टिप: 1980 के दशक में फ्रांसेस्को सिरिलो द्वारा विकसित – पोमोडोरो तकनीक का इस्तेमाल करके अपनी ध्यान क्षमता को बढ़ाएं. 25 मिनट के फोकस पीरियड और 5 मिनट के मेंटल ब्रेक के बीच अपना ध्यान विभाजित करें. नियमित रूप से इस तकनीक का अभ्यास करके, आप धीरे-धीरे अपना फोकस पीरियड एक घंटे तक बढ़ा सकते हैं.

इमोशन्स का बेहतर इस्तेमाल करें

अधिकांश व्यापारियों का मानना ​​है कि वे बेहतर व्यापार कर पाएंगे अगर वो भावनाहीन हो पाते. हालाँकि, भावनाएं मैससेंजर की तरह होती हैं जो आपको परिस्थितियों का एहसास कराने में मदद करती हैं. साथ ही, बाजार में अच्छी तरह से काम करने के लिए, डर, लालच, चिंता और यहां तक ​​कि तनाव जैसी नकारात्मक भावनाओं पर भी नजर रखना जरूरी है. दरअसल आपको अपने इमोशन को कंट्रोल करना सीखना है, इसलिए आप ट्रेंडिंग से जुड़े बेहतर निर्णय ले सकते हैं.

प्रो टिप: जब भावनाएं कंट्रोल ना हो पाएं तो समय निकालें. स्क्रीन से दूर हो जाओ और कुछ ताजा हवा लो. आप बेहतर महसूस करने के लिए पांच मिनट के लिए एक लंबी गहरी साँस लेने की एक्सरसाइज भी कर सकते हैं.

नुकसान को संभालना

ट्रेडिंग जोखिम से भरा है – यहां तक ​​कि सबसे अनुभवी व्यापारी को नुकसान और असफलताओं का सामना करना पड़ेगा. सबसे अच्छे व्यापारी नुकसान से बचने के बजाय अपनी गलतियों के सीख लेते हैं. इस लिए, घाटे को मैनेज करने के लिए सबसे पहले यह अपनाना जरूरी है कि घाटे से बचा नहीं जा सकता है, वो होगा. लेकिन जब घाटा हो तब उससे निपटने के लिए आपके पास प्लान होना चाहिए.

प्रो टिप: भारी नुकसान या असफलताओं के समय में, प्रमुख ट्रैडिंग मनोवैज्ञानिक स्टीव वार्ड तीन चीजों पर फोकस करने की सलाह देते हैं: आपकी ताकत (वे क्या हैं और आप उन्हें इस स्थिति में कैसे उपयोग तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है कर सकते हैं?), सकारात्मक (अब आपके जीवन में क्या अच्छा हो रहा है?), और नियंत्रण (वे चीजें क्या हैं जो जो आप बाकी चीजों को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं?)

सबसे जरूरी है इन बातों को अमल में लाना. धीरे-धीरे इन टिप्स से आप अपनी ट्रेडिंग स्किल्स को बेहतर कर सकते हैं.

Story By: Dr Amit Malik, Hounder of InnerHour, Psychological health platform

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बड़ा पैसा बनाने में शेयर मार्केट कर सकता है मदद, लेकिन इन बातों का जरूर रखें ख्याल!

शेयर मार्केट निवेशकों को ज्यादा पैसा कमाने का मौका देता है. स्टॉक की कीमत समय के साथ बढ़ती या घटती है. शेयर मार्केट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेशकों को कम समय में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है जो बैंक एफडी जैसे अन्य निवेशों में नहीं होती है.

बड़ा पैसा बनाने में शेयर मार्केट कर सकता है मदद, लेकिन इन बातों का जरूर रखें ख्याल!

देवयानी इंटरनेशनल में शेयरखान ने 231 के लक्ष्य के साथ निवेश की सलाह दी है, स्टॉक फिलहाल 184 के स्तर पर है. यानि यहां से 25 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद है.

शेयर मार्केट और जनरल मार्केट में ज्यादा अंतर नहीं है. जनरल मार्केट में जिस तरह से चीजें खरीदी और बेची जाती हैं उसी तरह से शेयर मार्केट में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं.

शेयर मार्केट क्या है?

शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिस पर खरीदार और विक्रेता कुछ निश्चित घंटों के दौरान पब्लिक लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते हैं.

शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है?

शेयर मार्केट में निवेश करने के कई फायदे हैं. यह निवेशकों को ज्यादा पैसा कमाने का मौका देता है. स्टॉक की कीमत समय के साथ बढ़ती या घटती है. शेयर मार्केट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेशकों को कम समय में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है जो बैंक एफडी जैसे अन्य निवेशों में नहीं होती है. और लंबी अवधि में शेयर किसी भी दूसरी तरह के निवेश की तुलना में ज्यादा रिटर्न देते हैं.

शेयरों को लिक्विड एसेट माना जाता है क्योंकि उन्हें आसानी से कैश में बदला जा सकता है. इसके अलावा शेयर मार्केट को रेगुलेट करने के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) होती है, जो निवेशकों के हितों का भी ध्यान रखती है.

निवेश की शुरुआत कैसे करें

स्टॉक में या शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए सबसे पहले डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल शेयर या बांड खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है. वहीं एक डीमैट अकाउंट बैंक अकाउंट की तरह काम करता है, जहां आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में जमा होते हैं.

जब आप शेयर खरीदते और बेचते हैं तो यह आपके अकाउंट में क्रेडिट और डेबिट हो जाते हैं. ट्रेडिंग अकाउंट में लॉग इन करके आप उस स्टॉक को चुन सकते हैं जिसे आप खरीदना या बेचना चाहते हैं. खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके अकाउंट में शेयर खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा है. फिर वह कीमत तय करें जिस पर आप शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं.

शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति

शेयर मार्केट में निवेश करते समय इस बात को अपने दिमाग से निकाल दें कि यह कोई जादू की छड़ी है जो निवेश करते ही आपको करोड़पति बना देगी. शेयर मार्केट में निवेश करने के बाद अपने सेट किए हुए टारगेट के पूरा होने तक मार्केट में बने रहें. जैसे आप ब्रोकर से यह तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है नहीं पूछते कि घर खरीदने के बाद हर दिन घर का रेट कितना बढ़ा या घटा, वैसे ही पोर्टफोलियो को हर दिन हरा और लाल होते देखकर निराश न हों.

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