नि:संदेह केंद्र सरकार आयुर्वेद सहित पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को अति सक्रियता के साथ वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए आगे बढ़ी है। सरकार ने 50 से अधिक देशों के साथ आयुर्वेद सहित पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को आगे बढ़ाने से संबंधित अनुसंधान विकास और शिक्षण-प्रशिक्षण के विभिन्न समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि 13 नवंबर, 2020 को पांचवें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रस अधानोम घेब्रेसस ने भारत में पारंपरिक दवाओं के लिए एक वैश्विक केंद्र की स्थापना सुनिश्चित की है। इसका उद्देश्य विश्व के विभिन्न देशों में परंपरागत और पूरक दवाओं के अनुसंधान, प्रशिक्षण और जागरूकता को मजबूत किया जाना है।
रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए RBI ने उठाया कदम, कम होगी डॉलर पर निर्भरता
नई बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता दिल्ली: भारतीय रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने रुपये में आयात एवं निर्यात के निपटान के लिए एक अतिरिक्त इंतजाम करने का फैसला किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह भारतीय मुद्रा यानी रुपये में आयात-निर्यात के निपटारे का पर्याप्त इंतजाम करें।
यह एक बड़ा फैसला माना जा रहा है, क्योंकि इससे देश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में काफी मदद मिलेगी और डॉलर पर भारत की निर्भरता बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता भी कुछ कम होगी।
केंद्रीय बैंक (Central bank) ने यह कदम वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए उठाया है।
रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि बैंकों को यह व्यवस्था लागू करने के पहले उसके विदेशी मुद्रा विभाग से पूर्व-अनुमति लेना जरूरी होगा।
RBI को कई मुद्राओं में अपने विदेशी मुद्रा भंडार को रिजर्व रखना होगा
RBI द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, भारत से निर्यात बढ़ाने पर जोर और भारतीय रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को ध्यान में रखते हुए वैश्विक व्यापार को बढ़ाने के लिए यह तय किया गया है कि बिल बनाने, भुगतान और रुपए में आयात/निर्यात के निपटान के लिए एक अतिरिक्त इंतजाम किया जाए।
हालांकि यह एक स्वागत योग्य पहल की तरह लगता है, हम मानते हैं कि यह एक लंबी प्रक्रिया है और दशकों में पूरी तरह से चलने की संभावना है।
इस प्रक्रिया के कार्यान्वयन के लिए व्यापारिक भागीदारों के साथ व्यापक विचार-विमर्श की आवश्यकता होगी। इस उपाय की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि उनमें से कितने भारतीय रुपये में व्यापार करने के इच्छुक हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी संभावना है कि यदि भारत भारतीय रुपये (India Indian Rupee) में अपने आयात निपटान के लिए जाता है, तो व्यापारिक भागीदार अपनी स्थानीय मुद्रा में इसके आयात निपटान के लिए कह सकता है, जो इंगित करता है कि आरबीआई को अन्य केंद्रीय बैंकों के साथ, कई मुद्राओं में अपने विदेशी मुद्रा भंडार को रिजर्व रखना होगा।
विदेशी मुद्रा अर्जन का जरिया बनते आयुर्वेद उत्पाद
हाल ही में 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने 9वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) के समापन समारोह और तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों के उद्घाटन समारोह में कहा कि आयुर्वेद, सिर्फ इलाज के लिए नहीं है। आयुर्वेद हमें जीवन जीने का तरीका सिखाता बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता है। उन्होंने कहा कि भारत में आयुष के क्षेत्र में करीब 40 हजार सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) उद्योग कार्यरत हैं, जो अनेक विविध प्रोडक्ट दे रहे हैं। इनसे लोकल इकॉनमी को बड़ी ताकत मिल रही है। आठ साल पहले देश में आयुष इंडस्ट्री करीब-करीब 20 हजार करोड़ रुपये के आसपास ही थी। आज आयुष इंडस्ट्री करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच रही है। ऐसे में आगामी वर्ष 2023 से आईटी की तरह भारत के आयुर्वेदिक बाजार में भी तेजी से विस्तारित होने और इसके विदेशी मुद्रा की कमाई का नया तेजी से बढ़ता माध्यम बनने की सुकूनदेह संभावनाएं उभरती दिखाई दे रही हैं।
यूपी सरकार फूड प्रोसेसिंग के जरिए गढ़ रही सफलता की कहानी
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© Reuters. यूपी सरकार फूड प्रोसेसिंग के जरिए गढ़ रही सफलता की कहानी
झांसी, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में प्रोडक्शन, ब्रांडिंग और मार्केटिंग को लेकर उद्यमियों और किसानों को प्रोत्साहित किया तो इस ओर लोगों का रुझान भी बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता बढ़ता दिखाई देने लगा है। झांसी मंडल में एक साल में करीब 26 से अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट की शुरुआत हुई है, जिनमें छोटे और बड़े दोनों स्तर के यूनिट हैं। अधिकांश यूनिट छोटे स्तर के हैं और स्थानीय उपज को ध्यान में रखते हुए इन्हें तैयार किया गया है। सरकार की ओर से इकाइयों की शुरुआत के लिए एक लाख रुपये से लेकर पचास लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई है। सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, जालौन में एक साल में 2 बड़े और 17 छोटे फूड प्रोसेसिंग प्लांट शुरू हुए हैं। इसी तरह झांसी में 3 छोटे और एक बड़े प्रोसेसिंग प्लांट की शुरुआत हुई है। ललितपुर में तीन बड़े प्रोसेसिंग प्लांट शुरू हुए हैं। जालौन में मुख्य रूप से मटर और आटे से संबंधित, झांसी में दाल, सब्जी और फलों की प्रोसेसिंग से संबंधित और ललितपुर में फ्रूट जूस, बॉटलिंग प्लांट, दाल मिल आदि के कामों पर केंद्रित इकाइयों की शुरुआत हुई है। इन इकाइयों की स्थापना में सरकार की ओर एक लाख रुपये से पचास लाख रुपये तक की बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता आर्थिक मदद दी गई है।
पाँच सौ अरब डॉलर का हुआ विदेशी मुद्रा भंडार
रिजर्व बैंक द्वारा आज जारी आँकड़ों के अनुसार, 05 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार लगातार छठे सप्ताह बढ़ता हुआ 501.70 अरब डॉलर पर पहुँच गया। सप्ताह के दौरान इसमें 8.22 अरब डॉलर की जबरदस्त वृद्धि देखी गई। इससे पहले 29 मई को समाप्त सप्ताह में यह 3.44 अरब डॉलर बढ़कर 493.48 अरब डॉलर रहा था।
आलोच्य सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में 8.42 अरब डॉलर की वृद्धि हुई और सप्ताहांत पर यह 463.63 अरब डॉलर पर रहा। इस दौरान स्वर्ण भंडार 32.90 करोड़ डॉलर घटकर 32.35 अरब डॉलर रह गया। आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 12 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.28 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार एक करोड़ डॉलर बढ़कर 1.44 अरब डॉलर पर पहुँच गया।
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नई दिल्ली: केन्द्र में सत्तासीन मोदी सरकार ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. देश में विदेशी मुद्रा का भंडार नई ऊंचाईयों पर पहुंच गया है.
अभी तक का सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार
रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता सप्ताह के आखिर तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.091 अरब डॉलर बढ़कर 476.092 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ज्यादा के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस तेजी की वजह ये है कि विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign currency assets) में बहुत तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.
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