Gold Silver Prices Today: सोने-चांदी की बढ़ी चमक, डिमांड बढ़ने के चलते सर्राफा बाजार में सोने-चांदी के दामों में आई तेजी
Gold Silver Price In Delhi: सोने के दामों में 255 रुपये की तेजी देखी शु्क्रवार को देखने को मिली और ये 51,783 रुपये प्रति 10 ग्राम पर जाकर बंद हुआ है.
By: ABP Live | Updated at : 29 Jul 2022 06:25 PM (IST)
Gold Silver Price: मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच सोने और चांदी में चमक लौट आई है. सोने और चांदी के दामों में शुक्रवार को तेजी देखी गई. सर्राफा बाजार में सोना के दामों में 255 रुपये की तेजी देखी गई और ये 51,783 रुपये प्रति 10 ग्राम पर जाकर बंद हुआ है. वहीं भारी मांग के चलते चांदी की कीमतों में भी तेजी देखने को मिली है.
सोने - चांदी के दामों में उछाल
सोने के दामों में 255 रुपये की तेजी देखी शु्क्रवार को देखने को मिली और ये 51,783 रुपये तेजी से बढ़ते बाजार प्रति 10 ग्राम पर जाकर बंद हुआ है. इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,528 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. चांदी तेजी से बढ़ते बाजार के दामों में भी बड़ी उछाल देखने को मिली है. चांदी के दाम 1,610 रुपये चढ़कर 58,387 रुपये प्रति किलोग्राम पर जा पहुंचा है. पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 56,777 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ था. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 1,762 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया तो चांदी 20.10 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर बनी रही.
सोने में निवेश सुरक्षित
सोने और चांदी के दामों तेजी से बढ़ते बाजार में बदलाव पर एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी एक्सपर्ट तपन पटेल ने कहा, अमेरिका की आर्थिक विकास दर में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई है जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था तकनीकी रूप से मंदी में आ गयी है. इसकी वजह से निवेशक अपनी सुरक्षित जगहों पर निवेश को तवज्जो दे रहे हैं. निवेशकों की तरफ से सोने को सुरक्षित निवेश के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. यही वजह है कि मांग बढ़ने के चलते सोने के दामों में तेजी आई है.
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Published at : 29 Jul 2022 06:25 PM (IST) Tags: Gold silver Price Gold Silver Price in Delhi Gold Prices Today Silver Prices Today Gold Silver Prices Today US Economy In Recession हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
शेयर बाजार में तेजी से बढ़ रहे निवेशक, सिर्फ 3 माह में खोले गए 48 लाख डिमैट अकाउंट
देश में जैसे-जैसे वित्तीय साक्षरता दर बढ़ रही है वैसे-वैसे शेयर बाजार के प्रति लोगों का रुझान भी बढ़ रहा है। एशिया की पहली और एकमात्र सूचीबद्ध डिपॉजिटरी सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज इंडिया ने वित्तीय वर्ष 2022-23 की सितंबर तिमाही के आंकड़े जारी किए हैं। इस आंकड़े के अनुसार इस वर्ष जुलाई, अगस्त और तेजी से बढ़ते बाजार सितंबर महीने में देश में 48 लाख डिमैट अकाउंट खोले गए हैं। यह आंकड़े उस दौर में जारी किए गए हैं जब देश सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना को झेलने का पाद पटरी पर लौट रहा है।
1 महीने में खोले गए 7 करोड़ अकाउंट्स
जारी किए गए आंकड़ों से साफ पता चलता है कि देश में लोग तेजी से शेयर मार्केट में भाग ले रहे हैं। CDSL ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्ज करते हुए अगस्त 2022 के महीने में 7 करोड़ डिमैट अकाउंट्स को रजिस्टर किया है। भारी संख्या में शेयर बाजार की ओर बढ़ते रुझान की वजह से इस डिपॉजिटरी बॉडी को बड़ा मुनाफा हुआ है। पिछले हफ्ते सेंट्रल डिपॉजिटरी ने 30 सितंबर 2022 को खत्म हुई छमाही के अपने फाइनेंशियल रिजल्ट्स की अनाउंसमेंट की थी इस दौरान CDSL को टोटल इनकम साल दर साल आधार पर 7% बढ़कर ₹370 हो गई जबकि नेट प्रॉफिट 8% घटकर 138 तेजी से बढ़ते बाजार करोड़ रुपए रहा।
क्या करती है CDSL ?
CDSL हमारे देश की ही नहीं बल्कि पूरे एशिया की सबसे पहली और पुरानी डिपॉजिटरी बॉडी है। CDSL इन्वेस्टर्स तेजी से बढ़ते बाजार के शेयर, बॉन्ड, डिवेंचर और सिक्योरिटी को कागज के बजाए इलेक्ट्रॉनिक रूप से सुरक्षित रखती है। क्या डिपॉजिटरी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के लिए काम करती है साथ ही यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी भी डिपॉजिटरी है। CDSL को शेयरों का बैंक भी कहा जाता है।
हर साल बढ़ रहे हैं आंकड़े
वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान 3 लाख 59 हजार डिमैट अकाउंट खोले गए थे जो कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के मुकाबले 39 फीसद अधिक था। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2019-20 में 4 लाख 9 हजार डिमैट अकाउंट खोले गए जो पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी की वृद्धि दर्शाती है। वहीं अगर साल 2020-21 और 2021-22 (अक्टूबर) तक के आंकड़ों को देखें तो क्रमशः 5 लाख 51 हजार और 7 लाख 38 हजार है।
खुदरा निवेशक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी बॉडी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि भारतीय खुदरा निवेशकों ने अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है विशेष रूप से पिछले 2 वर्षों के दौरान उनका योगदान अभूतपूर्व है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया था कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में जहां 4 लाख डिमैट अकाउंट हर साल खोले जा रहे थे वहीं वित्तीय वर्ष 2020-21 में 12 लाख खाते हुए हर महीने खोले गए।
डिमैट अकाउंट खुलवाना है आसान
डिमैट अकाउंट देश में बहुत सरल तरीके से खोले जा रहे हैं। मूल रूप से दो डिपॉजिटरी बॉडी है NSDL और CDSL यहां आप अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं। डिमैट अकाउंट खोलने के बाद आप किसी ब्रोकरेज हाउस के पास अपना ट्रेडिंग अकाउंट खोल पाएंगे। हालांकि लोगों को अकाउंट खोलने में दिक्कत न हो इस वजह से ब्रोकरेज हाउस ही डिमैट अकाउंट खोलने में लोगों की मदद कर रहा है। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन, एक बैंक अकाउंट, आईडेंटिटी कार्ड और एक एड्रेस प्रूफ का डॉक्यूमेंट का होना जरूरी है।
शेयर मार्केट में तेजी से भाग ले रहे हैं लोग
परंपरागत पैसे कमाने के तरीकों से अलग शेयर मार्केट के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ता जा रहा है। शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या बढ़ने तेजी से बढ़ते बाजार की एक और वजह यह भी है कि देश में वित्तीय साक्षरता बढ़ रही है और इस वजह से लोग शेयर बाजार को भी एक कैरियर के रूप में देख रहे हैं। आज के नौजवानों के पास शेयर बाजार से करोड़ों रुपए कमाने का बेहतरीन रास्ता उपलब्ध है।
Game Industry में भारत को मिली सबसे बड़ी उपलब्धि, इस रिपोर्ट में सामने आई जानकारी
भारत दुनिया के कई देशों को पीछे छोड़कर गेमिंग इंडस्ट्री में दुसरा सबसे बड़ा गेमर्स बेस वाला देश बन गया है। इस उपलब्धि के बारे में एक रिपोर्ट के हवाले से जानकारी है। उसमें और भी बहुत सी बातें बताई गई है।
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 27, 2022 16:45 IST
Photo:INDIA TV Game Industry में भारत को मिली सबसे बड़ी उपलब्धि
Game Industry: भारत आए दिन नया इतिहास बनाता दिख रहा है। अब देश को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि भारत में अब 396.4 मिलियन गेमर्स के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेमर्स बेस है।
अकेले 50 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी
मार्केट रिसर्च फर्म निको पार्टनर्स द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत अब टॉप-10 एशियाई देशों की सूची में सभी गेमर्स का 50.2 प्रतिशत है। 'द एशिया-10 गेम्स मार्केट' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि कमाई के लिहाज से देखा जाए तेजी से बढ़ते बाजार तो 21 फीसदी की दर से लगातार 5 साल की विकास दर के साथ भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार भी है।
2026 में 41.4 बिलियन डॉलर की बिजनेस की उम्मीद
निको पार्टनर्स का अनुमान है कि एशिया-10 पीसी और मोबाइल गेम बाजार 2022 में 35.9 बिलियन डॉलर का बिजनेस करेगा, जो 2026 में 41.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। गेमर्स रेवेन्यू की तुलना में बहुत तेज दर से बढ़ रहे हैं। निको पार्टनर्स का अनुमान है कि एशिया-10 पीसी और मोबाइल गेमर्स की कुल संख्या 2022 में 788.7 मिलियन होगी, जो 2026 में 1.06 बिलियन तक पहुंच जाएगी।"
ये तीन देश तेजी कर रहे विकास
भारत, थाईलैंड और फिलीपींस खेल राजस्व और गेमर्स की संख्या के लिए सबसे तेजी से बढ़ते बाजार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया-10 क्षेत्र में जापान और कोरिया सबसे परिपक्व बाजार हैं, जिनका राजस्व में 77 प्रतिशत से अधिक का योगदान है।
इस इंडस्ट्री का भविष्य शानदार
भारत में मोबाइल गेमिंग का आकार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। चार में से तीन ब्रांडों ने पिछले साल मोबाइल गेमिंग विज्ञापन में अपने निवेश में काफी वृद्धि की है। सितंबर महीने में जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई तेजी से बढ़ते बाजार जानकारी के मुताबिक, 75 प्रतिशत ब्रांड एक साल से अधिक समय से मोबाइल गेम ऐप पर विज्ञापन दे रहे हैं, जिसके कारण महामारी के बाद से गेमिंग विज्ञापन खर्च में दो गुना वृद्धि हुई है। इनमोबी के 'मोबाइल गेम एडवरटाइजिंग 2022' की रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल गेमिंग विज्ञापन में विज्ञापन खर्च (ऑन-ईयर) में 2 गुना की बढ़ोतरी देखी गई, क्योंकि मोबाइल गेमिंग पर विज्ञापन करने वाले 97 प्रतिशत मार्केटर्स ने कहा कि वे परिणामों से संतुष्ट हैं।
आने वाले समय में व्यापक बनी रहेगी बाजार की तेजी
अगले कुछ हफ्तों में होने वालीअमेरिकी फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक की बैठक से पहले बाजार एकतरफा बढ़ रहा है। बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य निवेश अधिकारी संपत रेड्डी ने पुनीत वाधवा को दिए साक्षात्कार में कहा, हमें लगता है कि बढ़ते बाजार में मुनाफावसूली की स्वाभाविक प्रक्रिया देखने को मिलेगी, लेकिन बहुत बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है जब तक कि फेडरल रिजर्व और आक्रामक कदम न उठा ले। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश.
साल 2021 की बाकी अवधि के लिए बाजार को लेकर आपका क्या नजरिया है?
वैश्विक स्तर पर अतिरिक्त नकदी और उदार ब्याज दरों को देखते हुए बाजार को लेकर हम आशावादी हैं। महामारी से पहले अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बकाया बैलेंस शीट का आकार दिसंबर 2019 में 4.2 लाख करोड़ डॉलर का था, जो दोगुना होकर 8.3 लाख करोड़ डॉलर हो गया है। इसी तरह महामारी से पहले यूरोपियन सेंट्रल बैंक की बैलेंस शीट का आकार 4.7 लाख करोड़ यूरो का था, जो अब 8.2 लाख करोड़ यूरो हो गया है। यह नकदी उच्च जोखिम वाले परिसंपत्ति वर्गों (भारत जैसी उभरती इक्विटी समेत) को सहारा दे रही है। हमें लगता है कि चढ़ते बाजार में मुनाफावसूली की स्वाभाविक प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन बहुत ज्यादा गिरावट की आशंका नहीं है जब तक कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व और आक्रामक न हो जाए।
क्या बाजार अगले कुछ महीनों में और ध्रुवीकृत हो जाएगा?
हम बाजार की तेजी का स्तर और व्यापक होते हुए देख रहे हैं और लार्जकैप की ओर भी रुझान दिख रहा है, जो पहले नहीं था। एक साल में निफ्टी मिडकैप इंडेक्स के मुकाबले निफ्टी का कमजोर प्रदर्शन करीब 25 फीसदी रहा है, वहीं पिछले तीन महीने में यह करीब 2 फीसदी रहा, जो संकेत देताहैकि हालिया तेजी में लार्जकैप की भागीदारी हुई है। हमें उम्मीद है कि यह जारी रहेगा और जो सेक्टर छूट गए थे वे भी भागीदारी करेंगे। इसकी वजह यह है कि कोविड से जुड़ी अनिश्चितता का बड़ा हिस्सा अब पीछे छूट गया है और निवेशकों का आत्मïिवश्वास बढ़ रहा है।
आपकी राय में यहां से कौन से क्षेत्र तेजी की अगुआई करेंगे?
हाल में बैंंकिंग क्षेत्र का प्रदर्शन कमजोर रहा है और 6 महीने का रिटर्न करीब 2 फीसदी रहा जबकि निफ्टी-500 इंडेक्स का करीब 17 फीसदी। इसकी मुख्य वजह पहली तिमाही में अनुमान से ज्यादा गैर-निष्पादित आस्तियां हैं। हमें उम्मीद है कि यह क्षेत्र अपना योगदान देना शुरू करेगा क्योंकि हमें लगता है कि एनपीए का दबाव घटेगा।
क्या आप अपने पोर्टफोलियो के तेजी से बढ़ते बाजार किसी एक क्षेत्र की हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं?
हम पूरी तरह से निवेशित बने हुए हैं और बेहतर मौके पर निवेश के लिए हमारे पास नकदी का स्तर करीब 5 फीसदी पर सीमित है। हम व्यापक बाजार के संकेतों मसलन आय की रफ्तार, मूल्यांकन व नकदी के मानकों पर नजर रखे हुए हैं और हमारा इरादा पोर्टफोलियो के प्रबंधन को लेकर फुर्तीला बने रहने का है। अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ बाजार में तेजी का आधार व्यापक बना रहेगा। हालांकि हम आईटी व मेटल जैसे क्षेत्रों पर ओवरवेट बने हुए हैं।
वाहन क्षेत्र के शेयरों पर आपका तेजी से बढ़ते बाजार क्या रुख है?
विभिन्न विशेषज्ञों से बातचीत के आधार पर हमारा मानना है कि यह स्थिति छह महीने बनी रहेगी, जिसके बाद बेहतर स्पष्टता सामने आएगी। खास तौर से दोपहिया वाहन निर्माताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों से प्रतिस्पर्धात्मक चुनौतियों का सामना करना होगा। इसकेचलते हम इस क्षेत्र को लेकर सतर्क हैं और मूल उपकरण विनिर्माताओं के मुकाबले वाहन कलपुर्जा कंपनियों को तरजीह दे रहे हैं।
धनतेरस पर महंगाई रहा बेअसर, जमकर हुई धनवर्षा
जगरण संवाददाता, चतरा : धनतेरस पर महंगाई फीकी पड़ गई। तेजी से बढ़ते बाजार भाव के बाद भी लोगों ने धनतेरस पर्व पर दिल खोलकर खरीदारी किया है। मंगलवार को सुबह से लेकर देर रात तक धन की वर्षा होते रही। छोटे-बड़े वाहनों के साथ-साथ सोना चांदी, इलेक्ट्रानिक्स और बर्तन की दुकानें देर रात तक गुलजार रही। दुकानों व प्रतिष्ठानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ी रही। एक अनुमान के तहत शहर में पचास करोड़ रुपयों से अधिक का व्यवसाय हुआ है। ट्रैक्टर, चार पहिया एवं दोपहिया वाहनों की खूब बिक्री हुई। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है ट्रैक्टर एवं मोटरसाइकिल की अग्रिम बुकिग करने वालों को ही वाहन उपलब्ध हो सका। गत वर्षों की तरह इस बार शाम ढलने के बाद बाजार में भीड़ उमड़ी। सुबह से लेकर दोपहर तक बाजार सामान्य दिनों की तरह था। सिर्फ भीड़ अधिक थी। दुकानों पर खरीदार कम नजर आ रहे थे। लोग ऐसा मान रहे थे कि कोरोना के कारण धनतेरस बाजार फीका रहेगा। लेकिन शाम ढलते ही खरीदारों की भीड़ उमड़ने लगी। जानकारों का कहना है कि धनतेरस को लेकर ट्रैक्टर एवं मोटरसाइकिल की बिक्री इस वर्ष रिकार्ड रहा है। एक अनुमान के तहत विभिन्न कंपनियों की करीब तीन सौ दो पहिया वाहन सिर्फ तेजी से बढ़ते बाजार चतरा शहर में बिका है। हंटरगंज, टंडवा, गिद्धौर, इटखोरी एवं दूसरे शो रूम की बात दीगर है। बहुत ऐसे भी ग्राहक हैं, जो दूसरे शहरों से भी बुलेट व अन्य दो पहिया खरीदें हैं। सोना-चांदी के आभूषणों की भी खूब बिक्री हुई। ज्वेलर्स दुकानों में सुबह से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। इलेक्ट्रानिक्स सामान व बर्तन की बिक्री थोड़ा मंदा रहा। वैसे बर्तन में पीतल की मांग सर्वाधिक रही। पीतल के बर्तनों की चमक ग्राहकों को खूब आकर्षित किया। धनतेरस पर्व को लेकर प्राय: इन सभी दुकानों व प्रतिष्ठानों में खरीदारों पर कई प्रकार के ऑफर दिए गए थे। गत वर्ष की अपेक्षा इस बार बाजार में रौनक थोड़ा कम रहा। बदलते परिवेश में अमूमन लोगों ने पुराने मॉडल के जगह एलईडी टीवी की जमकर खरीदारी की। धनतेरस बाजार को लेकर पुलिस प्रशासन ने शहर के सभी बैंकों की शाखाओं पर पुलिस की पैनी नजर थी। सदर थाना पुलिस गश्ती करती रही। सोना-चांदी के दुकानों पर भी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था। सड़क जाम से आम आवाम खूब परेशान रहा।
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