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SIM Card Swapping से आपको लग सकता है लाखों का चूना! मिनटों में खाली हो जाता है बैंक अकाउंट
सिम कार्ड को बदलकर किए जाने वाले फ्रॉड को सिम कार्ड स्वैपिंग कहते हैं. इस फ्रॉड में अपराधी आपके मोबाइल के सिम कार्ड को अपने नकली सिम कार्ड से स्वैप क्या है? बदल देते हैं.
By: ABP Live | Updated at : 21 Apr 2022 07:57 AM (IST)
सिम कार्ड स्वैपिंग (PC: Freepik)
SIM स्वैप क्या है? Swap Fraud: बदलते समय के साथ आजकल बैंकिंग बहुत आसान हो गई है. लोग आसानी से नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड आदि के जरिए अपने काम को आसानी से कर लेते हैं. इन सभी मोड से पेमेंट करने के लिए हमें मोबाइल नंबर में ओटीपी को जरूरत होती है. इस कारण आजकल सिम कार्ड स्वैप फ्रॉड मामले बढ़ गए हैं.
सिम कार्ड को बदलकर किए स्वैप क्या है? जाने वाले फ्रॉड को सिम कार्ड स्वैपिंग कहते हैं. इस फ्रॉड में अपराधी आपके मोबाइल के सिम कार्ड को अपने नकली सिम कार्ड से बदल देते हैं. इस काम के लिए वह टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी से दूसरा सिम एक नंबर पर ही स्वैप क्या है? जारी करवा लेते हैं. इससे बैंक खाते का कंट्रोल उसके हाथ में चला जाता है. वह बैंक अकाउंट को खाली कर देते हैं.
सिम फ्रॉड को इस तरह दिया जाता है अंजाम
साइबर अपराधी लोगों की निजी जानकारी चुराने के लिए नई-नई तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. वह फिशिंग, स्मिशिंग आदि का प्रयोग करते हैं. सबसे पहले वह आपके डिटेल्स जैसे मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि जैसे जानकारी चुराते हैं. वह आपको कई तरह के मैसेज जैसे सस्ते डिस्काउंट ऑफर्स आदि देते हैं. उनके द्वारा भेजे गए लिंक्स पर क्लिक करने पर करने पर वह आपसे अपने डिटेल्स और बैंक अकाउंट की जानकारी शेयर करने के कहते हैं.
इसके बाद बैंक अकाउंट से जुड़े नंबर को ब्लॉक करने के अपराधी टेलिकॉम ऑपरेटर के पास जाकर नकली आईडी दिखाकर उसे ब्लॉक करवा देते हैं और उसी नंबर का दूसरा सिम जारी करवा लेते हैं. फिर आपके बैंक के सभी मैसेज उन्हें मिलने लगते हैं. आगे आपके बैंक अकाउंट से सारे पैसे अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए जाते हैं. सिम कार्ड स्वैपिंग के जरिए जालसाज अबतक कई लोगों को लाखों का चूना लगा चुके हैं.
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इस तरह सिम कार्ड स्वैपिंग से रहे सुरक्षित
- फिशिंग, स्मिशिंग जैसी जालसाजी के तरीकों से सावधान रहें.
- जब भी जालसाज नए सिम को एक्टिवेट कराते हैं तो ऐसी स्थिति में पुराना सिम एनएक्टिव हो जाता है. सिम एनएक्टिव होने की स्थिति में तुरंत टेलीकॉम ऑपरेटर से संपर्क करें.
- किसी तरह के फ्रॉड होने की स्थिति में जल्द से जल्द नेट बैंकिंग आदि का पासवर्ड बदलें.
- ईमेल पर भी रेगुलर बैंक ट्रांजैक्शन के डिटेल्स को चेक करते रहें.
- समय-समय पर बैंक स्टेट जरूर निकलवाए.
- फ्रॉड होने की स्थिति में बैंक से तुरंत संपर्क करें.
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Published at : 21 Apr 2022 09:01 AM (IST) Tags: cyber fraud Cyber Alert SIM Swap Fraud SIM Swap Fraud Prevention Tips हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
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क्या होता है Wife Swapping? कैसे की जाती है पत्नियों की अदला-बदली?, क्या हैं इस खेल के मायने, सब कुछ जानें IBC Pedia में
भोपाल । wife swapping : राजधानी भोपाल में एक नव विवाहिता की ओर से अपने पति पर स्वैप क्या है? वाइफ स्वैपिंग के लिए दबाव बनाए जाने का मामला सामने आया है। मामले में अन-नेचुरल सेक्स, मारपीट और दहेज अधिनियम की धाराओं के तहत महिला थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पति पत्नी पर Wife Swapping के लिए दबान बनाता था। आज हम जानते हैं क्या होता है Wife Swapping? कैसे की जाती है पत्नियों की अदला-बदली ? क्या है इस खेल के मायने? सब कुछ जानें IBC pedia में…
बता दें कि साल 2012 में एक लेफ्टिनेंट की पत्नी ने पति और सीनियर अफसर पर सेक्सुअल और मेंटल हैरेसमेंट समेत वाइफ स्वैपिंग के गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद 2013 में इस मामले एफआईआर दर्ज की गई थी।
क्या होता है Wife Swapping?
जैसा स्वैप क्या है? कि नाम से ही क्लीयर है कि वाइफ स्पैलिंग मतलब है बीवियां बदलना वो भी सेक्स के दौरान। सेक्शुअल रिलेशनशिप बनाने के लिए बीवियों को टेम्परेरी यानी 1 रात या फिर कुछ रातों के लिए अदला-बदली किया जाता है। इसे ही वाइफ स्पैविंग स्वैप क्या है? कहते हैं।
क्यों लोकप्रिय है वाइफ
– इससे पुरुषों और राज़ी हुईं वाइव्स की सेक्शुअल डिज़ायर पूरी होती है।
– कुछ कपल्स का मानना है कि इससे उनकी शादी में स्पार्क वापस आ जाता है।
-क्योंकि दोनों पार्टनर इसमें शामिल होते हैं तो ना इसमें चीट महसूस होता है या गिल्टी।
– प्यार नहीं है ये! वाइफ स्वैपिंग में बिना प्यार किए बिना ही सेक्शुअली इन्वॉल्व होना।
– वाइप स्वैपिंग उन लोगों के लिए वरदान है जिनसे कभी एक वक्त में एक रिलेशन में रहा ही नहीं जाता।
कहां पर है पॉपुलर है
– इंडिपेंडेंट-को-यूके के मुताबिक इटली वाइफ स्वैपिंग का घर है। लेकिन सिर्फ यही नहीं, अधिकतर वेस्टर्न देशों में ये आम बात है। इंडिया में भी इसके बढ़ते केसेज़ को देख, अब यहां भी ये बात आम हो चली है।
वाइफ स्वैपिंग का इतिहास
वाइफ स्वैपिंग कि शुरुआत 16वीं सदी से हई। सबसे पहले जॉन डी और एडवर्ज केल ने वाइफ स्वैपिंग की। ये दोनों ही ब्लैक मैजिक करते थे या कहें खुद को सेल्फ डिक्लेयर्ड स्पिरिट मीडियम बताते थे। इस स्वैपिंग में जॉन की पत्नी जेन प्रेगनेंट भी हुई।
क्या है कानून?
हमारे भारतीय समाज में आज भी स्वीकार्य नहीं है। चाहे आपसी रजामंदी हो या नहीं। मज़बूरी में किया गया यह कृत्य कानून के अनुसार आपराधिक श्रेणी में ही नहीं, बल्कि एक जघन्य अपराध है। वाइफ स्वैपिंग यदि एक शादीशुदा महिला की इच्छा के बिना कराया जाए और एक से अधिक लोगों के साथ संबंध बनाने पर मज़बूर किया जाए तो मजबूर कराने वाले लोगों पर IPC की धारा 323, 328, 376, 506 के तहत केस दर्ज किया जाएगा। यदि उत्पीड़ित महिला की आपबीती पुलिस नहीं सुने तो 156 (3) CRPC में जुडीशियल मजिस्ट्रेट के सामने एप्लिकेशन देकर ऊपर दी गई धाराओं में FIR दर्ज कराने के आदेश दिए जा सकते हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि पति पर रेप की धारा (376 IPC) छोड़कर बाकी सभी धाराओं में कार्यवाही की जाएगी। यह सारे अपराध गैर जमानती हैं और इन अपराधों में महिला के सिर्फ यह कहने पर कि उसके साथ बिना सहमति के और जोर जबरदस्ती से संबंध बनाए गए हैं। ऐसे अधिकतर मामलों में यह एक ट्रायल का विषय है। गवाही और क्रॉस एग्ज़ामिनेशन के बाद अदालत आरोपियों को सजा दे स्वैप क्या है? सकती है या सजा देकर बरी भी कर सकती है।
कहां है लीगल?
वाइफ स्वैपिंग लीगल किसी भी देश में नहीं है। लेकिन ज्यादातर देशों में यहा कहें इंडिया में भी ये इसीलिए पॉपुलर है क्योंकि इसमें दोनों पार्टनर्स की रज़ामंदी होती है। अपनी पसंद और हामी से किया गया सेक्स गैर-कानूनी नहीं होता लद्दाख में है वाइफ स्वैपिंग का ज्यादा चलन ।
भारत में इस तरह के केस
साल 2022 की शुरुआत ही केरल से आए वाइफ स्वैपिंग के केस से हुई। ये मामला तब सामने आया जब इस ग्रुप में से एक की बीवी को जबरन धमका कर ये सब करवाया जा रहा था। इससे पहले भी वाइफ स्वैपिंग के कई केसेज़ सामने आ चुके हैं।
अहमदाबाद (साल 2021)
अहमदाबाद के घाटलोडिया शहर से एक 34 साल की महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, कि उसके पति ने अपने भाई के साथ वाइफ स्वैपिंग की जबरन कोशिश की। ये कपल कुछ साल नाइजीरिया में रहने के बाद इंडिया आए थे, यहां आकर उसके पति ने भाई की वीबी के साथ सेक्स की इच्छा जताई और उसे भी ऐसा ही करने को कहा।
केरल (2019)
केरल के अलप्पुज़ा में 4 आदमियों को वाइफ स्वैपिंग मामले में गिरफ्तार किया था। इनमें से एक की बीवी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका पति उसे अपने दोस्तों के साथ सेक्स करने के लिए फोर्स कर रहा है, ताकि वो उनकी बीवियों के साथ भी सेक्स कर सके।
कोच्चि (2013)
केरल के ही शहर कोच्चि ने एक नौसेना अधिकारी की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसके पति के सीनियर ऑफिसर्स और कलीग्स ने उसके साथ रेप किया और उसे वाइफ स्वैपिंग में शामिल किया।
– देश के हाई प्रोफाइल सेक्टर में दबी जुबान वाइफ स्वैपिंग के चलन की बात स्वीकार की जाती है।
– कई बड़े कॉरपोरेट्स फार्म में काम करने वाले एम्प्लाई, बीपीओ और गवर्नमेंट के कुछ सेक्टर्स के बड़े अफसरों में इस तरह के चलन के आरोप लगते आए हैं।
– हालांकि, केरल में नेवी अफसर के मामले से पहले इस तरह का कोई पुख्ता एग्जाम्पल सामने नहीं आया है।
– हालांकि, कॉरपोरेट और कुछ दूसरे सेक्टर्स को लेकर वाइफ स्वैपिंग की काल्पनिक कहानियों पर कुछ फ़िल्में बनाई गई हैं।
– दबी जुबान यहां तक कहा जाता है कि कुछ बड़े शहरों में वाइफ स्वैपिंग से जुड़े ग्रुप भी शहरों सक्रीय हैं।
वाइफ स्वैपिंग पर बनी फिल्में और शो
1960 से ही वाइफ स्वैपिंग पर फिल्में बनना शुरू हो गई थीं, इनमें एक फिल्म इंडिया में भी बनी। इससे पहले हॉलीवुड रियलिटी शो को इंडिया में भी सेम कॉन्सेप्ट के साथ हिंदी भाषा में रिलीज़ किया गया।
अजनबी (2001)
अक्षय कुमार, करीना कपूर, बिपाशा बसु और बॉबी देओल की फिल्म ‘अजनबी’ आपने जरूर देखी होगी। इस फिल्म में भी वाइफ स्वैपिंग का कॉन्सेप्ट दिखाय गया था, लेकिन इंडियन दर्शकों को देख ड्रामा-एक्शन एंगल दिए गए।
सनक एक पागलपन (2011)
साल 2021 में एक्टर रोहित रॉय की एक वेब सीरीज़ आई थी, जिसमें प्रोमोशन के बदले में वाइफ स्वैपिंग करना होता है। इस सीरीज़ को ऑडियन्स से ठीक ठाक ही रिव्यू मिले थे।
वाइफ स्वैप (2003)
ये एक यूके का रियलिटी शो था, जो साल 2003 में शुरू हुआ लेकिन कॉन्ट्रोवर्सी के बाद इसे 7 साल बाद बंद कर दिया गया। बता दें, ये रियलिटी शो इंडिया में भी 21 जनवरी, 2011 को ‘Maa Exchange’ नाम से ब्रॉडकास्ट हुआ था। लेकिन इंडियन ऑडियन्स की संवेदनाओं को देखते हुए शो के कॉन्सेप्ट में बीवी एक्सचेन्ज करने के बजाय मां को एक्सचेंज किया गया।
क्या है विलय या अधिग्रहण में इस्तेमाल होने वाली शेयर स्वैप डील?
उचित स्वैप रेशियो तय करने के लिए दोनों कंपनियों के शेयरों का सटीक मूल्य निकाला जाता है.
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3. उचित स्वैप रेशियो तय करने के लिए दोनों कंपनियों के शेयरों का सटीक मूल्य निकाला जाता है. उसके स्वैप क्या है? बाद उनकी अदला-बदली का अनुपात तय किया जाता है. उदाहरण के लिए 3 के बदले एक (3-फॉर-1 एक्सचेंज) अनुपात का मतलब यह है कि पहली कंपनी के 150 शेयरों के साथ दूसरी कंपनी के 50 शेयरों की अदला-बदली होगी.
4. विलय-अधिग्रहण का कोर्इ सौदा पूरी तरह से शेयर बदला-बदली के जरिये हो सकता है. या फिर इसका इस्तेमाल कुछ नकद भुगतान के साथ किया जा सकता है.
5. कैश ट्रांजैक्शन के उलट शेयर स्वैप डील में खरीदने वाली कंपनी और बिकने वाली कंपनी दोनों के शेयरधारक तालमेल का बराबर जोखिम उठाते हैं.
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फर्जी सिम के जरिए अपराधी खाली कर सकते हैं आपका बैंक अकाउंट, बचने के लिए इन बातों स्वैप क्या है? का रखें ध्यान
पिछले कुछ समय में बैंक धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़े हैं. अपराधी लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से एक तरीका सिम स्वैप (SIM Swap) भी है.
अपराधी लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से एक तरीका सिम स्वैप (SIM Swap) भी है.
कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौर में लोग अपना ज्यादातर समय स्मार्टफोन (Smartphone) या लैपटॉप पर बिताते हैं. ऐसे में लोग अपना बैंक (Bank) से जुड़ा कामकाज भी ऑनलाइन करते हैं. साइबर अपराधी भी अब इसका फायदा उठा रहे हैं. वे लोगों को झांसे में फंसाकर कुछ मिनटों में उनका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं. पिछले कुछ समय में बैंक धोखाधड़ी (Bank Fraud) के मामले तेजी से बढ़े हैं. अपराधी लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से एक तरीका सिम स्वैप (SIM Swap) भी है. आइए जानते हैं कि सिम स्वैप क्या है और इससे कैसे बचा सकता है.
सिम स्वैप स्वैप क्या है? क्या है?
मोबाइल फोन बैकिंग के लिए एक आसान माध्यम है. व्यक्ति को मोबाइल के जरिए अकाउंट से संबंधित अलर्ट, वित्तीय ट्रांजैक्शन करने के लिए वन टाइम पासवर्ड (OTP), यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर (URN), 3 डी सिक्योर कोड आदि मिलते हैं.
सिम स्वैप या एक्सचेंज के तहत, अपराधी आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के लिए मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर के जरिए नया सिम कार्ड जारी करा लेता है. नए सिम कार्ड की मदद से, अपराधी को आपके बैंक अकाउंट के जरिए वित्तीय ट्रांजैक्शन करने के लिए जरूरी URN/OTP और अलर्ट मिल जाते हैं.
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