डेली एसआईपी म्युचुअल फंड के बारे में जानें

अच्छे पुराने दिनों को याद करें जब हम अपने गुल्लक में पैसे बचाते थे ताकि हम एक निश्चित अवधि के बाद हमेशा अपनी जरूरत की चीजें खरीद सकें। यह वास्तव में एक अच्छी आदत थी जिसे हम अब भूल चुके हैं। लेकिन क्या होगा अगर ZFunds में हम आपको बताएं कि आप उस आदत को अब और अधिक डिजिटल तरीके से जारी रख सकते हैं और उस पर रिटर्न भी अर्जित कर सकते हैं! दिलचस्प लगता है, है ना?

हम बात कर रहे हैं डेली सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी daily SIP की। और हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि ZFunds डेली SIP की सुविधा अब एसआईपी के जरिए भी खरीदें शेयर देने वाला पहला प्लेटफॉर्म बन गया है। इस लेख में, हम डेली SIP के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने जा रहे हैं और कैसे निवेशक ZFunds ऐप के माध्यम से इसका सबसे अधिक लाभ उठा सकते हैं।

डेली SIP क्या है ?

डेली सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) एक अवधारणा है और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के तरीकों में से एक है। इसे अनुशासित तरीके से एक निश्चित राशि के साथ डेली आधार पर एमएफ में निवेश कहा जा सकता है। यह योजना निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार निवेश करने और लंबी अवधि में एक छोटी राशि का निवेश करके लंबी अवधि की संपत्ति बनाने की सुविधा प्रदान करती है। नियमित कैश फ्लो या निश्चित आय वाले निवेशक अपने वित्तीय और धन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए डेली SIP कर सकते हैं। इसके अलावा, SIP नियमित रूप से बचत और निवेश करने की आदत डालने का सबसे अच्छा विकल्प है और इस पहलू में डेली SIP केक पर चेरी हैं।

एक डेली SIP में निवेश क्यों करना चाहिए

सीमित कौशल और ज्ञान, पैसा या समय रखने वाले निवेशकों के लिए, डेली SIP सादगी और अन्य गुण प्रदान कर सकता है। निवेशकों को इसके लिए जाना चाहिए क्योंकि यह परिवर्तनीय बाजारों और अस्थिरता के प्रभाव को कम करता है। साप्ताहिक या मासिक आधार पर नियमित SIP की तुलना में निवेशक अधिक रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। आइए पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करें:

जब कोई निवेशक डेली SIP शुरू करता है, तो अक्सर अनुशासन के साथ डेली आधार पर एक निश्चित राशि का निवेश किया जाता है। यह शेयर बाजार के कम होने पर अधिक यूनिट खरीदने की अनुमति देता है क्योंकि म्यूचुअल फंड का एनएवी कम हो जाएगा। इसी तरह, जब बाजार बढ़ता है, तो कम संख्या में इकाइयाँ आवंटित की जाती हैं। इस घटना को रूपी कॉस्ट अवेरजिंग कहा जाता है और डेली SIP इस लाभ को प्राप्त करने के लिए अत्यधिक उपयोगी होगा।

बोझ कम करता है:

हर महीने या निश्चित अंतराल पर एकमुश्त पैसा निकालना कई निवेशकों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है और यही अनुशासनहीनता का प्रमुख कारण है, जिसके परिणामस्वरूप निवेश छोड़ना पड़ता है। डेली SIP में, प्रतिदिन एक छोटी राशि जमा की जाती है जो बदले में हर महीने एक अच्छी राशि के रूप में होती है। तो यह एक बार के बोझ को कम करता है और बेहतर परिणाम देता अब एसआईपी के जरिए भी खरीदें शेयर है।

छोटी शुरुआत करें और धन का निर्माण करें:

जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है, डेली आधार पर निवेश राशि केवल 100 रुपये से शुरू होती है, और निवेशक हर दिन इस छोटी राशि को निकाल सकते हैं और लंबी अवधि में अपनी संपत्ति और कोष का निर्माण देख सकते हैं।

एक उदाहरण के माध्यम से डेली SIP की शक्ति

मान लीजिए कोई निवेशक आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल स्मॉल कैप फंड में 10 साल के लिए रोजाना 100 रुपये का निवेश करता है, तो वे 6,23,202 रुपये कमा पाएंगे और अगर वे उसी फंड में रोजाना 200 रुपये के साथ आगे बढ़ते हैं, तो वे 12,46,404 रुपये का कॉर्पस बना सकते हैं।

और इस तरह डेली SIP आपकी निवेश योजना में आपकी काफी मदद कर सकता है और आपकी सेवानिवृत्ति के लिए धन कमा सकता है।

ZFUNDS ऐप के माध्यम से डेली SIP शुरू करने के लिए कदम

  • ZFunds ऐप डाउनलोड करें और अपने क्रेडेंशियल्स के जरिए लॉग इन करें।
  • बैनर/विकल्प पर क्लिक करें 'डेली SIP योजना का परिचय'
  • आप भारत में 3 शीर्ष फंड हाउस, यानी टाटा, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई के शीर्ष 5 फंडों में निवेश कर सकते हैं।
  • आप आईसीआईसीआई में 100 रुपये, टाटा में 150 रुपये और एचडीएफसी में 300 रुपये से शुरू कर सकते हैं और आगे 100 रुपये के गुणकों में निवेश किया जा सकता है।
  • वह फंड चुनें जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं और 'कार्ट में जोड़ें' बटन पर क्लिक करें।
  • राशि दर्ज करें और वन-टाइम मैंडेट के बीच चयन करें और अभी भुगतान करें। वन टाइम मैंडेट को सेट होने में 15-20 दिन लग सकते हैं और फिर यह बिना किसी परेशानी के अपने आप शुरू हो जाएगा और अभी भुगतान करें विकल्प आपको पहला निवेश तुरंत करने देगा।
  • एक बार भुगतान हो जाने के बाद, निवेश किया जाएगा। निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि निवेश केवल कार्य दिवसों पर किया जाता है न कि सप्ताहांत और सार्वजनिक छुट्टियों पर।
  • आप अन्य विवरणों के साथ पोर्टफोलियो सेक्शन में निवेश की जांच कर सकते हैं।

ZFUNDS ऐप के माध्यम से निवेश करने के लाभ

हमारे ऐप के माध्यम से निवेश करते समय, निवेशक हर संभव तरीके से विशेषज्ञ सलाह और सहायता प्राप्त कर सकते हैं। हम अपने उपयोगकर्ताओं के लिए 24*7 आपकी सेवा में हैं, ताकि उन्हें धन और वित्तीय योजना बनाने में मदद मिल सके। हमारे विशेषज्ञ आपकी आवश्यकताओं और जोखिम उठाने की क्षमता का विश्लेषण और अध्ययन करने के बाद निवेशकों को यह चुनने के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं कि किस फंड में निवेश करना है। हमारा उद्देश्य पूरे देश में 'सही और आसन' निवेश करना है।

पूछे जाने वाले प्रश्न

डेली SIP क्या हैं?

Daily Systematic Investment Plan (डेली SIP) एक अवधारणा है और म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है। इसे अनुशासित तरीके से एक निश्चित राशि के साथ डेली आधार पर एमएफ में निवेश कहा जा सकता है।

डेली और मासिक SIP में क्या अंतर है?

दोनों के बीच बड़ा अंतर यह है कि डेली SIP डेली आधार पर निवेश करता है जबकि मासिक SIP में हर महीने निवेश किया जाता है।

डेली SIP के क्या लाभ हैं?

निवेशक कम बोझ और लचीलेपन के साथ-साथ छोटे से शुरू करने और लंबे समय में धन का निर्माण करने के लिए डेली SIP द्वारा रुपये की औसत लागत का लाभ उठा सकते हैं।

ZFunds ऐप के माध्यम से डेली SIP में कैसे निवेश करें?

निवेशक ZFunds ऐप को इंस्टॉल और लॉग इन कर सकते हैं और आगे बढ़ने के लिए डेली SIP प्लान बैनर/टैब पर क्लिक कर सकते हैं। विस्तृत विवरण के लिए, हमारा वीडियो यहां देखें।

Groww App me Stock Kaise Kharide in Hindi

आज के इस पोस्ट से आप सीखेंगे की Groww App में इन्वेस्ट कैसे करते है? हम Groww के जरिए जानेंगे की कैसें शेयर बाज़ार (Share Market) में किसी भी कंपनी का शेयर खरीदते है?

Stock Market में इन्वेस्ट करने के लिए, आपके पास Demat Account का होना जरुरी है। Demat अकाउंट खोलने के लिए किसी ब्रोकर के पास Demat A/c खुलवाना होता है। मार्केट में बहुत से ब्रोकर है, जैसे की Groww, Zerodha, Upstox और अन्य कई सरे ब्रोकर्स है।

आज कल आप घर बैठे अपने स्मार्टफोन से आसानी के साथ अपना Demat A/c खुलवा सकते है। डीमैट खुलवाने के लिए आपके पास इन डाक्यूमेंट्स का होना जरुरी है – Pan card, Aadhar Card (मोबाइल नंबर लिंक होना चाहिए ) और बैंक में Savings Account .

याद रखे : Demat A/c खुलवाते वक़्त वही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करे जो आपके आधार कार्ड से लिंक हो। क्यूंकि जब आप ऑनलाइन Demat A/c खोलेंगे तो आपकी जानकारी को वेरीफाई करने के लिए आधार कार्ड से लिंक नंबर पर एक OTP भेजी जाती है, जिसे आपको वेरीफाई करवाना होता है।

NOTE : Groww पर Demat Account खुलवाने के लिए किसी भी प्रकार का फीस नहीं लिया जाता है और Annual Maintenance Fees भी नहीं लगती है। Groww के साथ Demat A/c खोलने के लिए यहाँ क्लिक करे।

सारे Account Opening प्रोसेस को पूरा करने के बाद आपका Demat A/c लगभग 24 से 48 घंटे में एक्टिव कर दिया जाएगा। उसके बाद से ही आप Shares और Mutual Funds में इन्वेस्ट कर पाएंगे।

आशा करता हूँ की आपका Demat A/c खुल गया होगा और एक्टिव भी हो गया होगा। अब हम सीखेंगे की शेयर कैसे ख़रीदे Groww App के जरिये।

Groww App me Invest Kaise Kare in Hindi

1. सबसे पहले Groww में लॉग इन कर ले (Email और Password के साथ ) . आप के मोबाइल या फिर डेस्कटॉप पर ऐसा (निचे) एक डैशबोर्ड दिखेगा। जिसे आपको बहुत से ऑप्शन दिखेंगे, जैसे की Explore, Investment, Stocks, Mutual Fund इत्यादि।

Groww App me Invest Kaise Kare

2. अब आपको जिस कंपनी का शेयर खरीदना है, उस का नाम सर्च बॉक्स में लिखे। चलिए मान लेते है की आपको Wipro कंपनी का शेयर लेना चाहते है।

Groww App me Stock Kaise Kharide in Hindi 1

3. अब आपको Wipro के शेयर खरीदने के लिए आपके Groww Wallet में रुपये Add करने होंगे। आज (11/06/21) Wipro का एक शेयर का दाम 554.30 रुपया है।

Groww App me Stock Kaise Kharide in Hindi 2

4. अब शेयर्स के बॉक्स में आपको कितना शेयर लेना है उनता वहां लिखिए। उदहारण के मैंने दस शेयर्स लिखा है।

5. अब BUY ऑप्शन पर क्लिक करे और पेमेंट करे। कुछ ही देर में शेयर आपके Demat Account में आ जायेंगे . जो इस प्रकार आपके Investment सेक्शन में दिखेगा।

Groww App me Stock Kaise Kharide in Hindi 3

इस प्रकार आप Groww के मदद से किसी भी कंपनी का Share खरीद सकते है।

Groww का Brokerage कितना है ?

अब हम जान लेते है की Groww का Brokerage कितना है ? आप निचे देख सकता है –

Groww App me Stock Kaise Kharide in Hindi 4

आपको Brokerage के रूप में 20 रुपया या 0.05% , दोनों में से जो कम होगा उसे ही देना होगा।

आशा करता हूँ की आप अब Groww के जरिए शेयर खरीदना सिख गए होंगे. शेयर बाज़ार में निवेश करना अच्छी बात है। बस किसी के भी टिप्स पर अपना पैसा बर्बाद न करे।

किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उस शेयर के बारे में अच्छे से रिसर्च करे और सोच समझकर निवेश करे।

म्यूचुअल फंड में निवेश की सोच रहे हैं? जानिए कैसे शुरू करें

टाइम्स नाउ डिजिटल

How to do mutual funds investment: म्‍यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत कैसे करें, यह सवाल नए निवेशकों के मन में हमेशा होता है। यहां ऐसी ही कुछ महत्‍वपूर्ण जानकारियां दी जा रही हैं।

म्यूचुअल फंड में निवेश की सोच रहे हैं? जानिए कैसे शुरू करें

नई दिल्ली : म्युचुअल फंड में निवेश एक अच्‍छा विकल्‍प माना जाता है। अच्‍छे रिटर्न के कारण यह कई निवेशकों की पसंद होता है। इसमें अच्‍छा रिटर्न मिलता है तो कुछ जोखिम भी होते हैं। म्युचुअल फंड में निवेश को लेकर किसी खास तरह की विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन इसका यह भी मतलब यह नहीं है कि आपको म्यूचुअल फंड में किसी जानकारी बगैर ही निवेश करना चाहिए।

आप ऑनलाइन तरीके से भी कर सकते हैं। इसके लिए बस आपको कुछ बातों को ध्‍यान में रखने की जरूरत है। म्युचुअल फंड में निवेश जोखिमभरा भी हो सकता है, जिसे पहले से समझ लेना जरूरी होता है।

कैसे शुरू करें निवेश?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आप सीधे फंड हाउस की वेबसाइट पर जा सकते हैं। यहां आपको KYC (Know Your Customer) के अनुपालन के लिए अपना eKYC पूरा करना होगा। आप अपना आधार और पैन विवरण जमा करके अपना ईकेवाईसी कर सकते हैं। इसके बाद आप अपनी पसंद की योजना में निवेश कर सकेंगे। इसके लिए आपको एक गेस्‍ट के रूप में म्यूचुअल फंड में लॉगिन करना होगा या खुद को पंजीकृत करना होगा। आप म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले केवाईसी पंजीकरण एजेंसी (KRA) में भी अपना केवाईसी पूरा करवा सकते हैं।

विशेषज्ञ ज्‍यादातर व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) के जरिये म्युचुअल फंड योजनाओं में निवेश को एक बेहतर विकल्‍प बताते हैं। खासतौर पर जो शुरुआत कर रहे हैं, उनके लिए इसे निवेश का अच्‍छा विकल्‍प समझा जाता है। इसके माध्यम से आप अपनी पसंद की म्यूचुअल फंड स्कीम में एक निश्चित राशि नियमित रूप से निवेश कर सकेंगे। आप किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में SIP के माध्यम से प्रति माह 500 रुपये के रूप में भी निवेश कर सकते हैं।

डीमैट खाते के माध्यम से निवेश

आप डिमैट खाते के माध्यम से भी किसी डिपॉजिटरी प्रतिभागी के जरिये या अपने स्टॉकब्रोकर के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। डीमैट खातों के जरिये म्‍यूचुअल फंड योजनाओं को उसी तरह खरीदा व बेचा जा सकता है, जैस‍े कि शेयर में किया जा सकता है। डीमैट खाते में स्टॉक, म्यूचुअल फंड के साथ-साथ अन्य प्रतिभूतियां भी हो सकती हैं। डीमैट और ट्रेडिंग खाते के जरिये आप म्यूचुअल फंड योजनाओं की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं।

SEBI clearly said,

Mutual fund investment: अब आप व्हाट्सएप के जरिए भी कर सकते हैं म्यूचुअल फंड में निवेश

Mutual fund companies invest 4 times in shares in first half

किसी के कहने भर से आंखें मूंदकर निवेश करना बड़ी गलती हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप निवेश से मिलने वाले रिटर्न के साथ-साथ उसके जोखिम के बारे में भी अच्‍छी तरह समझ लें। इस तरह का सवाल भी अक्‍सर आता है कि म्‍यूचुअल फंड में एकमुश्‍त राशि का निवेश बेहतर होगा या एसआईपी के जरिये निवेश बेहतर है? इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आपको कम जोखिम वाली निवेश योजनाओं की तलाश है तो डेट स्‍कीम में एकमुश्‍त रकम निवेश की जा सकती है। हालांकि इसमें रिटर्न भी कम होता है। वहीं, अगर आप SIP के जरिये निवेश करते हैं तो इसमें अस्थिरता का जोखिम कम हो सकता है। दीर्घकालिक अवधि में इसमें आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता है।

मूल बातों की समझ

अलग-अलग म्यूचुअल फंड स्कीम में अलग-अलग शुल्‍क लग सकते हैं, जैसे- एक्सपेंस रेशियो, एग्जिट लोड आदि। वे टैक्स ट्रीटमेंट के मामले में भी अलग हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप तीन साल से पहले किसी डेट फंड से बाहर निकलते हैं, तो किसी भी लाभ को अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (STCG) माना जाता है, जबकि तीन साल के बाद के लाभ को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कहा जाता है। डेट फंड के तहत STCG पर निवेशक के लिए लागू स्लैब दर से कर लगाया जाता है, जबकि LTCG पर 20 प्रतिशत की दर (इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ) लगाई जाती है। इसी तरह, इक्विटी म्यूचुअल फंड में कर की गणना अलग है। इक्विटी-लिंक्ड बचत योजनाओं (ELSS) नाम की कर बचत निधि है, जो तीन साल की लॉक-इन अवधि की होती है। फिर म्यूचुअल फंड में एक विकल्प यह भी होता है कि आप लाभांश को फिर से निवेश कर सकते हैं। साथ ही आप नियमित लाभांश भुगतान के लिए भी विकल्प चुन सकते हैं।

इससे पहले कि आप अपनी मेहनत से कमाए अपने पैसे का निवेश म्‍यूचुअल फंड में करें, आप इससे जुड़ी कर संबंधी बातों, शुल्‍क, फंड के प्रकार, लिक्विडिटी जैसी बातों को समझ लें।

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SIP के लिए 5 बेस्ट इक्विटी फंड, 5 साल में दिया 30% तक रिटर्न

SIP Mutual Fund

अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं. लेकिन शेयर बाजार के बारे में आपको पूरी जानकारी नहीं है तो फिर म्यूचुअल फंड के जरिए शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. अगर आप शेयर बाजार में सीधे पैसा नहीं लगाकर कोई सुरक्षित तरीका खोज रहे हैं तो इक्विटी म्यूचुअल फंड एसआईपी (SIP) बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. SIP की सबसे खास बात यह है कि इसके जरिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में एक मुश्त पैसे लगाने की बजाए मंथली बेसिस पर निवेश की सुविधा मिल जाती है. बाजार में ऐसे कई म्यूचुअल फंड हैं, जिनमें एसआईपी करने से निवेशकों को 5 साल में 20 से 30 फीसदी के करीब रिटर्न मिला है.

यानी सीधे तौर पर सिर्फ 5 साल में निवेशकों का पैसा डबल तक बढ़ गया है. नए निवेशकों के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड (SIP) बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. पिछले 5 वर्षों में तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद कई म्यूचुअल फंड ने अब एसआईपी के जरिए भी खरीदें शेयर निवेशकों को 30 फीसदी तक सालाना रिटर्न दिया है.

Mirae Asset Emerging Bluechip Fund

  • रिटर्न (1 साल)- 60.53%
  • रिटर्न (3 साल)- 33.55%
  • रिटर्न (5 साल)- 23.94%
  • कम से कम SIP: 1000 रुपये

Kotak Small Cap Fund

  • 5 साल का SIP रिटर्न: 29%
  • 5 साल में 5000 मंथली निवेश की वैल्यू: 6 लाख रुपये
  • कम से कम SIP: 1000 रुपये
  • 5 साल में एकमुश्त 1 लाख निवेश की वैल्यू: 2.66 लाख
  • एसेट्स: 4765 करोड़
  • एक्सपेंस रेश्यो: 0.52%

HDFC Small Cap Fund

  • 5 साल का SIP रिटर्न: 23.68
  • 5 साल में 5000 मंथली निवेश की वैल्यू: 5.30 लाख रुपये
  • कम से कम SIP: 500 रुपये
  • 5 साल में एकमुश्त 1 लाख निवेश की वैल्यू: 2.50 लाख
  • एसेट्स: 12,460 करोड़
  • एक्सपेंस रेश्यो: 0.87%

म्युचुअल फंड SIP रिटर्न के एक्सपर्ट के अनुसार कोई भी 35 साल के SIP पर 12 से 16 प्रतिशत तक के रिटर्न की उम्मीद कर सकता है. मान लीजिए कोई व्यक्ति 25 साल की उम्र 14,500 रुपये यानि रोजना 483 रुपये मंथली SIP के जरिए म्युचुअल फंड में इनवेस्टमेंट कर रहा है, अगर वह 60 साल की उम्र तक इसे जारी रखता है तो 12 प्रतिशत के औसत रिटर्न से 22,93,56,845 या 22.93 करोड़ रुपये मिलेंगे. इस दौरान यह भी ध्यान रखना होगा कि हर साल अपने इनवेस्टमेंट में 10% की ग्रोथ भी रखनी होगी.

आइए समझें टैक्स सेविंग वाले म्यूचुअल फंड का निवेश क्यों है सबसे फायदेमंद

ELSS ईएलएसएस ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनका सर्वाधिक भाग (65% से अधिक) शेयरों (equity) में और इक्विटी लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश कि जाता है. साथ ही इसका अब एसआईपी के जरिए भी खरीदें शेयर एक हिस्सा फिक्स्ड इंकम प्रतिभूति (fixed-income securities) आदि में भी लगाया जाता है.

आइए समझें टैक्स सेविंग वाले म्यूचुअल फंड का निवेश क्यों है सबसे फायदेमंद

म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प.

म्यूचुअल फंड में निवेश आज की तारीख में सबसे बेहतर निवेश माना जा रहा है. कारण सिर्फ यह है कि अगर कोई भी नौकरीपेशा या बिजनेसमैन यह चाहता है कि वह अपने काम के साथ अपने पैसे को बढ़ाना चाहता है और उस पर ज्यादा सोच विचार का समय नहीं है तब म्यूचुअल फंड का निवेश उसके सामने एक अच्छा विकल्प है. साथ ही ऐसे निवेशकों के लिए यह सबसे उपयोगी जो बाजार के उतार-चढ़ाव को तो समझते हैं मगर उससे सीधे जुड़े नहीं रह पाते हैं. नौकरी या बिजनेस उन्हें इतना वक्त नहीं देता कि वे बाजार की चाल के साथ निवेश कर सकें और अपना पैसा सही समय में निकाल सकें. ऐसे लोगों के लिए म्यूचुअल फंड शानदार मौका उपलब्ध कराता है जिससे वे अपने पैसे का ज्यादा रिटर्न ले सकें.

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म्यूचुअल फंड में एक फंड टैक्स सेविंग फंड भी होता है जिसे आम तौर पर ELSS (Equity Link Saving scheme) कहते हैं. चूंकि यह एक टैक्स सेविंग स्कीम है तो इसके साथ कुछ पाबंदियां भी आती हैं. यानि इस योजना में कुछ लॉकिन इन समय है. इससे साफ है कि इस दौरान आप निवेश की गई राशि को निकाल नहीं सकते हैं. अमूमन यह लॉकइन समय कम से कम तीन साल का होता है.

ELSS ईएलएसएस ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनका सर्वाधिक भाग (65% से अधिक) शेयरों (equity) में और इक्विटी लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश कि जाता है. साथ ही इसका एक हिस्सा फिक्स्ड इंकम प्रतिभूति (fixed-income securities) आदि में भी लगाया जाता है.

चूंकि इनमें निवेश लॉकइन समय के साथ आता है. तो सरकार की ओर से आयकर की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट का लाभ लिया जा सकता है. यह साफ करना भी जरूरी है कि इस सेक्शन के तहत केवल 150000 रुपये सालाना ही टैक्स में छूट का दायरा है. क्योंकि यहां पर टैक्स में छूट के साथ कमाई भी हो रही है तभी इसे टैक्स सेविंग स्कीम भी कहा जा रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि आयकर के सेक्शन 80 सी के तहत कुछ अन्य निवेश और खर्च भी आते हैं. इनमें EPF, PPF, NSC, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, जीवन बीमा आदि भी सम्मिलित हैं. टैक्स की लिमिट में इन सभी को शामिल किया जाता है.

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या ELSS की मुख्य बातों को ऐसे समझें

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या कहें म्यूचुअल फंड एक प्रकार से कई लोगों के पैसे को इकट्ठा कर बाजार में निवेश किया जाता है. नाम से ही साफ हो जाता है कि जिस भी कंपनी के माध्यम से हम निवेश कर रहे हैं वह कंपनी पैसे एकत्र कर निवेश करती है. कंपनी के पास अपने फंड मैनेजर होते हैं जो हमेशा बाजार की चाल पर नजर रखते हैं और निवेश करने में बेहतर रिटर्न के साथ पैसे की सुरक्षा के दोनों पहलुओं पर गौर करते हैं. यहां यह भी साफ कर देना उतना ही जरूरी है जितना किसी बात की गारंटी देने के लिए जरूरी होता है. बाजार में किया गया निवेश हमेशा एक रिस्क या कहें जोखिम के साथ होता है. सो जो इस बात को रिस्क वहन करना जानते हैं तब आप बाजार से जुड़े किसी फंड में निवेश करें.
फंड मैनेजर ये निवेश सरकारी बॉन्ड, कंपनियों के सावधि जमा, शेयर या फिर सोना आदि में करते हैं या कहें जैसे जरूरत और समय है उसमें निवेश किया जाता है. ये फंड मैनेजर की सूझबूज के साथ ही तय हो जाता है कि पैसा कितना बढ़ेगा. साथ ही यह वही तय करता है कि कब निवेश करना है और कब निकाल लेना है.

रिटर्न की संभावना कितनी है म्यूचुअल फंड में

इस सवाल का जवाब सटीक नहीं होता. इसके लिए कहा जा सकता है कि सड़क पर चलती गाड़ी की स्पीड कितनी होगी. कोई बता सकता है. नहीं. सड़क कैसी है, ड्राइवर कैस है और ट्रैफिक कैसा.. कई कारक सड़क पर गाड़ी की स्पीड तय करते हैं. वैसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी शेयरों में ही निवेश करता है इसलिए इसमें से सबसे ज्यादा पैसा बनने की उम्मीद है. वैसे भी भारत की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ दशकों से लगातार प्रगति कर रही है. विदेशी निवेशकों से लेकर विदेशी कंपनियों ने यहा पर निवेश और विनिर्माण में रुचि दिखाई है और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में आने वाले 20 सालों में भारत का भविष्य उज्ज्वल है और निवेश का प्रतिफल लाभदायक ही होने की उम्मीद है. हम फिर एक बार गारंटी नहीं ले रहे हैं. याद रखें बाजार की अपनी चाल होती है. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो कई म्यूचुअल फंड ने पिछले दो दशकों में 21 प्रतिशत सालाना का रिटर्न भी दिया है. कहा तो यह भी जाता है कि MF के सामने सोना भी फीका साबित हुआ है. कुछ तो यह भी कहते हैं कि प्रॉपर्टी का निवेश भी कमतर रहा है.

इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके tax saving investment से सबसे ज्यादा कमाई हो तो टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड यानी ELSS में पैसे लगाएं।

म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड में एकमुश्त और SIP की सुविधा होती है. एसआईपी के जरिए आपको निवेश करने में सुविधा होती है. आप महीने की किसी एक तारीख में एक निश्चित रकम निवेश कर सकते हैं. अब इन एसआईपी के लिए बैंक खाते से हर महीने अपने आप पैसे कट जाते हैं. पैसे अलग अलग महीने में कटती है तो ऐसे में आपके म्यूचुअल फंड के खाते में भी अलग अलग समय पर यूनिट की खरीद होती है. इससे यह फायदा होता है कि बाजार के उतार चढ़ाव को यह संभाल लेता है.

अंत में बस एक बात. अभी तक देखा गया है कि पिछले दो दशकों में शेयर बाजार वाले म्यूचुअल फंड में निवेश पर कम से कम 11 प्रतिशत सालाना का रिटर्न मिला है वहीं टैक्स सेविंग में 18 प्रतिशत तक का रिटर्न प्राप्त हुआ है. बाजार ने पिछले दो दशकों में देश की तरक्की के साथ खासी मजबूती भी हासिल की है और निरंतर प्रगति के ओर बढ़ रहा है. यह अलग बात है कि बाजार हमेशा जोखिम से भरा होता है इसलिए बाजार से जुड़े किसी भी निवेश में केवल उसी व्यक्ति को निवेश करना चाहिए जो यह रिस्क लेने को तैयार है.

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