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9. इंफ़्रास्ट्रक्चर बांड (Infrastructure Bond)
इंफ़्रास्ट्रक्चर बांड इन्फ्रा बांड के नाम से लोकप्रिय हैं. यह इंफ़्रास्ट्रक्चर कम्पनियों द्वारा जारी किये जाते हैं, इसे सरकार जारी नहीं करती है. इसमें सेक्शन 80 C में 1 लाख रुपये तक की छूट इनकम टैक्स में मिलती है जबकि सेक्शन 80 CCCF में 20,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिल जाती है.

Investment Tips: कहां निवेश करने पर पैसे हो जाएंगे डबल, जानिए निवेश का फॉर्म्यूला

Investment Tips: आप शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड या किसी सरकारी योजना में निवेश करें। जिससे पैसे फटाफट डबल हो जाएं। देखिए कुछ खास स्कीम

Investment Tips: आमतौर कोई भी निवेशक वहीं पैसे लगाते हैं, जहां उन्हें जोखिम कम और शानदार रिटर्न मिले। शेयर बाजार में जोखिम सबसे ज्यादा होता है। यहां कब पैसे पैसे दोगुना, तीन गुना चार गुना हो जाएं। कुछ पता नहीं है। शेयर बाजार में कब आपको झटका लग जाए। इसका भी कोई अनुमान नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर कहां निवेश करें। जिससे पैसे भी डबल हो जाएं और जोखिम भी काफी कम रहे।

अगर आप सुरक्षित निवेश की तलाश में है तो फिक्स्ड डिपॉजिट, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र (केवीपी), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी) और नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) जैसी तमाम योजनाओं में पैसे जमा कर सकते हैं। यहां बेहतर ब्याज दर मिलती है।

निवेश के लिए अपनाएं यह फॉर्म्यूला

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अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके पैसे को डबल होने में कितना समय लगेगा तो आप रूल ऑफ 72 फॉर्म्यूला अपना सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह कौन सा फॉर्म्यूला है? हम आपको इस फॉर्म्यूला के बारे में भी विस्तार से बताएंगे। इसे जानते ही आप समझ जाएंगे कि आपके पैसे को डबल होने में कितना समय लगेगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस फॉर्म्यूले के तहत आपको मिल रहे ब्याज को 72 से भाग देना होगा। मान लीजिए, आपने 4 फीसदी सालाना ब्याज दर है। ऐसे में आपको 72 में 4 का भाग देना होगा। इसका रिजल्ट 18 आएगा। इसका मतलब ये हुआ कि आपके पैसे को डबल होने में 18 महीने लगेंगे।

यहां कर सकते हैं निवेश

सुकन्या समृद्धि योजना: यह सरकारी स्कीम है। इसे खासतौर से बेटियों के लिए शुरू किया गया है। अगर आप अपनी बेटी के नाम पर सुकन्‍या खाता खुलवाते हैं तो 9.4 साल में आपका पैसा दोगुना हो जाएगा। मौजूदा समय में सुकन्‍या योजना में सालाना 7.पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है 6 फीसदी की दर से ब्‍याज मिल रहा है।

बैंक FD: रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाने के बाद ज्यादातर बैंक अपनी एफडी की ब्‍याज दरों में भी बढ़ोतरी कर रहे हैं। इस समय एफडी पर औसतन 6 फीसदी का ब्‍याज मिल रहा। ऐसे में यहां आपका पैसा डबल होने में करीब 12 साल लग जाएंगे।

PPF: पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF भी निवेश के लिए बेहतर विकल्प है। इस पर अभी सालाना 7.1 फीसदी दर से ब्याज मिल रहा है। लिहाजा इसमें आपके पैसे दोगुना होने में 10.14 साल लगेंगे।

किसान विकास पत्र: किसान विकास पत्र योजना भी निवेश के लिहाज पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है से बेहतर है। अभी इस योजना में सालाना 6.9 फीसदी की दर से गारंटीड ब्‍याज दर मिल रही है। ऐसे में 10.43 साल में आपके पैसे डबल हो जाएंगे।

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First Published: Aug 24, 2022 10:52 AM

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सेक्शन 80 C: इनकम टैक्स बचाने के 10 तरीके कौन से हैं?

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत एक वित्त वर्ष में विभिन्न योजनाओं में 1.5 लाख रुपए तक का निवेश करके आयकर बचाने का मौका लोगों के पास होता है. अधिकतर लोग केवल LIC, PPF आदि में ही इनवेस्ट कर टैक्स बचाते हैं लेकिन ऐसे कई और विकल्प हैं जहाँ पर निवेश करके सेक्शन 80C के तहत कर बचाया जा सकता है. इस लेख में हम ऐसे हे कुछ निवेश विकल्पों के बारे में जानेंगे.

Tax deduction under Section-80-C

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत एक वित्त वर्ष में विभिन्न योजनाओं में 1.5 लाख रुपए तक का निवेश करके आयकर बचाने का मौका लोगों के पास होता है. अधिकतर लोग केवल LIC, PPF आदि में ही इनवेस्ट कर टैक्स बचाते हैं लेकिन ऐसे कई और विकल्प हैं जहाँ पर निवेश करके सेक्शेन 80C के तहत कर बचाया जा सकता है. इस लेख में हम ऐसे हे कुछ निवेश विकल्पों के बारे में जानेंगे.
1. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में वह रुपया जमा किया जाता है जो कि हर कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% हिस्सा हर महीने काट लिया जाता है. EPF में 1.5 लाख तक की राशि पर आयकर में छूट का दावा किया जा सकता है. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए EPF में जमा राशि पर 8% का ब्याज दिया जायेगा.

2. सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) में निवेश
पीपीएफ खाते में जमा की गई जमाराशि धारा 80C के तहत कर कटौती के लिए पात्र हैं. PPF में एकाउंट खोलने के लिए मिनिमम 500 रुपये से खाता खोला जा सकता है जबकि एक पूरे वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा करके कर छूट का दावा किया जा सकता है. पीपीएफ में जमा राशि पर हर साल ब्याज मिलता है जिसे वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित किया जाता है. वित्त वर्ष पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है 2017-18 के लिए ब्याज दर 7.8% है. PPF का 15 साल का कार्यकाल होता है, जिसके बाद निकासी कर-मुक्त है. PPF में जमा राशि पर लोन भी लिया जा सकता है.

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3. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश
सावधि जमा में जमा की गई राशि अगर 5 वर्ष के लिए आयकर स्कीम में बैंक में रखी जाती है तो वह राशि धारा 80C के तहत कर में छूट के लिए पात्र है. इसमें 1.5 लाख रुपये तक का कर लाभ कमाया जा सकता है. इसमें जमा राशि पर 7-9% का ब्याज मिलता है. हालाँकि इसमें हर बैंक अलग-अलग ब्याज देता है. इसमें एक दिक्कत यह है कि यदि आपने डिपाजिट को परिपक्वता अवधि के बाद निकाला तो ब्याज के रूप में मिली राशि को कर योग्य आय (taxable income) में जोड़ दिया जाता है.

4. राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (NSC)
NSC जिस वित्तीय वर्ष में खरीदे जाते हैं उसी वर्ष कर बचाने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं. धारा 80c के तहत करों को बचाने के लिए एनएससी में 1.5 लाख तक का निवेश किया जा सकता है. NSC को रजिस्टर्ड डाकघरों से खरीदा जा सकता है लेकिन इनकी परिपक्वता अवधि 5 वर्ष की होती है. इसमें ब्याज सालाना मिलता है लेकिन इस ब्याज पर टैक्स लगता है. NSC पर वित्त वर्ष 2016-17 के लिए मौजूदा ब्याज दर 8.1% है.

5. यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाओं में निवेश (ULIP)
यूलिप, बीमा और निवेश का मिश्रण होता है. ULIP में निवेशित राशि का एक हिस्सा बीमा प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और शेष राशि स्टॉक मार्केट में निवेश की जाती है. ULIP में 1.5 लाख रुपये तक का निवेश धारा 80C के तहत आयकर बचाने के लिए पात्र हैं. ULIP गारंटीकृत रिटर्न नहीं देते क्योंकि वे इक्विटी मार्केट-लिंक किए गए उत्पाद हैं. ULIP का नुकसान ये है कि वे स्पष्ट रूप से नहीं बताते हैं कि निवेश कहाँ किया गया है और कमीशन और अन्य खर्चों के लिए कितना रुपया काटा गया है.

6. सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश
सुकन्या पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है समृद्धि योजना में एक लड़की के जन्म के बाद से 10 साल तक की उम्र तक कभी भी खाता खोला जा सकता है. इसमें हर साल मिनिमम 1000 रुपये से लेकर अधिकतम 1.5 पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. धारा 80 c के तहत इस योजना के माध्यम से 1.5 लाख रुपये तक का इनकम टैक्स मुक्त होता है.सुकन्या समृद्धी योजना पर वित्त वर्ष 2016-17 के लिए ब्याज दर 8.6% निर्धारित की गई है. इस योजना की समाप्ति पर मिलने वाले कुल ब्याज पर टैक्स नही लगता है. यह खाता खुलने की तिथि से 21 वर्ष तक या लड़की की उम्र 18 वर्ष होने तक चलता है.

Sukanya Samrudhi yojna


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आप बिना एम्प्लोयेर की अनुमति के कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) का पैसा कैसे निकाल सकते हैं?
7. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) भारत सरकार का उत्पाद है. यह सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक है. 60 वर्ष से ज्यादा आयु वाले व्यक्ति इस खाते को खोल सकते हैं. इस योजना के तहत 5 वर्ष के लिए निवेश निकाला नहीं जा सकता है. जमाकर्ता यह जमा और 3 साल के लिए बढ़ा सकता है. इस योजना में जमाकर्ताओं को 8%--9% ब्याज मिलता है. निवेश से प्राप्त ब्याज कर से मुक्त नहीं है.

8. दो बच्चों की ट्यूशन फीस (Tuition Fee of Children)
एक या दो बच्चों की शिक्षा के लिए शिक्षण फीस के रूप में भुगतान राशि आयकर से मुक्त होती है और आप धारा 80C के तहत इसका लाभ ले सकते हैं. यदि बच्चे जुड़वां हैं तो इसका लाभ तीसरे बच्चे को भी मिल सकता है. ध्यान रहे कि केवल भारत में चुकाई गई फीस ही इसके दायरे में आती है.

school fee 80c


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9. इंफ़्रास्ट्रक्चर बांड (Infrastructure Bond)
इंफ़्रास्ट्रक्चर बांड इन्फ्रा बांड के नाम से लोकप्रिय हैं. यह इंफ़्रास्ट्रक्चर कम्पनियों द्वारा जारी किये जाते हैं, इसे सरकार जारी नहीं करती है. इसमें सेक्शन 80 C में 1 लाख रुपये तक की छूट इनकम टैक्स में मिलती है जबकि सेक्शन 80 CCCF में 20,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिल जाती है.

10. होम लोन अदायगी (Home Loan Payment)
आप होम लोन की मूलधन चुकौती धारा 80C के तहत छूट के लिए पात्र है. यदि आपने एक नया घर खरीदा है और उस पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है के लिए आवास ऋण लिया है, तो आप धारा 80C में उसका लाभ ले सकते हैं. यहाँ पर ध्यान देने वाली बात है कि आवास ऋण की सामान मासिक किश्त (EMI)में दो घटक पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है होते हैं – “मूलधन” और “ब्याज”. आपको केवल मूलधन वाले हिस्से की राशि की ही धारा 80C के तहत छूट मिलेगी. ब्याज वाला हिस्सा भी आयकर की छूट के लिए पात्र है पर 80C के तहत नहीं, वह है धारा 24 के तहत.

home loan 80 c


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इस प्रकार ऊपर दिये गए 10 तरीकों से आप इनकम टैक्स बचा सकते हैं. यहाँ पर यह बात ध्यान रखना जरूरी है सरकार इन सभी माध्यमों में धन का निवेश करने पर इसलिए छूट देती है ताकि लोगों में बचत और निवेश की प्रवत्ति को बढ़ावा दिया जा सके. इस प्रकार के निवेश से लोगों की रिस्क को कम किया जा सकता है और साथ ही अर्थव्यवस्था में मुद्रा का प्रवाह बढेगा जो कि जरूरी क्षेत्रों में वित्तीय कमी को पूरा करने में सहायक होगा.

Explainer : क्या होते हैं GPF, EPF और PPF, कौन कर सकता है निवेश, क्या हैं फायदे; जानें सबकुछ

ईपीएफ के मामले में, ब्याज दर ईपीएफ से उत्पन्न रिटर्न पर निर्भर करती है. ईपीएफ दर 8.50% है जबकि पीपीएफ और जीपीएफ दर दोनों 7.1% हैं. ईपीएफ, पीपीएफ और जीपीएफ के लिए धारा 80 सी के तहत कर कटौती उपलब्ध है. तीनों निवेशों पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री है.

Explainer : क्या होते हैं GPF, EPF और PPF, कौन कर सकता है निवेश, क्या हैं फायदे; जानें सबकुछ

निवेश के कई माध्यम, जानें GPF, EPF और PPF के बारे में. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बचत और निवेश ऐसी दो चीजें जो हमारी आर्थिक स्थिति में बराबर संतुलन के लिए जरूरी हैं. ऐसे बहुत से निवेश के माध्यम हैं, जो हमारी आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हैं. हम आज ऐसे ही तीन निवेश की योजनाओं के बारे में आपको बता रहे हैं- GPF, EPF और PPF. GPF या सामान्य भविष्य निधि सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध एक सेविंग स्कीम है. वहीं EPF या कर्मचारी भविष्य निधि 20 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में कर्मचारियों के लिए उपलब्ध एक सेविंग स्कीम है. पीपीएफ या पब्लिक प्रोविडेंट फंड हर किसी के लिए उपलब्ध है - चाहे वह नौकरीपेशा हों, स्वरोजगार हो या बेरोजगार.

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इन भविष्य निधि (ईपीएफ, जीपीएफ, और पीपीएफ) में निवेश अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला है. तीन फंडों में से सरकार सीधे जीपीएफ और पीपीएफ पर ब्याज का भुगतान करती है. ईपीएफ के मामले में, ब्याज दर ईपीएफ से मिले रिटर्न पर निर्भर करती है. ईपीएफ दर 8.50% है जबकि पीपीएफ और जीपीएफ दर दोनों 7.1% हैं. ईपीएफ, पीपीएफ और जीपीएफ के लिए धारा 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलती है. तीनों निवेशों पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है.

सामान्य भविष्य निधि (GPF)

  • जीपीएफ विशेष रूप से सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है. भारत सरकार के कर्मचारी अपने वेतन का न्यूनतम 6% योगदान करते हैं और सेवानिवृत्ति या सेवानिवृत्ति के समय संचित धन के हकदार होते हैं. जीपीएफ पर मौजूदा ब्याज दर 7.1% है.
  • एक वर्ष की निरंतर सेवा के बाद सभी अस्थायी सरकारी कर्मचारियों, सभी स्थायी सरकारी कर्मचारियों और सभी पुन: नियोजित पेंशनभोगियों (अंशदायी भविष्य निधि के लिए पात्र लोगों के अलावा) को जीपीएफ की सदस्यता के लिए अनिवार्य रूप से आवश्यक है. जीपीएफ का प्रबंधन लोक शिकायत, कार्मिकऔर पेंशन मंत्रालय के तहत पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है.
  • GPF सब्सक्रिप्शन के समय, सब्सक्राइबर एक या एक से अधिक व्यक्तियों को नामांकित कर सकता है, उन्हें GPF धारक की मृत्यु के मामले में फंड के लिए दावा करने का अधिकार देता है. जीपीएफ फंड पर ब्याज दर सरकार द्वारा समय-समय पर प्रचलित बाजार ब्याज दर के आधार पर संशोधित होती है. हाल में सरकार ने जीपीएफ पर ब्याज दर में 0.8% की कमी की है.
  • जीपीएफ के लिए सब्सक्रिप्शन की राशि सब्सक्राइबर खुद तय करता है. हालांकि, योगदान की दर कर्मचारी की कुल परिलब्धियों के 6% से कम नहीं होनी चाहिए. अधिकतम योगदान कर्मचारी के वेतन का 100% है.
  • जीपीएफ में शिक्षा, चिकित्सा आपातकाल, विवाह, और घर या टिकाऊ उपभोक्ता सामान खरीदने सहित विभिन्न लेकिन पूर्व-निर्धारित आधारों पर फंड से वापसी योग्य अग्रिम के प्रावधान हैं.
  • GPF सब्सक्राइबर को 12 महीने तक का वेतन या GPF बैलेंस का तीन-चौथाई, जो भी कम हो, मिल सकता है. हालाँकि, स्वीकृति प्राधिकारी कुछ विशेष परिस्थितियों में शेष राशि का 90% निकालने की अनुमति दे सकता है.
  • GPF संबंधित सरकारी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति/अधिवर्षिता की आयु में परिपक्व होता है.
  • कर्मचारी अपने जीपीएफ फंड को विभिन्न आधारों पर निकाल सकता है, लेकिन केवल 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद.

एम्पलॉई प्रोविडेंट फंड (EPF)

  • ईपीएफ सरकार समर्थित बचत योजना है जो संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को एक सामाजिक सुरक्षा देती है. EPF का प्रबंधन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से किया जाता है. यदि सदस्य ने ईपीएफ पंजीकृत संगठनों के तहत 10 साल की संचयी सेवा पूरी कर ली है, तो वह ईपीएफ के लिए पात्र होगा.
  • ईपीएफ के तहत नामांकित कर्मचारियों को अपने मूल वेतन का 12% (15,000 रुपये तक) ईपीएफ फंड में योगदान करने की आवश्यकता होती है और नियोक्ता की ओर से मासिक आधार पर समान योगदान दिया जाता है.
  • ईपीएफ फंड पर ब्याज दर सरकार समय-समय पर तय करती है, जो वर्तमान में 8.50% पर तय है.
  • ईपीएफओ के साथ पंजीकरण करने वाले प्रत्येक सदस्य को 12 अंकों का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) दिया जाता है जो सदस्य के सभी पीएफ खातों से जुड़ा होता है.
  • कोई व्यक्ति 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति पर ईपीएफ कोष पा सकता है. हालांकि, ईपीएफओ ईपीएफ सदस्य को बेरोजगारी, चिकित्सा आपातकाल, शिक्षा, विवाह आदि के मामले में विभिन्न आधारों पर आंशिक रूप से धन निकालने की अनुमति देता है. उदाहरण के लिए, ईपीएफ सदस्य ईपीएफ कोष का 75% निकाल सकता है यदि वह एक महीने तक बेरोजगार रहता है और दो महीने या उससे अधिक बेरोजगारी के बाद पूर्ण और अंतिम निपटान (कॉर्पस का 100%) कर सकता है.

सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)

  • पीपीएफ सरकार द्वारा गारंटीकृत दीर्घकालिक बचत-सह-कर-बचत भविष्य निधि है जिसे सार्वजनिक भविष्य निधि अधिनियम, 1968 के तहत 1968 में शुरू किया गया था. पीपीएफ को वेतनभोगी के साथ-साथ स्व-नियोजित भी सब्सक्राइब कर सकता है.
  • साथ ही, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पीपीएफ के तहत नामांकन पूरी तरह से ग्राहक का एक स्वैच्छिक निर्णय है जबकि पात्र कर्मचारी के लिए ईपीएफ और जीपीएफ के तहत सदस्यता अनिवार्य है. पीपीएफ का प्रबंधन वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग की ओर से होता है.
  • केवल निवेशक (नियोक्ता नहीं) पीपीएफ में योगदान करता है. एक रुपये के न्यूनतम निवेश के साथ शुरू कर सकते हैं. कोई भी पीपीएफ में एकमुश्त या प्रति वर्ष अधिकतम 12 किस्तों पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है में योगदान कर सकता है।
  • पीपीएफ कर की ईईई (छूट-छूट-छूट) श्रेणी के अंतर्गत आता है जिसमें मूल राशि, अर्जित ब्याज और परिपक्वता राशि, सभी करों से मुक्त हैं.
  • पीपीएफ फंड पर प्रदान की जाने वाली ब्याज दर सरकार की ओर से तय की जाती है जो वर्तमान में 7.1% पर तय है.
  • पीपीएफ जमा की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है जिसे लॉक-इन अवधि के रूप में भी जाना जाता है. हालांकि, सरकार ने कुछ पूर्वनिर्धारित परिस्थितियों जैसे गंभीर बीमारी (चिकित्सा आधार) या बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद करने की अनुमति दी है. पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद करने के लिए निकासीकर्ता को जमा पर अर्जित ब्याज का 1% जुर्माना के रूप में देना होगा.
  • अभिदाता भी अपने पीपीएफ बैलेंस के एवज में 7 साल के योगदान के पूरा होने के बाद ही विभिन्न आधारों पर ऋण के लिए अप्लाई कर सकता है. हालांकि, पीपीएफ पर ऋण की ऊपरी सीमा 5वें वर्ष के अंत में कुल शेष राशि का 50% है.

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PPF Account For Children: बच्चों के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खुलवाने के हैं कई फायदे, ऐसे करें आवेदन

पीपीएफ अकाउंट कैसे है फायदेमंद

पब्लिक प्रोविडेंट फंड बचत के लिए बहुत ही अच्छी योजना है। इस स्कीम में पैसों की सुरक्षा और अच्छी ब्याज दर के साथ अच्छा मुनाफा भी मिलता है। इस योजना में निवेश की राशि और मिलने वाले पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है ब्याज पर टैक्स की छूट भी दी गई है। अगर आप अपने बच्चे का भी पीपीएफ अकाउंट खुलवाना चाहते है अब ये आसानी के साथ खोला जा सकता है। किसी भी उम्र के बच्चे का पीपीएफ अकाउंट खोला जा सकता है। बच्चे के बड़े होने तक खाते में अभिभावक निवेश करेंगे। बच्चा 18 साल की आयु पूरी कर लेने के बाद खुद भी खाते में जमा कर सकता है। जब बच्चा खुद से बचत करके पैसे जमा करेगा तो वो पैसों की अहमियत भी समझेगा। इससे बच्चे के आने वाले भविष्य में पैसों की जरूरत को पूरा किया जा सकता है। अगर आप भी अपने बच्चे के लिए पीपीएफ अकाउंट खोलना चाहते है तो,आइए जानते है इसके विषय बारे में.

पीपीएफ अकाउंट कैसे है फायदेमंद

  • पीपीएफ में जो भी निवेश किया जाता है वो लंबे समय के लिए किया जाता है।
  • इसमें निवेश करने की समय सीमा 15 साल की होती है।
  • यदि अभिभावक बच्चे के शुरुआती समय में ही इस योजना को लेते है तो भविष्य में अच्छा रिटर्न मिलता है।
  • मान लीजिये की यदि बच्चा 3 वर्ष का है और बच्चे के नाम से 15 साल के लिए पीपीएफ अकाउंट खोला जाता है।
  • अब जब बच्चा 3+15 =18 साल का होगा तब इस पीपीएफ पर बहुत अच्छा रिटर्न मिलेगा। जो इसके पढाई लिखाई, अन्य जरूरतों में काम आ सकता है।

पीपीएफ अकाउंट कैसे है फायदेमंद

इस स्कीम में सबसे अच्छी बात यह है की निवेशक इसकी समय सीमा को बढ़ा सकते हैं। अगर आपने पांच साल के लिए पीपीएफ अकाउंट खुलवाया है तो और आप इसकी समय सीमा को बढ़ाना चाहते है तो ऐसा हो सकता है। अब निवेशक चाहे तो बढ़ी हुई समय सीमा में निवेश करना जारी रख सकते है। अगर निवेश नहीं करना चाहते तो भी आप समय सीमा को बढ़ा सकते है।

पीपीएफ अकाउंट कैसे है फायदेमंद

निवेशक इस योजना के तहत टैक्स में भी छूट मिलती है। इसमें निवेश करने पर 80C के तहत टैक्स की छूट मिल जाती है। इसमें जो ब्याज मिलता है और मैच्यूरिटी पर जो राशि मिलती है वो भी टैक्स फ्री होती है।

  • सबसे पहले आपको अपने नजदीकी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाना होगा।
  • इसके बाद आपको वहां जाकर पीपीएफ खाता खुलवाने का फॉर्म लेना है।
  • आवेदन पत्र में पूछी गई जानकारी को ध्यान से पढ़कर सही भरें।
  • आवेदन पत्र में आपसे कुछ दस्तावेज भी मांगे जाएंगे।
  • उन दस्तावेजों को भी आवेदन पत्र में संलग्न करके कर्मचारी को दे दीजिए।
  • इसके बाद कर्मचारी आवेदन की जांच करेगा,जानकारी सही होने के बाद आपके बच्चे का खाता खुल जाएगा।

पीपीएफ अकाउंट कैसे है फायदेमंद

  • अभिभाक की केवाईसी
  • बच्चे की तस्वीर
  • बच्चे की उम्र का प्रमाण पत्र ( आधार कार्ड,जन्मप्रमाण पत्र )

पीपीएफ अकाउंट खुलवाने के लिए कम से कम पांच सौ रूपये से शुरुआत करके अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा कर सकते हैं।

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