Investment Tips: यूएस शेयर बाजार में लगाना चाहते हैं पैसा, जानें क्या है निवेश प्रक्रिया
Finance Tips: विदेशी बाजार में निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है.
By: ABP Live | Updated at : 27 Nov 2021 10:57 PM (IST)
US Stocks Market: विदेशों में निवेश करने की चाहत रखने वाले भारतीय निवेशकों की खासी चर्चा हो रही है. मौजूदा विदेशी फंडों के अलावा, हाल ही में कई इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड स्कीम्स शुरू की गई हैं. इस प्रकार उनके घरेलू पोर्टफोलियो में विविधता लाने का उन्हें दिया गया है. इनमें से कुछ अंतरराष्ट्रीय फंड, ‘फंड ऑफ फंड्स’ हैं जबकि कुछ फीडर फंड हो सकते हैं, विशेष रूप से कई निष्क्रिय इंडेक्स फंड हैं जो अधिकांश प्रमुख वैश्विक सूचकांकों पर नज़र रखते हैं.
विदेशी स्टॉक खरीदना जटिल मामला नहीं
वैकल्पिक रूप से, विदेशी स्टॉक खरीदना कोई जटिल मामला नहीं है जैसा कि यह लगता है. सेल्सफोर्स, वीज़ा, अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी, कॉस्टको होलसेल कॉर्प, एक्सपीडिया ग्रुप, ज़िवो बायोसाइंस, पल्टॉक जैसे हालिया टॉप मूवर्स सहित फेसबुक, ऐप्पल या अमेज़ॅन जैसे कुछ टॉप अमेरिकी शेयर्स का मालिक होना, भारतीय निवेशकों के लिए संभव है. यह ठीक वैसे ही जैसे आप भारतीय शेयर बाजार में जौमेटो, रिलायंस, टाटा मोटर्स आदि के शेयर्स के मालिक बन सकते हैं.
यूएस शेयरों में निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है. केवाईसी और आरबीआई के एलआरएस नियमों सहित अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने पर, जिसे पूरा करने में ब्रोकरेज फर्म मदद करती है, आप यूएस शेयरों में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
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कीमत नहीं है बाधा
अब, अगर आप सोच रहे हैं कि क्या डॉलर में अमेरिकी शेयर्स को खरीदना एक किफायती सौदा होगा, तो यहां आपके लिए एक अच्छी खबर है. अमेरिकी शेयर्स में आंशिक स्वामित्व की अनुमति है और कोई भी अमेरिकी शेयरों को 100 रुपये से कम राशि के साथ जमा करना शुरू कर सकता है. भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों के विपरीत, कीमत अमेरिकी शेयर बाजार में बाधा नहीं है. बस तय करें कि आपको कितना निवेश करना है और शेयरों की संख्या की गणना स्वचालित रूप से आपके लिए की जाएगी.शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे?
बेहतर तरीका यह हो सकता है कि कुछ टॉप अमेरिकी शेयरों को नियमित अंतराल पर 5000 रुपये या 1 लाख रुपये की निश्चित राशि के साथ खरीदा जाए. अमेरिकी शेयर बाजार निवेशकों के लिए कुछ प्रमुख ग्लोबल ब्लू-चिप्स के मालिक होने और लंबी अवधि में लाभ प्राप्त करने के अवसर प्रस्तुत करता है. शुरुआत करने के लिए, प्रमुख शेयरों पर नज़र रखें और किसी भी सुधार या गिरावट का उपयोग लंबी अवधि के लिए उन्हें जमा करने के अवसर के रूप में करें.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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Published at : 27 Nov 2021 10:57 PM (IST) Tags: US stock market How to Invest in US Stock Market हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
निवेश के लिए कैसे करें सही शेयर का चुनाव, ताकि कम जोखिम में मिल सके बेहतर रिटर्न
शेयर मार्केट में सही निवेश की पहली सीढ़ी है ऐसे शेयर्स का चुनाव जो लंबे समय के दौरान अच्छा मुनाफा देने की संभावना रखते हों.
शेयर मार्केट में निवेश करते समय कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
How To Invest For Better Returns: शेयर मार्केट में सही निवेश की पहली सीढ़ी है ऐसे शेयर्स का चुनाव जो लंबे समय के दौरान अच्छा मुनाफा देने की संभावना रखते हैं हों. ऐसे शेयरों की पहचान यूं ही सिर्फ सुनी-सुनाई बातों या यहां-वहां से मिलने वाले टिप्स के आधार पर करना ठीक नहीं होता. अगर आप चाहते हैं कि कम से कम जोखिम में आप बाजार से बेहतर रिटर्न हासिल करें, तो आपको कुछ खास फिल्टर्स या कसौटियों पर नजर रखनी होगी. आइए जानते हैं, क्या हैं वो शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे? महत्वपूर्ण कसौटियां जिन पर ध्यान देकर आप सही शेयर का चुनाव कर सकते हैं.
बेहतर रिटर्न के लिए शेयर का चुनाव करते समय आपको उन शेयरों पर ध्यान देना चाहिए, जिनमें ये चार खूबियां मौजूद हों.
1. अच्छी क्वॉलिटी के शेयर जिनकी कीमत अभी कम है
अच्छी क्वॉलिटी वाले शेयर की पहली कसौटी है निवेश की सुरक्षा. यानी ऐसी कंपनी जिसकी वित्तीय स्थिति और हाल के वर्षों का परफॉर्मेंस अच्छा हो. निवेश की सुरक्षा के लिहाज से कम से कम 500 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी पर ध्यान देना एक अच्छी रणनीति साबित हो सकती है. इसके अलावा शेयर का PEG यानी Price-earnings to Growth रेशियो एक से कम होना चाहिए. इससे कंपनी के शेयर की सही वैल्यूएशन का पता चलता है.
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2. अच्छा डिविडेंड देने वाले शेयर
निवेश के लिए बेहतर शेयर के चुनाव की एक और कसौटी अच्छा डिविडेंड भी हो सकता है. डिविडेंड यानी लाभांश का अर्थ है वो मुनाफे का वो हिस्सा जो कंपनी अपने शेयरधारकों में बांटती है. लगातार डिविडेंड से न सिर्फ शेयरधारक को सीधे-सीधे निवेश पर रिटर्न मिलता है, बल्कि इससे कंपनी की अच्छी वित्तीय सेहत का भी पता चलता है. निवेश से पहले कंपनी के पिछले 5 साल का डिविडेंड देने का रिकॉर्ड देखना चाहिए. साथ ही कंपनी का डिविडेंड-पे-आउट रेशियो 40 फीसदी से कम हो तो बेहतर. क्योंकि इससे पता चलता है कि कंपनी अपने लाभ का एक हिस्सा बांटने के बाद बाकी रकम बिजनेस के विस्तार में भी लगाती है.
3. ऐसे शेयर जो बुक वैल्यू के मुकाबले अच्छे डिस्काउंट पर मिल रहे हों
अगर कोई शेयर ऊपर की दोनों कसौटियों पर खरा उतर रहा हो तो तीसरी बात उसके ‘डिस्काउंट-टू-बुक वैल्यू’ पर नजर डालनी चाहिए. अगर कंपनी बाकी हर लिहाज से मजबूत और बेहतर भविष्य वाली नजर आ रही है, फिर भी उसके शेयर अपनी बुक वैल्यू के मुकाबले कम कीमत पर मिल रहे हैं, तो उसमें आगे चलकर अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं. ऐसे शेयर में यह भी जरूर देखना चाहिए कि उसका डेट-इक्विटी रेशियो 1.5 से कम हो और हाल के वर्षों में रिटर्न ऑन नेट वर्थ 10 फीसदी से अधिक रहा हो.
4. ग्रोथ की अच्छी संभावना और वाजिब कीमत वाले शेयर
बेहतरीन शेयर के चुनाव के लिए यह भी एक अहम कसौटी हो सकती है. सवाल यह है कि ग्रोथ की अच्छी संभावना और वाजिब कीमत का अंदाजा कैसे लगाएं. फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयर का P/E यानी प्राइस-टू-अर्निंग्स रेशियो अगर 15 से कम है, तो आमतौर पर कीमत को वाजिब मान सकते हैं. पिछले 5 साल में कंपनी की अर्निंग्स ग्रोथ कम से कम 20 फीसदी होनी चाहिए. YoY आधार पर पिछली तिमाही की अर्निंग्स ग्रोथ और पिछले 12 महीनों की ट्रेलिंग अर्निंग्स ग्रोथ भी कम से कम इतनी ही यानी 20 फीसदी होनी चाहिए.
इन तमाम कसौटियों पर खरा उतरने वाला शेयर आने वाले दिनों में कम जोखिम में अच्छा रिटर्न देने वाला साबित हो सकता है. हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि यहां कही गई बातें इनवेस्टमेंट टिप्स नहीं हैं. ये कसौटियां बेहतर शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे? निवेश के लिए अपनाई जाने वाली कुछ बुनियादी बातों में शामिल हैं. इनके अलावा शेयर से जुड़ी खबरों, संबंधित इंडस्ट्री की दशा-दिशा और पूरी इकॉनमी को प्रभावित करने वाले राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय हालात जैसी बातों पर नजर रखना भी जरूरी है.
Share Market
शेयर मार्केट से पैसे कमाने के तरीके
SHARE MARKET – The Way of Making Money in Stock Market
SHARE MARKET के बारे में अच्छी जानकारी होने से आपके पास, पैसो से पैसा बनाने की एक खास स्किल्स आ जाती है,
और आप शेयर बाजार से अपने लिए PASSIVE INCOME भी बना सकते है,
स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत कैसे करे
Stock market में निवेश क्यों करे
शेयर बाजार से पैसे कमाने के बहुत सारे तरीके है, जिसमे सबसे प्रमुख है-
- शेयर्स के भाव बढ़ने पर उन्हें बेचकर लाभ कमाना (PROFIT ON SELLING)
- इंट्रा डे ट्रेडिंग (Intra day Trading)
- स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
- शोर्ट टर्म ट्रेडिंग (Short Term Trading)
- लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग (Long Term Trading)
- फ्यूचर मार्केट ट्रेडिंग (FUTURE MARKET)
- ऑप्शन मार्केट ट्रेडिंग (OPTION MARKET)
हम यहाँ पे शेयर मार्केट के बारे में बेसिक से एडवांस लेवल तक कि जानकारी आपके सामने लाना चाहते है,
ताकि आप शेयर मार्केट से पैसे कमाने के तरीको को सिख कर, पैसो से पैसा बनाने की कला को सिख सके,
शेयर मार्केट की कुछ बेसिक और जानकारी और शेयर मार्केट से जुड़े हमारे काफी सारे सवालों के जवाब आपको निचे दिए गए लिंक्स के जरिये मिल जायेगा,
शेयर मार्केट के बारे आधारभूत और इस से जुडी सभी तरह की जानकारी के बारे में STEP BY STEP GUIDE हिन्दी में ,
सोने में निवेश से पहले पढ़े इन 8 बातों को, नहीं तो प्रॉफिट के बजाय हो सकता है बड़ा नुकसान
अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और.
अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और दूसरा इसको जरूरत के समय पहन भी सकते हैं। लेकिन बहुत लोग सोने की खरीददारी करते समय कई चीजे नजरअंदाज करते हैं, इससे उन्हें बाद में फायदे के बजाय नुकसान हो जाता है।
जानकारी पूरी रखें
सही जानकारी न होने के कारण जब आप अपने सोने को बेचने के लिए जाते हैं तो आपको उतना मूल्य नहीं मिल पाता जितना मिलना चाहिए। सोने को आप लम्बे समय और मुसीबत के समय काम में आने के हिसाब से खरीदते हैं, इसलिए सोने की खरीदारी के समय आपको इन प्रमुख बातों को ध्यान में रखना चाहिए-शुद्धता- सोने की कीमत कैरट के आधार पर होती है और कैरेट से गोल्ड की शुद्धता का पता चलता है। सोने की सबसे अच्छी क्वालिटी 24 कैरट सोने की होती है जिसका मूल्य अधिक होता है। लेकिन कम कैरट के सोने की कीमत उससे कम होगी, इसलिए सोने की खरीददारी करते समय बाजार से अलग अलग कैरट का भाव जरूर पता कर लें।
डिजिटल गोल्ड में निवेश- डिजिटल गोल्ड में शुद्धत्ता और मेकिंग चार्ज जैसी कोई समस्या नहीं होती, इस कारण इसमें निवेश आके लिए प्रॉफिटेबल हो सकता है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात है आप जिससे पेपर गोल्ड लें रहे हैं उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह पड़ताल कर लें, नहीं तो धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
आभूषण पर लगे स्टोन- सोने के गहनों में कई बार कीमती स्टोन्स के अलावा नकली चमकदार स्टोन भी लगाए होते हैं, इसलिए खरीदारी के समय सोने और स्टोन दोनों के भाव अलग-अलग लें।
वजन की जांच- सोने की ज्यादातर ज्वेलरी वजन के हिसाब से बेचीं जाती है लेकिन कीमती स्टोन इसे भारी बनाते हैं. इसलिए ज्वेलरी के पूरे वजन के साथ गोल्ड के वजन को जरूर चेक कर लें। गोल्ड कीमती है, वजन थोड़ा भी ऊपर-नीचे हुआ तो आपको भरी नुकसान हो सकता है।
Hallmarking- बाजार में दो तरह के सोने के गहने होते हैं एक तो साधारण होते है जिनकी क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं होती और दूसरे हॉलमार्किंग के तहत होते हैं जिनकी सोने की क्वालिटी अच्छी होने का सुबूत होता है। यह अधिकृत होते हैं और सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है।
मेकिंग चार्जेज: यह ऐसे चार्जेज होते हैं जो गहनों को बनाने के लिए चार्ज किये जाते हैं। हर ज्वेलर का मेकिंग चार्ज अलग होता है कोई पर ग्राम के हिसाब से लेता है तो कोई गहने के कुल वजन के हिसाब से। आपको इस बारे में शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे? पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। अगर मेकिंग चार्ज ज़्यादा होगा तो आपको बाद में बेचने पर फायदा नहीं होगा। मेकिंग चार्ज जितना कम होगा, बाद में गहने को बेचते समय मुनाफा उतना ही ज़्यादा होगा।
बिल- सोना खरीदते समय इनवॉइस और रसीद लें, आने वाले समय में यही रसीद आपके काम आएगी। सही इनवॉइस और रसीद न होने पर बेचते समय आपको यह मुश्किल में डाल सकती है।
ज्यादा न खरीदें- सोने की कीमत आमतौर पर बढ़ती है लेकिन निवेश के हिसाब से देखा जाए तो आपके पोर्टफोलियो में यह बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए आपको अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर पोर्टफोलियो को बैलेंस रखना चाहिए।
आपको बताते हैं सोने में आप कैसे निवेश कर सकते हैं-
पेपर गोल्ड- एक निवेशक के पास गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग करने का विकल्प होता है।
गोल्ड ETF - गोल्ड के प्रचलित बाज़ार मूल्य पर गोल्ड ETF का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है। गोल्ड ETF के साथ, निवेशकों को कोई शुल्क या स्टोर चार्ज का भुगतान नहीं करना पड़ता है जो सोने को रखने आदि से जुड़ा होता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड- यह भारत सरकार और RBI द्वारा ऑफर किया जाता है, यह कागज़ के रूप में सोने खरीदने का एक और तरीका है। इन बॉन्ड में सोने मूल्य को ग्राम में दर्शाया जाता है जिसमें व्यापार शुरू करने के लिए न्यूनतम निवेश 1 ग्राम सोना आवश्यक है। ब्याज़ दर और मूल्य को बॉन्ड जारी करते समय RBI द्वारा तय किया जता है।
डिजिटल गोल्ड- सोने में निवेश का एक और तरीका डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के माध्यम से है, जहां कोई भी 1 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकता है। कई मोबाइल वॉलेट डिजिटल गोल्ड ऑफर करते हैं लेकिन इनकी शुद्धता अलग अलग होती है।
सोने में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड- Gold MF(फंड्स ऑफ फंड) हैं जो अंतरराष्ट्रीय सोने की माइनिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। गोल्ड, जिसे गोल्ड फंड ऑन फंड्स भी कहा जाता है, यह एक ओपन एंडेड फंड हैं जो गोल्ड ETF में निवेश करते हैं। निवेशक किसी भी समय किसी भी विशेष राशि शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे? का निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड सेविंग स्कीम- कई ज्वैलर्स गोल्ड ज्वेलरी सेविंग स्कीम (Gold Saving Schemes) ऑफर करते रहे हैं जो खरीदारों को चुनी हुई अवधि के लिए व्यवस्थित रूप से बचत करने और टर्म खत्म होने पर सोना खरीदने में मदद करती हैं। खरीदार को अवधि के लिए हर महीने एक निश्चित राशि जमा करने की आवश्यकता होती है।इन पांच म्यूचुअल फंड्स में कर सकते हैं निवेश, मिलेगा शानदार रिटर्न और जोखिम भी कम
म्यूचुअल फंड निवेश को सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक माना जाता है, जिनमें पैसा लगाने वालों को भारी रिटर्न मिलता है. इनमें निवेशकों को उनकी मार्केट एलॉकेशन, सेक्टर एलॉकेशन और वैल्यू के आधार पर चुनने के लिए बहुत से ऑप्शन्स भी मिलते हैं.
म्यूचुअल फंड निवेश को सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक माना जाता है, जिनमें पैसा लगाने वालों को भारी रिटर्न मिलता है. इनमें निवेशकों को उनकी मार्केट एलॉकेशन, सेक्टर एलॉकेशन और वैल्यू के आधार पर चुनने के लिए बहुत से ऑप्शन्स भी मिलते हैं. एक कंपनी का शेयर उसकी मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर लार्ज, मिड या स्मॉल कैप हो सकता है. इसलिए, एक रिटेल निवेशक म्यूचुअल फंड द्वारा बनाए गए कई शेयरों में निवेश कर सकता है. इससे शेयर बाजार में सीधे निवेश करने की तुलना में उसका जोखिम का डर कम होता है.
फ्लैक्सी कैप फंड में व्यक्ति को अलग-अलग मार्केट कैपिटलाइजेशन वाले शेयरों में निवेश करने का मौका मिलता है. और वे लार्ज, मिड और स्मॉल कैप फंड्स में निवेश कर सकते हैं, जहां भी उन्हें यह लगता है शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे? कि उन्हें कम जोखिम के साथ ज्यादा रिटर्न मिल रहा है. आइए तीन साल की अवधि में रिटर्न के आधार पर पांच सबसे बेहतर फ्लैक्सी कैप म्यूचुअल फंड्स को जानते हैं.
क्वॉन्ट फ्लैक्सी कैप फंड
फंड साल 2013 में शुरू हुआ था. 22 अगस्त 2022 को शेयर की नेट एसेट वैल्यू (NAV) 62.26 रुपये थी. इसका कुल फंड साइज 475.41 करोड़ रुपये है. फंड ने निफ्टी 50 इंडैक्स को 21.02 फीसदी पीछे छोड़ा है. फंड ने घरेलू इक्विटी में 99.32 फीसदी एसेट्स का निवेश किया है. इनमें से 71.22 फीसदी को लार्ज कैप स्टॉक्स में निवेश किया गया है. इसके अलावा 17.79 फीसदी को मिड कैप स्टॉक्स में निवेश किया गया है. जबकि, 6.73 फीसदी को स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेश किया गया है. इसके 8.6 फीसदी फंड्स को आईटीसी में निवेश किया गया है, जो उनकी सबसे बड़ी होल्डिंग है.
PGIM इंडिया फ्लैक्सी-कैप फंड
इस फंड को साल 2015 शेयर मार्केट में पैसा कैसे निवेश करे? में पेश किया गया था. इसकी नेट एसेट वैल्यू वर्तमान में 28.01 फीसदी है. इसके एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 4,761.35 करोड़ रुपये है. फंड ने निफ्टी 50 को 11.29 फीसदी आउटपरफॉर्म किया है. फंड ने घरेलू इक्विटी में 94.15 फीसदी एसेट्स का निवेश किया है. उसने लार्ज कैप स्टॉक्स में 40.33 फीसदी, मिड कैप स्टॉक्स में 11.28 फीसदी और स्मॉल कैप फंड्स में 17.27 फीसदी निवेश किया है.
पराग पारिख फ्लैक्सी कैप फंड- डायरेक्ट प्लान- ग्रोथ
इस फंड को सबसे पहले साल 2015 में पेश किया गया था. उसके एसेट्स अंडर मैनेजमेंट मौजूदा समय में 24,594.84 करोड़ रुपये पर मौजूद हैं. उसकी नेट एसेट वैल्यू वर्तमान में 51.43 रुपये है. इस फंड ने निफ्टी 50 को 8.55 फीसदी पीछे छोड़ दिया है. फंड ने घरेलू इक्विटी में 68.92 फीसदी एसेट्स का निवेश किया है. इनमें से 56.21 फीसदी को लार्ज कैप, 2.66 फीसदी को मिड कैप और 9.12 फीसदी को स्मॉल कैप शेयरों में निवेश किया गया है.
IDBI फ्लैक्सी कैप फंड- डायरेक्ट प्लान- ग्रोथ
इस फंड को 2014 में लॉन्च किया गया था. उसके एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 386.69 करोड़ रुपये हैं. फंड की नेट एसेट वैल्यू 39.03 रुपये है. इस फंड ने निफ्टी 50 इंडैक्स को 5.5 फीसदी आउटपरफॉर्म किया है. फंड ने घरेलू इक्विटी में अपने 98.78 फीसदी एसेट्स का निवेश किया है. उसने 63.93 फीसदी का निवेश लार्ज कैप स्टॉक्स में किया है.
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इन 3 स्टॉक में निवेशकों की बंपर कमाई, मिला एक दिन में एक साल की एफडी से कहीं ज्यादा रिटर्न
UTI फ्लैक्सी कैप फंड- डायरेक्ट प्लान- ग्रोथ
इस फंड को साल 2014 में शुरू किया गया था और वर्तमान में इसके पास 25,448 करोड़ रुपये के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) हैं. इसकी नेट एसेट वैल्यू 252.04 रुपये है. फंड ने निफ्टी 50 को 5.05 फीसदी आउटपरफॉर्म किया है. इस फंड ने अपने 98.78 फीसदी एसेट्स का निवेश घरेलू शेयर बाजार में किया है.
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