अपने पोर्टफोलियो का 10-20% हिस्सा अंतर्राष्ट्रीय फंडों में करें निवेश
कोरोना की दूसरी लहर ने बाजार में डर का माहौल बना दिया है. ऐसे में निवेशकों की दिलचस्पी अंतर्राष्ट्रीय म्यूचुअल फंडों में बढ़ने के आसार हैं.
वैश्विक फंड कई देशों के बाजार में पहुंच रखने वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं, जहां पूंजी की लागत कम और वैल्यूएशन भारतीय कई कारोबारों में निवेश बाजार की तुलना में किफायती है.
रूंगटा सिक्योरिटीज के मुख्य वित्तीय प्लानर हर्षवर्धन रूंगटा ने कहा, "भारत के साथ कम संबंध, अपने बाजार में बेहतर अवसर, नए जमाने के कारोबार विदेश में निवेश की प्रमुख वजहे हैं." बीते एक साल में घरेलू म्यूचुअल फंडों की अंतर्राष्ट्रीय स्कीमों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है.
मार्च 2021 में ऐसी स्कीमों के फोलियो की संख्या 250 फीसदी बढ़कर 7 लाख तक पहुंच गई. अप्रैल 2020 में यह संख्या सिर्फ 2 लाख थी. इस दौरान इन स्कीमों का एसेट अंडर मैनेजमेंट 278 फीसदी बढ़कर 3,282 करोड़ रुपये से 12,408 करोड़ रुपये हो गया.
मिराय एसेट म्यूचुअल फंड के अनुसार, भारत और अमेरिका के बाजारों का आपसी संबंध 0.16 फीसदी, भारत और यूरोप का 0.36 फीसदी व भारत और चीन का 0.38 फीसदी है. कम आपसी संबंध के चलते फंड मैनेजर्स के लिए कई कारोबारों में निवेश पोर्टफोलियो जोखिम का प्रबंधन आसान हो जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय फंडों के जरिए निवेशक ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया, इलेक्ट्रिक वाहन, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे नए जमाने के कारोबारों में पैसा डाल सकते हैं. इनके जरिए वे अमेजन, फेसबुक, नेटफ्लिक्स, टेस्ला, गूगल, वॉलमार्ट और लुई वितॉ जैसी कंपनियों में निवेश कर पाते हैं.
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के सीईओ भावेश सांघवी ने कहा, "कई वैश्विक कंपनियों की अपने बाजार में मजबूत पकड़ है और अपनी श्रेणी में वे काफी आगे हैं. भारत में ऐसी कंपनियों की संख्या काफी कम है. इस तरह के निवेश के जरिए वे रुपये की अस्थिरता को भी कम पर पाते है."
सांघवी ने इंवेस्को ग्लोबल कंज्यूमर ट्रेंड्स और पीजीआईएम ग्लोबल इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड में निवेश की सलाह दी. रूंगटा ने निवेशकों को मोतीलाल ओसवाल नेस्डेक 100 और मोतीलाल ओसवाल एसएडंपी 500 इंडेक्स फंड के साथ-साथ पीजीआईएम इंडिया ग्लोबल इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड की बताया.
मायवेल्थग्रोथ के सह-संस्थापक हर्षद चेतनवाला ने कहा, "निवेशक वैश्विक फंडों में अपने पोर्टफोलियो का 10-20 फीसदी तक निवेश कर सकते हैं." उनका मानना है कि निवेशकों दो फंडो में पैसा डालना चाहिए, जो उन्हें एशियन इक्विटीज और विदेशी टेक्नोलॉजी में निवेश का मौका देते हैं.
एशिया पर फोकस करने वाले कुछ फंडों में एडलवाइज इमर्जिंग मार्केट इक्विटीज और फ्रैंकलिन एशियन इक्विटीज शामिल हैं. हालांकि, बीते एक साल की तेजी के बाद विश्लेषक निवेशकों को सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं.
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कारोबार पनपने चाहिए, लेकिन एकाधिकार नहीं होना चाहिए: कांग्रेस
नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस ने राजस्थान निवेश सम्मेलन में उद्योगपति गौतम अडाणी के शामिल होने को लेकर शुक्रवार को कहा कि वह कारोबारों के पनपने और निवेश के खिलाफ नहीं है, सिर्फ एकाधिकार एवं भारतीय जनता पार्टी सरकार की एकतरफा नीतियों का विरोध करती है। अडाणी शुक्रवार को राजस्थान निवेश सम्मेलन में शामिल हुए और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंच भी साझा किया। उन्होंने इस सम्मेलन में कहा कि अडाणी समूह राजस्थान में अगले 5-7 साल में नवीकरणीय ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में 65,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा। कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी अक्सर अडाणी का
अडाणी शुक्रवार को राजस्थान निवेश सम्मेलन में शामिल हुए और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंच भी साझा किया। उन्होंने इस सम्मेलन में कहा कि अडाणी समूह राजस्थान में अगले 5-7 साल में नवीकरणीय ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में 65,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा।
कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी अक्सर अडाणी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हैं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं और कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया।
अडाणी के राजस्थान निवेश सम्मेलन में शामिल होने से जुड़े सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘ कारोबार को पनपना चाहिए, लेकिन एकाधिकार नहीं होना चाहिए। कारोबार पनपेंगे तभी नौकरियां सृजित होंगी। मुझे अडाणी जी और अंबानी जी से कोई दिक्कत नहीं है। हमें सरकार की एकतरफा नीतियों से आपत्ति है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई व्यक्ति अमीर लोगों की सूची में 643वें स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा है, तो उसमें सरकार का अथाह सहयोग रहा है। यही सहयोग सरकार उन छह करोड़ लोगों से करे, जो अथाह गरीबी में रहने को मजबूर हैं।’’
सुप्रिया ने कहा कि कांग्रेस इस देश में निजी क्षेत्र के पनपने की वास्तुकार रही है, लेकिन उसने निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को आगे बढ़ाया तथा किसी तरह का एकाधिकार नहीं होने दिया।
उधर, भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर दावा किया, ‘‘गांधी परिवार के खिलाफ विद्रोह और आक्रोश का एक और संकेत मिला है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गौतम अडाणी को निवेश सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। उन्हें मुख्यमंत्री के बगल में बैठाया गया। यह बार-बार अंबानी-अडाणी करने वाले राहुल गांधी को स्पष्ट संदेश है कि अब रुक जाओ।’’
हरियाणा में बीते 12 महीनों में आया 28,000 करोड़ रुपये का निवेश: दुष्यंत चौटाला
चंडीगढ़, आठ मई (भाषा) हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रविवार को कहा कि राज्य में कारोबारों कई कारोबारों में निवेश को फलने-फूलन के लिए मुहैया कराए जा रहे अनुकूल वातावरण की वजह से बीते 12 महीने में 28,000 करोड़ रुपये का निवेश आया है। उद्योग एवं वाणिज्य, आबकारी एवं कराधान और नागर विमानन मंत्री चौटाला ने कहा कि गुरुग्राम में हेलीकॉप्टरों के लिए केंद्र बनाया जाएगा और यह देश में इस तरह का पहला केंद्र होगा। इसे करीब 25 एकड़ भूमि में द्वारका के निकट विकसित किया जाएगा। चौटाला ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस बारे में केंद्र को प्रस्ताव
उद्योग एवं वाणिज्य, आबकारी एवं कराधान और नागर विमानन मंत्री चौटाला ने कहा कि गुरुग्राम में हेलीकॉप्टरों के लिए केंद्र बनाया जाएगा और यह देश में इस तरह का पहला केंद्र होगा। इसे करीब 25 एकड़ भूमि में द्वारका के निकट विकसित किया जाएगा।
चौटाला ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस बारे में केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इस केंद्र के बनने से हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी जो व्यवसायों, मनोरंजक यात्राओं और तीर्थ यात्राओं के लिए फायदेमंद साबित होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी कंपनियां हरियाणा में निवेश कर रही हैं। बीते एक साल में राज्य में 28,000 करोड़ रुपये का निवेश आया है।’’
उन्होंने बताया कि मारुति सुजुकी सोनीपत जिले के खारखेड़ा में 900 एकड़ से अधिक जमीन पर नया संयंत्र बना रही है। गुरुग्राम में एटीएल कंपनी की बैटरी विनिर्माण इकाई बन रही है जो अगले कई कारोबारों में निवेश साल तक परिचालन शुरू कर देगी। हरियाणा सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को 140 एकड़ भूमि दी जो एशिया में अपना सबसे बड़ा केंद्र गुरुग्राम के पाटली हाजीपुर में बनाएगी।
चौटाला ने बताया कि ग्रैसिम भी पानीपत में 80 एकड़ भूमि में अपनी इकाई लगा रही है। इसके अलावा भी कई निवेश यहां आए हैं जिनसे हजारों रोजगार का सृजन होगा।
आम आदमी के पैसों को सेफ करने से जुड़ा बिल हुआ पास, जानिए इसके बारे में सब कुछ
पिछले दिनों कई सारे कंपनियों में घोटाले सामने आए हैं.
चिट फंड कई साल से छोटे कारोबारों और गरीब लोगों के लिए पैसा लगाने का बड़ा स्रोत रहा है. लेकिन पिछले कुछ समय से लगातार हो . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 21, 2019, 12:39 IST
नई दिल्ली. चिटफंड (chit fund bill in india) की आड़ में हो रही धोखाधड़ी रोकने के लिए चिटफंड (अमेंडमेंटेंट) बिल, 2019 लोकसभा से पास हो गया है. सरकार ने सोमवार को लोकसभा में चिटफंड (अमेंडमेंटेंट) बिल, 2019 (Chit Fund (Amendment) Bill, 2019) पेश किया था. अब यह बिल राज्य सभा में पेश किया जाएगा. आपको बता दें कि चिट फंड सालों से छोटे कारोबारियों और गरीब लोगों के लिए निवेश का स्रोत रहा है. लेकिन कुछ पक्षकारों ने इसमें अनियमितताओं को लेकर चिंता जताई थी, जिसके बाद सरकार ने एक परामर्श समूह बनाया. 1982 के मूल कानून को चिट फंड के विनियमन का उपबंध करने के लिए लाया गया था. संसदीय समिति की सिफारिश पर कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाया गया.
पिछले दिनों कई कंपनियों में घोटाले सामने आए हैं. ये कंपनियां चिटफंड की आड़ में कुछ गलत काम कर कई कारोबारों में निवेश रही थीं. लेकिन अब सरकार ने 1982 के चिटफंड बिल में बदलाव करने का फैसला लिया है. लोकसभा में इसी से जुड़ा बिल पेश किया गया है. बिल पारित होने के बाद चिटफंड कंपनियों का बेहतर रेगुलेशन हो सकेगा. उनमें बेहतर पारदर्शिता हो सकेगी और चिटफंड के नाम पर धोखाधड़ी करना मुश्किल हो सकेगा.
चिटफंड में निवेश की सीमा बढ़ी
चिटफंड संशोधन बिल में कई प्रावधान किए गए हैं. इसमें ये भी कहा गया है कि चिटफंड कंपनियां बेहतर तरीके से विकास कर सकें इसके लिए भी जरूरी प्रावधान हुआ है. चिटफंड में व्यक्तिगत और कंपनियों की निवेश की सीमा बढ़ाई गई है. चिटफंड में व्यक्तिगत निवेश की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है. वहीं कंपनियों के लिए यह सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 18 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है.
चिटफंड में कोई भी कंपनी जो भी फैसला लेगी उसमें कम से कम दो सब्सक्राइबर का होना जरूरी होगा. इसका दुरुपयोग न हो इसका भी इसमें प्रावधान किया गया है.
क्या है चिटफंड?
चिटफंड एक्ट-1982 के मुताबिक चिटफंड स्कीम का मतलब होता है कि कोई शख्स या लोगों का समूह एक साथ समझौता करे. चिटफंड एक्ट 1982 के सेक्शन 61 के तहत चिट रजिस्ट्रार की नियुक्ति सरकार के द्वारा की जाती है. चिटफंड के मामलों में कार्रवाई और न्याय निर्धारण का अधिकार रजिस्ट्रार और राज्य सरकार का ही होता है.
चिटफंड कंपनियां गैर-बैंकिंग कंपनियों की श्रेणी में आती हैं. ऐसी कंपनियों को किसी खास योजना के तहत खास अवधि के लिए रिजर्व बैंक और सेबी की ओर से आम लोगों से मियादी (फिक्स्ड डिपाजिट) और रोजाना जमा (डेली डिपाजिट) जैसी योजनाओं के लिए धन उगाहने की अनुमति मिली होती है. जिन योजनाओं को दिखाकर अनुमति ली जाती है, वह तो ठीक होती हैं. लेकिन इजाजत मिलने के बाद ऐसी कंपनियां अपनी मूल योजना से इतर विभिन्न लुभावनी योजनाएं बनाकर लोगों से धन उगाहना शुरू कर देती हैं.
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BPCL Investment : पेट्रोरसायन और गैस कारोबार में 1.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी बीपीसीएल
BPCL Investment : BPCL पेट्रोरसायन, गैस कारोबार में 1.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी. बीपीसीएल बीना और कोच्चि में अपनी तेल रिफाइनरियों में पेटकेम (पेट्रो-रसायन) परियोजनाएं भी स्थापित करेगी.
Updated: August 15, 2022 4:31 PM IST
BPCL Investment : सार्वजनिक क्षेत्र की भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) अगले पांच साल में पेट्रोरसायन, शहरी गैस और स्वच्छ ऊर्जा में 1.4 लाख करोड़ रुपये निवेश करेगी.
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बीपीसीएल के अध्यक्ष और कई कारोबारों में निवेश प्रबंध निदेशक अरुण कुमार सिंह ने कंपनी की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में कहा, “जोखिम को कम करते हुए उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए कंपनी अपनी रणनीतियों का फिर से मूल्यांकन कर रही है.”
दुनिया भर के देशों के स्वच्छ, कार्बन मुक्त ईंधन का विकल्प चुनने के साथ तेल कंपनियां भी हाइड्रोकार्बन संचालन के जोखिम से बचने के लिए अन्य व्यवसायों की तलाश कर रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहन और हाइड्रोजन पर जोर के साथ कंपनियां इस ओर आकर्षित हो रही हैं.
उन्होंने कहा, “कंपनी ने अतिरिक्त आय का स्त्रोत बनाने और तरल जीवाश्म-ईंधन व्यवसाय में किसी भी संभावित भविष्य में गिरावट के जोखिम से बचने के लिए अन्य वैकल्पिक कारोबारों में विविधता लाने और विस्तार करने की योजना बनाई है।”
देश में 83,685 पेट्रोल पंपों में से 20,217 बीपीसीएल के हैं। कंपनी न केवल पेट्रोल और डीजल की बिक्री कर रही है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के साथ-साथ हाइड्रोजन जैसे भविष्य के ईंधन भी उपलब्ध करा रही है.
सिंह ने कई कारोबारों में निवेश कहा, “कंपनी ने इन रणनीतिक क्षेत्रों में से प्रत्येक के तहत एक विस्तृत रूप-रेखा तैयार की है और अगले पांच साल में लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है।”
इस कड़ी में बीपीसीएल बीना और कोच्चि में अपनी तेल रिफाइनरियों में पेटकेम (पेट्रो-रसायन) परियोजनाएं भी स्थापित करेगी.
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