रुपये, डॉलर, यूरो, पाउंड जैसी करेंसियों से तो आप वाकिफ हैं लेकिन अब एक नई मुद्रा परवान चढ़ रही है और ये है बिटकॉइन. कहने को तो बिटकॉइन एक आभासी यानी वर्चुअल करेंसी है लेकिन इसकी कीमत पिछले करीब आठ साल में साढ़े चार लाख गुना बढ़ी है.

'Virtual currency'

नागपुर में क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के एक मामले में 2,000 निवेशकों से 40 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में रविवार को 7 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या 11 हो गई है.

Cryptocurrency in India : जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को आम जनता, कंपनियां और कारोबारी भारत में प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी होने वाली नई डिजिटल करेंसी से जुड़े प्रस्तावित मसौदा कानून में इसका उल्लेख किया गया है.

पिछले दिनों बिटकॉइन का शोर हर तरफ दिखा. 2017 में सबसे भारी कमाई जिन माध्यमों से लोगों ने की, उनमें बिटकॉइन भी शामिल हैं. लेकिन भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि इस वर्चुअल करेंसी को कोई आधिकारिक मान्यता नहीं है. बिटकॉइन को लेकर वित्त मंत्रालय की तरफ से चेतावनी जारी की गई है और लोगों से सावधान रहने को कहा है. उसका कहना है कि ये फर्जी चिटफंड की तरह है और इसे सरकारी संस्था नहीं चलाती है. इसे चलाने का कोई मान्य तरीका भी नहीं है. लोगों के साथ धोखाधड़ी हो सकती है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की करेंसी में निवेश पर पोंजी योजनाओं में निवेश जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को जितना ही जोखिम होता है. इससे निवेशकों विशेषकर खुदरा ग्राहकों को अचानक भारी नुकसान हो सकता है और उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को झटका लग सकता है.

36 पैसे से शुरू हुई यह वर्चुअल करेंसी 13 लाख रुपये तक पहुंची, जानें क्या है इस ‘धंधे’ का सच

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कोरोना वायरस ने लगभग हर चीज को वर्चुअल बना दिया है. रुपये पैसे का लेनदेन तो वर्चुअल हो ही चला है, वर्चुअल करेंसी का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है. इस वर्चुअल करेंसी का नाम है बिटकॉइन. रुपये पैसे या डॉलर की तरह यह करेंसी दिखती नहीं है लेकिन इसका इस्तेमाल खरीद-बिक्री के लिए वैसे ही कर सकते हैं. सबसे बड़ी बात कि बिटकॉइन किसी एक देश की करेंसी से नहीं जुड़ी है, यह यूनिवर्सल है. लोगों को इस करेंसी में अपार संभावनाएं दिख रही हैं तभी 2009 में 36 पैसे के बराबर वैल्यू से शुरू हुई बिटकॉइन आज 13 जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को लाख रुपये तक पहुंच गई है.

क्या है बिटकॉइन बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है जिसकी खरीद बिक्री किसी बैंक के जरिये नहीं बल्कि ऑनलाइन होती है. आपको बैंक में इसका खाता खुलवाने की जरूरत नहीं बल्कि ऑनलाइन ही सारी प्रक्रिया पूरी होती है. इस करेंसी को किसने शुरू किया यह पर्दे के पीछे है लेकिन सातोशी नाकामोटो के नाम से इस करेंसी का ऑनलाइन अवतार लोगों के सामने आया. 3 जनवरी 2009 को इसका लेजर शुरू हुआ और जैसे अन्य करेंसी की अपनी निश्चित निशानी होती है, वैसे ही बिटकॉइन को BTC, ฿, ₿ निशान के साथ नई पहचान मिली. इसका कनवर्जन रेट (मुद्रा विनियम) देखें तो यह दुनिया की सबसे महंगी करेंसी है. दुनिया के बड़े-बड़े लोगों ने इसमें निवेश किया है जिससे जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को इसकी मांग और भी व्यापक हो गई है.

क्या है Bitcoin? कैसे करते हैं इस वर्चुअल करेंसी में ट्रेडिंग, जानिए आपके काम का सबकुछ

Bitcoin की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआती कुछ सालों में बिटकॉइन में धीरे-धीरे बढ़ रही थी. लेकिन, 2015 के बाद से इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली और यह दुनिया की नजरों में आ गई.

बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. (Reuters)

दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. बिटकॉइन में निवेश करने वाले अमीर लोग इस ऑनलाइन जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को करंसी (Online Currency) के जरिए अपनी पूंजी को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं. यही वजह है कि इसके दाम भी नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. 3 साल बाद एक बार फिर बिटकॉाइन में बड़ी तेजी देखने को मिली है. साल 2017 में बिटकॉइन में अपना रिकॉर्ड हाई (Bitcoin record High) बनाया था. इसके बाद नीचे की तरफ फिसलती गई. लेकिन, अब 3 साल का नया हाई बना दिया है. दुनियाभर में इस करंसी में लोग पैसा लगा रहे हैं. लेकिन, भारत सरकार (India Government) का मानना जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को है कि उसके पास वर्चुअल करंसी (Virtual currency) का कोई डेटा नहीं है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग में खतरा हो सकता है.

दुनिया का पहला क्रिप्टो कार्ड हुआ लॉन्च, ब्याज दिए बिना कर सकेंगे इस्तेमाल

क्रिप्टो कार्ड

क्रिप्टो कार्ड

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2022,
  • (Updated 14 अप्रैल 2022, 1:37 AM IST)

दुनिया का क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड

रुपये या अन्य करेंसी की तरह अब क्रिप्टोकरेंसी का भी क्रेडिट कार्ड लॉन्च हो गया है. जैसे आम क्रेडिट कार्ड रुपये से चलता है वैसे ही क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड क्रिप्टोकरेंसी से चलेगा. इस कार्ड को बिटकॉइन, इथीरियम जैसी वर्चुअल करेंसी से ऑपरेट किया जाएगा. दरअसल क्रिप्टोकरेंसी के लिए काम करने वाली कंपनी नेक्सो ने क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड लॉन्च करने के लिए मशहूर पेमेंट कंपनी मास्टरकार्ड से हाथ मिलाया है. मास्टरकार्ड और नेक्सो ने मिलकर क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड की शुरुआत की है. क्रिप्टोकरेंसी के दिनों दिन बढ़ते प्रचलन को देखते हुए ये कदम उठाया जा रहा है. नेक्सो और मास्टरकार्ड के साथ ने से जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को एक बात तो साफ हो गई कि क्रिप्टो और फाइनेंशियल नेटवर्क अब पार्टनरशिप में काम करेगा. जिससे आने वाले समय में क्रिप्टो करेंसी को बढ़ावा मिलेगा.

क्या है ये क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड?
नेक्सो ने साफ किया है कि शुरुआती दिनों में ये केवल यूरोपीय देशों में मिलेगा. इस कार्ड की मदद से आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी बेचे बिना ही उससे शॉपिंग कर सकते हैं. बिटकॉइन या दूसरी वर्चुअल करेंसी को इस क्रेडिट कार्ड की गारंटी के तौर पर रखा जाएगा. यानी की बिटकॉइन को गारंटी के रूप में रखते हुए क्रेडिट कार्ड काम करता रहेगा. जैसे दूसरे क्रेडिट कार्ड अनसिक्योर्ड होते हैं और उसकी क्रेडिट लिमिट तय होती है, उसी तरह इस क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड की भी लिमिट होगी.

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क्या है बिटकॉइन बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है जिसकी खरीद बिक्री किसी बैंक के जरिये नहीं बल्कि ऑनलाइन होती है. आपको बैंक में इसका खाता खुलवाने की जरूरत नहीं बल्कि ऑनलाइन ही सारी प्रक्रिया पूरी होती है. इस करेंसी को किसने शुरू किया यह पर्दे के पीछे है लेकिन सातोशी नाकामोटो के नाम से इस करेंसी का ऑनलाइन अवतार लोगों के सामने आया. 3 जनवरी 2009 को इसका लेजर शुरू हुआ और जैसे अन्य करेंसी की अपनी निश्चित निशानी होती है, वैसे ही बिटकॉइन को BTC, ฿, ₿ निशान के साथ नई पहचान मिली. इसका कनवर्जन रेट (मुद्रा विनियम) देखें तो यह दुनिया की सबसे महंगी करेंसी है. दुनिया के बड़े-बड़े लोगों ने इसमें निवेश किया है जिससे इसकी मांग और भी व्यापक हो गई है.

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