ProjectSyndicate द्वारा BNBUSD – Technische Analyse – 2022-12-14 18:19:57
-ट्रेडिंग व्यू पर शीर्ष लेखक
-2000+ विचार प्रकाशित
बाजारों में -15+ साल का अनुभव
-पेशेवर चार्ट का टूटना
– आपूर्ति / मांग क्षेत्र
-TD9 मायने रखता है / कॉम्बो समीक्षा
-की एस/आर स्तर
-मेरे चार्ट पर जंक नहीं है
-लगातार अद्यतन
– एफएक्स/क्रिप्टो/यूएस स्टॉक को कवर करना
– पहले / विश्लेषण के बाद
-24/7 अपटाइम इतना लगातार अद्यतन
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बीएनबीयूएसडी एच4: 35% सुधार चेतावनी वितरण (एसएल/टीपी) (नया)
महत्वपूर्ण नोट: सट्टा सेटअप। अपना खुद का विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है? करो
देय डिल। स्टॉप लॉस का उपयोग करें। अधिक लाभ न लें।
🔸 सारांश और संभावित व्यापार सेटअप
. बीएनबीयूएसडी 4 घंटे चार्ट की समीक्षा
. अद्यतन/संशोधित दृष्टिकोण
. रेंज में वितरण / कमजोर चार्ट
. सीमित उल्टा आगे जा रहा है
. कमजोरी 4-8 सप्ताह तक रहेगी
. लॉग स्केल चार्ट
. बहुत अच्छा दिखने वाला चार्ट नहीं है
. भालू रणनीतिक नियंत्रण बनाए रखते हैं
. S/R का फिर से परीक्षण किया गया और कमजोर बाउंस हुए
. डंप से पहले अब अंतिम उछाल संभव है
. लोअर हाई का भी उल्लेखनीय क्रम
. अनुशंसित स्ट्रैट: रेंज हाई से शॉर्ट
. फाइनल टीपी बियर्स 200 यूएसडी है
. आगे 30-35% सुधार संभव
. दिसंबर/जनवरी 2023 में 4-8 सप्ताह
. अभी इस बाजार में कोई तेजी नहीं है
. बियर उच्च रेंज के पास शार्ट कर सकते हैं
. बाद में बेहतर प्रवेश मूल्य (बुल्स)
. सुझाई गई रणनीति: शॉर्ट सेल रिप्स/ रैलियां
. TP BEARS +35% लाभ है – 200 USD के करीब
. करेक्शन खत्म होने तक बुल्स बाहर रहेंगे
. स्विंग ट्रेड: शॉर्ट/होल्ड इट
. सुधार अभी खत्म नहीं हुआ है
. गुड लक ट्रेडर्स!
. खरीदें और भुगतान प्राप्त करें। अवधि।
🔸 आपूर्ति / मांग क्षेत्र
. लागू नहीं
. लागू नहीं
🔸 अन्य उल्लेखनीय तकनीकी/फंडियां
. टीडी9 /कॉम्बो अपडेट: एन / ए
. सेंटिमेंट मिड-टर्म: बियर्स/करेक्शन/200यूएसडी
. सेंटीमेंट शॉर्ट-टर्म: बुल्स/बाउंस/330USD
जोखिम अस्वीकरण:
ट्रेडिंग क्रिप्टो, विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है? फ्यूचर्स विदेशी मुद्रा, सीएफडी और स्टॉक में नुकसान का जोखिम शामिल है।
कृपया सावधानीपूर्वक विचार करें कि क्या ऐसा व्यापार आपके लिए उपयुक्त है।
पूर्व प्रदर्शन भविष्य के परिणाम का संकेत नहीं है।
हमेशा अपने उत्तोलन को सीमित करें और टाइट स्टॉप लॉस का उपयोग करें।
आखिर क्यों अब हर बार मुंह की खानी पड़ती है चीन को, जानिए क्या है वह वजह
नई दिल्ली। एलएसी यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर चीन की थेथरई कोई नई बात नहीं है. चीन, जिसका 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सा हथियाया हुआ है, वो भारत की जमीन पर टेढ़ी नजर रखता है. भारत और चीन के बीच यह सीमा रेखा 3488 किमी लंबी है. इस सीमा रेखा पर करीब 25 ऐसे पॉइंट्स हैं, जहां भारत के साथ चीन का विवाद है और इनको लेकर दोनों देशों के बीच कई बार झड़पें हो चुकी हैं.
पूर्व सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के अनुसार चीन हर साल 3-4 बार ऐसी कोशिशें करता है और हर बार मुंह की खाता है. बीते 9 दिसंबर को भी वही हुआ. इसके बाद से सीमा पर तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. जानकारों का मानना है कि भारत युद्ध की बजाय बातचीत से मसले का हल चाहता है. हालांकि चीन के नापाक विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है? मंसूबे को देखते हुए भारतीय सेना ने भी तैयारी कर रखी है.
जानकार मानते हैं, चीन सीमा पर तैयारी दिखाकर भले ही हावी होने की कोशिश कर ले, लेकिन युद्ध चीन के लिए भी ठीक विकल्प नहीं है. यह भी संभव है कि जीरो कोविड नीति पर फेल जिनपिंग सरकार राष्ट्रवाद के सहारे अपने नागरिकों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रही हो.
चीन इस बात को समझता है कि यह 1962 का हिंदुस्तान नहीं विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है? है, बल्कि 2022 का हिंदुस्तान है, जिसने उसे ग्लोबली हर मोर्चे पर घेर रखा है. विदेश मामलों के जानकार भी बताते हैं कि भारत की विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है? कूटनीति और विदेश नीति चीन की हालत पस्त करने के लिए काफी है. इसे चार पॉइंट में समझने की कोशिश करते हैं.
2019 में जब प्रधानमंत्री विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है? नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल दौरे के दौरान 4 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया तो चीन बौखला गया था. चीन की बौखलाहट का भारत पर कोई असर नहीं रहा और अपने लक्ष्य पर भारत अडिग है. सरकार ने भारत-चीन सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं. खासकर हिमालयन बॉर्डर पर.
बेहतर कनेक्टिविटी से भारतीय सेना जल्द से जल्द पहुंचने में सक्षम होगी. भारत-चीन सीमा पर 61 सडक़ें हैं जो स्ट्रेजिक तौर महत्वपूर्ण हैं. इनमें से 1530 किलोमीटर की 42 सडक़ें पिछले साल तक कंप्लीट हो चुकी हैं, जबकि 7000 किमी की 130 सडक़ों पर विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है? निर्माण कार्य चल रहा है. चीन सीमाई इलाकों को विवादित बताते हुए कहता है कि निर्माण गतिविधियों से सीमा पर तनाव की स्थिति बन सकती है. इधर, चीन की गीदड़भभकी का भारत पर कोई असर नहीं पड़ता.
भारतीय सेना की ताकत पिछले कुछ वर्षों में कई गुना बढ़ी है. ग्लोबल फायरपावर (त्रस्नक्क) एनुअल डिफेंस रिव्यू के अनुसार, रिजर्व अर्धसैनिक बलों को जोडक़र भारत के पास 51 लाख से ज्यादा सैनिक है, जबकि चीन का आंकड़ा 31.34 लाख है. सरकार भारतीय सेना के हथियारों को भी मॉडर्नाइज कर रही हैं.
कॉम्बैट टैंक फ्लीट साइज, टोड आर्टिलरी, स्पेशल एयरक्राफ्ट, युद्धपोत, पनडुब्बी, वॉरफेयर शिप, एयरक्राफ्ट कैरियर जैसे अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हथियारों के साथ भारतीय सेना दुनिया की टॉप आर्मीज में शामिल है. मॉडर्नाइजेशन के 93 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है और इसमें से कई प्रोजेक्ट्स में बातचीत खरीद के स्तर पर पहुंच गई है.
चीन को तोडऩे के लिए उसे इकोनॉमिक चोट देना बहुत कारगर साबित हुई है. यह भारत की असरदार नीति साबित हुई है. क्वाड की पार्टनरशिप से भारत चीन को जवाब दे रहा है. इससे चीन के इकोनॉमिक एक्सपेंशन को रोकने के प्रयास किए गए हैं. 2017 में हुए आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान ‘भारत-ऑस्ट्रेलिया-जापान-अमेरिका’ संवाद के साथ क्वाड अस्तित्व में आया था.
चीन के लिए क्वाड उसके चार विरोधी देशों का समूह है. क्वाड के तहत भारत की नीति ये है कि चारों देश मिलकर आपस में सप्लाई चेन बनाएंगे और ग्रीन टेक्नोलॉजी साझा करेंगे. चीन पर निर्भरता कम करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा.
कुछ महीने पहले आर्थिक विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट आई थी, जिसके अनुसार यूरोपीय कंपनियां चीन छोड़ भारत का रुख कर रही हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2022 तक 23 फीसदी यूरोपीय कंपनियां चीन से बाहर निकल चुकी हैं. ये कंपनियां एशिया में वियतनाम, इंडोनेशिया और भारत आ रही हैं. भारत चूंकि एक बड़ा बाजार है और यहां उत्पादों की खपत भी ज्यादा है, इसलिए विदेशी कंपनियों के भारत आने का सिलसिला भी हाल के महीनों में बढऩे लगा है.
भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बना रहा है. कई देशों को संकट से उबारने में भारत ने आगे आकर मदद की है. चीन को मात देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश नीति में ‘अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश’ भी शामिल है. ध्यान देनेवाली बात ये भी है कि भारत के पड़ोसी देशों पर चीन की भी नजर है. श्रीलंका, मालदीव और नेपाल चीन के ट्रैप में फंसते दिख रहे हैं, जबकि बांग्लादेश के लिए भी चीन नंबर वन डिफेंस स्पलायर बन गया है.
ऐसे में भारत के लिए यह महत्वपूर्ण भी है कि वो अपने पड़ोसियों के साथ संबंध और बेहतर करे. भारत इसमें चीन से बीस साबित हो रहा है. श्रीलंका को अंधेरे से निकालने में भारत की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता. भारत ने शायद ही किसी और देश की ऐसी मदद की होगी. पीएम मोदी के इस कदम की आलोचना भी हुई, लेकिन आलोचकों को भी बाद में समझ आया कि इसके पीछे भारत की कारगर विदेश नीति शामिल है.
भारत की विदेश नीति खासकर चीन को लेकर आक्रामक रही है. हालांकि जानकार मानते हैं कि आयात के मामले में चीन पर अभी और चोट करने की जरूरत है. साल 2020-21 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा करीब 48 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा था. जानकार, आयात और निर्यात के अनुपात को संतुलित करने की जरूरत पर बल देते हैं.
अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर महुआ ने सरकार से पूछा: अब ‘असली पप्पू’ कौन है
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने आर्थिक संकेतकों और अर्थव्यवस्था के संदर्भ सहित कई मुद्दों को लेकर लोकसभा में मोदी सरकार पर निशाना साधते विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है? हुए कहा कि किसी को नीचा दिखाने के लिए ‘पप्पू’ शब्द का इस्तेमाल किया गया था. आज आंकड़ों के ज़रिये पता चलता है कि ‘असली पप्पू’ कौन है. The post अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर महुआ ने सरकार से पूछा: अब ‘असली पप्पू’ कौन है appeared first on The Wire - Hindi.
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने आर्थिक संकेतकों और अर्थव्यवस्था के संदर्भ सहित कई मुद्दों को लेकर लोकसभा में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी को नीचा दिखाने के लिए ‘पप्पू’ शब्द का इस्तेमाल किया गया था. आज आंकड़ों के ज़रिये पता चलता है कि ‘असली पप्पू’ कौन है.
लोकसभा में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा. (फोटो: स्क्रीनग्रैब/संसद टीवी)
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने आर्थिक संकेतकों और अर्थव्यवस्था को संभालने के सरकार के तौर-तरीकों को लेकर मंगलवार को उस पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि अब ‘असली पप्पू’ कौन है.
लोकसभा में 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और 2019-20 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों पर सोमवार को अधूरी रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘किसी को नीचा दिखाने के लिए ‘पप्पू’ शब्दावली का इस्तेमाल किया गया. आंकड़ों के जरिये पता चलता है विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है? कि ‘असली पप्पू’ कौन है.’
महुआ ने कहा, ‘विरोधी दलों के नेताओं को परेशान करने के लिए ईडी को इस्तेमाल किया जा रहा है. यह बताना चाहिए कि ईडी के मामलों में दोषसिद्धि का प्रतिशत क्या है? क्या सिर्फ लोगों को परेशान करने के लिए इस एजेंसी का इस्तेमाल हो रहा है? असली पप्पू कौन है?’
उन्होंने सवाल किया कि सरकार अतिरिक्त राजस्व, खासकर कर से इतर राजस्व संग्रह के लिए क्या कर रही है?
मोइत्रा ने कहा, ‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान उल्लेख किया कि कैसे उभरते बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों का 50% प्रवाह भारत में आ रहा है, लेकिन सरकार ने एक प्रश्न के उत्तर में पिछले शुक्रवार को सदन में बताया था कि पिछले नौ वर्षों में लाखों लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी. मोइत्रा ने कहा कि ऐसा क्यों हो रहा है कि लोग नागरिकता छोड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘2014 से पिछले नौ वर्षों में इस सरकार में भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की कुल संख्या को 12.5 लाख से अधिक है. क्या यह एक स्वस्थ आर्थिक वातावरण या एक स्वस्थ टैक्स माहौल का संकेत है? अब पप्पू कौन है?’
मोइत्रा ने कहा, ‘हम लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं. हमारा यह अधिकार है कि सरकार की अक्षमता को लेकर उससे सवाल करें. यह सरकार का राजधर्म है कि वह जवाब दे. वह ‘खिसियानी बिल्ली’ की तरह व्यवहार नहीं करे.’
उन्होंने हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों और खासकर हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम का हवाला देते हुए कहा, ‘सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष अपना गृह राज्य नहीं बचा सके, वहां हार का सामना करना पड़ा. अब ‘असली पप्पू’ कौन है?’
ज्ञात हो कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश से हैं.
महुआ ने कहा कि सरकार वह होनी चाहिए जो ‘मजबूत नैतिकता’, ‘मजबूत कानून व्यवस्था’ और ‘मजबूत अर्थव्यवस्था’ सुनिश्चित करे.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, महुआ ने भाजपा नेताओं पर वास्तविक डेटा पर ध्यान दिए बिना नोटबंदी के ‘फायदों’ के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाया.
मोइत्रा ने कहा, ‘आपने कैशलेस डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया है. आपने अपनी ‘धमाका’ घोषणा के छह साल बाद भी नकली नोटों को समाप्त करने का उद्देश्य हासिल नहीं किया है. वहीं, प्रचलन में रही मुद्रा नवंबर 2016 के 18 लाख करोड़ रुपये से दोगुनी होकर नवंबर 2022 में 32 लाख करोड़ रुपये हो गई है.’
टीएमसी सांसद ने आगे कहा, ‘हर फरवरी में सरकार लोगों को विश्वास दिलाती है कि देश की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी चल रही है. हम सबसे तेजी से बढ़ते, सबसे कुशल वैश्विक खिलाड़ी हैं, सभी को रोजगार, सिलेंडर, बिजली और पक्के घर मिल रहे हैं. यह झूठ आठ से 10 महीने तक चलता रहता है और इसके बाद सच लंगड़ाकर सामने आ जाता है.’
उन्होंने कहा, ‘आज दिसंबर चल रहा है और सरकार का कहना है कि उसे बजट अनुमानों से ऊपर अतिरिक्त 3.26 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है.’
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) कार्यालय की ओर से जारी नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि अक्टूबर महीने में औद्योगिक उत्पादन चार प्रतिशत गिर विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है? गया जो 26 महीनों के न्यूनतम स्तर पर है. जबकि विनिर्माण क्षेत्र, जो ‘अभी भी सबसे ज्यादा नौकरियां पैदा कर रहा है, 5.6% पर सिकुड़ गया है.
उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में एक साल के भीतर 72 अरब डॉलर की कमी आई है.
उन्होंने कहा, ‘औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) बनाने वाले 17 उद्योग क्षेत्रों में नकारात्मक विकास दर दर्ज की गई है. एनएसओ द्वारा जारी आईआईपी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 5.6% की गिरावट आई है, जबकि एक साल पहले महीने में 3.3% की वृद्धि दर्ज की गई थी.
महुआ ने आरोप लगाया कि आज देश में ‘आतंक का माहौल’ है जहां व्यापारियों और ऊंची -नेट वर्थ वाले व्यक्तियों लोगों के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेताओं के सिर पर ईडी की तलवार लटकी हुई है.
Top Trending Stock: मार्केट खुलते ही 10% उछल गया Indiabulls Housing Finance का शेयर, अभी जा सकता है काफी ऊपर
नवभारत टाइम्स 1 दिन पहले
मुंबई:
पॉजिटिव वैश्विक संकेतों से बुधवार को ब्रॉडर मार्केट में भारी लिवाली देखने को मिली। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सेज का प्रदर्शन बेचमार्क इंडेक्सेज से बेहतर दिखाई दे रहा है। निफ्टी 500 (Nifty 500) में शामिल शेयरों में इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस (Indiabulls Housing Finance) का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा। भारी वॉल्यूम के साथ यह शेयर शुरुआती घंटे में 10 फीसदी से ज्यादा उछल गया। टेक्निकली यह शेयर एवरेज से अधिक वॉल्यूम के साथ अपने 31 हफ्ते के लंबे कंसोलिडेशन से बाहर निकल गया है। यह सभी जरूरी मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड कर रहा है और इसके 20 दिन के मूविंग एवरेज में स्ट्रॉन्ग बाइंग इंटरेस्ट दिख रहा है। यह इसमें पॉजिटिविटी का संकेत है।
साथ ही इस स्टॉक ने गोल्डन क्रॉसओवर के करीब पहुंच गया है जो लॉन्ग पीरियड के लिए बुलिश माना जाता है। शुरुआती एक घंटे के कारोबार में दो करोड़ से अधिक शेयरों की खरीदफरोख्त हुई जो इसका कई दिनों का रेकॉर्ड है। प्राइस में तेजी के साथ-साथ 14 दिन की अवधि का RSI और OBV जैसे टेक्निकल पैरामीटर्स भी हायर लेवल पर ट्रेड कर रहे हैं। अभी यह शेयर एनएसई पर 151 रुपये से ऊपर ट्रेड कर रहा है। मूमेंटम ट्रेडर्स को आने वाले दिनों में इस स्टॉक पर करीबी नजर रखनी चाहिए।
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