Home Sales Data : जनवरी से सितंबर के बीच सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 87 प्रतिशत बढ़ी : रिपोर्ट
Home Sales Data : एनारॉक की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जनवरी से सितंबर के बीच सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 87 प्रतिशत बढ़ी है. एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री जनवरी-सितंबर में दोगुने से अधिक होकर 49,138 इकाई हो गई.
Published: October 3, 2022 8:26 AM IST
Home Sales Data : देश के सात प्रमुख शहरों में इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान आवास बिक्री 87 प्रतिशत बढ़कर 2,72,709 इकाई पर पहुंच गई. एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत मांग के साथ इस अवधि की आवासीय बिक्री कोविड-19 की शुरुआत से पहले वर्ष 2019 में हुई कुल बिक्री से अधिक है. 2021 की जनवरी-सितंबर की अवधि में आवास बिक्री 1,45,651 इकाई की रही थी.
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संपत्ति सलाहकार एनारॉक प्रमुख आवास ब्रोकरेज कंपनियों में से एक है. कंपनी देश के सात प्रमुख शहरों यानी दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे की प्राथमिक बिक्री की निगरानी करती है.
आंकड़ों के अनुसार, इन सात शहरों में आवास बिक्री इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान बढ़कर 2,72,709 इकाई हो गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1,45,651 इकाई थी.
इस कैलेंडर वर्ष में जनवरी-सितंबर का आंकड़ा पूरे 2019 के दौरान बेची गई 2,61,358 इकाइयों से अधिक है.
वहीं, महामारी के कारण लॉकडाउन की वजह से वर्ष 2020 में आवास बिक्री घटकर 1,38,344 इकाई रह गई थी.
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल कम स्टांप शुल्क के रूप में महाराष्ट्र समेत कुछ राज्य सरकारों की तरफ से दिए गए प्रोत्साहनों से भारत के प्राथमिक आवास बाजार में सुधार आया है.
इन वजहों के चलते वर्ष 2021 में घरों की बिक्री बढ़कर 2,36,516 इकाई हो गई और इस साल इसमें गति बनी हुई है.
एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री जनवरी-सितंबर में दोगुने से अधिक होकर 49,138 इकाई हो गई. एक साल पहले की इसी अवधि में यह 22,478 इकाई थी.
इसके अलावा एमएमआर में बिक्री 48,716 इकाइयों से 67 प्रतिशत बढ़कर 81,315 इकाई हो गई.
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Edelweiss Broking दे रहा सुरक्षित निवेश का मौका, मिलेगा 10 फीसदी का ब्याज, जानिए कैसे करें निवेश
Edelweiss Broking: NCDs में निवेश करने वाले निवेशकों को 8.75 फीसदी से 9.95 फीसदी का ब्याज मिलेगा। इसके साथ निवेशकों को निवेश के चार विकल्प दिए गए हैं।
इस तस्वीर का प्रयोग केवल प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया (Photo: Reuters)
देश की दिग्गज ब्रोकरेज कंपनी एडलवाइस ब्रोकिंग सुरक्षित निवेश की तलाश करने वाले लोगों को निवेश करने का एक बेहतरीन मौका दिया है। कंपनी ने मंगलवार को सिक्योर्ड रिडीमेबल नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर (NCDs) का ऐलान किया। इसके जरिए कंपनी ने 300 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने बताया कि इस इशू का बेस प्राइस 150 करोड़ रुपए है जबकि इस इशू के तहत 1000 रुपए की फेस वैल्यू का NCDs जारी होगा। इस इशू के साथ 150 करोड़ रुपए का ग्रीन – शू ऑप्शन जोड़ा गया है। इसका मतलब यह है कि अगर कंपनी का 150 करोड़ रुपए का बेस इशू सब्सक्राइब हो जाता है, तो कंपनी ग्रीन – शू ऑप्शन के जरिए और 150 करोड़ रुपए जुटा सकती है।
कंपनी के मुताबिक, NCDs में निवेश करने वाले निवेशकों को 8.75 फीसदी से 9.95 फीसदी का ब्याज मिलेगा। इसके साथ निवेशकों को निवेश के चार विकल्प दिए गए हैं। निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार 24, 36,40 और 120 महीनों के लिए निवेश कर सकते हैं। इसके साथ ही निवेशकों को मासिक, वार्षिक और चक्रवर्ती ब्याज भुगतान का विकल्प दिया गया है।
इसके साथ ही कंपनी ने बताया है कि उन निवेशकों को 0.20 फीसदी का प्रतिवर्ष अतिरिक्त ब्याज दिया जाएगा जिन्होंने पहले से ही कंपनी या फिर ग्रुप की किसी कंपनी की ओर से जारी की गई NCDs, बॉन्ड में निवेश किया हुआ है। इन कंपनियों में एडलवाइस रिटेल फाइनेंस और एडलवाइस फाइनेंस एंड इंवेस्टमेंट्स और एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज का नाम शामिल हैं।
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कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, NCDs के जरिए जुटाई गई 90 फीसदी पैसों का इस्तेमाल कंपनी की ओर से वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। बाकी पैसा कंपनी सामान्य जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी।
बता दें, यह एक विकल्प ब्रोकरेज कंपनी चुनने के लिए सिफारिशें इश्यू 5 जुलाई से लेकर 26 जुलाई के बीच खुलेगा। कंपनी की ओर से NCDs को बीएससी पर लिस्ट कराने की योजना है एक विकल्प ब्रोकरेज कंपनी चुनने के लिए सिफारिशें ताकि निवेशकों को लिक्विडिटी की सुविधा प्रदान की जा सकें। NCDs में निवेश करने के लिए आप एडलवाइस की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
Home Sales Data : जनवरी से सितंबर के बीच सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 87 प्रतिशत बढ़ी : रिपोर्ट
Home Sales Data : एनारॉक की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जनवरी से सितंबर के बीच सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 87 प्रतिशत बढ़ी है. एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री जनवरी-सितंबर में दोगुने से अधिक होकर 49,138 इकाई हो गई.
Published: October 3, 2022 8:26 AM IST
Home Sales Data : देश के सात प्रमुख शहरों में इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान आवास बिक्री 87 प्रतिशत बढ़कर 2,72,709 इकाई पर पहुंच गई. एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत मांग के साथ इस अवधि की आवासीय बिक्री कोविड-19 की शुरुआत से पहले वर्ष 2019 में हुई कुल बिक्री से अधिक है. 2021 की जनवरी-सितंबर की अवधि में आवास बिक्री 1,45,651 इकाई की रही थी.
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आंकड़ों के अनुसार, इन सात शहरों में आवास बिक्री इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान बढ़कर 2,72,709 इकाई हो गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1,45,651 इकाई थी.
इस कैलेंडर वर्ष में जनवरी-सितंबर का आंकड़ा पूरे 2019 के दौरान बेची गई 2,61,358 इकाइयों से अधिक है.
वहीं, महामारी के कारण लॉकडाउन की वजह से वर्ष 2020 में आवास बिक्री घटकर 1,38,344 इकाई रह गई थी.
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल कम स्टांप शुल्क के रूप में महाराष्ट्र समेत कुछ राज्य एक विकल्प ब्रोकरेज कंपनी चुनने के लिए सिफारिशें सरकारों की तरफ से दिए गए प्रोत्साहनों से भारत के प्राथमिक आवास बाजार में सुधार आया है.
इन वजहों के चलते वर्ष 2021 में घरों की बिक्री बढ़कर 2,36,516 इकाई हो गई और इस साल इसमें गति बनी हुई है.
एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री जनवरी-सितंबर में दोगुने से अधिक होकर 49,138 इकाई हो गई. एक साल पहले की इसी अवधि में यह 22,478 इकाई थी.
इसके अलावा एमएमआर में बिक्री 48,716 इकाइयों से 67 प्रतिशत बढ़कर 81,315 इकाई हो गई.
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कंपनी के मुताबिक, NCDs में निवेश करने वाले निवेशकों को 8.75 फीसदी से 9.95 फीसदी का ब्याज मिलेगा। इसके साथ निवेशकों को निवेश के चार विकल्प दिए गए हैं। निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार 24, 36,40 और 120 महीनों के लिए निवेश कर सकते हैं। इसके साथ ही निवेशकों को मासिक, वार्षिक और चक्रवर्ती ब्याज भुगतान का विकल्प दिया गया है।
इसके साथ ही एक विकल्प ब्रोकरेज कंपनी चुनने के लिए सिफारिशें कंपनी ने बताया है कि उन निवेशकों को 0.20 फीसदी का प्रतिवर्ष अतिरिक्त ब्याज दिया जाएगा जिन्होंने पहले से ही कंपनी या फिर ग्रुप की किसी कंपनी की ओर से जारी की गई NCDs, बॉन्ड में निवेश किया हुआ है। इन कंपनियों में एडलवाइस रिटेल फाइनेंस और एडलवाइस फाइनेंस एंड इंवेस्टमेंट्स और एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज का नाम शामिल हैं।
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कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, NCDs के जरिए जुटाई गई 90 फीसदी पैसों का इस्तेमाल कंपनी की ओर से वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। बाकी पैसा कंपनी सामान्य जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी।
बता दें, यह इश्यू 5 जुलाई से लेकर 26 जुलाई के बीच खुलेगा। कंपनी की ओर से NCDs को बीएससी पर लिस्ट कराने की योजना है ताकि निवेशकों को लिक्विडिटी की सुविधा प्रदान की जा सकें। NCDs में निवेश करने के लिए आप एडलवाइस की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
कम नहीं हुई हैं मुश्किलें: 4 साल में सरकारी कंपनी बन सकती है वोडा आइडिया, सरकार बन सकती है 26% हिस्से की मालिक
ब्रोकरेज फर्म्स ने एक रिपोर्ट में इस तरह की संभावना जताई है। रिपोर्ट के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया (Vi) चार साल के मोहलत के बाद यदि इक्विटी के माध्यम से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) और स्पेक्ट्रम पेमेंट पर ब्याज का पेमेंट करने का विकल्प चुनती है, तो इस कंपनी में सरकार 26% हिस्सेदारी का मालिक बन सकती है। सरकार एक ऐसे मैकेनिज़्म पर काम कर रही है जो वोडाफोन और अन्य टेलीकॉम कंपनियों को उनके बकाया पर ब्याज को इक्विटी में बदलने का विकल्प देगी।
स्थिति खराब हुई तो सरकार को मिलेगा अवसर
ICICI सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा कि वोडा आइडिया की स्थिति अगर खराब होती है तो फिर इक्विटी के विकल्प के साथ यह सरकारी कंपनी बन सकती है। सरकार ने डिफर्ड पेमेंट पर ब्याज को इक्विटी में बदलने का विकल्प दिया है। यह ब्याज 94 अरब रुपए के करीब होगा। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि चार साल के अंत में इक्विटी कन्वर्जन से कर्ज की देनदारी बढ़ जाएगी। कंपनी कमजोर पड़ी तो मौजूदा शेयरधारकों की हिस्सेदारी काफी कम हो जाएगी। ऐसी स्थिति में सरकार इस टेलीकॉम कंपनी में सबसे बड़ी शेयरधारक बन सकती है।
250 अरब रुपए के कैश फ्लो की राहत मिलेगी
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने कहा कि चार साल की मोहलत से वोडाफोन को सालाना 250 अरब रुपए के कैश फ्लो की राहत मिलेगी। इससे लंबे समय तक कंपनी को बाजार में बने रहने में मदद मिलेगी। हमारा आंकलन यह कहता है कि अगर वोडाफोन इक्विटी के माध्यम से चार साल में 90 अरब रुपए के ब्याज का पेमेंट करने का विकल्प चुनती है तो चार साल बाद सरकार की इसमें 26% की हिस्सेदारी हो सकती है। यह वोडाफोन आइडिया के आज के शेयर के भाव के आधार पर है। अभी इसके शेयर का भाव एक विकल्प ब्रोकरेज कंपनी चुनने के लिए सिफारिशें 11.17 रुपए है।
60 अरब रुपए NCD का पेमेंट करना होगा
ICICI सिक्योरिटीज ने कहा कि नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर (NCD) के पेमेंट के रूप में 60 अरब रुपए कंपनी को देना होगा। इसे देखते हुए वोडाफोन को टैरिफ बढ़ाना होगा। इसे अगले 12 महीनों में 120 अरब रुपए की बैंक गारंटी को भी रिन्यू करने की जरूरत होगी। ICICI सिक्योरिटीज ने कहा कि निवेश में तेजी लाने और अन्य देनदारियों को पूरा करने के लिए कंपनी को डेट और इक्विटी दोनों से पैसा जुटाने की जरूरत है। टैरिफ वृद्धि के बिना ऐसा करना एक विकल्प ब्रोकरेज कंपनी चुनने के लिए सिफारिशें मुश्किल होगा।
प्रीपेड और पोस्टपेड टैरिफ बढ़ने की संभावना
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि प्रीपेड और पोस्टपेड में निकट भविष्य में 30-40% टैरिफ वृद्धि की संभावना है। हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद, पिछले एक साल से वोडाफोन आइडिया 25 हजार करोड़ रुपए जुटाने में फेल रही। ब्रोकरेज फर्म UBS का अनुमान है कि स्पेक्ट्रम के लिए 160 अरब और AGR के लिए 80 अरब रुपए सालाना वोडाफोन आइडिया को चुकाना होगा। ऐसे में 40-50 अरब रुपए के अतिरिक्त ब्याज को चुकाने के लिए कंपनी इसे सरकारी इक्विटी में बदल सकती है।
वापस हो सकती है बैंक गारंटी
वोडाफोन आइडिया अगर 4 साल की मोहलत लेती है तो सरकार इसे 14 हजार करोड़ रुपए की बैंक गारंटी वापस कर सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि बैंक वोडाफोन आइडिया को भविष्य में कर्ज दे सकते हैं। क्योंकि बैंक गारंटी रिटर्न होने या कैंसल होने से बैंकों के पैसे वापस मिल जाएंगे। बैंकों का वोडाफोन आइडिया पर 35 हजार करोड़ रुपए के करीब कर्ज है। कंपनी पर कुल 1.9 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।
उधर इक्रा ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष में सरकार को टेलीकॉम से 28 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिल सकता है। जबकि सरकार ने बजट में 54 हजार करोड़ रुपए के रेवेन्यू का अनुमान जताया था।
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