क्‍या NFO में पैसा लगाना चाहिए?

न्यू फंड ऑफर (NFO) क्या है - अर्थ, प्रकार, लाभ, एनएफओ कैसे काम करता है

NFO (न्यू फंड ऑफर) एसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा अपने नए लॉन्च किए गए फंड के लिए पहली सब्सक्रिप्शन पेशकश है। NFO की अवधि तब शुरू होती है जब एक NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? फंड बाजार में पेश किया जाता है और लॉन्च किया जाता है, जिससे फर्म को प्रतिभूतियों की खरीद के लिए NFO अवधि के दौरान पूंजी जुटाने की अनुमति मिलती है।

एक NFO IPO के समान है। इन दोनों का उपयोग आगे निवेश और संचालन करने के लिए पूंजी जुटाने के लिए किया जाता है। NFO आक्रामक विपणन अभियानों के साथ हो सकता है, जो निवेशकों को फंड में यूनिट खरीदने के लिए उत्साहित और प्रेरित करने के लिए बनाया गया है। सार्वजनिक रूप से कारोबार करने के बाद, म्युचुअल फंड में समय के साथ अच्छे रिटर्न देने की क्षमता होती है।

यह कैसे काम करता है?

NFO में, सदस्यता का अवसर केवल सीमित कार्यकाल के लिए उपलब्ध है। निवेशक पूर्वनिर्धारित कार्यकाल के दौरान फंड स्कीम की इकाइयां खरीद सकते हैं और ऑफ़र मूल्य पर NFO की सदस्यता ले सकते हैं। यह आमतौर पर 10 रुपये में तय किया जाता है। एक बार कार्यकाल समाप्त होने के बाद, निवेशक बाजार में फंड के पुन: लॉन्च के बाद एनएवी दरों पर फंड इकाइयां खरीद सकेंगे।

1. ओपन एंडेड फंड:

यह फंड आधिकारिक तौर पर NFO के समाप्त होने के बाद लॉन्च किया गया है। व्यक्ति लॉन्च के बाद किसी भी समय फंड में प्रवेश कर सकते हैं और बाहर निकल सकते हैं।

2. क्लोज एंडेड फण्ड :

ये फंड NFO अवधि के बाद निवेशकों के प्रवेश या निकास की अनुमति नहीं देते हैं, जब तक कि NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? इसकी समाप्ति / परिपक्वता नहीं होती है। इसकी समय अवधि लॉन्च की तारीख से 3 से 4 साल के बीच होती है। हालांकि, व्यक्ति स्टॉक एक्सचेंज पर इकाइयों की खरीद और बिक्री कर सकते हैं, लेकिन इन फंडों की बाजार में तरलता नीचे की ओर होती है।

NFO में निवेश के लाभ

लाभ और योग्यता के कारण NFO में निवेश के साथ आगे बढ़ना चाहिए। इन पर नीचे चर्चा की गई है:

1. लचीलापन:

क्लोज-एंडेड फंड बाजार में निवेश करने के लिए निवेशक को लचीलापन प्रदान करते हैं। भले ही निवेश के लिए समय आदर्श नहीं है और NFO को बाजार के शिखर पर लॉन्च किया गया है, लेकिन फंड मैनेजर बाद में निवेश करने के लिए निवेशकों के फंड का एक हिस्सा रख सकता है।

2. अभिनव निधि में निवेश करने का अवसर:

कई एएमसी आजकल हेजिंग रणनीतियों, व्यापार चक्र-आधारित निवेश, ईएसजी निवेश आदि जैसे फंडिंग योजनाओं में निवेश करने के विचार के साथ आ रहे हैं। NFO के माध्यम से, एक निवेशक को उसी से लाभ उठाने का एक प्रारंभिक अवसर मिल सकता है।

3. लॉक-इन सपोर्ट:

बाजार में समय बिताना कम समय के भीतर वापस करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। कई निवेशक बाजार में बस कुछ साल बिताते हैं और अपने लाभ को क्षीण करते हैं। फिर भी, NFO में लॉक-इन कार्यकाल, बंद-समाप्त वाले निवेशकों को अनुशासनहीन और परेशान निवेश व्यवहार से निवेशकों की मदद करते हैं।

NFO में किसे निवेश करना चाहिए?

मनी इन्वेस्टमेंट विकल्प के लिए मूल्य की तलाश करने वाले निवेशक अक्सर NFO की सदस्यता लेते हैं क्योंकि वे आकर्षक विकल्प भी पसंद करते हैं जो सस्ती दर पर उपलब्ध होते हैं। एसेट मैनेजमेंट कंपनियां यहां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वे इस अवसर पर पूंजी प्राप्त करते हैं, और प्रबंधन के तहत अपनी संपत्ति बढ़ाते हैं।

NFO और आईपीओ दोनों समान लग सकते हैं, लेकिन यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि NFO आईपीओ से काफी अलग है। बाद वाली कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने से पहले किसी कंपनी के शेयरों की बिक्री करती है, जबकि NFO म्यूचुअल फंड के लिए सब्सक्रिप्शन ऑफर हैं।

जैसा कि मूल सिद्धांतों द्वारा तय किया गया है, एक आईपीओ की कीमत स्टॉक के वास्तविक मूल्य से नीचे या उससे ऊपर हो NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? सकती है, लेकिन NFO के मामले में, इसकी व्याख्या नहीं की जा सकती है। म्यूचुअल फंड का मूल्य निर्धारण केवल एनएवी द्वारा निर्धारित किया जाता है जो इकाइयों का बाजार मूल्य है। NFO में निवेश करते समय, निवेशकों को IPO जैसी भारी कीमत की अस्थिरता और NFO में आवंटन की चिंता नहीं करनी चाहिए।

क्या है दस रुपये में एनफओ का चक्कर…आज आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं

क्या है दस रुपये में एनफओ का चक्कर. आज आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं

दस रुपये में एनएफओ ये मैसेज रि‍या के मोबाइल और मेल पर खूब आ रहे हैं. रोज कोई एक नया एनएफओ (NFO-New Fund Offer) उनके मेलबॉक्‍स में आ जाता है. यह दस रुपये में NFO की यूनिट्स म‍िल कैसे रही है. रि‍या की उलझन से पहले यह समझ लेते हैं क‍ि आखिर NFO हैं क्या बला? म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) तो आपको पता ही होंगे तो म्यूचुअल फंड कंपनियां ही NFO उतारती हैं. यानी न्‍यू फंड ऑफर, म्‍युचुअल फंड का पब्‍ल‍िक इश्‍यू टाइप. म्यूचुअल फंड हाउस जब पहली दफा किसी स्कीम को सब्सक्रिप्शन (Subscription) के उतारती हैं तो उसे NFO या न्यू फंड ऑफर कहते हैं, लेकिन हरेक म्यूचुअल फंड्स की कई-कई स्कीम्स होती हैं? फिर NFO में क्या खास होता है?

आइए जानें स्कीम के बारे में सबकुछ

म्‍युचुअल फंड चलाने वाली एसेट मैनेजमेंट कंपनियां NFO उतारती हैं ताकि आपके पैसे से वे नया न‍िवेश कर सकें. लोग सब्सक्राइब करेंगे और MF हाउस को पैसा मिलेगा, इसी पैसे से वे खरीदारी करेंगी.

अब ये बात तो समझ आ गई, लेकिन 10 रुपये में यूनिट मिलने का क्या चक्कर है? आमतौर पर किसी भी NFO की कीमत 10 रुपये प्रति यूनिट पर तय की जाती है. फंड मैनेजर बाजार के मौजूदा रुख को देखकर NFO लॉन्च करते हैं.

क्‍या ये बात कुछ पल्ले नहीं पड़ी?? ऐसे समझिए कि कोविड के चलते इस साल एक पर्यावरण, सोशल और गवर्नेंस (ESG) फंड की जरूरत महसूस की गई बस ताबड़तोड़ ESG फंड्स बाजार में आ गए.

यह फंड अपना अध‍िकांश हिस्‍सा एसी कंपन‍ियों के शेयर या बांड में न‍िवेश करते हैं जिनकी न‍िवेश योजनायें पर्यावरण और समुदाय की खास फिक्र करती हैं. इमेज SBI SBI Magnum Equity ESG Fund दरअसल NFO देा तरह के होते हैं. एक ओपन एंडेड फंड्स – जिनमें आप कभी भी पैसा लगा सकते हैं.

NFO क्या है? क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए, जानें क्या है सही स्ट्रैटजी

NFO क्या है? क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए, जानें क्या है सही स्ट्रैटजी

न्यू फंड ऑफर यानी NFO में निवेश से पहले इन्हेें ठीक से परख लें.

एनएफओ (NFO) यानी न्यू फंड ऑफर. जब भी कोई म्यूचुअल फंड कंपनी एनएफओ लॉन्च करती है तो इसका जबरदस्त प्रचार किया जाता है. चैनलों और अखबारों में फंड मैनेजरों के इंटरव्यू आते हैं, जिनमें न्यू फंड की निवेश स्ट्रैटजी बताई जाती है. इसकी खूबियां गिनाई जाती हैं. ऐसा माहौल बनाया जाता है कि म्यूचुअल फंड ग्राहकों ने इसमें पैसा लगाया तो जबरदस्त मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन क्या यह सच है? क्या एनएफओ में फंड निवेशकों को निवेश करना चाहिए?

इस सवाल से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर न्यू फंड ऑफर यानी NFO है क्या? दरअसल, जब भी कोई एसेट मैनेजमेंट कंपनी ( AMC) कोई नया फंड लॉन्च करती है तो यह सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही खुला होता है. फंड पोर्टफोलियो के लिए शेयर खरीदना इसका मकसद होता है और इसलिए इसके जरिये पैसा जुटाया जाता है. एक तरह से एक नए फंड की शुरुआत करने के लिए पैसा जुटाया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को न्यू फंड ऑफर कहा जाता है.

कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं

चूंकि यह फंड नया होता है इसलिए इसका कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता है, जिसे देख कर हम निवेश का फैसला कर सकें. इसलिए ज्यादातर निवेशक फंड हाउस के पिछले प्रदर्शन को देख कर इसके एनएफओ में निवेश करते हैं. लेकिन यह सही रणनीति नहीं है. क्योंकि नई निवेश रणनीति के सामने नई चुनौतियां होती हैं और आपको पता नहीं होता कि यह फंड कामयाब होगा या नहीं. इसलिए हमेशा ऐसे फंड में निवेश करना बेहतर होता है, जिसका मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड हो.

एनएफओ, आईपीओ की तरह लगता है लेकिन लेकिन यह इसकी तरह नहीं होता. बहुत सारे निवेशक इसे आईपीओ जैसा समझते हैं और उन्हें लगता है कि जिस तरह शेयरों में डिमांड बढ़ने पर उन्हें फायदा होता है, वैसा ही इसमें भी ऐसा होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. म्यूचअल फंड के एनएवी पर डिमांड और सप्लाई के नियम का कोई असर नहीं होता. किसी म्यूचुअल फंड में कितने यूनिट्स होंगे यह तय नहीं होता. यूनिट्स जरूरत पड़ने पर बना ली जाती हैं.

ऊंची लागत

हर फंड का एक एक्सपेंस रेश्यो होता है. ज्यादा एक्सपेंस रेश्यो का मतलब यह है कि आप अपने फंड को मैनेज करने के लिए ज्यादा पैसा दे रहे हैं. जाहिर है इससे आपका रिटर्न घटेगा. भारत में रेगुलेशन नियमों के मुताबिक छोटे एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) वाले फंड ज्यादा एक्सपेंस चार्ज वसूल कर सकते हैं. एनएफओ जब लॉन्च होता है तो आमतौर पर इसका एयूएम छोटा होता है . इसलिए इसका एक्सपेंस चार्ज ज्यादा होने की संभावना रहती है. इसलिए यह महंगा होता है.

अगर कोई एनएफओ किसी खास वक्त लॉन्च हुआ है तो जरूरी नहीं है कि इसमें निवेश का यही सही वक्त है. एएमसी अपने प्रोडक्ट बास्केट को बड़ा करने या पूरा करने के लिए भी एनएफओ लाते हैं. इसलिए एनएफओ लॉन्च हुआ है इसलिए इसमें निवेश करना है, यह ठीक रणनीति नहीं है.

कुल मिला कर , एनएफओ में निवेश अंधेरे में तीर चलाने जैसा है. इसलिए अनिश्चितता की बजाय ऐसे फंड्स में निवेश करें जिसका एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड हो. अगर एनएफओ कुछ खास हो और आपके पोर्टफोलियो के हिसाब से यह फिट बैठ रहा है तो थोड़ा इंतजार करके देखें कि क्या इसकी थीम और निवेश रणनीति बताए गए मकसद के लिए मुफीद है.

क्या होते हैं NFOs, कैसा देते हैं रिटर्न, क्या मौजूदा हालात में निवेश करना फायदेमंद होगा? समझिए

पांच फंड्स हाउसेस नए फंड ऑफर्स को लॉन्‍च करने के लिए आवेदन कर चुके हैं.

पांच फंड्स हाउसेस नए फंड ऑफर्स को लॉन्‍च करने के लिए आवेदन कर चुके हैं.

बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMSc) को नए फंड ऑफर्स (NFO) जारी करने की अनुमति दे दी है. उम्‍मीद . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 29, 2022, 11:58 IST

नई दिल्‍ली. अगले महीने से म्‍यूचुअल फंड नए फंड ऑफर्स (NFO) जारी कर सकते हैं. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया द्वारा पूल खातों का उपयोग पूरी तरह बंद करने तथा नई प्रक्रिया लागू होने की गारंटी मिलने के साथ ही नए फंड ऑफर्स शुरू हो जाएंगे. पूल खातों के बढ़ते प्रचलन को देखने हुए बाजार नियामक सेबी ने NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? म्‍यूचुअल फंड हाउसेज के नए फंड ऑफर्स लॉन्‍च करने पर 1 जुलाई तक रोक लगा दी थी. पांच फंड्स हाउसेस बैन की डेडलाइन खत्‍म होने से पहले ही नए फंड ऑफर्स को लॉन्‍च करने के लिए आवेदन कर चुके हैं.

कोई एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Asset management company) जब नई स्कीम लॉन्च करती है तो उसे न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) कहते हैं. फंड हाउस अपने प्रॉडक्ट बास्केट को पूरा करने के लिए एनएफओ लॉन्च करते हैं. एनएफओ के खुलने और बंद होने की अवधि होती है. कुछ लोग आईपीओ (IPO) और फंड हाउसेज के एनएफओ को एक समान समझते हैं. यह उनकी गलतफहमी है. दोनों में दिन-रात का अंतर है. कंपनी अपने कारोबार के विस्तार या दूसरी जरूरतों के लिए आईपीओ के जरिए बाजार से पैसे जुटाती हैं. वहीं, फंड हाउस एनएफओ में निवेशकों से पैसे जुटाकर उसे सिक्योरिटी (शेयर, बॉन्ड, गोल्ड आदि) में लगाता है.

एनएफओ का फुल फॉर्म

एनएफओ (NFO) का अंग्रेजी में फुल फॉर्म “NEW FUND OFFER” होता है, तथा इसका हिंदी उच्चारण “न्यू फण्ड ऑफर” होता है, तथा हिंदी में इसका अर्थ “नया निधि प्रस्ताव” होता है|

अगर आप NFO में निवेश करने की सोच रहे हैं तो यह आपके लिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न है, आप इसे इस तरह से समझ सकते हैं –

  • जब भी आप किसी mutual fund company में निवेश करते हैं तो आप उसके बारे में काफ़ी रिसर्च करते हैं जैसे कि कंपनी ने पिछले 5 years या फिर 10 years में क्या return दिया है। इसके अलावा आपक उस mutual fund company के Past Behavior का भी पता कर सकते हैं और ये भी आसानी से पता चल जाता है, कि उसके उस फंड ने कितना रिटर्न दिया और उसने कहां कहां निवेश किया था।
  • लेकिन वहीं बात जब NFO की जाए तो ये हमारे लिए बिल्कुल नई होती है। हमे इसका experience नहीं होता है और हमे ये भी पता नहीं चल पाता है कि ये आने वाले समय में हमे कितना रिटर्न्स दे सकती है।
  • न्यू म्यूचरल फंड में यानी NFO में NAV की price काफी कम होती है, जिसे देखकर लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं।
  • इसलिए हम आपको बता दें, इससे कोई मतलब नहीं होता है कि किसी फंड का NAV price कितना है।
  • कहने का मतलब है कि यदि आपने 1000 रूपए को किसी NFO में लगाया और 1000 रूपए को ही किसी और अन्य फंड में लगाया तो दोनों लगभग आपको एक जैसा ही रिटर्नस ही देती है।
  • एक फैक्टर यहां पर बहुत मायने रखता है कि कंपनी किस तरह से काम करती है यदि NFO की MUTUAL FUND अच्छा वर्क कर जाए तो वह आपको अच्छा रिटर्न दे जाएगी और अगर अच्छा Work ना करे तो अच्छा रिटर्न नही दे पाएगी।
  • लेकिन यदि आप पुराने MUTUAL FUND जिसमें निवेश कर रहे हैं तो हो सकता है वो आपको ज्यादा Returns दे जाए।
  • इसलिए यदि आप इस बात से आकर्षित हो रहे हो कि इसकी NAV की PRICE कम है, और इसके NAV की PRICE ज्यादा है, तो यह कोई मायने नहीं रखता है।
  • कुल मिलाकर अंत में यही NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? निष्कर्ष निकलता है, कि आप NFO में निवेश करने के स्थान पर ऐसे फंड्स में निवेश करें जिसका अपना एक Strong Track Record हो।

NFO में Invest कैसे करें?

Mutual fund NFO में निवेश तभी संभव है, जब आपके पास 15 दिनों की सदस्यता अवधि हो। पहले इसमें अवधि की सीमा NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? 45 दिनों की होती थी। आप NFO में निवेश One Time या SIP के द्वारा आसानी से कर सकते हैं। यहां हम आपको सलाह देंगे, आप एनएफओ में निवेश गहन विश्लेषण करने के बाद ही करें। यदि शेयर मार्केट Down है या फिर Market में मंदी छा रही है, तब आप निवेश जरूर करें।

अभी यह एक नया फंड है, इसलिए इसका कोई भी ट्रैक रिकॉर्ड नहीं मौजूद होता है, जिस वजह से हम निवेश का निर्णय जल्दी नहीं ले सकते है | इसलिए इसके अधिकतर निवेशक, फंड हाउस के पहले का रिकॉर्ड चेक करके NFO में निवेश करते हुए नजर आते हैं, परन्तु सही मायने में देखा जाये तो यह भी सही रणनीति नहीं कहीं जा सकती है | क्योंकि नए निवेश रणनीति के समक्ष नई चुनौतियां देखने NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? को मिलती हैं, और आपको उसका अनुमान लगाना मुश्किल होता है, कि यह फंड कामयाब हो भी पायेगा या फिर नहीं | इसलिए सदैव ऐसे फंड में निवेश का विकल्प सही होता है, जिसका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होता है |

एनएफओ (NFO) लॉन्चिंग टाइम

इन्वेस्ट मार्किट में यदि कोई एनएफओ किसी खास समय पर लॉन्च हुआ होता है, तो उसके लिए यह जरूरी नहीं है, कि इस समय इसमें निवेश करने का निर्णय सही हो सकता है | एएमसी (AMC) अपने प्रोडक्ट बास्केट यानि कि उत्पाद को और बड़ा करने या पूर्ण करने हेतु भी एनएफओ लाया जाता हैं | इसलिए यह कह सकते है, कि एनएफओ लॉन्च हुआ है, और इसमें निवेश किया जा सकता है, यह सही निर्णय अर्थात मैनेजमेंट नहीं होगा |

अगर सही मायेने में देखा जाये तो एनएफओ (NFO) में निवेश करना अंधे के तीर चलाने के बराबर है | इसलिए सही रणनीति यह है कि अनिश्चितता की बजाय ऐसे Funds में निवेश करना सही है, जिसका एक सॉलिड ट्रैक रिकॉर्ड मौजूद होता है | इससे आप अपने अनुभव और विश्लेषण के अनुसार इन्वेस्ट कर पाएंगे |

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