क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)
यह एक कोड से बनाई गई डिजिटल संपत्ति है. इसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड एक डिजिटल लेजर, कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस में स्टोर किए जाते हैं, जो लेनदेन के रिकॉर्ड को सुरक्षित करने के लिए मजबूत क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करते हैं. अतिरिक्त डिजिटल सिक्कों के निर्माण को कंट्रोल करने और सिक्का स्वामित्व के हस्तांतरण को सत्यापित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. पहली विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोक्यूरेंसी बिटक्वाइन वर्ष 2009 में बनाया गया था.
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क्रिप्टोकरेंसी बनाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, जानें क्या है इनमें अंतर और क्या है नफा-नुकसान
भारत में क्रिप्टो मालिकों की संख्या 10.07 करोड़ है जो दुनिया भर में सबसे अधिक है.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) डिसेंट्रलाइज्ड है और भारत में किसी भी नियामक प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित नहीं की गई है. च . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : December 02, 2021, 13:03 IST
Cryptocurrency News Today: भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर खूब घमासान मचा हुआ है. दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में क्रिप्टो का कारोबार होने के बाद इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. सरकार इसे असुरक्षित मानते हुए इसके नियमन को लेकर संसद में बिल लाने की तैयारी कर रही है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बढ़ते चलन को देखते हुए सरकार खुद अपनी डिजिटल करेंसी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लाने की कवायद में जुटी हुई है.
आखिर क्यों है क्रिप्टो पर इतना विवाद और क्या है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), इन मुद्दों पर विस्तार से बात कर रही हैं फाइनेंशियल एडवाइजर ममता गोदियाल. ममता गोदियाल (Mamta Godiyal) का बैंकिंग सेक्टर में लंबा अनुभव रहा है. अब वह निजी तौर पर पर्सनल फाइनेंस को लेकर लोगों को खासकर महिलाओं को जागरुक कर रही हैं. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उनसे लंबी चर्चा हुई. बातचीत में उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी और भारत सरकार की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के बारे में कई पहलुओं पर रोशनी डाली.
Cryptocurrency: जानें, भारत में लॉन्च बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क होने वाली Digital Currency और क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में क्या फर्क है?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक सेंट्रल बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) की चरणबद्ध शुरुआत के लिए कमर कस चुका है, जिसका लक्ष्य इस साल के अंत तक लॉन्च करना है। आपको बता दें कि डिजिटल करेंसी (Digital Currency) का इस्तेमाल इस समय बहुत बड़े स्तर पर फैल गया है। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के हालिया उदय के कारण दुनिया भर के तमाम वित्तीय संस्थान डिजिटल करेंसी पर विचार करने को मजबूर हो गए।
यही वजह है कि केंद्रीय बैंक ने बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क भी अपनी डिजिटल करेंसी लाने का प्लान बनाना शुरू कर दिया है। CBDC (central bank digital currency) का शुभारंभ भारत के लिए ऐतिहासिक होगा। आरबीआई जैसे केंद्रीय बैंक का ध्यान अनिवार्य रूप से पारंपरिक बैंक के रूप में कार्य करने के बजाय देश में बैंकिंग प्रणालियों का समर्थन करना है।
क्रिप्टो में आई 4 फीसदी की गिरावट
गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी में 4 से 6 बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली. BITCOIN 3.बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क 5 फीसदी की गिरावट पर ट्रेड कर रहा था और ETHEREUM भी 3.13 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. टेक कंपनियों ने वॉल स्ट्रीट पर शेयरों की गिरावट का नेतृत्व किया. वहीं सोना भी 1.5 फीसदी की गिराट पर था.बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क
सुबह 10 बजे के करीब Dow Jones Industrial Average 287 अंक या 1 फीसदी तक गिरकर 28,923 पर आ गई. वहीं नैस्डैक (Nasdaq) कंपोजिट 2.2% कम था. गुरुवार सुबह ट्रेडिंग की शुरुआत में बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क तीनों इंडेक्स नीचे थे, जिसमें एसएंडपी 500 2.4% और डॉव 549 अंक नीचे था. चार दशकों में सबसे खराब मुद्रास्फीति की चिंता और फेडरल रिजर्व के कठोर उपायों के बीच स्टॉक्स में इस उनके वैल्यू के एक चौथाई की गिरावट आ चुकी है.
फेड के इन उपायों ने न केवल कर्ज को अधिक महंगा और विकास दरों की धीमा किया है, बल्कि बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क ये स्टॉक, क्रिप्टोकरेंसी और लगभग हर दूसरे निवेश की कीमतों को भी गिराते है, क्योंकि उनका मतलब है कि बॉन्ड ब्याज में अधिक भुगतान कर रहे हैं, जो डॉलर को अन्य निवेश से दूर खींचता है.
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