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Cryptocurrency Meaning in Hindi – क्रिप्टो करेंसी क्या होती है, क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?

Crypto का Meaning Hindi में सीक्रेट या गुप्त व Currency का मतलब मुद्रा होता हैं, यानी कि Cryptocurrency Meaning in Hindi सिक्रेट मुद्रा होता है। क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअन करेंसी होती है, इसका मतलब कि यह फिजिकल रूप में उपलब्ध नही होती है; यानी कि इसे हम नोट और सिक्कों की तरह हाथ में नही ले सकते और ना ही इसे जेब Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य में रख सकते हैं। क्योंकि यह सिर्फ ऑनलाइन इंटरनेट पर ही हमारे Digital Wallet में Digital form में ही रहता है। अतः CryptoCurrency को Online Currency भी कह सकते हैं। क्योंकि यह सिर्फ ऑनलाइन ही लेन-देन करने में सक्षम है।

पहली बार Crypto Currency के रूप में Bitcoin को ही 2009 में इंट्रोड्यूज किया गया था। Bitcoin का आविष्कार सातोशी नकामोतो नामक एक engineer ने 2008 में किया था, और 2009 में open source software के रूप में इसे जारी किया गया था। और अभी तक की सबसे पॉपुलर Cryptocurrency Bitcoin ही है। और बिट कॉइन को 21 मिलियन ही प्रोड्यूस किया गया है। और यह संख्या फिक्स है अतः नोट की तरह इसको और ज्यादा नही छापा जा सकता है। इसी वजह से Bitcoin की कीमत तेजी से उपर नीचे होती रहती है। जब बाजार नें इसकी मांग बढ़ती है तो बिट कॉइन कीं कीमत बढ़ जाती है, तथा जब मांग घटती है तो कीमत भी घटती जाती है। जैसा की आपको पता ही होगा कि हमारी भारतीय मुद्रा हो या फिर अमेरिकी डॉलर, चाइनीज यूरो आदि सभी करेंसी पर सरकार का पूरा-पूरा कंट्रोल होता है। लेकिन बिट कॉइन जैसे क्रिप्टो करेंसी पर ऐसा कोई भी कंट्रोल नही होता है। इस Virtual Currency पर गवर्मेन्ट अथोरिटी जैसे सेंट्रल बैंक्स, किसी देश या एजेंसी का कोई कंट्रोल नही होता Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य है। यानी की Cryptocurrency ट्रेडिशनल बैंक को फॉलो नही करती है। यह एक Computer Wallet से दूसरे Computer Wallet तक Transfer होता रहता है। क्रिप्टो करेंसी में ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता हैं। जिससे यह एकदम सिक्योर हो जाती है।

क्या बिटकॉइन भारत में वैध है?

शुरुआत के समय में तो भारत में बिटकॉइन लीगल था लेकिन कुछ सबय पहले बीच में भारत में बिट कॉइन को RBI ने 2018 में वैन लगा दिया था। क्योंकि RBI इसे illegal मानती थी। लेकिन फिर मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस वैन को हटा दिया गया। और इसी कारण से भारत मे बिटकॉइन की पॉपुलिरिटी इतनी नही थी। लेकिन अब भारत में भी क्रिप्टो करेंसी का यूज लीगल हो गया है। भारत में फिर 2022 का बजट पेस किया गया जिसमें Bitcoin जैसी करेंसी पर 30% का Tax लगाया गया है। आप जो भी इन करेंसी से पैसा कमाएं गे उसका 30% टैक्स सरकार को देना होगा।

इसमें आप आसानी से और फटा-फट ट्रांजेकशन कर सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी से इंटरनेशनल ट्रांजेक्सन चुटकियो में किए जा सकते हैं।
आपको न के बराबर ट्रांजेक्शन चार्ज देना पड़ता हैं। इसमें कोई भी थर्डपार्टी नही होती है, और ज्यादा सिक्योर होती है क्योंकि इसमें ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
Cryptocurrency का कंट्रोल सरकार या किसी अन्य एजेंसी के पास नही होता है। जिसके कारण हम जब चाहे जैसे चाहे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्रिप्टो करेंसी सीक्रेट होती है इसका मतलब किसी को भी नही पता होता कि आपके पास कितनी करेंसी है। आप इसका कहाँ पर यूज करते है। सभी
जानकारिया गुप्त होती है। इसी वजह से इसका उपयोग कंपनिया खरीद बेच करने में करती हैं।

Cryptocurrency ke nuksan – क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या क्या है?

सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसमें कोई गवर्मेंट अथोरिटी नही है और कोई थर्ड पार्टी एजेंसी नही है, तो अगर कोई फ्रॉड होता है तो कोई भी सपोर्ट नही मिलता है।

यह Eco-Friendly नही है क्योंकि इसे सिक्योर बनाने के लिए बहुत सारे कंप्यूटर और रिसोर्सेस का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी वजह से इलेक्ट्रिसिटी बहुत ज्यादा खर्च होती है। लेकिन हो सकता है कि भविष्य में नई टेक्नोलॉजी आ जाए।

चूकि यह सीक्रेट करेंसी है तो इसका इस्तेमाल Unethical Users भी करते हैं। जिसकी कोई डिटेल प्राप्त नही की जा सकती है।

Q. Bitcoin का आविष्कार किसने और कब किया था?
Ans. 2008 में Bitcoin का आविष्कार सातोशी नकामोतो नामक एक engineer ने किया था।

Ethereum Smart Contract क्या है?

स्मार्ट कांटेक्ट का उपयोग कंप्यूटर कोड का वर्णन करने के लिए किया जाता है जोकि धन-संपत्ति शेयर या मूल्य के कुछ भी आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान कर सकता है। Contract को कोड मैं लिखा Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जाता है, जिसे Creator Blockchain में अपलोड करते है।

जब किसी Contracts को execute किया जाता है तब सभी nodes जोकि नेटवर्क में मौजूद है उसे रन करते है, जिसके बाद ब्लॉकचैन में अपलोड किया जाता है और ऐसे ही उन्हें सार्वजनिक खाते में रखा जाता है। जोकि सैद्धांतिक रूप से Temper Proof होते हैं।

सभी कंप्यूटर्स जो इस नेटवर्क में स्थित है, वह सारे ट्रांजैक्शंस को ट्रैक कर रही होती है। इसलिए इसमें छेड़छाड़ करना संभव नहीं है। यदि कोई छेड़छाड़ करता भी है तो तुरंत सभी को पता चल जाता है।

Ethereum सुरक्षित है या नही?

एथेरियम परियोजना को विभिन्न चरणों में बनाया गया है। वर्तमान में यह परियोजना दो चरण हैं। जिसे “होमस्टेड” कहा जाता है। एथेरियम नेटवर्क के विकास के लिए क्रमशः 4 सुनियोजित चरण है।

  1. फ्रंटियर
  2. होमस्टेड
  3. मेट्रोपोलिस
  4. सीनिटी

हालांकि एथेरियम अभी एक प्रौद्योगिक तकनीक है। क्योंकि यह Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य प्रोग्राम अभी वर्चुअल मशीन पर चलाने की अनुमति देता है इसलिए यह संभव है कि कुछ चीजें अभी भी गलत हो सकती है।

Ethereum का फ्यूचर क्या है?

दोस्तों अगर बात करें एथेरियम के फ्यूचर के बारे में तो निवेशकों का मानना है कि जिस तरह से एथेरियम का दिन प्रतिदिन ग्रोथ हो रहा है उसी हिसाब से आने वाले समय में एथेरियम में इन्वेस्ट करने के लिए सोचना नहीं पड़ेगा।

एथेरियम के तेज वृद्धि होने का कारण एक यह भी है कि इसमें बड़ी बड़ी कंपनियां जैसे माइक्रोसॉफ्ट, जेपी मॉर्गन चेज आदि ने निवेश किया है।

ब्लॉकचेन

ब्लॉकचैन बिटकॉइन पीयर-टू-पीयर भुगतान प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक ब्लॉकचेन सभी क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन का एक डिजीटल, विकेन्द्रीकृत, सार्वजनिक खाता बही है। ब्लॉकचेन तकनीक आमतौर पर बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी होती है, लेकिन यह केवल हिमशैल का सिरा है। कुछ लोग सोचते हैं कि ब्लॉकचेन स्वास्थ्य देखभाल से लेकर राजनीति तक कई महत्वपूर्ण उद्योगों को बदल सकता है।

Blockchain

बिटकॉइन सिस्टम लेनदेन रिकॉर्ड करने के लिए ब्लॉकचेन लेज़र का उपयोग करके काम करता है। बिटकॉइन एक वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी है जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, जबकि कई पार्टियों ने बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में स्वीकार करना शुरू कर दिया है, यह अभी भी विवादास्पद है और सुरक्षा और स्थिरता के मामले में जोखिम पैदा करता है।

बिटकॉइन Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में तथ्य

तो यहाँ बिटकॉइन के बारे में कुछ तथ्य दिए गए हैं:

  • 21 मिलियन की सीमा है
  • Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
  • यह एक केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है
  • वर्तमान में केवल 17 मिलियन से अधिक प्रचलन में हैं
  • बिटकॉइन निर्माता सातोशी नाकामोतो की पहचान एक रहस्य बनी हुई है

ब्लॉकचैन नेटवर्क के 4 प्रकार

  • कंसोर्टियम ब्लॉकचेन
  • अर्ध-निजी ब्लॉकचेन
  • निजी ब्लॉकचेन
  • सार्वजनिक ब्लॉकचेन

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फीचर आर्टिकल: सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी 2021, भारत की लगभग 7.3% आबादी के पास क्रिप्टो एसेट

क्रिप्टो, क्रिप्टो, क्रिप्टो! हर कोई क्रिप्टो के बारे में बातें कर रहा है; इन दिनों यह चर्चा का सबसे लोकप्रिय विषय बना हुआ है। जहां भारत की लगभग 7.3% आबादी के पास कुछ न कुछ मात्रा में क्रिप्टो एसेट है, वहां ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो अभी भी डिजिटल करेंसी के पूरे कॉन्सेप्ट के बारे में आशंकित हैं।

अधिकांश क्रिप्टो करेंसियां ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से संचालित होती हैं। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में ब्लॉक्स एक आधार के रूप में काम करते हैं क्योंकि लेनदेन को इन ब्लॉक्स के भीतर रिकॉर्ड और टाइम-स्टैम्प (समयबद्ध ) किया जाता है।

हर ब्लॉक एक दूसरे से जुड़ा रहता है, और हैकर्स को आपके लेनदेन के डिजिटल लेजर में छेड़छाड़ करने के लिए, उन्हें एक-एक ब्लॉक को उलटना-पलटना पड़ेगा। यानी दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसी कोशिश करने का भी कोई अर्थ नहीं है क्योंकि यह एक असंभव कार्य है।ब्लॉक चेन का तीन मुख्य प्रकार की क्रिप्टोकरेंसियों के साथ जुड़ी हुई हैं। पहली ब्लॉकचेन बिटकॉइन थी, इसके बाद ऑल्टकॉइन्स और टोकन्स आईं।

ई-रुपी बनाम क्रिप्टो

इससे पहले कि हम जानें की ई-रुपी क्या है और यह कैसे काम करेगा, आइए सबसे पहले सारांश में ई-रुपी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच का अंतर जान लें:

• बिटकॉइन के विपरीत ई-रुपी एक फिएट Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य मुद्रा होगी, जिसके पीछे एक जारी करने वाला प्राधिकरण (अथॉरिटी) होगा. जबकि बिटकॉइन के पीछे कोई जारी करने वाला प्राधिकरण नहीं होता है.

• ई-रुपी का मूल्य पारंपरिक रुपये के बराबर होगा और इसमें विनिमय करने की शक्ति होगी, इसलिए यह क्रिप्टो की तरह अस्थिर नहीं होगा.

• ई-रुपी को क्रिप्टो की तरह एक डिस्ट्रीब्यूटेड पब्लिक लेजर (Ledger) की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि रिकॉर्ड रखने का काम केंद्रीय बैंक करेगा. हालांकि, यह मध्यस्थ बैंकों को खत्म करने के लिए स्मार्ट Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य टोकन जैसी ब्लॉकचेन तकनीक की कुछ विशेषताओं का इस्तेमाल कर सकता है.

• क्रिप्टो की तरह, ई-रुपी लेन-देन को रफ्तार देगा और लेन-देन की लागत को कम या खत्म कर देगा. क्रिप्टो की तरह, टोकन-आधारित ईरुपी के मामले में अकाउंट को रखने वाला इसका स्वामी होगा.

सीबीडीसी कैसे काम करेगी?

अब अगर आप सोच रहे हैं कि ई-रुपी और डिजिटल बैंकिंग में क्या अंतर है, तो इसका जवाब यह है कि ई-रुपी केंद्रीय बैंक (रिजर्व बैंक) की देनदारी होगी, जो इसकी बही-खातों में दिखाई गई होगी. इसके विपरीत आपके कमर्शियल बैंक खाते में मौजूद डिजिटल पैसा बैंक की देनदारी होती है और वह अकेले ही लेनदेन का रिकॉर्ड रखता है. इसके अलावा बैंक में जमा पैसा आपको ब्याज से आय देता है, लेकिन ई-रुपी के साथ होल्डिंग्स पर ब्याज के भुगतान के पक्ष और विपक्ष दोनों के अपने तर्क Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं. कारण: सीबीडीसी को बैंक में जमा धन के साथ प्रतिस्पर्धा करने से रोकना है. आरबीआई आखिर में, जो भी निर्णय ले मगर यह निश्चित है कि ई-रुपी पारंपरिक रुपये के साथ सह-अस्तित्व में होगा.

आरबीआई की नोट की तरह, सीबीडीसी के दो अलग-अलग यूजर्स होंगे: पहला, खुदरा (आप और मेरे जैसे लोग) और दूसरा थोक यानी बैंक. बैंक सीबीडीसी का इस्तेमाल दूसरे बैंकों से लेन-देन में करेंगे. जबकि आप और हम नियमित लेनदेन के लिए इसके टोकन-आधारिक वर्जन का इस्तेमाल करेंगे.

क्या सीबीडीसी क्रिप्टो को खत्म कर देगा?

क्रिप्टो जमा करने वाले सीबीडीसी पर पैनी नजर रखे हुए हैं. उन्हें केंद्रीय बैंकों के अपने क्षेत्र में दखल देने का विचार पसंद नहीं आ रहा है. आखिरकार, बिटकॉइन मौद्रिक रुपये को खत्म करने के उद्देश्य से सामने आया. यह किसी देश के मुद्रा पर कब्जे के खिलाफ एक विद्रोह Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जैसा था. बिटकॉइन के समर्थकों ने सवाल किया कि किसी मुद्रा को जारी करने, बढ़ाने या मूल्य कम करने की शक्ति केवल उसे जारी करने वाले देश के हाथ में ही क्यों हो? राष्ट्र के बजाय लोगों का एक समूह अपनी निजी मुद्रा क्यों नहीं चला सकता, जिसे राजनेताओं और नौकरशाहों की इच्छा के मुताबिक नहीं, बल्कि कंप्यूटर एल्गोरिथम के तर्क के अनुसार प्रबंधित किया जा सकता हो. विचार के रूप में तो यह बहुत ही अच्छा है मगर यह अनजाने खतरों से खाली नहीं है. क्रिप्टो बाजार में साल भर की उथल-पुथल ने यह साबित भी कर दिया है.

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