Payment Policy

पंजीकरण के बाद आवेदक को तय समय में स्वयं के विवेक से किसी भी एक श्रेणी में सुरक्षा राशि जमा करनी होगी। तय समय में सुरक्षा राशि जमा नहीं करने व अन्य निर्देशित आवश्यक कार्य नहीं करने पर पंजीयन निरस्त कर पंजीयन शुल्क नहीं लौटाया जायेगा।

निगम द्वारा पंजीयन निरस्त करने की स्थिति में पंजीयन राशि नहीं लौटाई जायेगी व किये गए निवेश पर नियमानुसार पंजीयन निरस्त करने की दिनांक तक बने लाभ (Calculated Benefits) व मूल सुरक्षा राशि लौटा दी जायेगी।

निगम द्वारा कोई भी आवेदन निरस्त करने की स्थिति में आवेदक की राशि व अन्य लाभों का भुगतान आवेदन निरस्त करने की दिनांक से 120 दिन के भीतर ऑनलाइन अथवा चैक के माध्यम से किया जायेगा।

चूकि निगम के एक INFADEL Coin की कीमत (USD $) के समकक्ष है। अतः मूल सुरक्षा राशि की गणना इस प्रकार की जायेगी –

प्रत्येक श्रेणी में सुरक्षा राशि का एक लॉक इन समय (Look In Period) है इस समय से पहले व दौरान डिस्ट्रीब्यूटर सुरक्षा राशि को withdraw (वापस निकालना) नहीं कर पायेगा , यदि कोई डिस्ट्रीब्यूटर लॉक इन से पहले व इसके दौरान राशि को withdraw करता है तो निगम द्वारा उसकी डिस्ट्रीब्यूटर निरस्त कर दी जायेगी व निवेश /सुरक्षा राशि पर कोई भी लाभ (ब्याज ,बोनस व अन्य ) नहीं दिया जायेगा। इस स्थिति में डिस्ट्रीब्यूटर की मूल सुरक्षा राशि पर पेन्लटी स्वरुप 30% कटौती कर तय समय में (120 दिनों में) भुगतान किया जायेगा।

एकीकृत कृषि, डेयरी, ऊर्जा एवं भूमि विकास कार्यक्रम भारतीय पशुपालन लाभ और लौटाने की अवधि निगम द्धारा संचालित 100 मिलियन डिस्ट्रीब्यूटर वर्चुअल कॉइन क्लब है। सम्पूर्ण परियोजना में न्यूनतम सुरक्षा राशि का कैप (कैपिटलाइजेशन) 100 करोड़ है। यह लक्ष्य निगम द्धारा डिस्ट्रीब्यूटरशिप हेतु आवेदन शुरू होने के 6 माह के भीतर पूरा करना है।निगम द्धारा लक्ष्य प्राप्ति के लिए बेहतर संसाधनों एवं प्रचार प्रसार का उपयोग किया जायेगा। तय समय तक निगम द्धारा परियोजना का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जाता है तो निगम द्धारा सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स को उनके द्धारा जमा करवाई गयी मूल सुरक्षा राशि 6 माह पश्चात बिना किसी लाभ के वापस कर दी जाएगी।

यदि डिस्ट्रीब्यूटर निगम के साथ छ: माह से अधिक समय तक कोई व्यवसाय नहीं करता है या निगम की नीतियों का उल्लंघन करता है तो निगम द्धारा नियमानुसार उसकी डिस्ट्रीब्यूटरशिप समाप्त कर दी जाती है।उपरोक्त मामलों में डिस्ट्रीब्यूटर को उपरोक्त घटनाओं की तारीख के एक महीने के भीतर अपने दावे प्रस्तुत करने होंगे, उसके बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा। दावों का निपटारा निगम की नीति के अनुसार किया जाएगा। निगम द्वारा डिस्ट्रीब्यूटर को देय किसी भी राशि का दावा करने की सीमा अवधि एक वर्ष होगी. निगम द्वारा नियत तारीख से एक साल की अवधि के बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।

लॉक इन पीरियड की समाप्ति पर अगर डॉलर का भाव सुरक्षा राशि जमा करवाये गए दिन के डॉलर के भाव (रूपये के मुकाबले) लाभ और लौटाने की अवधि से नीचे होता है तो डिस्ट्रीब्यूटर को जमा करवायी गयी मूल सुरक्षा राशि ही वापस लौटाई जाएगी, मतलब डॉलर का भाव लाभ और लौटाने की अवधि नीचे आने पर भी डिस्ट्रीब्यूटर को लॉक इन पीरियड के बाद बिना किसी नुकसान के मूल सुरक्षा राशि वापस कर दी जाएगी।

100 मिलियन डिस्ट्रीब्यूटर कॉइन क्लब का सॉफ्ट कैप (6 माह में 100 करोड़ रूपये क्लब में जमा होना) नहीं प्राप्त होने पर डिस्ट्रीब्यूटर द्धारा जमा करवायी गयी सुरक्षा राशि बिना किसी लाभ (ब्याज एवं बोनस) के लौटा दी जाएगी। अगर यह सॉफ्ट कैप क्लब द्धारा नियत समय में प्राप्त कर लिया जाता है तो उस स्थिति में डिस्ट्रीब्यूटर द्धारा जमा की गयी सुरक्षा राशि पर जमा की गयी दिनांक से ही सभी लाभ लागु होंगें।

Bhartiya Pashupalan Nigam Limited has objective to work for the welfare of livestock breeders to make them economically and socially self sufficient.

वन टाइम सेटलमेंट ओटीएस योजना शुरू: लाभार्थी 1 दिसंबर तक उठा सकते हैं ‘वन टाइम सेटलमेंट’ योजना का लाभ

हरियाणा महिला विकास निगम के ऋणों के बकाया ब्याज माफ करने के लिए सरकार की ओर से वन टाइम सेटलमेंट ओटीएस योजना शुरू की गई है। लाभार्थी इस योजना का 1 दिसंबर तक लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के तहत लाभार्थी मूल ऋण की पूरी बकाया राशि का भुगतान एकमुश्त या 6 किस्तों में लौटाता है तो उसका सारा ब्याज माफ कर दिया जाएगा।

उपायुक्त डाॅ. जय कृष्ण आभीर ने बताया कि इस योजना के तहत उन ऋणियों को कवर किया जाएगा जिनका ब्याज 31 मार्च 2019 को निगम को भुगतान के लिए बकाया है। योजना 31 मार्च 2019 को डिफॉल्ट रूप से मूल राशि पर लागू होगी लेकिन उसके बाद भुगतान की गई मूल राशि शामिल नहीं होगी। उन्होंने बताया कि यह योजना 2 दिसंबर 2021 से शुरू हुई थी तथा 1 दिसंबर 2022 तक इस योजना का फायदा उठाया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि ऋण लेने वालों को 1 दिसंबर 2022 तक इसका लाभ उठाने की अनुमति दी जाएगी। यदि ऋणी द्वारा बकाया मूल राशि को एकमुश्त या किश्तों में 6 महीने के भीतर चुका दिया जाता है तो वह लाभार्थी महिला ब्याज की 100 फीसदी छूट के लिए पात्र होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छूट का लाभ ऋणी को बकाया मूलधन की अंतिम किश्त के भुगतान के समय दिया जाएगा।

ब्याज में छूट केवल उन्हीं कर्जदारों को दी जाएगी जो 6 महीने के भीतर पूरी बकाया मूल राशि का भुगतान कर देंगे। योजना के लाभार्थी कम से कम एक वर्ष के अंतराल लाभ और लौटाने की अवधि के बाद ही भविष्य में एक और ऋण अग्रिम कर सकते हैं। डीसी ने बताया कि सरकार की योजना 1 दिसंबर तक वैध होगी और किसी भी आधार पर या किसी न्यायालय के मामले या मध्यस्थता के बहाने योजना की वैधता अवधि समाप्त होने के बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने लाभार्थियों से आह्वान किया कि वे इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।

बोगस लाभार्थी किसानों को अल्टीमेटम

* … वर्ना 7/12 पर चढ़ेगा बोझ
अमरावती/दि.23– प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में जिले के 15,330 आयकरदाता किसानों ने योजना का लाभ लिया व बैंक खाते में जमा हुई रकम वापस न करना अब काफी महंगा पड़ेगा. प्रशासन द्वारा बार-बार सूचना दिये जाने के बावजूद इन लाभार्थियों ने 9.78 करोड़ लौटाने में टालमटोल की है. ऐसे किसानों के 7/12 पर बोझा चढ़ने की तैयारी प्रशासन द्वारा की गई है. कुल योजनाओं के लिए अपात्र रहते हुए लाभ लेना इन किसानों को भारी पड़ने वाला है.
केेंद्र शासन ने नवंबर 2019 से शुरु की गई पीएम किसान सम्मान योजना में हर महीने 500 रुपए के अनुसार 11 हफ्ते जिले के किसानों के बैंक खाते में जमा किये गए है. इस योजना में 15,330 आयकरदाता किसानों ने भी लाभ के लिए ऑनलाईन पंजीयन कर 11,48,96,000 रुपयों का लाभ लिये जाने की बात केंद्र शासन के ध्यान में आयी है. इन अपात्र किसानों को बार-बार नोटीस, स्मरण पत्र दिये जाने के बाद उनके द्वारा 1 करोड़ 70 लाख 34 हजार रुपए शासन को लौटाये गए. अब भी 9 करोड़ 78 लाख 62 हजार रुपए वसूल करना बाकी है.

31 जुलाई तक करें केवायसी
योजना में कुछ अपात्र किसानों द्वारा लाभ लिये जाने से शासन द्वारा अब ई-केवायसी करने के निर्देश दिए गए है. इसमें शुरुआत में 31 मार्च अंतिम अवधि थी. पश्चात अवधि बढ़ाकर दिये जाने के बाद 31 मई व अब तीसरी बाद अवधि बढ़ाकर 31 जुलाई तक डेडलाईन दी गई है.
तहसीलनिहाय अपात्र लाभार्थी

अटल पेंशन योजना

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भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं आयकर दाताओं में शामिल नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के बाद वित्तीय वर्ष लाभ और लौटाने की अवधि के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:

    और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
  • कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948
  • असम चाय बागान भविष्य निधि और विविध प्रावधान, 1955
  • नाविक भविष्य निधि अधिनियम, 1966
  • जम्मू-कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1961
  • कोई भी अन्य वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना

अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।

सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करेगी जो इस योजना में 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं है एवं आयकर दाता नहीं है। सरकार के सह-योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 साल के लिए दिया जाएगा।

वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।

खाता खोलने के लिए प्रक्रिया

  • बैंक शाखा/पोस्ट ऑफिस जहां व्यक्ति का बचत बैंक है को संपर्क करें या यदि खाता नही है तो नया बचत खाता खोलें
  • बैंक/डाकघर बचत बैंक खाता संख्या उपलब्ध करायें और बैंक कर्मचारियों की मदद से एपीवाई पंजीकरण फार्म भरें
  • आधार/मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं । यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन योगदान के बारे में संचार की सुविधा हेतु प्रदान की जा सकती है।
  • मासिक/तिमाही/छमाही योगदान के हस्तांतरण के लिए बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में आवश्यक राशि रखना सुनिश्चित करें

योगदान की विधि, कैसे योगदान करें और योगदान की नियत तारीख

निरंतर चूक के मामले में

ग्राहकों को अपने बचत बैंक खातों/डाकघर बचत बैंक खाते में निर्धारित नियत दिनांक देरी योगदान के लिए किसी भी अतिदेय ब्याज से बचने के लिए पर्याप्त राशि रखनी चाहिए। मासिक/तिमाही/छमाही योगदान बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में महीने/तिमाही/छमाही की पहली तारीख को जमा किया जा सकता है। हालांकि, अगर ग्राहक के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत बैंक खाते लाभ और लौटाने की अवधि में पहले महीने के अंतिम दिन/पहले तिमाही के अंतिम दिन/ पहले छमाही के अंतिम अपर्याप्त शेष है तो इसे एक डिफ़ॉल्ट माना जायेगा और देरी से योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के साथ अगले महीने में भुगतान करना होगा। बैंकों को प्रत्येक देरी मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 रुपये में देरी के 1 रुपये प्रति माह शुल्क लेना है। योगदान की तिमाही/छमाही मोड के लिए देरी योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के हिसाब से वसूल किया जाएगा। एकत्र बकाया ब्याज की राशि ग्राहक के पेंशन कोष के हिस्से के रूप में रहेगा। एक से अधिक मासिक/तिमाही/छमाही योगदान धन की उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकता है। सभी मामलों में, योगदान यदि कोई हो अतिदेय राशि के साथ-साथ जमा किया जा सकता है। यह बैंक की आंतरिक प्रक्रिया होगी। देय राशि की वसूली खाते में उपलब्ध धन के अनुसार की लाभ और लौटाने की अवधि जाएगी।

रखरखाव शुल्क और अन्य संबंधित शुल्कों के लिए ग्राहकों के खाते से कटौती एक आवधिक आधार पर किया जाएगा। उन ग्राहकों के लिए जिन्होंनें सरकार के सह-योगदान का लाभ उठाया है के लिए, खाते की राशि शून्य माना जाएगा जब ग्राहक कोष एवं सरकार के सह-योगदान खाते से घटाने पर राशि रखरखाव शुल्क, फीस और अतिदेय ब्याज के बराबर हो जाये और इसलिए शुद्ध कोष शून्य हो जाता है । इस मामले में सरकार का सह अंशदान सरकार को वापस दिया जाएगा।

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