भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के खाते खोले जाते हैं?

भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। देश में विभिन्न आय वर्ग के लोगों, उनकी जरूरतों और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के बैंक खातों का विकास हुआ है, जैसे चालू खाता बड़े व्यापारी या संस्थान खुलवाते हैं जबकि बचत खाता मध्य आय वर्ग के लोग खुलवाते हैं l इस लेख में हम बचत खातों, चालू खातों और सावधि जमा खातों के बारे में पढेंगेl

भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। देश में विभिन्न आय वर्ग के लोगों, उनकी जरूरतों और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के बैंक खातों का विकास हुआ है, जैसे चालू खाता बड़े व्यापारी या संस्थान खुलवाते हैं जबकि बचत खाता, मध्य आय वर्ग के लोग खुलवाते हैं l इस लेख में हम बचत खातों, चालू खातों और सावधि जमा खातों के बारे में पढेंगेl

बैंक खातों के प्रकार निम्न हैं:-

1. बचत खाता

2. चालू खाता

3. सावधि जमा खाता

4. आवर्ती जमा खाता

5. नो-फ़्रिल अकाउंट या बुनियादी बचत खाता

आइये अब इन खातों के बारे में एक-एक करके विस्तार से जानते हैं कि कौन सा खाता किन लोगों के द्वारा खुलवाया जाता है l

1. बचत बैंक खाता (Savings Bank Account)

इस प्रकार का खाता किसी भी सरकारी या निजी बैंक में न्यूनतम रुपये जमा करके खुलाया जा सकता हैl यह न्यूनतम जमा राशि हर बैंक में अलग अलग होती है लेकिन ज्यादातर सरकारी बैंकों में यह राशि 1000 रुपये होती हैl इस प्रकार के खाते में धन किसी भी समय जमा किया या निकाला जा सकता है। इस प्रकार के खातों से रुपये निकालने के लिए खाता धारक बैंक में निकासी फॉर्म (withdrawal from), चेक जारी करके या एटीएम कार्ड का उपयोग करके निकाल सकता हैl

हाल ही में बैंकों में भीड़ को रोकने के लिए कुछ बैंकों जैसे स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एक्सिस बैंक आदि ने इस प्रकार के खाते से पैसा निकालने के नये नियम बना दिए हैंl बचत खाता में जमा राशि पर बैंकों द्वारा ब्याज भी दिया जाता है हालांकि यह ब्याज दर हर बैंक में अलग अलग होती है और समय-समय पर बदलती भी रहती हैl बैंक के नियमों के अनुसार खाता धारक द्वारा बचत खाते में एक न्यूनतम शेष राशि (minimum balance) को बनाए रखा जाना चाहिए। बैंक इस प्रकार के खातों में जमा पर ब्याज प्रतिदिन की शेष राशि पर देता है l

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2. चालू जमा खाता (Current Deposit Account)

बड़े व्यवसायी, कंपनियों और संस्थान जैसे स्कूल, कॉलेज, और अस्पतालों को अपने बैंक खातों के माध्यम से भुगतान करना पड़ता है चूंकि बचत खाते के माध्यम से आप अनगिनत जमा या निकासी नही कर सकते इसलिए ऐसे बड़े खाता धारकों के लिए चालू जमा खाता खुलवाना अनिवार्य होता है, क्योंकि इस प्रकार के लोगों को दिन में कई बार पैसे की जरुरत पड़ती है इसलिए ये लोग इस प्रकार के खाते को खुलवाना पसंद करते हैंl चालू जमा खाता पर बैंक, खाता धारक को उसकी जमा राशि पर ब्याज नही देता है बल्कि प्रत्येक साल खाता धारक ही बैंक को एक निश्चित राशि का भुगतान बैंक को करता हैl ग्राहकों की सुविधा के लिए बैंक खाता धारकों को उनकी जमा राशि से अधिक की निकासी की सुविधा भी देता है इसको ओवरड्राफ्ट सुविधा (overdraft facility) के रूप में जाना जाता है।

3. सावधि जमा खाता या मियादी जमा खाता (Fixed Deposit Account or Term Deposit Account)

जिन लोगों के पास प्रचुर मात्रा में धन होता है लेकिन वे लोग शेयर बाजार के रिस्क को झेलना नही चाहते हैं और यदि ऐसे लोग लम्बी अवधि के लिए धन बचाना चाहते हैं तो वे सावधि जमा खाता या मियादी जमा खाता खुलवा लेते हैं l अब आप यहाँ पर यह सोच सकते हैं कि लोग बचत खाता में भी तो पैसे जमा करा सकते हैं फिर सावधि जमा खाता क्यों खुलवाते हैं ? इसका कारण यह है कि बचत खाता पर बैंक बहुत ही कम ब्याज देता है जैसे 3% से 5% वार्षिक परन्तु सावधि जमा खाता में 8% से 10% का ब्याज मिलता है l सावधि जमा खाता की विशेषता यह होती है कि इसमें धन एक निश्चित समय के लिए जमा हो जाता है जैसे 1 साल से लेकर 10 साल तकl यदि कोई खाता धारक किसी खास जरुरत के समय अपने इस सावधि जमा खाता में जमा राशि को निकालना चाहता है तो बैंक उस पर कुछ पेनाल्टी लगाकर उसका शेष धन वापस कर देता है l

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4. आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Account)

इस प्रकार का खाता उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो नियमित रूप से बचत कर सकते हैं और एक निश्चित समय में जमा राशि पर उचित रिटर्न अर्जित करने की उम्मीद करते हैं। इस प्रकार का खाता खोलते समय एक व्यक्ति को निश्चित अवधि के लिए (जैसे 1 साल या 5 साल तक) महीने में एक बार एक निश्चित राशि जमा करनी पड़ती है। इसमें जमाकर्ता को अवधि पूरी होने के बाद पूरी जमा राशि पर ब्याज सहित मूल राशि लौटा दी जाती हैl जमाकर्ता अपने खाते को परिपक्वता से ही पहले बंद कर सकता है और जिस अवधि तक के लिए धन जमा था, पर ब्याज का भुगतान कर दिया जाता हैl इस प्रकार के खातों में जमा राशि पर ब्याज की दर बचत जमा से अधिक, लेकिन सावधि जमा की दर से कम होती है।

RECURRING ACCOUNT DEPOSIT

5. बुनियादी बचत खाता (Basic Saving Accounts ): इन खातों को '' नो फ्रिल खाता 'भी कहा जाता था l इस प्रकार के खातों की शुरुआत रिज़र्व बैंक ने 2005 में समाज के वंचित और गरीब लोगों को बैंकिंग सुविधा देने के लिए शुरू की थी l इस प्रकार के खातों को बिना रुपये जमा किये (zero balance) खुलवाया जाता था और खाता धारक को न्यूनतम बैलेंस बनाये रखने की बाध्यता से भी छूट दी गयी थीl सन 2012 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 'नो फ्रिल खातों' को बुनियादी बचत खातों (BSBDA-Basic Savings Bank Deposit Account) में बदलने के निर्देश दिए थेl BSBDA दिशानिर्देश "भारत में सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, और जिन विदेशी बैंकों की शाखाएं भारत में हैं सभी पर लागू होते हैंl इन बुनियादी बचत खातों धारकों पर खाता के ना चलाने पर या बैंक किसी भी तरह का शुल्क नही लगा सकता हैl बुनियादी बचत खाता धारकों को एक माह में अधिकतम चार निकासी डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? की अनुमति दी जाएगी, जिसमें एटीएम के माध्यम से हुई निकासी भी शामिल है।

Basic-Saving-Accounts

इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भारत में बैंकिंग व्यवस्था को बहुत ही व्यवस्थित तरीके से बनाया गया है ताकि समाज के सभी वर्गों अमीर, गरीब, मध्यवर्ग और संस्थानों आदि के हितों की रक्षा की जा सके l

Types of bank accounts in hindi : जानिये बैंक खाता कितने प्रकार के होते हैं

Types of bank accounts in hindi : Bank Account क्या होता है आज के ज़माने में लगभग हर कोई जानता है, किन्तु यह कितने प्रकार के होते हैं ये जानकारी सभी को नहीं होती है। आज के Article “types of bank accounts in hindi” को पढ़ने के बाद आप यह अच्छी तरह समझ जायेंगे की bank accounts कितने प्रकार के होते हैं।

आज के ज़माने में बैंक हमारे जीवन का एक अहम् हिस्सा बन चूका है जिसके बिना हमारा काम नहीं चल सकता है । अतः हमें bank से related जानकारियां होनी आवश्यक है। जितनी जानकारियां होंगी काम उतना आसान होगा।

सभी bank account एक जैसे नहीं होते हैं वो अलग -अलग प्रकार के होते हैं और उनकी विषेशताएं भी अलग -अलग हैं –

Table of Contents

Types of bank accounts in hindi

मुख्यतः bank account चार प्रकार के होते और अपनी विषेशताओं के अनुसार उनके नाम अलग-अलग हैं जैसे –

चार प्रकार के bank accounts हैं –

  1. Saving Account
  2. Current Account
  3. Recurring Deposit Account
  4. Fixed Deposit Account

1. SAVING ACCOUNT

Saving Account (बचत खाता) – कोई भी व्यक्ति अपनी personal saving के लिए बचत खाता खोल सकता है। इस प्रकार के account open करने के लिए बैंकों के द्वारा निर्धारित minimum amount से आप अपना बचत खाता खोल सकते हैं।

यह account सबसे common type का account है जो सभी लोगों के बीच प्रचलित है। इस प्रकार का खाता किसी भी व्यक्ति के personal banking के लिए खोले जाते हैं ।

सेविंग अकाउंट क्यों खोला जाता है?

अपने नाम के अनुरूप Saving Account (बचत खाता ) लोगों के पैसे को Saving करने के लिए खोले जाते हैं।

Saving Account (बचत खाता ) में bank आपके जमा की गयी राशि के अनुसार अपने निर्धारित दर पर आपको interest देती है। Interest rate अलग -अलग बैंकों के अलग -अलग हो सकते हैं ।

इसमें कभी भी पैसा निकला और डाला जा सकता है किन्तु आप इस प्रकार के खता से bank overdraft नहीं कर सकते हैं यानि की आप अपनी जमा की गयी राशि से ज्यादा राशि नहीं निकाल सकते हैं। यहाँ पर आपको वार्षिक चक्रवृद्धि व्याज के दर पर ब्याज दिया जाता है।

Saving Account कौन खोल सकता है?

कोई भी व्यक्ति अपने व्यक्तिगत कार्य के लिए चाहे वो सरकारी कर्मचारी ,प्राइवेट कर्मचारी , Student या Pensioner हो Saving Account (बचत खाता ) खोल सकता है।

इसका उपयोग व्यापारिक कार्य के लिए नहीं किया जा सकता है। कोई भी लिमिटेड या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को कानूनन Saving Account (बचत खाता ) खोलने की अनुमति प्राप्त नहीं हो सकती है।

CURRENT ACCOUNT

Current Account (चालू खाता ) – व्यावसायिक कार्य को करने के लिए Current Account (चालू खाता ) की जरूरत पड़ती है । इसीलिए व्यापारिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए Current Account (चालू खाता) खोला जाता डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? है।

Current Account (चालू खाता ) बिज़नेस लेनदेन के लिए किया जाता है और इसप्रकार के खाता से लेनदेन की कोई निश्चित सिमा नहीं होती है यानि की आप जितना चाहें लेनदेन कर सकते हैं। जहाँ आपको Saving Account (बचत खाता ) में ब्याज दिया जाता है वहीँ Current Account (चालू खाता ) में कोई ब्याज नहीं दिया जाता है।

व्यवसायिक कार्य की पूर्ति हेतु एक दिन में अनेकों लेनदेन करने पड़ते हैं और चूँकि Current Account (चालू खाता ) में लेनदेन की कोई सीमा नहीं होती है, इसीलिए व्यावसायिक कार्य को करने के लिए यह खाता महत्वपूर्ण है। इसमें bank overdraft की सुविधाएँ दी जाती है।

Current Account (चालू खाता ) बैंको द्वारा निर्धारित राशि से खोला जा सकता है जो की Saving डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? Account (बचत खाता ) की तुलना में काफी ज्यादा होती है।

Current Account किनके लिए उपयोगी है ?

साधारण लोगों के लिए Current Account (चालू खाता ) नहीं होता है । यह व्यावसयिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए होता है। Current Account (चालू खाता ) Proprietorship firms, Partnership firms, Public कम्पनिया, Private कम्पनियाँ , Online shopping से जुडी कम्पनियाँ इत्यादि।

3. RECURRING DEPOSIT ACCOUNT

Recurring Deposit Account : हिंदी में इसे आवर्ती जमा खाता के नाम से जाना जाता है। इसे RD के नाम से भी जाना जाता है। हर कोई अपना future plan करता है और उसी हिसाब से यानि अपनी जरूरत के हिसाब से एक मुश्त राशि या थोड़ी-थोड़ी करके विभिन्न जगहों पर savings करता है।

वास्तव में Recurring Deposit Account उन लोगों के लिए है जो एक मुश्त राशि जमा न करके एक नियमित अंतराल में अपना saving करना चाहता है। यह उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनकी नियमित आय का कोई स्रोत है, जैसे कोई नौकरी या पेशा से जुड़ा हुआ जो नियमित रूप से प्रत्येक महीने कुछ जमा करना चाहता हो।

आपके बेहतर भविष्य की योजनाओं को पूरा करने के लिए RD एक बेहतर और सुरक्षित स्किम हो सकता है।

Recurring Deposit Account क्यों?

यदि आप एक बार में ज्यादा amount deposit करने में अक्षम हैं तो यहाँ आपको नियमित रूप से थोड़ी -थोड़ी राशि जमा करने की छूट मिलती है। यहाँ पर आपको अच्छी interest rate प्राप्त होगी जो की saving account से ज्यादा होगी।

RD आप छः महीनो से लेकर 10 वर्षों तक का अपने future plan के हिसाब से कर सकते हैं। यह अवधी बैंकों के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकते हैं।

इसे आप minimum amount 100 या 500 से खोल सकते है और maximum क़िस्त की कोई लिमिटेशन नहीं है। minimum amount limitation बैंकों के अनुसार कम या ज्यादा हो सकते हैं। इसमें एक ध्यान देने वाली बात यह है की आप जितने समय के लिए अपना स्किम चुना है उस period को पूरा करना जरुरी है।

ऐसा नहीं होता है की यदि आपकी RD की कोई क़िस्त छूट जाये तो आपका पैसा डूब जायेगा, क़िस्त छूटने पर penalty लग सकता है। RD की सुविधा बैंकों के साथ -साथ Post office पर भी मिलती है।

RD Account में आप समय से पहले अर्थात maturity से पहले पैसा नहीं निकाल सकते हैं आप इसको समय से पहले बंद जरूर कर सकते हैं। यह खाता single या joint खोला जा सकता है।

4. FIXED DEPOSIT ACCOUNT

Fixed Deposit Account : हिंदी में इसे सावधि जमा खाता के नाम से जाना जाता है। इसे short में FD कहते हैं। एक बार में किसी धनराशि को निश्चित अवधी के लिए जमा की गयी राशि को FD कहते हैं जहाँ आपको निश्चित दर से ब्याज मिलती है।

यहाँ भी आपको बचत खाता से ज्यादा ब्याज दिया जाता है। यहाँ पर आपको 7% से लेकर 9% तक ब्याज मिल सकता है जो की विभिन्न बैंको के अनुसार अलग -अलग हो सकते हैं।

यदि आप चाहते हैं की आपका जमा धनराशि दोगुनी हो जाये तो इसके लिए आपको 8 से 10 वर्षों तक इंतिजार करना पड़ सकता है। तय की गयी अवधी से पहले आप FD से पैसा नहीं निकाल नहीं सकते हैं यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको इसके लिए penalty देना होगा।

FD अपनी तरलता और लचीलापन के कारण काफी लोकप्रिय है और यहाँ आपको अच्छा ब्याज दर मिलता है।

यह तो थी Types of bank accounts in hindi कि basic जानकारियां, यदि आप इस विषय से सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं। आप FD पर दी जानेवाली ब्याज दर की जानकारी आसानी से moneycontrol.com से भी पा सकते हैं।

मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

Demat Account kya hai? डीमैट अकाउंट कैसे खोलें तथा यह क्यों जरुरी है?

आप यदि भविष्य में बाजारों में निवेश करना चाहते हैं तो आपको demat डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? account की आवश्यकता पड़ेगी. बैंकों में पैसों के लेनदेन सम्बंधित account से तो हम सभी भलीभांति परिचित हैं किन्तु बहुत सारे लोगों को ये पता नहीं होता है कि demat account क्या है?

यह क्यों जरुरी होता है? इसे कैसे खोला जाता है? इसतरह के बहुत सारे प्रश्न हमारे मन में उठते हैं जिसे हम जानना चाहते हैं. आज के लेख में हम इन सभी सवालों का जवाब जानेंगे कि demat account kya hai? (डीमैट अकाउंट क्या है?)

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Demat Account kya hai?

Share market में निवेश करने के लिए हमारे पास demat account होना जरुरी है. जिसप्रकार हम अपने पैसों को bank में सुरक्षित रखते हैं ठीक उसी प्रकार हमारे demat account डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? में shares सुरक्षित रहते हैं. यह किसी बैंक अकाउंट की तरह ही होता है जहाँ बैंकों में पैसों का लेनदेन होता है ठीक उसी प्रकार demat account के जरिये शेयरों का लेनदेन होता है. जो निवेशक होते हैं वो online shares की लेनदेन करने के लिए इस खाता का उपयोग करते हैं.

इस खाता के द्वारा transactions digitally या इलेक्ट्रॉनिक रूप से होता है इसी कारण इसे demat account कहते हैं. Demat account वास्तव में शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखने का सुविधा प्रदान करता है. यहाँ ख़रीदे गये shares को जमा करके रखा जाता है.

Demat यानि Dematerialize, यानि शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से खातों में रखने की सुविधा को ही हम demat कहते हैं. आजकल इलेक्ट्रॉनिक कैश का प्रचलन तेज़ी से बढ़ रहा है जैसे कि जब हम कहीं से कुछ खरीदारी करते हैं और भुगतान भौतिक रूप से नहीं करके डेबिट कार्ड से करते हैं तो इसी भुगतान की प्रक्रिया को हम इलेक्ट्रॉनिक कैश भुगतान कहते हैं.

हमारे पास जो shares demat account में होते हैं हम उसे दुसरे व्यक्ति के demat account में digitally transfer करते सकते हैं और ऐसे में हमें अपने shares को भौतिक रूप से रखने डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? की आवश्यकता नहीं पड़ती है.

Demat account क्यों जरुरी है?

बाज़ार में यदि आप स्टॉक खरीदना और बेंचना चाहते हैं तो demat account का होना जरुरी है. शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. जब आपके द्वारा शेयर ख़रीदा जाता है तो वह demat account में आता है और शेयर बेंचने का काम भी इसी account से होता है.

जब हम शेयर्स खरीदते हैं तो वह शेयर्स हमारे demat account में ही डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? जमा होता है इसीतरह जब हम अपना share बेंचते हैं तो वह शेयर हमारे demat account से खरीदनेवाले के demat account में जमा हो जाता है. SEBI (Securities And Exchange Board Of India) के दिशानिर्देशों के अनुसार demat account को छोड़कर किसी अन्य रूपों में शेयरों को ख़रीदा या बेंचा नहीं जा सकता है.

इसतरह से हम कह सकते हैं कि demat account का उपयोग हमारे ख़रीदे गये shares को रखने का काम account या लॉकर के रूप में किया जाता है. इसका उपयोग सिर्फ इतना है कि हमारे ख़रीदे गये shares को रखना.

कैसे खोलें Demat account?

किसी रजिस्टर्ड DP (Depository Participant) के जरिये निवेशक अपना demat account खुलवा सकता है. Depository सर्विस – बैंक, निजी वित्तिय संस्थान आदि प्रदान करते हैं जहाँ यह खाता डीपी के द्वारा खुलवाया जा सकता है. आपको demat account खोलने के लिए यह देखना है की आपके द्वारा चयनित डीपी किस डिपाजिटरी के साथ रजिस्टर्ड है.

Demat account की देखरेख डिपाजिटरी डीपी के जरिये ही करती है. देश के अन्दर दो डिपाजिटरी हैं – 1. NSDL (National Securities Depository Limited) और 2. CDSL (Central Securities Depository Limited). ये दोनों डिपाजिटरी SEBI (Securities and Exchange Board of India) के द्वारा रजिस्टर्ड हैं.

Demat account खोलने के लिए जरुरी दस्तावेज़

Passport size Photo

आप address prove करने के लिए इसके साथ और भी कोई पहचान दे सकते हैं जैसे की वोटर कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि लेकिन एक बात का ध्यान रहे पैन कार्ड और आधार कार्ड देना अनिवार्य है.

कौन कौन से बैंक और स्टॉक ब्रोकर हैं जहाँ Demat Account खोले जा सकते हैं?

यहाँ पर मैं बैंकों का नाम लेकर लिस्ट को सिमित नहीं करना चाहता हूँ क्योंकि आजकल लगभग सभी बैंक Demat Account खोलने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं. स्टॉक ब्रोकर की अगर बात करें तो कुछ प्रमुख स्टॉक ब्रोकर हैं जो demat account खोलते हैं – SHAREKHAN LTD, INDIA INFOLINE OR IIFL, MOTILAL OSWAL, ZERODHA आदि.

Demat Account opening Fees

इस खाता को खोलने के लिए आपको फीस अदा करना पड़ता है जो अलग – अलग संस्थानों के हिसाब से अलग – अलग है. आप 200 से 1000 रुपया के अन्दर इस खाता को खोल सकते है. खाता खोलने के आलावा वार्षिक maintenance charges भी pay करना पड़ता है. आप ऑफलाइन ऑफिस जाकर और ऑनलाइन इन्टरनेट के जरिये इस खाता को खोल सकते हैं.

Nomination की सुविधा

किसी दुर्घटना की स्तिथि में यदि खाताधारक की मृत्यु हो जाए तो शेयर्स नॉमिनी के नाम पर ट्रान्सफर हो जाता है. खाता खोलने के समय नॉमिनी का नाम डालना पड़ता है. नॉमिनी का नाम डालना भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जरुरी है.

आशा करता हूँ कि आप demat account kya hai? अच्छी तरह समझ गये होंगे. यदि आपके मन में इस विषय से सम्बंधित कोई प्रश्न हो तो आप comment करके पूछ सकते हैं.

मैं इस हिंदी ब्लॉग डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

डीमैट अकाउंट क्या है डीमैट अकाउंट कैसे खोलें

डीमैट अकाउंट क्या है


शेयर बाजार में कोई भी व्यक्ति बिना डीमैट अकाउंट के शेयर खरीद और बेंच नहीं सकता है डीमेट डीमेट अकाउंट आपके बैंक अकाउंट जैसा ही होता है डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? बैंक अकाउंट में आप रुपए का

लेना-देना करते हैं उसी प्रकार डीमेट अकाउंट में आपके shares को डेबिट और क्रेडिट किया जाता है डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए ऑनलाइन शेयर क्रेडिट एंड डेबिट किए जाते हैं


अकाउंट खोलने के लिए शीर्ष बैंकों में यह सेवा उपलब्ध है जैसे आईसीआईसी बैंक एसबीआई बैंक पंजाब नेशनल बैंक एचडीएफसी बैंक आदि डीमेट अकाउंट की सुविधा प्रदान करती हैं और प्राइवेट में बहुत सारी कंपनियां डीमेट अकाउंट की सुविधा प्रदान करते हैं सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकरेज कंपनियां डीमैट अकाउंट ऑनलाइन खुलती है इसमें आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं रहती है डीमैट अकाउंट खोलने वाली कंपनियां जरोदा एंजल ब्रोकिंग सेमको 5paisa आदि कंपनियां डीमेट अकाउंट खोलती है
यह लेख डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? आप www.highreturn.in पर पढ़ रहे हैं

👉 डीमैट अकाउंट क्यों आवश्यक है .


शेयर बाजार में बिना डिमैट अकाउंट के आप कोई भी शेयर खरीद या बेच नहीं सकते हैं ट्रेडिंग करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ेगी क्योंकि आपके द्वारा खरीदे गए शेरों को इलेक्ट्रिक तौर पर आपके डीमेट अकाउंट में ही जमा किया जाता है और भविष्य में जब उन शेयरों को आप बेचते हैं तो आपके अकाउंट से क्रेडिट कर दिए जाते हैं इसीलिए बिना डीमेट अकाउंट के आप शेयर मार्केट में कोई भी ट्रेड नहीं कर सकते डीमैट अकाउंट शेयर मार्केट में आपकी पहचान बताता है.

👉 डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक कागजात


डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड आधार कार्ड कैंसिल चेक बुक और एक बैंक खाता जिसमें ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध हो पासपोर्ट साइज दो फोटो इन डॉक्यूमेंट की जरूरत डीमैट अकाउंट खोलने में पड़ती है डिमैट अकाउंट आधे घंटे में ऑनलाइन ओपन हो जाता है और उसको वेरिफिकेशन करने में कुछ समय लग सकता है वेरिफिकेशन के बाद आपको स्पीड पोस्ट से कंपनी द्वारा भेजे गए कुछ फॉर्म पर साइन करके फोटो चिपका के आधार कार्ड पैन कार्ड फोटोकॉपी और कैंसिल चेक को कंपनी के पते पर पोस्ट करना पड़ता है


जिस कंपनी के द्वारा आपका DEMAT ACCOUNT खोला गया है वह कंपनी अपना सॉफ्टवेयर या मोबाइल एप आपको प्रदान करता है यूजर आईडी पासवर्ड के माध्यम से सॉफ्टवेयर या मोबाइल ऐप में आप लॉगिन करके शेयर मार्केट में शेयरों की खरीदऔर बिक्री कर सकते हैं शेयर बाजार में शेयरों की खरीद और बिक्री करने के लिए आपको अपने Demat account के वॉलेट में पहले पैसे जमा करने होंगे

👉 डीमैट अकाउंट ओपन करने के लिए कितना शुल्क पड़ता है

मौजूदा समय में डीमैट अकाउंट ओपन करने के लिए कोई भी शुल्क नहीं पड़ता है बाद में आपको 1 साल का मेंटेनेंस चार्ज देना पड़ता है जो नाममात्र का होता है.

डीमैट अकाउंट क्या है डीमैट अकाउंट कैसे खोलें


Qक्या डीमेट अकाउंट को ट्रांसफर किया जा सकता है
A नहीं डीमैट अकाउंट को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता

Q क्या एक से अधिक डीमेट अकाउंट ओपन किए जा सकते हैं
A हां आप एक से अधिक डिमैट अकाउंट ओपन कर सकते हैं

Q क्या मैं डीमैट अकाउंट ओपन कर सकता हूं
A जी हां भारत का वह कोई भी नागरिक जो 18 वर्ष से ऊपर वयस्क है Demat account ओपन कर सकता है

Qक्या डिमैट अकाउंट पर नॉमिनी की सुविधा रहती है

A जी हां डीमेट अकाउंट पर नॉमिनी की सुविधा उपलब्ध रहती है अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाने पर नॉमिनी को डिमैट अकाउंट में जमा शेयरों का मालिक घोषित कर दिया जाता है

Qक्या महिलाएं भी डिमैट अकाउंट ओपन कर सकती हैं
A जी हां महिला और पुरुष दोनों ही डीमेट अकाउंट ओपन कर सकते हैं बशर्ते वह वयस्कों हो


शेयर मार्केट स्टॉक एक्सचेंज ब्रोकर शेयर मार्केट संबंधित सारी प्रक्रिया सेबी की निगरानी में रहती है आपके ब्रोकर जिसके द्वारा डिमैट अकाउंट ओपन किया है ब्रोकर के द्वारा किसी भी धोखाधड़ी की शिकायत आप SEBI को कर सकते हैं

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