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MCX Silver News Today : सिल्वर की ट्रेडिंग में क्या करें, खरीदें या बेचें : शोमेश कुमार की सलाह

इसे इस तरह समझ सकते हैं कि बुलियन में हर समय ट्रेंड नहीं होता है। अभी चांदी में है तो और सोने में पिछले कुछ समय से चल रहा है। इस विषय पर देखिये बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार के साथ निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा की बातचीत।

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IQ Option – Trading Platform

IQ Option प्लैटफॉर्म ग्राहकों को 500+ असेट्स को ट्रेड करने का अवसर प्रदान करता है: मुद्राओं, सूचकांकों, वस्तुओं और शेयरों सहित। कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? IQ Option के साथ, सोना के शेयरों और कई अन्य असेट्स को एक ही प्लैटफॉर्म पर ट्रेड किया जा सकता है।

करेंसी ट्रेड करें:
- करेंसी का व्यापक विकल्प;
- ऋणात्मक शेष संरक्षण;
- अपने पोजीशन को कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? ऑटो क्लोज करें;

स्टॉक्स ट्रेड करें:
- दुनिया की सबसे लोकप्रिय कंपनियां अब आपकी पहुंच तक;
- ऐप के अंदर कॉर्पोरेट समाचार और घोषणाएं;

कमोडिटी ट्रेड करें:
- असेट्स का व्यापक विकल्प;
- सोना, चांदी, तेल सब एक प्लैटफॉर्म पर;
- मुद्राओं और शेयरों के विकल्प के रूप में अच्छा है।

इन्डिसीज़ ट्रेड करें:
- लंबी अवधि के निवेश के लिए बेहतर;
- जोखिमों कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? का विविधीकरण;
- समग्र अर्थव्यवस्था के बारे में अपडेट।

Share Market: NIFTY 50, म्यूचुअल फंड, इक्विटी में करना है निवेश? जानें तरीके

Share Market: NIFTY 50, म्यूचुअल फंड, इक्विटी में करना है निवेश? जानें तरीके

शेयर मार्केट (Share Market) का नाम लेते ही सबके मन में एक ही सवाल आता है क्या पैसे डूब तो नहीं जाएंगे ? मार्केट में निफ्टी (Nifty) की बात करें तो 52 हफ्तो में ये उच्चतम 18887.60 तक गया वहीं 52 हफ्तो में निफ्टी का सबसे कम स्तर 15183.40 का था. वहीं 52 हफ्तों में सेंसेक्स (Sensex) 63583.07 के स्तर पर उच्चतम था और सबसे निचला स्तर 50921.22 पर रहा.

शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए होड़ लगी है. लेकिन मार्केट की जानकारी लिए बिना काफी लोग अपना नुकसान भी करा लेते हैं. तो चलिए समझते है कि क्या है शेयर मार्केट और इसमें कैसे इंवेस्ट करते हैं.

निफ्टी 50

निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) पर लिस्टेड 50 प्रमुख कंपनी के शेयरों का सूचकांक (Index) है. NIFTY दो शब्द से बना है पहला नेशनल और दूसरा फिफ्टी. निफ्टी का मतलब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है और Fifty उन कंपनियों के समूह के बारे में बताता है जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड टॉप पचास शेयर हैं. यहां आप अपनी मन पसंदीदा कंपनी जैसे अडानी पोर्ट्स, बजाज ऑटो, एयरटेल, एचडीएफसी, एसबीआई, टाटा मोर्टस और विप्रो के शेयर खरीद सकते हैं. जितना बाजार अच्छा प्रदर्शन करेगा उसका पोर्टफोलियो उतना ही हरा नजर कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? आएगा.

लिक्विड फंड एक प्रकार का डेट फंड (Debt Fund) होता है. ये आपके पैसों को डेट और मनी मार्केट में जैसे कमर्शियल पेपर, कॉल मनी, सरकारी सिक्यॉरिटी, ट्रेजरी बिल में निवेश करता है. इस फंड में 91 दिनों की मैच्योरिटी पीरियड होती है. अब कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? ये सवाल आता है कि लिक्विड फंड में निवेश कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? करने से क्या फायदा होगा? तो लिक्विड फंड में इंवेस्ट करने से आपको अधिक लिक्विडिटी मिलती है, एग्जिट करने पर कोई फीस नहीं लगती, कम जोखिम और कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? अधिक रिटर्न मिलता है.

ETF के फ़ायदे (Advantages of ETF)

ईटीएफ़ के फ़ायदे निम्नलिखित है.

  • ईटीएफ़ में अलग-अलग सेक्टर्स में निवेश किया जा सकता है, जैसे-बांड, कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? कमोडिटी, स्टॉक्स करेंसी etc.
  • ईटीएफ़ के डेवीडेंट पर आयकर नहीं देना होता है.
  • हर ईटीएफ़ पर कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? फंड मैनेजर मौजूद होते हैं इसलिए निवेशक को ख़रीद और बिक्री नहीं करनी पड़ती है.
  • ईटीएफ़ को ख़रीदना और बेचना बिल्कुल आसान होता है.

ETF vs Mutual Fund in Hindi

ईटीएफ़म्यूच्यूअल फंड
ईटीएफ़ में निवेश करने के लिए किसी भी फंड मैनेजर की ज़रूरत नहीं होती है.म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के लिए फंड मैनेजर की जरूरत होती है.
ईटीएफ़ में निवेशकों को पोर्टफ़ोलियो मैनेज करने के लिए कोई विशेष चार्ज नहीं देना होता है.म्यूच्यूअल फंड में निवेशकों को पोर्टफ़ोलियो को मैनेज करने के लिए चार्ज देना होता है.
ईटीएफ शेयरों की तरह ट्रेड करते हैं और स्टॉक एक्सचेंज में खरीदे और बेचे जाते हैं, पूरे दिन कीमतों में बदलाव का अनुभव करते हैं. इसका मतलब यह है कि जिस कीमत पर आप ईटीएफ खरीदते हैं, वह अन्य निवेशकों द्वारा भुगतान की गई कीमतों से अलग होने की संभावना है.म्युचुअल फंड ऑर्डर कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? प्रति दिन एक बार निष्पादित किए जाते हैं, उसी दिन सभी निवेशकों को समान प्राइस प्राप्त होता है.

देश में महंगाई की मार जारी, क्या केंद्र सरकार आगे भी जारी रखेगी वायदा कारोबार पर बैन!

The Chopal: देश की महंगाई दर भले ही 6% के नीचे तक आ गई हो, भले ही 7 कमोडिटी वायदा पर लगे 1 साल के बैन की वेलिडीटी आज पूरी हो गई हो , लेकिन सरकार आगे भी इसे जारी रखने का मन भी बना रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार सातों कमोडिटी वायदा पर बैन को 1 साल के लिए और अब बढ़ा सकती है।

क्या हैं इस बैन के पीछे के कारण और इससे कितना फायदा होगा। सूत्रों के अनुसार कमोडिटी वायदा पर लगा बैन जारी रह सकता है। अगले साल भी वायदा पर बैन अब जारी रह सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्द फैसले का ऐलान कर सकती है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के अनुसार सरकार महंगाई के कारण वायदा पर बैन आगे भी जारी रख सकती है।

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