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Cryptocurrency Regulations: दुनिया के बड़े देश इस तरह लगा रहे हैं Cryptocurrency पर लगाम
Cryptocurrency Regulations: दुनिया के तमाम बड़े देश, जो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी कही जाती हैं उन सब ने क्रिप्टोकरंसी पर लगाम लगाने के लिए नियम कानून या तो तय कर लिए हैं या फिर प्रक्रिया में हैं.
By: ABP Live | Updated at : 27 Nov 2021 10:51 PM (बिटकॉइन क्या है क्यों भाग रही है सारी दुनिया IST)
Cryptocurrency Regulations: भारत में क्रिप्टोकरंसी के कारोबार पर लगाम की खबरों के बाद से इस बात की पूरी आशंका है कि आने वाले दिनों में इसमें और हलचल देखी जाएगी. भारत नियम बनाने की तरफ जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है इस करंसी में गिरावट गहराती देखी गई है. केंद्र सरकार ने अब ये तय कर लिया है कि 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर कानून बनाया जाएगा.
इस खबर के आने के बाद से ही मौजूदा हफ्ते की शुरुआत में क्रिप्टोकरंसी बाजार बिटकॉइन क्या है क्यों भाग रही है सारी दुनिया में भारी गिरावट देखी गई, लेकिन तब से यह अब कुछ स्थिर हो गया है. ऐसे में ये समय न सिर्फ इस कारोबार को समझने के लिए बल्कि दुनिया के बड़े देशों में इसके लिए बनाए गए कानूनों को समझने के लिए बेहतरीन है. ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि इस भयंकर उतार-चढ़ाव वाले सट्टा उद्योग को दुनिया भर में किस तरह से कानूनी जामा पहनाया जाता है.
अमेरिका
भारत की ही तरह अमेरिका में भी शासन की दोहरी प्रणाली है. इसके तहत अलग-अलग राज्यों में कानून, अलग-अलग होते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी जामा पहनाने या रेग्युलेट करने के लिए हर अमेरिकी राज्य के अपने कानून हैं लेकिन बड़े पैमाने पर देश-स्तर पर, व्यापारिक समुदाय के प्रति भावना सकारात्मक ही है.
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अमेरिका को व्यापार के अवसरों का समर्थन करने के लिए जाना जाता है. इसलिए क्रिप्टो ट्रेडिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध की ज्यादा आशंका तब तक नहीं है जब तक कि यह उद्योग मौजूदा वित्तीय प्रणाली के लिए असहनीय जोखिम नहीं डालता.
ब्रिटेन
तमाम देशों की ही तरह यूके ने भी क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के लिए व्यापक कानून नहीं बनाया है. हालांकि, मौजूदा प्रणाली के तहत, यह क्रिप्टो ट्रेडिंग में काम करने वाले पंजीकृत व्यवसायों को लाइसेंस जरूर देता है. इस करंसी पर होने वाले मुनाफे पर दूसरे किसी भी व्यापार की ही तरह टैक्स वसूला जाता है.
चीन
इस देश में शुरू में तो लोगों को क्रिप्टो करंसी का व्यापार करने या खनन करने की अनुमति दी गई लेकिन इसने इस साल की शुरुआत में इन तमाम गतिविधियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी गई. साथ ही जून में व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया. खबरों के मुताबिक इस कारोबार से जुड़े तमाम अहम लोगों को अपना संचालन जारी रखने के लिए देश से बाहर जाना पड़ा. चीन अपनी मुद्रा युआन का एक डिजिटल संस्करण विकसित कर रहा है और रेग्युलेटेड क्रिप्टो क्वाइन का परीक्षण भी कर रहा है.
यूरोपीय संघ
27-सदस्यीय बिटकॉइन क्या है क्यों भाग रही है सारी दुनिया देशों का समूह होने के नाते, सभी सदस्यों के लिए लागू हो सकने वाला कोई भी कानून बनाना काफी जटिल होता है. हालांकि इस उभरते उद्योग से निपटने के लिए सदस्य देशों का अपना ढांचा है. यहां इसको लेकर एक सामूहिक दृष्टिकोण पर विचार किया जा रहा है.
यूरोपीय आयोग ने सितंबर 2020 में बिटकॉइन क्या है क्यों भाग रही है सारी दुनिया क्रिप्टो-एसेट्स मार्केट्स रेगुलेशन (MiCA) कानून से जुड़ा ड्राफ्ट जारी किया. जब यह प्रभावी होगा तब कानून, क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित वित्तीय साधनों के रूप में मानेगा. इसके लिए लिए नियामकों से अनुमोदन की आवश्यकता होगी.
अल साल्वाडोर
इसी साल सितंबर में ये दक्षिण अमेरिकी देश, एक तरह से आधिकारिक तौर पर अमेरिकी डॉलर के साथ कानूनी मुद्रा के रूप में बिटकॉइन को लॉन्च करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. यहां के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने बिटकॉइन को गरीबी कम करने और अधिक जनसंख्या को बैंकिंग नेटवर्क में लाने के तरीके के रूप में रखा है. बिटकॉइन का ये रोलआउट समस्याओं से भरा रहा.
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Published at : 27 Nov 2021 10:51 PM (IST) Tags: India Money Cryptocurrency Investment parliament Bitcoin Price market हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
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तो फिर सारी दुनिया का विश्व-गुरु भारत अपने आप ही बन जाएगा
दिसंबर से भारत जी-20 (बीस देशों के समूह) का अध्यक्ष बन गया है। सुरक्षा परिषद का भी वह इस माह के लिए अध्यक्ष है। भारतीय विदेश नीति के लिए यह बहुत सम्मान की बात है लेकिन यह बड़ी चुनौती भी है। सुरक्षा परिषद आजकल पिछले बिटकॉइन क्या है क्यों भाग रही है सारी दुनिया कई माह से यूक्रेन के सवाल पर आपस में बंटी हुई है। उसकी बैठकों में शीत युद्ध का-सा गर्मागर्म माहौल दिखाई पड़ता है। लगभग सभी प्रस्ताव आजकल ‘वीटो’ के शिकार हो जाते हैं, खास तौर पर यूक्रेन के सवाल पर। यूक्रेन का सवाल इस बार जी-20 की बाली में हुई बैठक पर छाया रहा।
एक तरफ बिटकॉइन क्या है क्यों भाग रही है सारी दुनिया अमरीका और यूरोपीय राष्ट्र थे और दूसरी तरफ रूस और चीन। उनके नेताओं ने एक-दूसरे पर प्रहार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन फिर भी एक सर्वसम्मत घोषणा-पत्र बाली-सम्मेलन के बाद जारी हो सका। इस सफलता का श्रेय खुले तौर पर भारत को नहीं मिला लेकिन जी-20 ने भारत का रास्ता ही अपनाया। भारत तटस्थ रहा। न तो वह रूस के साथ गया और न ही अमरीका के! उसने रूस से अतिरिक्त तेल खरीदने में जरा भी संकोच नहीं किया, जबकि यूरोपीय राष्ट्रों ने हर रूसी निर्यात का बहिष्कार कर रखा है लेकिन नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से साफ-साफ कहा है कि यह युद्ध का बिटकॉइन क्या है क्यों भाग रही है सारी दुनिया समय नहीं है।
भारत के इस रवैये से अमरीका खुश है। वह भारत के साथ मिलकर आग्नेय एशिया में चौगुटा चला रहा है और पश्चिम एशिया में भी उसने अपने नए चौगुटे में भारत को जोड़ रखा है। जी-20 की अध्यक्षता करते हुए भारत को इन पांचों महाशक्तियों को तो पटाए रखना ही होगा, उसके साथ-साथ अफ्रीका, एशिया और लातीनी अमरीकी देशों की आॢथक उन्नति का भी मार्ग प्रशस्त करना होगा।
जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से अखबारों में जो लेख छपा है, उसमें हमारे नौकरशाहों ने जी-20 के घिसे-पिटे मुद्दों को ही दोहराया है। उनमें भी कुछ न कुछ सफलता जरूर मिल सकती है लेकिन ये काम तो किसी भी राष्ट्र की अध्यक्षता में हो सकते हैं। भारत को यह जो अवसर मिला है, उसका उपयोग अगर मौलिक और भारतीय दृष्टि से किया जा सके तो 21 वीं सदी का नक्शा ही बदल सकता है।
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का मुहावरा तो काफी अच्छा है लेकिन हम पश्चिमी राष्ट्रों के नकलची बनकर इस शक्तिशाली संगठन के जरिए कौन सा चमत्कार कर सकते हैं? क्या हमने भारत में कुछ ऐसा करके दिखाया है, जो पूंजीवाद और साम्यवाद का विकल्प बन सके? भारत और विश्व में फैल रही आॢथक असमानता, धार्मिक विद्वेष, परमाणु असुरक्षा, असीम उपभोक्तावाद, पर्यावरण-क्षति आदि मुद्दों पर हमारे पास क्या कोई ठोस विकल्प हैं? यदि ऐसे विकल्प हम दे सकें तो सारी दुनिया के विश्व-गुरु तो आप अपने आप ही बन जाएंगे।
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बिटकॉइन में 100 रुपये का निवेश आपको बना सकता था 7.5 करोड़ का मालिक
9 साल में बिटकॉइन ने साढ़े सात लाख गुना रिटर्न दिया . एक बिटकॉइन का भाव 4000 डॉलर के पार पहुंचा
क्या है बिटकॉइन ?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं . यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पाउन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के बिटकॉइन क्या है क्यों भाग रही है सारी दुनिया अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बड़े बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में
दुनिया की सबसे महंगी करेंसी
बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है. फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2.69 लाख रुपये से भी ज्यादा है. कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना बैंक के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. वहीं, इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है.
कैसे काम करती है बिटकॉइन?
आप बिटकॉइन को अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर बिटकॉइन वॉलेट के रूप में इंस्टॉल कर सकते हैं. इससे आपका पहला बिटकॉइन एड्रेस बनेगा और जरूरत पड़ने पर आप एक से ज्यादा एड्रेस भी बना सकते हैं. अब आप अपने मित्रों को अपना बिटकॉइन एड्रेस दे सकते हैं. इसके बाद आप उनसे भुगतान ले या उन्हें भुगतान कर भी सकते हैं.
अवैध धंधों बिटकॉइन क्या है क्यों भाग रही है सारी दुनिया में हो रही बड़े पैमाने पर इस्तेमाल
बिटकॉइन का इस्तेमाल ब्लैकमनी, हवाला, ड्रग्स की खरीद-बिक्री, टैक्स की चोरी और आतंकवादी गतिविधियों में बड़े पैमाने पर होता है. बिटकॉइन के बढ़ते इस्तेमाल ने दुनियाभर के देशों में सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. भारत में रिजर्व बैंक या किसी भी अन्य रेग्युलेटर ने इस वर्चुअल मुद्रा को कानूनी मान्यता नहीं दी है.
देश में भी खूब हो रहा बिटकॉइन में लेनदेन
केंद्र सरकार फिलहाल बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के ऑनलाइन लेनदेन पर रोक लगाने की स्थिति में नहीं है. इस मामले में सरकार के भीतर हुए विमर्श कई बार हो चुका है. ऐसी करेंसी की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण संभव नहीं बिटकॉइन क्या है क्यों भाग रही है सारी दुनिया है. हालांकि अभी सरकार ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. दुनिया में करीब 90 से अधिक वर्चुअल करेंसी चलन में हैं.
क्या है क्रिप्टो करेंसी का भविष्य
अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने अपने ग्रााहकों को पिछले हफ्ते भेजे नोट में कहा था कि क्रिप्टो करेंसी को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इसमें ग्रोथ की प्रबल संभावना है. भारत में क्रिप्टो करेंसी में शुरुआती कारोबार से जुड़े एमकैप क्रिप्टो बिटकॉइन क्या है क्यों भाग रही है सारी दुनिया करेंसी के संचालक अमित भारद्वाज के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी का भविष्य काफी बेहतर है. अगर आप बिटकॉइन में निवेश से चूक गए हैं तो बाजार में क्रिप्टो करेंसी में निवेश के कई और विकल्प हैं. मसलन, एमकैप का मौजूदा भाव 2 डॉलर के करीब है इसके अलावा यूथेरियम क्रिप्टो करेंसी का मौजूदा भाव 300 डॉलर है. जानकारों के मुताबिक एमकैप क्रिप्टो करेंसी का भाव इस साल 50 डॉलर के पार जाने की संभावना है.
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