अब आप सोच रहे होंगे कि ये कहावत तो हम बचपन से ही कहते आ रहे हैं और आखिर क्यों हिंदी की कक्षा को लेकर यहां ज्ञान दिया जा रहा है, लेकिन हम आज ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर इस मुहावरे में गंगा नदी का नाम ही क्यों लिया गया?

Bahti ganga me hath dhona

बालू को लेकर नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, जानें कब तक घाटों से होगा खनन

बिहार सरकार ने बालू खनन को लेकर बड़ा फैसला लिया है (फाइल फोटो)

  • News18 Bihar
  • Last Updated : December 10, 2022, 16:01 IST

हाइलाइट्स

बिहार सरकार ने बालू खनन को लेकर बड़ा फैसला लिया है
बालू की किल्लत को देखते हुए ये फैसला काफी अहम मान जा रहा है
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक 25 दिसंबर के कौन कर सकता है माइनिंग? कौन कर सकता है माइनिंग? बाद बालू घाटों पर खनन संभव नहीं है

पटना. बिहार में बालू खनन को लेकर खान और भू-तत्व विभाग ने बड़ा फैसले लेते हुए बिहार के सभी 16 जिलों में स्थित 350 घाटों पर खनन की अनुमति दे दी है. अभी से लेकर 25 दिसंबर तक बिहार के सभी घाटों पर बालू का खनन हो पाएगा. इस समय बिहार में 150 घाटों से ही बालू खनन हो रहा है. फिलहाल नए बंदोबस्ती धारियों को अवधि बढ़ाने के बाद भी 150 बालू घाटों से खनन हो रहा जबकि 350 घाटों को खनन की अनुमति दी गई है लेकिन खनन नहीं हो पा रहा.

अब नए निर्देश के बाद शेष 200 घाटों पर भी खनन कौन कर सकता है माइनिंग? शुरू हो जाएगा. खान भू-तत्व विभाग के तहत खनिज विकास निगम की पहल पर बालू संकट से निपटने के कौन कर सकता है माइनिंग? लिए यह फैसला लिया गया है. पिछले साल खनन बंद होने के बाद बालू की कीमत आसमान छूने लगी थी. बालू की बढ़ी कीमतों के कारण कालाबाजारी भी बढ़ कौन कर सकता है माइनिंग? गई थी. इस फैसले से बालू का संकट खत्म कर सकता है.

आपके शहर से (पटना)

थर्ड फ्रंट कौन कर सकता है माइनिंग? को लेकर नीतीश कुमार का बड़ा दावा, बोले- थर्ड नहीं बीजेपी को हराने बनेगा मेन फ्रंट

Motihari: बिहार के आर्टिस्ट मधुरेन्द्र रेत पर गढ़ रहे हैं हाॅकी का जुनून

Liquor Ban: बढ़िया चल रहा है शराबबंदी, महिलाओं के कहने से किया लागू | Nitish Kumar | RCP Singh

Tourist Spot: विंटर वेकेशन की सोच रहे हैं तो मंदार आपके रोमांच को कर देगा दोगुना, जानें डिटेल

Bihar Politics: Nitish Kumar का जोर, विपक्ष एकता पर बनेगी बात ? News 18 Update | Hindi News Update

Ramgarh News : मौत से सट्टा लगा बीच सड़क पर Bike Stunt करते युवक | Hindi News

सऊदी अरब की सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर है सीवान का यह शख्स, खाने के भी पड़े लाले, जानें वजह

Cyber Crime: बिहार में फैला है 'जामताड़ा' का जाल ! Fraud कौन कर सकता है माइनिंग? Calls Alert News | Latest Hindi News Update

क्या है इसका मतलब?

अब इसका मतलब तो आपको पता ही होगा, लेकिन फिर भी एक बार हिंदी रिवीजन के लिए हम फिर से बता देते हैं कि इसका मतलब क्या है। 'बहती गंगा में हाथ धोना' मुहावरे का मतलब है कि किसी अवसर का लाभ उठा लेना। ये ठीक वैसा ही है जैसे किसी अंजानी शादी में आप जाकर खाना खा लिया जाए यानी किसी के खर्च पर आपका फायदा हो जाए।

hindi idoms on ganga river

चलिए मतलब तो बता दिया, लेकिन अब अहम मुद्दा कि आखिर गंगा ही क्यों? गंगा नदी दुनिया की सबसे बड़ी नदी नहीं है, ये तो भारत की सबसे बड़ी नदी भी नहीं है, लेकिन फिर गंगा का ही इस्तेमाल इस मुहावरे में क्यों?

बहती गंगा में हाथ धोना मुहावरे से जुड़ी कहानी

इस मुहावरे के उद्गम को लेकर एक कहानी प्रचलित है जिसके बारे में शायद ज्यादा लोग ना जानते हों। प्राचीन समय में किसी नगर में रामलाल नामक एक व्यक्ति रहता था और उस दौरान अस्थियां विसर्जित कर गंगा नदी के किनारे पिंडदान करने की प्रथा का महत्व बहुत ही ज्यादा था। पर उस समय कोई वाहन आदि प्रचलन में नहीं थे तो या तो लोग घोड़ा गाड़ी या बैलगाड़ी से सफर करते थे या फिर पैदल ही निकल जाते थे।

hindi idiom and its meaning

जब रामलाल की पत्नी मरी तो उसका पिंडदान किसी वजह से नहीं हो पाया, इसके बाद जब रामलाल खुद मरा तब उसका पिंडदान उसकी पत्नी के साथ करवाने के लिए उसके बेटे गांव से निकल पड़े। तब गांव वालों ने अपने-अपने घरों के मृत लोगों का पिंडदान करवाने के लिए भी उन्हें कहा और कुछ लोग साथ हो लिए तो कुछ ने आर्थिक सहायता की। ऐसा करते-करते एक पंडित भी गांव से उनके साथ ही चल दिया ताकि कोई उन्हें गंगा नदी के किनारे चूना ना लगा सके।

गंगा नदी का ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है मुहावरे में?

ये तो थी बच्चों कौन कर सकता है माइनिंग? को सिखाई जाने वाली दादी-नानी की कहानी। पर मेरा सवाल तो अभी भी यही है कि आखिर गंगा नदी का ही नाम क्यों लिया गया?

गंगा नदी भारत की सबसे बड़ी नदी ना होते हुए भी दुनिया की सबसे फेमस नदियों में से एक है। इस बात पर तो आप यकीन करेंगे ही कि गंगा स्नान का कौन कर सकता है माइनिंग? महत्व पूरे विश्व में माना जाता है। संक्रांति हो या फिर एकादशी, किसी का श्राद्ध हो या फिर कार्तिक का महीना हर हिंदू त्यौहार या विशेष दिन पर गंगा नदी को ही महत्व दिया जाता है। इस तरह से देखें तो गंगा का स्नान ही सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। गंगा नदी भले ही पवित्र मानी जाती है, लेकिन इस नदी के साथ हम क्या-क्या करते हैं ये तो पता ही है।

बहती गंगा में कचरा फेंका जाता है, बहती गंगा में स्नान किसी खास दिन कौन कर सकता है माइनिंग? ही नहीं बल्कि रोजाना किया जाता है, बहती हुई गंगा में ही कपड़े भी धो दिए जाते हैं, बहती हुई गंगा में लोगों के घरों का गंदा पानी कौन कर सकता है माइनिंग? भी फेंक दिया जाता है, बहती गंगा में अस्थियां ही नहीं बल्कि डेड बॉडी भी फेंक दी जाती है और बहती हुई गंगा में कई लोग अपने घरों के बर्तन भी धो देते हैं। ये बात उन लोगों को बहुत अच्छे से पता होगी जिनका घर गंगा किनारे है।

रेटिंग: 4.43
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 796