सेकंडरी बाजार ट्रेडिंग यांत्रिकी, आदेश के प्रकार, लघु बिक्री - Secondary Market Trading Mechanics, Order Types, Short Selling

सेकंडरी बाजार ट्रेडिंग यांत्रिकी, आदेश के प्रकार, लघु बिक्री - Secondary Market Trading Mechanics, Order Types, Short Selling

प्राइमरी बनाम सेकेंडरी मार्केट होता है। कोई कंपनी पहली बार लिस्ट होने के लिए पब्लिक इश्यू लाती है उसे प्राइमरी मार्केट कहते हैं। आईपीओ और पब्लिक इश्यू प्राइमरी मार्केट में लाए जाते हैं। लिस्ट होने के बाद शेयर सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड करते हैं। सेकेंडरी मार्केट में रोजाना शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। भारत में बीएसई - एनएसई सेकेंडरी मार्केट हैं।

सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग 2 तरह की होती है। ऑफलाइन ट्रेडिंग और ऑनलाइन ट्रेडिंगा शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए ट्रेडिंग, डीमैट और बैंक अकाउंट आपस में लिंक होना जरूरी होता है। ट्रेडिंग अकाउंट ब्रोकर के पास खुलता है।

ऑफलाइन ट्रेडिंग ट्रेडर्स खुद नहीं करते वह ट्रेडर्स ब्रोकर को फोन पर शेयर खरीदने को कहता है।

कई ट्रेडर्स डीलिंग रूम में बैठकर ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग करते हैं। सुबह साढ़े 9 बजे से शाम साढ़े 3 बजे तक ऑफलाइन ट्रेडिंग संभव है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग ब्रोकर की वेबसाइट के जरिए ट्रेडर्स खुद करते हैं। ऑनलाइन ट्रेडिंग में ट्रेडिंग, बैंक और डीमैट अकाउंट आपस में लिंक होना जरूरी है। ऑनलाइन अकाउंट भी ब्रोकर के यहां खोला जाता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में ब्रोकर से बात करना जरूरी नहीं होता। इन दिनों ऑनलाइन ट्रेडिंग मोबाइल के जरिए भी मुमकिन है। साथ ही कई ब्रोकर मोबाइल पर ट्रेडिंग एप भी मुहैया कराते हैं। मोबाइल के जरिए भी ब्रोकर की साइट से ट्रेडिंग की जा सकती है।

ऑनलाइन ट्रेडर्स भी जरूरत पड़ने पर फोन पर ब्रोकर के जरिए ऑफलाइन ट्रेड कर सकते हैं। लेकिन ज्यादातर ब्रोकर ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेडिंह दोनों सुविधाएं देते हैं।

कॉन्ट्रैक्ट नोट ट्रेडिंग खत्म होने के बाद ब्रोकर शाम तक ट्रेडर्स के पास भेजता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में ट्रेडिंग से जुड़ा सारा हिसाब किताब होता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में शेयर की कीमत संख्या और खरीद-बिक्री की पूरी जानकारी होती हैं। कॉन्ट्रैक्ट नोट ईमेल के जरिए ट्रेडर्स को भेजा जाता है। ट्रेडर्स अगर चाहे तो कूरियर के जरिए कॉन्ट्रैक्ट नोट की हार्ड कॉपी भी भेजी जाती है।

ऑफलाइन ट्रेड दो तरह से होता है। पहले वो जो फोन पर ब्रोकर को ऑर्डर देकर ट्रेड करते है।

और दूसरे वो जो ब्रोकर के ऑफिस में बैठकर ट्रेड करते है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में ब्रोकर फोन पर ट्रेडर्स को लगातार अपडेट करता है।

फोन पर ट्रेडिंग की सारी बातचीत रिकॉर्ड की जाती है। ट्रेडिंग को लेकर विवाद होने पर रिकॉर्डिंग सुनी जाती है। फोन पर ट्रेडिंग हमेशा रिकॉर्डेड लाइन पर ही होनी चाहिए। ट्रेडिंग कन्फर्म होने की जानकारी एक्सचेंज भी ट्रेडर्स को भेजते हैं। ऑफलाइन ट्रेड में कॉन्ट्रैक्ट नोट बेहद जरूरी है। कॉन्ट्रैक्ट नोट ट्रेडिंग का सबूत होता है। ऑफलाइन ट्रेडिंग की जरूरी बातें है। विवाद और कन्फ्युजन से बचने के लिए ट्रेडर्स और ब्रोकर में बातचीत साफ

और स्पष्ट होनी चाहिए। शेयर का नाम सही सही बताया जाना चाहिए। साथ ही शेयर की कीमत स्पष्ट तौर पर बताई जानी चाहिए।

खरीद या बिक्री में शेयरों की संख्या भी साफ और स्पष्ट होनी चाहिए। शेयर खरीदना है या बेचना - ये भी साफ और स्पष्ट तौर पर बताया जाना चाहिए। अगर ब्रोकर और ट्रेडर्स में विवाद होता है तो सेबी के पास जाना चाहिए।

ब्रोकर अपने ट्रेडर्स को ज्यादा शेयर खरीदने के लिए लीवरेज भी देते हैं। जितना ज्यादा लीवरेज उतना ज्यादा फायदा या नुकसान के आसार होते है। पॉजिशन उतनी ही लें जितना फंड हो। लीवरेज ब्रोकर और ट्रेडर्स के रिश्तों पर निर्भर करता है।

रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स वो डॉक्युमेंट है जो पब्लिक इश्यू लाने से पहले सेबी को देना होता है। ये डॉक्यमेंट कंपनी के प्रोमोटर्स की ओर से मर्चेंट बैंकर सेबी को सौंपता हैं।

रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स में कंपनी और उसके प्रोमोटरों के बारे में सारी जानकारी दी जाती है। रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स में कंपनी के फाइनेंस, टैक्स और उससे जुड़े विवाद समेत हर चीज का ब्योरा होता है। रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स मर्चेंट बैंकर और ऑडिटर सर्टिफाइ करते हैं। सेबी की मंजूरी के बाद रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स का नाम बदलकर प्रॉस्पेक्ट्स हो जाता हैं। रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स मंजूर होने के बाद कोई कंपनी अपना आईपीओ ला सकती है। निवेशक को आईपीओ में पैसा लगाने से पहले प्रॉस्पेक्ट्स जरूर पढ़ना चाहिए। प्रॉस्पेक्ट्स में कारोबार से जुड़े रिस्क फैक्टर दिए जाते हैं। निवेशकों को रिस्क फैक्टर पर जरूर गौर करना चाहिए। ईपीएस का मतलब प्रति शेयर आय से हैं। टैक्स घटाने के बाद प्रति शेयर जो मुनाफा होता है उसे ईपीएस कहा जाता है।

कंपनी के मुनाफे को उसके शेयरों की संख्या से डिवाइड करके ईपीएस यानि प्रति शेयर आय निकाली जाती हैं। ईपीएस से भी शेयर की कीमत तय होती हैं। पीई यानि प्राइस टू अर्निंग रेशियो भी ईपीएस के आधार पर ही निकाला जाता है।

डेट यानि कर्ज और इक्विटी के बैलेंस को डेट टू इक्विटी रेशियो कहा जाता हैं। ये कर्ज और निवेश की गई पूंजी के संबंध को भी दिखाता हैं। कम डेट इक्विटी रेशियो वाली कंपनी को अच्छा समझा जाता हैं। अलग अलग सेक्टरों की कंपनियों में डेट टू इक्विटी रेशियो अलग अलग होता हैं। आमतौर पर इंफ्रा और पावर सेक्टर में डेट-टू-इक्विटी रेशियो ज्यादा होता है। जबकि एफएमजीसी और फार्मा सेक्टर का डेट-टू-इक्विटी रेशियो कम होता हैं।

ज्यादा डेट-टू-इक्विटी रेशियो वाली कंपनियों के शेयरों पर ज्यादा रिटर्न नहीं आते। ज्यादा डेट-टू-इक्विटी वाली कंपनियों में लंबे नजरिए निवेश फायदेमंद होता हैं।

ट्रेडिंग आर्डर टाइप्स

टर्मिनलों आईएफसी बाजार की ट्रेडिंग निम्न आदेश प्रकार निष्पादित हैं: बाजार, लंबित, से लिंक, OCO और आदेश सक्रिय करा पीछे चल बंद करो मोड सर्वर आधारित है, यानी चल रही है यहां तक कि जब क्लाइंट का

सेकंडरी बाजार ट्रेडिंग यांत्रिकी, आदेश के प्रकार, लघु बिक्री - Secondary Market Trading Mechanics, Order Types, Short Selling

सेकंडरी बाजार ट्रेडिंग यांत्रिकी, आदेश के प्रकार, लघु बिक्री - Secondary Market Trading Mechanics, Order Types, Short Selling

प्राइमरी बनाम सेकेंडरी मार्केट होता है। कोई कंपनी पहली बार लिस्ट होने के लिए पब्लिक इश्यू लाती है उसे प्राइमरी मार्केट कहते हैं। आईपीओ और पब्लिक इश्यू प्राइमरी मार्केट में लाए जाते हैं। लिस्ट होने के बाद शेयर सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड करते हैं। सेकेंडरी मार्केट में रोजाना शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। भारत में बीएसई - एनएसई सेकेंडरी मार्केट हैं।

सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग 2 तरह की होती है। ऑफलाइन ट्रेडिंग और ऑनलाइन ट्रेडिंगा शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए ट्रेडिंग, डीमैट और बैंक अकाउंट आपस में लिंक होना जरूरी होता है। ट्रेडिंग अकाउंट ब्रोकर के पास खुलता है।

ऑफलाइन ट्रेडिंग ट्रेडर्स खुद नहीं करते वह ट्रेडर्स ब्रोकर को फोन पर शेयर खरीदने को कहता है।

कई ट्रेडर्स डीलिंग रूम में बैठकर ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग करते हैं। सुबह साढ़े 9 बजे से शाम साढ़े 3 बजे तक ऑफलाइन ट्रेडिंग ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइट ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइट संभव है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग ब्रोकर की वेबसाइट के जरिए ट्रेडर्स खुद करते हैं। ऑनलाइन ट्रेडिंग में ट्रेडिंग, बैंक और डीमैट अकाउंट आपस में लिंक होना जरूरी है। ऑनलाइन अकाउंट भी ब्रोकर के यहां खोला जाता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में ब्रोकर से बात करना जरूरी नहीं होता। इन दिनों ऑनलाइन ट्रेडिंग मोबाइल के जरिए भी मुमकिन है। साथ ही कई ब्रोकर मोबाइल पर ट्रेडिंग एप भी मुहैया कराते हैं। मोबाइल के जरिए भी ब्रोकर की साइट से ट्रेडिंग की जा सकती है।

ऑनलाइन ट्रेडर्स भी जरूरत पड़ने पर फोन पर ब्रोकर के जरिए ऑफलाइन ट्रेड कर सकते हैं। लेकिन ज्यादातर ब्रोकर ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेडिंह दोनों सुविधाएं देते हैं।

कॉन्ट्रैक्ट नोट ट्रेडिंग खत्म होने के बाद ब्रोकर शाम तक ट्रेडर्स के पास भेजता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में ट्रेडिंग से जुड़ा सारा हिसाब किताब होता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में शेयर की कीमत संख्या और खरीद-बिक्री की पूरी जानकारी होती हैं। कॉन्ट्रैक्ट नोट ईमेल के जरिए ट्रेडर्स को भेजा जाता है। ट्रेडर्स अगर चाहे तो कूरियर के जरिए कॉन्ट्रैक्ट नोट की हार्ड कॉपी भी भेजी जाती है।

ऑफलाइन ट्रेड दो तरह से होता है। पहले वो जो फोन पर ब्रोकर को ऑर्डर देकर ट्रेड करते है।

और दूसरे वो जो ब्रोकर के ऑफिस में बैठकर ट्रेड करते है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में ब्रोकर फोन पर ट्रेडर्स को लगातार अपडेट करता है।

फोन पर ट्रेडिंग की सारी बातचीत रिकॉर्ड की जाती है। ट्रेडिंग को लेकर विवाद होने पर रिकॉर्डिंग सुनी जाती है। फोन पर ट्रेडिंग हमेशा रिकॉर्डेड लाइन पर ही होनी चाहिए। ट्रेडिंग कन्फर्म होने की जानकारी एक्सचेंज भी ट्रेडर्स को भेजते हैं। ऑफलाइन ट्रेड में कॉन्ट्रैक्ट नोट बेहद जरूरी है। कॉन्ट्रैक्ट नोट ट्रेडिंग का सबूत होता है। ऑफलाइन ट्रेडिंग की जरूरी बातें है। विवाद और कन्फ्युजन से बचने के लिए ट्रेडर्स और ब्रोकर में बातचीत साफ

और स्पष्ट होनी चाहिए। शेयर का नाम सही सही बताया जाना चाहिए। साथ ही शेयर की कीमत स्पष्ट तौर पर बताई जानी चाहिए।

खरीद या बिक्री में शेयरों की संख्या भी साफ और स्पष्ट होनी चाहिए। शेयर खरीदना है या बेचना - ये भी साफ और स्पष्ट तौर पर बताया जाना चाहिए। अगर ब्रोकर और ट्रेडर्स में विवाद होता है तो सेबी के पास जाना चाहिए।

ब्रोकर अपने ट्रेडर्स को ज्यादा शेयर खरीदने के लिए लीवरेज भी देते हैं। जितना ज्यादा लीवरेज उतना ज्यादा फायदा या नुकसान के आसार होते है। पॉजिशन उतनी ही लें जितना फंड हो। लीवरेज ब्रोकर और ट्रेडर्स के रिश्तों पर निर्भर करता है।

रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स वो डॉक्युमेंट है जो पब्लिक इश्यू लाने से पहले सेबी को देना होता है। ये डॉक्यमेंट कंपनी के प्रोमोटर्स की ओर से मर्चेंट बैंकर सेबी को सौंपता हैं।

रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स में कंपनी और उसके प्रोमोटरों के बारे में सारी जानकारी दी जाती है। रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स में कंपनी के फाइनेंस, टैक्स और उससे जुड़े विवाद समेत हर चीज का ब्योरा होता है। रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स मर्चेंट बैंकर और ऑडिटर सर्टिफाइ करते हैं। सेबी की मंजूरी के बाद रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स का नाम बदलकर प्रॉस्पेक्ट्स हो जाता हैं। रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स मंजूर होने के बाद कोई कंपनी अपना आईपीओ ला सकती है। निवेशक को आईपीओ में पैसा लगाने से पहले प्रॉस्पेक्ट्स जरूर पढ़ना चाहिए। प्रॉस्पेक्ट्स में कारोबार से जुड़े रिस्क फैक्टर दिए जाते हैं। निवेशकों को रिस्क फैक्टर पर जरूर गौर करना चाहिए। ईपीएस का मतलब प्रति शेयर आय से हैं। टैक्स घटाने के बाद प्रति शेयर जो मुनाफा होता है उसे ईपीएस कहा जाता है।

कंपनी के मुनाफे को उसके शेयरों की संख्या से डिवाइड करके ईपीएस यानि प्रति शेयर आय निकाली जाती हैं। ईपीएस से भी शेयर की कीमत तय होती हैं। पीई यानि प्राइस टू अर्निंग रेशियो भी ईपीएस के आधार पर ही निकाला जाता है।

डेट यानि कर्ज और इक्विटी के बैलेंस को डेट टू इक्विटी रेशियो कहा जाता हैं। ये कर्ज और निवेश की गई पूंजी के संबंध को भी दिखाता हैं। कम डेट इक्विटी रेशियो वाली कंपनी को अच्छा समझा जाता हैं। अलग अलग सेक्टरों की कंपनियों में डेट टू इक्विटी रेशियो अलग अलग होता हैं। आमतौर पर इंफ्रा और पावर सेक्टर में डेट-टू-इक्विटी रेशियो ज्यादा होता है। जबकि एफएमजीसी और फार्मा सेक्टर का डेट-टू-इक्विटी रेशियो कम होता हैं।

ज्यादा डेट-टू-इक्विटी रेशियो वाली कंपनियों के शेयरों पर ज्यादा रिटर्न नहीं आते। ज्यादा डेट-टू-इक्विटी वाली कंपनियों में लंबे नजरिए निवेश फायदेमंद होता हैं।

ट्रेडिंग आर्डर टाइप्स

टर्मिनलों आईएफसी बाजार की ट्रेडिंग निम्न आदेश प्रकार निष्पादित हैं: बाजार, लंबित, से लिंक, OCO और आदेश सक्रिय करा पीछे चल बंद करो मोड सर्वर आधारित है, यानी चल रही है यहां तक कि जब क्लाइंट का

ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइट

यह साइट कुकीज़ का उपयोग करती है।

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कंपनी की जानकारी: यह वेबसाइट (xpromarkets.com) को एक दक्षिण अफ्रीकी निवेश फर्म UKUCHUMA FINANCIAL SERVICES (PTY) LTD द्वारा संचालित किया जाता है, जो एफएसपी लाइसेंस संख्या 32535 के साथ दक्षिण अफ्रीका के वित्तीय क्षेत्र आचरण प्राधिकरण (एफएससीए) द्वारा अधिकृत और विनियमित है। UKUCHUMA FINANCIAL SERVICES (PTY) LTD की पंजीकरण संख्या 2020 / 735868 / 07 और इसका पंजीकृत पता ऑफिस 1-14 फर्स्ट फ्लोर वर्कशॉप 17, 138 वेस्ट स्ट्रीट, सैनडाउन, सैंडटन गौतेंग, 2196 दक्षिण अफ्रीका है।

UKUCHUMA FINANCIAL SERVICES (PTY) LTD और IGM Forex Ltd कंपनियों के एक ही समूह से संबंधित हैं। IGM Forex Ltd, 1 एगियस ज़ोनिस, नंबर 504, ब्लॉक बी, 5वीं मंजिल, निकोलौ पेंटाड्रोमोस सेंटर बिल्डिंग, 3026 लिमासोल में व्यावसायिक पते के साथ, साइप्रस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन द्वारा सीआईएफ लाइसेंस संख्या के साथ: 309/16 के रूप में विनियमित है।

जोखिम चेतावनी: अंतर के लिए अनुबंध (‘सीएफडी’) एक जटिल वित्तीय उत्पाद है, विचार योग्य चरित्र के साथ, जिसकी ट्रेडिंग में पूंजी के नुकसान के महत्वपूर्ण जोखिम शामिल होते हैं। ट्रेडिंग सीएफडी, जो एक सीमांत उत्पाद हैं, के परिणामस्वरूप आपकी संपूर्ण शेष राशि का नुकसान हो सकता है। याद रखें कि सीएफडी में लीवरेज आपके लाभ और हानि दोनों के लिए काम कर सकता है। सीएफडी ट्रेडरों के पास अंतर्निहित संपत्ति का स्वामित्व या कोई अधिकार नहीं है। ट्रेडिंग सीएफडी सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं है। पिछला प्रदर्शन भविष्य के परिणामों का एक विश्वसनीय संकेतक नहीं है। भविष्य के पूर्वानुमान भविष्य के प्रदर्शन का एक विश्वसनीय संकेतक नहीं होते हैं। ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले, आपको अपने निवेश उद्देश्यों, अनुभव के स्तर और जोखिम सहनशीलता पर ध्यान से विचार करना चाहिए। आप उतनी ही राशि जमा करें जितनी आप खोने के लिए तैयार हैं। कृपया सुनिश्चित करें कि आप परिकल्पित उत्पाद से जुड़े जोखिम को पूरी तरह से समझते हैं और यदि आवश्यक हो तो स्वतंत्र सलाह लें।

क्षेत्रीय प्रतिबंध: UKUCHUMA FINANCIAL SERVICES (PTY) LTD संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल और कुछ यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों के भीतर सेवाएं प्रदान नहीं करता है। कंपनी अपने विवेक पर अन्य क्षेत्रों, जैसे एफएटीएफ उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकारों या प्रतिबंधों के अधीन देशों से पंजीकरण को अस्वीकार करने का अधिकार सुरक्षित रखती है।

राष्ट्रीयता प्रतिबंध: UKUCHUMA FINANCIAL SERVICES (PTY) LTD तुर्की के निवासियों को सेवाएं प्रदान नहीं करती है।

विपणन संचार: UKUCHUMA FINANCIAL SERVICES (PTY) LTD किसी भी वित्तीय उत्पाद को प्राप्त करने, धारण करने या निपटाने के संबंध में सलाह, सिफारिशें या राय जारी नहीं करता है। UKUCHUMA FINANCIAL SERVICES (PTY) LTD एक वित्तीय सलाहकार नहीं है।

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अपनी ट्रेडिंग का स्तर बढ़ाएं

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दस आसान ट्रेडिंग तकनीकें

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क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार:
2030 तक क्या होगा?

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सच मानते हैं लेकिन नहीं हैं

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कैसे पढ़ें और उनके अनुसार कैसे ट्रेड करें

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इतना ही नहीं। क्या आप घर पर, छुट्टी के दौरान या यात्रा करते समय स्टॉक या क्रिप्टो ट्रेड करना पसंद करते हैं? ट्रेडिंग के लिए हमारा ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल ऐप किसी भी डिवाइस पर आसानी से काम करते हैं, यहां तक कि पुराने डिवाइस पर भी! हमने यह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कवर किया है कि आपका ट्रेडिंग अनुभव आपकी सभी अपेक्षाओं से परे हो।

महाराष्ट्र: ठाणे में ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप पर व्यक्ति से 12.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी

शहर की पुलिस का साइबर प्रकोष्ठ डायवर्ट होने से पहले 5.24 लाख रुपये की राशि प्राप्त करने में सफल रहा. पुलिस बाकी राशि हासिल करने के लिए जांच कर रही है.

महाराष्ट्र: ठाणे में ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप पर व्यक्ति से 12.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी

शिकायत के अनुसार पीड़ित कई ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइट पर जाता था. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

महाराष्ट्र के ठाणे के 23 वर्षीय व्यक्ति से ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप पर कथित तौर पर 12.5 लाख रुपये से अधिक राशि की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना उस समय प्रकाश में आयी जब दावले नगर के निवासी ने वर्तक नगर पुलिस थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई. अधिकारी ने बताया कि शिकायत के अनुसार पीड़ित कई ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइट पर जाता था. व्यक्ति कई ऐसी स्कीम से प्रभावित हो गया, जो निवेश पर अधिक राशि वापसी का दावा करते थे.

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उन्होंने बताया कि पीड़ित ने विभिन्न ट्रेडिंग ऐप के जरिए 12.53 लाख रुपये का निवेश किया लेकिन बाद में उसे महसूस हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई. उसके खाते से राशि तो कट गई लेकिन उन्हें निवेश का संदेश नहीं मिला. शहर की पुलिस का साइबर प्रकोष्ठ डायवर्ट होने से पहले 5.24 लाख रुपये की राशि प्राप्त करने में सफल रहा. पुलिस बाकी राशि हासिल करने के लिए जांच कर रही है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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