Photo:AP

10 मिनट में समझे फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है?

आज इस पोस्ट में हम बाजार का एक प्रमुख अंग कहे जाने वाले फोरेक्स मार्किट के बारे में जानेंगे | हम में से अक्सर लोग शेयर बाजार से सुरुवात करते है और जब ओ फोरेक्स मार्किट में कदम रखते है तब उनका पहला ही सवाल होता है के forex trading kya hai ? तो अगले 10 मिनट में समझते है फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है?

विदेशी क्या आप विदेशी मुद्रा में पैसा कमा सकते हैं मुद्रा व्यापार क्या है और यह कैसे काम करता है: विदेशी मुद्रा, (Forex or FX ) विदेशी मुद्रा व्यापार एक प्रकार का व्यापार है जिसमें एक मुद्रा का दूसरे के लिए कारोबार किया जाता है। इसमें मुद्राओं की जोड़ी शामिल है जहां विदेशी मुद्रा व्यापारी विश्लेषण पर ट्रेड करता है यदि एक मुद्रा का मूल्य दूसरे की तुलना में बढ़ेगा या घटेगा|

तो Forex trading kya h? इसे और भी आसानी से ऐसे बोल सकते है के एक-दूसरे के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं के आदान-प्रदान के लिए एक आंतरराष्ट्रीय बाजार है। व्यापार के सबसे लोकप्रिय रूपों में से एक है जो मुद्रा की कीमतों के बारे में वित्तीय अटकलों पर आधारित है।

विदेशी मुद्रा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से की जा सकती है, लेकिन आजकल इसका अधिकांश भाग इंटरनेट पर अन्य प्रकार के व्यापार के समान ही किया जाता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि 'विदेशी मुद्रा' विदेशी मुद्रा का संक्षिप्त रूप है; विदेशी मुद्रा व्यापार में विदेशी मुद्राएं शामिल हैं। 200 से अधिक विभिन्न देशों के लिए, उनकी मुद्राएं समान संख्या में मौजूद हैं।

इसका मतलब यह है कि व्यापारियों के पास इस वित्तीय विनिमय को करने के लिए अमेरिकी डॉलर, यूरो, पाउंड स्टर्लिंग, या किसी अन्य विदेशी मुद्रा जैसी विभिन्न मुद्राओं का उपयोग करने का अवसर है।

"विदेशी मुद्रा व्यापार क्या है?" इसका सबसे आसान उत्तर यह होगा के कोई भी व्यापारी किसी देश की मुद्रा को कम दर पर खरीदता है और मुनाफे के साथ उसे उपरी कीमतों पर बेचता है|

यह तुलनात्मक रूप से होता है; जिसमे एक मुद्रा की तुलना दूसरे देश की मुद्रा के साथ की जाती है |

मुद्रा व्यापारी को हर समय सरकार की नीतियों की एवं विश्व में चल रही गतिविधियों की जानकारी अधिक मुनाफ़ा कमाने में मदद करती है | इन सभी चीजों से मुद्रा की कीमतों में बदलाव होते है; जिसमे एक छोटे से बदलाव से भी बहुत बड़ा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है |

इसमें व्यापारी मुद्रा को कम कीमत में खरीदते है और जब उन्हें निश्चित मुनाफा मिल जाता है तब वे उन्हें बेच देते है |

विदेशी मुद्रा व्यापर इतना सरल भी नहीं है | इसमें किसी को भी वित्तीय जोखिम को ध्यान में रखकर ही ट्रेडिंग करनी चाहिये | किसी भी ट्रेडर को ट्रेडिंग करने से पहले बुनियादी बातो को सीखना चाहिए |

विदेशी मुद्रा व्यापार तकनीकी विश्लेषण का परिचय

10 मिनट में विदेशी मुद्रा व्यापार शुरू करें

ट्रेडिंग के बारे में जो कुछ भी आपने सीखा है उसे 1:777 लीवरेज, ऋणात्मक शेष सुरक्षा और बकाया समर्थन के साथ एक वास्तविक ट्रेडिंग खाते में लागू करें।

ट्रेडिंग फॉरेक्स क्या है?

किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग में आप कोई भी एसेट खरीदते और बेचते हैं। विदेशी मुद्रा व्यापार में, यह कार्य मुद्रा के आदान-प्रदान के रूप में किया जाता है।

- फॉरेक्स ट्रेडिंग को करेंसी ट्रेडिंग भी कहा जाता है।

मुद्रा व्यापार सबसे लोकप्रिय व्यवसायों में से एक है। इसे एफएक्स या फॉरेक्स भी कहा जाता है। मुद्रा व्यापार किसी भी देश के अंदर चल रहे शेयर बाजार से भी लोकप्रिय है। संयुक्त राज्य अमेरिका के अनुसार, दुनिया में 180 आधिकारिक मुद्राएं हैं जिन्हें विदेशी मुद्रा व्यापार में खरीदा और बेचा जा सकता है। और यही मुद्रा व्यापार संक्षेप में है।

तो आइए जानते हैं कि फॉरेक्स कैसे काम करता है। जैसा कि हम जानते हैं कि विदेशी मुद्रा सबसे लोकप्रिय वास्तविक व्यापार है। करेंसी का लेन-देन अब सिर्फ एक देश से दूसरे देश में जानने वाले लोगों तक ही सीमित नहीं रहा, अब विदेशी मुद्रा का लेन-देन बिना कहे भी किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, यदि आप कोई वस्तु ऑनलाइन खरीद रहे हैं जिसकी कीमत पाउंड में दी गई है, तो आपको अपनी मुद्रा को पाउंड में बदलना होगा।

आइए अब समझते हैं कि ट्रेडर फॉरेक्स में कैसे ट्रेड करते हैं।

व्यापारी एक विशेष मुद्रा को चुनकर एक सामान्य दौरे पर अपना पैसा खरीदते हैं, जब उस मुद्रा की कीमत बाजार में काम करेगी। क्योंकि यह उस समय किफायती हो जाता है। उसके बाद, जब कीमत फिर से बढ़ जाती है, तो व्यापारी इसे सही समय पर बेचते हैं।

क्यों ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार क्षेत्र पर हावी है?

जैसा की हम विदेशी मुद्रा व्यापार का अर्थ जान चुके है ; इसमें हम ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरीको से ट्रेड कर सकते है |

अगर आप को ऑफलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार में ट्रेड करना है तो बैंक में जाना पड़ेगा | इसके विपरीत आप इसे बहोत ही आसानी से क्या आप विदेशी मुद्रा में पैसा कमा सकते हैं ऑनलाइन तरीके से भी कर सकते है|

ऑनलाइन से ट्रेडिंग बहोत ही सरल हो जाती है जिसके लिए आपको कही भी जाना नहीं पड़ेगा | केवल आप अपने मोबाइल फोन या फिर लैपटॉप के जरिये से फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकते है और इसी वजह से फोरेक्स ट्रेडिंग ऑनलाइन तरीके से बहोत ज्यादा की जा रही है |

How Forex works?

Currencies in Forex explained for dummies

फोरेक्स मार्किट पूरी तरीके से मुद्रा के व्यापार का ही नाम है ; यह अलग अलग देशो के मुद्राओसे जुड़ा है| इसमें आपको तकरीबन २०० अलग अलग नामांकित मुद्राये मिल जायेगी |

🍁 करेंसी पेअर : 'मुद्रा जोड़े' यह एक विशिष्ट नाम है जो दो मुद्राओ और उनकी उस वक्त की कीमत के बिच के सम्बन्ध को दिखाता है| जैसे के करेन्सी पेअर USD / EUR इसमें युरो और डॉलर शामिल है|

यह जोड़ी दोनों करेंसी का विनिमय दर दिखाती है ; इसका यह मतलब होता है के 1USD में कितने यूरो ख़रीदे जा सकते है |

🍁 जैसे के विनिमय दर 2.0 का है तो 1usd में २ यूरो ख़रीदे जाएंगे | विदेशी मुद्रा व्यपार में विनिमय दरे ही व्यापार का मुलभुत आधार है | ये दरे फिक्स्ड , फ्लोटिंग, बढ़ने और घटने वाली आदि किसम की होती है |

इस बात से आप यह अंदाजा तो लगा सकते है के एक ट्रेडर मुद्रा व्यापार में क्या करना चाहिए? उत्तर विल्कुल साफ़ है |

आमतौर पर एक ट्रेडर किसी भी करेंसी पेअर की दरे घटने का इन्तजार करता है और फिर उसे कम दरों पर खरीदता है | जब उस करेंसी पेअर की कीमत बढ़ जाती है तब उसे बेचता है| और दोनों दरों के फर्क से उस ट्रेडर को मुनाफा होता है |

विदेश भेजने हैं तो जान ले ये जरूरी नियम… वरना हो सकती है बड़ी परेशानी…मिल सकता है नोटिस

एनआरआई लोगों के लिए दो तरह के अकाउंट होते हैं, जिनका नाम है NRE यानी नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल और NRO यानी नॉन रेजिडेंट ऑर्डिनरी.

विदेश भेजने हैं तो जान ले ये जरूरी नियम. वरना हो सकती है बड़ी परेशानी. मिल सकता है नोटिस

कई लोगों के रिश्तेदार या घरवाले विदेश में रहते हैं. इस वजह से उन्हें कई बार विदेश में पैसे भी भेजने होते हैं, लेकिन उन्हें बाहर पैसे भेजने के टैक्स के बारे में जानकारी नहीं होती है. अगर आपको भी बाहर पैसा भेजना है तो आपको नियम ध्यान रखना आवश्यक होता है. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि विदेश पैसे भेजने के क्या नियम हैं और आप किस तरह से पैसे भेज सकते हैं.

कई बार लोगों को ये भी दिक्कत होती है कि विदेश में आपको भारतीय मुद्रा के हिसाब से पैसा भेजना होगा या फिर आपको विदेशी मुद्रा के हिसाब से पैसे देने होंगे. बता दें कि अगर एनआरआई आपको पैसे भेजते हैं तो कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन अगर आप पैसे भेज रहे हैं तो कई नियमों को पालन करना होता है.

एनआरआई लोगों के लिए दो तरह के अकाउंट होते हैं, जिनका नाम है NRE यानी नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल और NRO यानी नॉन रेजिडेंट ऑर्डिनरी. एक अकाउंट होता है NRE, जिसमें आप सीधे पाउंड में या कोई भी विदेशी मुद्रा में पैसे भेज सकते हैं. इसमें आप विदेशी करेंसी रख सकते हैं. इसके अलावा दूसरा अकाउंट होता है NRE, जो भारतीय कंपनी की ओर से खोल जाता है और इसमें आप भारतीय मुद्रा में पैसे जमा करवा सकते हैं. इसके बाद आप दोनों खातों में पैसा भेज सकते हैं.

गिफ्ट डीड भी बनवा लें

अगर आप बाहर पैसे भेजते हैं तो आपको दिक्कत हो सकती है. आपको NRE अकाउंट में विदेशी करेंसी रख सकते हैं. अपनी बचत से बेटे को पैसा भेजने पर भी टैक्स नियम है.

ऐसे में भी आपको 15CA और 15CB भरना होता है. अगर आप यह पैसा गिफ्ट कर रहे हैं तो आपको एक गिफ्ट डीड भी देनी होती है, इससे भविष्य में जांच से बचा सकता है और आपको कोई दिक्कत नहीं होती है.

कितना लगता है टैक्स?

देश से बाहर 7 लाख रुपये से ज्यादा पैसा भेजने पर TCS काटा जाएगा. अगर आप 7 लाख रुपये से ज्यादा भेज रहे हैं तो आपसे 5 फीसदी तक टीसीएस लगता है.

यह कुछ दिन में आपके अकाउंट में दिखेगा और आप इसे टैक्स एडजस्टमेंट के रूप में काम ले सकता है और क्या आप विदेशी मुद्रा में पैसा कमा सकते हैं आप इसका रिफंड भी ले सकते हैं.

आप ढ़ाई लाख अमेरिकी डॉलर रुपये तक पैसे आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं और अगर इससे ज्यादा पैसे भेजने हैं तो आपको आरबीआई से इजाजत लेनी होती है.

क्या आप विदेशी मुद्रा में पैसा कमा सकते हैं

budget friendly places for international trips

विदेश यात्रा के लिए हम सभी सालों से प्लान करते हैं। बहुत से लोगों के लिए विदेश की यात्रा किसी बड़े शौक की तरह होती है। मगर विदेश का नाम सुनते ही हमारे मन में जेब ढ़ीली होने का डर आ जाता है, जिस वजह से प्लान बनते-बनते फ्लॉप हो जाता है। विदेश यात्राएं इसलिए भी महंगी हैं, क्योंकि कई देशों की करेंसी भारत के रुपये के मुकाबले काफी ज्यादा होती है। यही वजह है कि यूरोप और अमेरिका जैसे देशों की ट्रिप करने में बहुत ज्यादा पैसे लग जाते हैं।

ऐसे में अगर आप पैसे की बचत के साथ यात्रा करना चाहते हैं, तो आपको उन देशों को अपनी ट्रैवल लिस्ट में रखना चाहिए जहां पर भारतीय करेंसी उस देश की करेंसी से ज्यादा हो, ताकि आप कम पैसों में एक बेहतर ट्रिप प्लान कर सकें। तो आइए आज के आर्टिकल में जानते हैं कि आखिर वो कौन से देश हैं, जिनकी मुद्रा भारतीय रुपय से काफी कम है। इन देशों में जाकर अगर आप करेंसी एक्सचेंज कराते हैं तो आप कम भारतीय पैसे देकर ज्यादा विदेशी मुद्रा पा सकेंगे। ये हैं कुछ देश जिनकी विदेशी मुद्रा भारत के मुकाबले काफी कम है।-

वियतनाम-

countries having less curency value

चीन के पास बसा देश वियतनाम बेहद खूबसूरत और शांत शहर है। यहां पर वियतनामी डोंग करंसी का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि भारत का एक रुपया करीब 306 वियतनामी करेंसी के बराबर होता है। जिस कारण यहां पर घूमना आपके लिए काफी किफायती हो सकता है।

वियतनाम में आपको बौद्ध धर्म से जुड़े कई प्रसिद्ध देखने को मिल जाएंगे, इसके अलावा यहां का अलग खाना, नदियां और फ्रांस वास्तुकला के खूबसूरत नमूने देखने को मिल जाएंगे।

इंडोनेशिया-

chepest international places

एशिया में बसा देश इंडोनेशिया बेहद शांत और खूबसूरत शहर है। भारत का एक रुपया इस देश में करीब 190 इंडोनेशियान रुपये के आसपास होता है, जिससे आप जान सकते हैं कि यहां की ट्रिप के लिए प्लान करना आपके लिए काफी पॉकेट फ्रेंडली होगा। यह देश अपने बीचेज के लिए काफी मशहूर हैं, यहां जाने के लिए भारतीय लोगों को मुफ्त वीजा मिल जाता है। इस कारण यहां भारतीय ट्रैवलर्स का आना- जाना लगा रहता है। यहां पर कई खूबसूरत जगहें मौजूद हैं, मगर बाली नाम की जगह यहां की सबसे लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन है।

अल्जीरिया-

countries having less currency value then india

अल्जीरिया एक अफ्रीकी देश है। जहां पर आपका घूमना काफी बजट फ्रेंडली हो सकता है। इस देश में आपको कई प्राकृतिक खूबसूरत जगहें देखने को मिलती हैं। कोविड सिचुएशन नॉर्मल होने के बाद आप इस देश की ट्रिप का प्लान बना सकती हैं। भारत का एक रुपया इस देश करीब 1.87 दिनार के आसपास है। यहां की खूबसूरत जगहों को घूमने के लिए आपको ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं पड़ेगी।

कंबोडिया-

international places having less currency value then india

कंबोडिया अपने खूबसूरत समुद्री तटों के लिए जाना जाता है। यहां की कॉलोनियल बिल्डींग्स और विशाल पत्थरों से बना अंगकोट मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यह एक हिंदू मंदिर है जिस कारण कंबोडिया में हिंदू टूरिस्ट ज्यादा आया करते हैं। बता दें कि भारत का एक रुपया 53.75 कंबोडिया करेंसी के आसपास है। जिस कारण यहां कि ट्रिप हमारे लिए प्लान करना काफी सस्ता होगा।

पैराग्वे-

यह एक लैंड लॉक देश है, जो कि साउथ अमेरिका में स्थित है। यहां घूमने के लिए कई खूबसूरत जगहें मौजूद हैं, जिस वजह से यह देश दुनिया भर में मशहूर है। भारत का एक रुपया यहां के 90.83 पैरागुएआन गुआरानी है। यहां पर आपको खूबसूरत झरने देखने को मिलते हैं आप यहां पर जाकर एक सुकून और सस्ती ट्रिप को एंजॉय कर सकती हैं।

Recommended Video

मंगोलिया-

famous international cheapest places

मंगोलिया देश भी एशिया का एक लैंडलॉक देश है। यह देश बेहद शांत और खूबसूरत है। यहां आपके घूमने का एक्सपीरियंस बेहद यादगार होगा। यहां पर मौजूद कुदरती सुंदरता आपका मन मोह लेगी। घूमने के अलावा आप यहां पर कई एडवेंचर भी कर सकते हैं। भारत का 1 रुपया इस देश में करीब 38.00 मंगोलियन करेंसी है। इस वजह से यहां घूमना आपके लिए काफी सस्ता होगा।

Related Stories

तो ये थे कुछ देश जहां पर भारतीय रुपये की कीमत काफी ज्यादा है। इन जगहों पर जाकर आपके पैसे कम खर्च होंगे। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

Image credit- hotel.com, cloudfront.com, worldsnomads, cloudfronts, hotel.com, cdn.com and cloudfront.com

2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए देश की सेहत पर क्या असर डालेगा?

2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए देश की सेहत पर क्या असर डालेगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण फॉरेन रिजर्व असेट्स (एफसीए) और गोल्ड रिजर्व्स का कम होना है.

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया. यह अक्टूबर, 2020 के बाद पिछले दो साल का निम्नतम स्तर है. हालांकि, एक वैश्विक रेटिंग एजेंसी का कहना है यह पिछले 20 सालों के रिजर्व की तुलना में अधिक ही है.

इससे पहले 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.238 करोड़ डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रहा था. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण फॉरेन रिजर्व असेट्स (एफसीए) और गोल्ड रिजर्व्स का कम होना है.

साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, आलोच्य सप्ताह में एफसीए 5.77 अरब डॉलर घटकर 501.216 अरब डॉलर रह गयी. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली फॉरेन रिजर्व असेट्स में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है.

आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.4 करोड़ डॉलर घटकर 39.914 अरब डॉलर रह गया. समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 14.6 करोड़ डॉलर घटकर 17.987 अरब डॉलर पर आ गया. जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 5.8 करोड़ डॉलर गिरकर 4.936 अरब डॉलर रह गया.

वहीं, विदेश में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के चलते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में 31 पैसे टूटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 80.15 रुपये पर आ गया है. रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 79.84 पर बंद हुआ था. इससे पहले रुपये का ऑल टाइम लो 80.06 था.

जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 1 अगस्त से 26 अगस्त तक भारतीय बाजार में 55,031 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इक्विटी बाजार में, विदेशी फंड का प्रवाह 49,254 करोड़ रुपये रहा. यह एफपीआई की इस साल की अब तक की सबसे बड़ी मासिक खरीदारी होगी.

क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?

विदेशी मुद्रा भंडार को किसी देश की हेल्थ का मीटर माना जाता है. इस भंडार में विदेशी करेंसीज, गोल्ड रिजर्व्स, ट्रेजरी बिल्स सहित अन्य चीजें आती हैं जिन्हें किसी देश की केंद्रीय बैंक या अन्य मौद्रिक संस्थाएं संभालती हैं. ये संस्थाएं पेमेंट बैलेंस की निगरानी करती हैं, मुद्रा की विदेशी विनिमय दर देखती हैं और वित्तीय बाजार स्थिरता बनाए रखती हैं.

विदेशी मुद्रा भंडार में क्या-क्या आता है?

आरबीआई अधिनियम और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 विदेशी मुद्रा भंडार को नियंत्रित करते हैं. इसे चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है. पहला और सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा संपत्ति है जो कि यह कुल पोर्टफोलियो का लगभग 80 फीसदी है. भारत अमेरिकी ट्रेजरी बिलों में भारी निवेश करता है और देश की विदेशी मुद्रा संपत्ति का लगभग 75 फीसदी डॉलर मूल्यवर्ग की सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है.

इसके बाद गोल्ड में निवेश और आईएमएफ से स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) यानी विशेष आहरण अधिकार आता है. सबसे अंत में आखिरी रिजर्व ट्रेंच पोजीशन है.

विदेशी मुद्रा भंडार का उद्देश्य क्या है?

फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स का सबसे पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि रुपया तेजी से नीचे गिरता है या पूरी तरह से दिवालिया हो जाता है तो आरबीआई के पास बैकअप फंड है. दूसरा उद्देश्य यह है कि यदि विदेशी मुद्रा की मांग में वृद्धि के कारण रुपये का मूल्य घटता है, तो आरबीआई भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर को बेच सकता है ताकि रुपये के गिरने की रफ्तार को रोका जा सके. तीसरा उद्देश्य यह है कि विदेशी मुद्रा का एक अच्छा स्टॉक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए एक अच्छी छवि स्थापित करता है क्योंकि व्यापारिक देश अपने भुगतान के बारे में सुनिश्चित हो सकते हैं.

क्या होगा असर?

अमेरिका स्थित रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि उभरते बाजारों को खाद्य पदार्थों की अधिक कीमतों, अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व और टाइट फाइनेंशियल कंडीशंस से बड़े पैमाने पर बाहरी दबाव का सामना करना पड़ रहा है.

उसने कहा है कि इस मामले में भारत कोई अपवाद नहीं है. इन संकटों के साथ ही बड़े पैमाने पर राजकोषीय घाटे और घरेलू स्तर पर महंगाई की अधिक दर का भी सामना करना है. हालांकि, इन सबके बावजूद उसने भारत के हालात को अन्य देशों की तुलना में बेहतर करार दिया है.

सॉवरेन एंड इटरनेशनल पब्लिक फाइनेंश रेटिंग के डायरेक्टर एंड्र्यू वूड ने कहा कि हमने देखा है कि कोविड-19 महामारी शुरुआती दौर के बाद से भारत दुनिया का नेट क्रेडिटर यानी कर्जदाता बन गया है. इसका मतलब यह है कि भारत ने उन जै कठिनाइयों के खिलाफ स्टॉक तैयार कर लिया है, जिसका हम अभी सामना कर रहे हैं.

वहीं, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी पर वह कहते हैं कि अगर इन रिजर्व्स को पिछले 20 सालों के रिजर्व्स से तुलना करेंगे तो मामूल अंतर से यह अधिक ही है. इसके अलावा, वुड ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल के अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार मामूली रूप से लगभग 600 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा और अगले कुछ वर्षों में इसी के आसपास बरकरार रहेगा.

चीन और पाकिस्‍तान के लिए एक साथ आई बुरी खबर, दोनों देशों पर मंडरा रहा है संकट

पाकिस्तान पिछले तीन वर्षों से लगातार सर्दियों के मौसम में गैस संकट का सामना कर रहा है और वैश्विक एलएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी से पता चलता है कि पीटीआई सरकार के तहत लगातार चौथे वर्ष भी संकट पैदा होगा।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: October 07, 2021 19:12 IST

China's forex reserves fall by USD 31.5 bn in Sept Pakistan faces a crisis as LNG prices soar- India TV Hindi

Photo:AP

China's forex reserves fall by USD 31.5 bn in Sept Pakistan faces a crisis as LNG prices soar

बीजिंग/नई दिल्‍ली। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार, जो दुनिया क्या आप विदेशी मुद्रा में पैसा कमा सकते हैं में सबसे बड़ा है, सितंबर में घटकर 3.2006 लाख करोड़ डॉलर रह गया। एक माह पहले की तुलना में चीन के विदेशी मुद्रा भंडार में 31.5 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है। स्‍टेट एडमिनिस्‍ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्‍सचेंज (सेफ) ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में 0.97 प्रतिशत की कमी आई है।

समावेशी सरकार बनाने के लिए तालिबान को मनाएं चीन और पाकिस्तान: चीनी थिंक टैंक

चीन कर रहा ताइवान से युद्ध की तैयारी? पिछले 3 दिनों में भेजे 93 फाइटर जेट, भड़का अमेरिका

चीन और अमेरिका के बीच होने वाली है जंग? डोनाल्ड ट्रंप के बयान से मची हलचल

सेफ के डिप्‍टी डायरेक्‍टर और प्रवक्‍ता वांग चुनियींग ने कहा कि सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार में जो कमी आई है वह करेंसी ट्रांसलेशन और असेट प्राइस में बदलाव का मिश्रित प्रभाव की वजह से है। वांग ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दोबारा प्रसार और प्रमुख देशों की मौद्रिक नीतियों से अपेक्षाओं, डॉलर इंडेक्‍स के बढ़ने जैसे कारकों की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावित हुआ है। उन्‍होंने आगे कहा कि कमजोर गैर-डॉलर मुद्राओं और संपत्ति के मूल्‍य में बदलाव का भी चीन के विदेशी मुद्रा भंडार को घटाने में योगदान रहा है।

एलएनजी की कीमतें बढ़ने पर संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान में गैस संकट की स्थिति पैदा हो रही है, क्योंकि तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। देश में एलएनजी की कीमतें सर्दियों के मौसम से पहले एशियाई बाजार में 56.3 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पहले ही सितंबर में स्पॉट मार्केट से एलएनजी के दो कार्गो आयात कर चुका है, जो उस समय की रिकॉर्ड उच्च कीमत 20 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया और वैश्विक स्पॉट मार्केट्स में एलएनजी की कीमतों पर पाकिस्तान का कोई नियंत्रण नहीं है। हालांकि, यह उच्च कीमत से बचने और सर्दियों के दौरान वैकल्पिक समाधान अपनाने के लिए अगले कुछ महीनों के लिए ईंधन के आयात को कम कर सकता है। स्वतंत्र मैक्रो-अर्थशास्त्री अम्मार एच. खान ने कहा, "सर्दियों के मौसम के कारण दिसंबर-जनवरी तक वैश्विक स्तर पर एलएनजी की कीमत बढ़ सकती है।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान पिछले तीन वर्षों से लगातार सर्दियों के मौसम में गैस संकट का सामना कर रहा है और वैश्विक एलएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी से पता चलता है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के तहत लगातार चौथे वर्ष भी संकट पैदा होगा।

सर्दियों के मौसम में देश के अधिकांश हिस्सों में गैस की खपत बढ़ जाती है, क्योंकि तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने पर घरों में हीटर और गीजर चालू हो जाते हैं। स्थानीय क्षेत्रों से तेल और गैस के कम उत्पादन के कारण आयातित ऊर्जा पर पाकिस्तान की निर्भरता बढ़ रही है। खान ने कहा कि ठंडे इलाकों में रहने वाले लोग इस सर्दी में बिजली के हीटर और जनरेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि सरकार ने पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बिजली के अतिरिक्त उपयोग पर 5-7 रुपये प्रति यूनिट की कमी की घोषणा की थी।

यह भी पढ़ें: Ola app के जरिये अब आप खरीद सकेंगे नए-पुराने वाहन.

रेटिंग: 4.70
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 248