Stochastic Indicator kya hai? jaane Stochastic Indicator kaha use hota hai
Stochastic Indicator एक बहुत ही उपयोगी इंडिकेटर है, यह यू कहे टेक्निकल एनालिसिस करने में Stochastic Indicator उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है। हम लोग आज इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि Stochastic Indicator का हम उपयोग कैसे कर सकते है तथा इसकी सहायता से हम अपनी ट्रेडिंग को कैसे बेहतर बना सकते है।
कैसे बनता है Stochastic Indicator :
Stochastic Indicator रिसेंट प्राइस की जानकारी तथा रिसेंट हाई,लो की जानकारी ले कर हमे किसी भी स्टॉक के momentum की जानकारी देता है। Stochastic Indicator हम ये नही पता लगा सकते की ये किस ओर मूव करे गा ये हमे momentum बताया है और ये ऊपर था नीचे किसी ओर हो सकता है।
Stochastic Indicator 2 लाइनों से बना होता है। लाइन 1 को %K लाइन कहा जाता है और दूसरी लाइन को %D लाइन कहा जाता है %k का 3 दिन का सिम्पल मूविंग एवरेज ही %D लाइन है।
Stochastic Indicator का उपयोग कर ट्रेडिंग को कैसे बेहतर बनाए :
अब सवाल यह उठता है कि हम अपनी ट्रेडिंग को बेहतर बनाने के लिए Stochastic आरएसआई का उपयोग कैसे कर सकते हैं। जैसा कि पहले बताया गया है, Stochastic Indicator का उपयोग करते टाइम ट्रेडर डी लाइन पर अधिक ध्यान देते हैं।
Stochastic indicator 0 से 100 के बीच में ही मूव करता है। 2 लाइनों में से %K लाइन %D लाइन से तेज है। जब डी लाइन्स ओवरबॉट जोन यानी 80 से ऊपर पहुंच जाती हैं तो ट्रेडर बिक्री के मौके तलाशते हैं। इसी तरह, जब डी लाइन 20 से नीचे चली जाती है तो उस ज़ोन को ओवरसोल्ड ज़ोन कहा जाता है, और वहाँ, ट्रेडर्स खरीदने के अवसरों की तलाश करते हैं।
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नोट : यह एक और ध्यान देने वाली बात है कि आप लोग केवल Stochastic indicator का उपयोग कर के किसी स्टॉक को खरीद या बेच नही सकते है एंट्री लेने के लिए आप Pivot Points Standard को देख सकते है या Fibonacci Retracement लेवल टेस्ट करे आदि, आप अपने हिसाब से देखे जो आप को अच्छा लगे।
जैसा कि ऊपर दिए गए उदाहरण में दिखाया गया है, जब डी लाइन ओवरबॉट ज़ोन में होती है, तो स्टॉक को बेचा जा सकता है जब स्टॉक नीचे चला जाता है और डी लाइन 20 अंक से नीचे पहुंच जाती है, तो स्टॉक को खरीदा जा सकता है इस चित्र के माध्यम से हम ने आप को यही समझने की कोसिस की है आशा है आप लोगो को समझ में आया होगा।
Stochastic Indicator से लाभ:
टेक्निकल एनालिसिस करने में उपयोग होने वाले सभी इंडिकेटरो में सबसे आसान इंडिकेटर में से एक है , आम तौर पर, सभी indicator को सेटिंग संशोधन की थोड़ी आवश्यकता होती है लेकिन हम इसकी डिफ़ॉल्ट सेटिंग्स को बदले बिना स्टोचास्टिक इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं।
Stochastic इंडिकेटर का एक और फायदा यह है कि इसके द्वारा उत्पन्न सिग्नल विश्वसनीय होते हैं और लाइव बाजारों में आसानी से देखे जा सकते हैं। जिसे हम अपनी ट्रेडिंग में लॉस को कम kar सकते है
जैसा कि प्रत्येक Indicator की कुछ सीमाएँ होती हैं, यहाँ Stochastic Indicator की कुछ सीमाएँ हैं –
जैसा कि मैंने पहले बताया है केवल Stochastic Indicator का उपयोग स्टॉक को खरीदने और बेचने के लिए नहीं किया जा सकता है। इसके लिए आप को कई सारी और जानकारी की आवश्कता होती है आप लोग केवल Stochastic Indicator का उपयोग कर के कोई पोजिशन न बनाए Pivot Points Standard, आदि देखे।
इसके अलावा, जब Stochastic Indicator ओवरबॉट या ओवरसोल्ड ज़ोन में पहुँच जाता है, तो कोई ब्रह्म नियम नहीं है कि वह गलत नही हो सकता
मुझे उम्मीद है कि इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको Stochastic Indicator के बारे में कुछ जानकारी प्रदान की तथा जाना हम इसका उपयोग कैसे कर सकते है और इसका असर हमारी ट्रेडिंग में किस प्रकार से होता है। यदि आप टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न indicator के बारे में अधिक जानने में रुचि रखते हैं, तो आप NIFTYCHARTING में क्लिक कर के जान सकते है और अपनी ट्रेडिंग को अच्छा बना सकते है।
धन्यवाद
ट्रेडिंग में संकेतक का उपयोग कैसे करें?
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rsi indicator in hindi – RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे।
नमस्ते दोस्तों। आज हम समझने वाले है की rsi indicator in hindi में क्या होता है। और इसका ट्रेडिंग में का महत्त्व है। क्या हम rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग में अच्छे खासे पैसे कमा सकते है। और आखिर rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करते कैसे है। इन सब के बारे में हम आज विस्तार में जानने वाले है।
rsi indicator एक leading indicator है। जो की स्टॉक के ट्रेंड चेंज होने के पहले ही सिग्नल दे देता है। की स्टॉक ऊपर जानेवाला है या फिर निचे। इसीलिए इसे लीडिंग इंडिकेटर भी बोलते है। अगर आपको leading indicators के बारे में नहीं पता तो आप हमारी पिछली पोस्ट पढ़ सकते है। उसमे हमने leading indicators के बारे में विस्तार में बताया है।
rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai
rsi का full फॉर्म होता है relative strength index .यानि की ये इंडिकेटर स्टॉक की strength यानि की ताकद बताता है। की स्टॉक ऊपर जा सकता है की निचे। अगर interday trading में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंडिकेटर हे तो वो rsi indicator है।
rsi indicator स्टॉक्स के चार्ट में होने वाले मोमेंटम का ट्रेंड को दर्शाता है। और इसे oscillator भी कहा जाता है। क्युकी ये इंडिकेटर ० ते १०० के बिच में घूमता रहता है। और स्टॉक overbought हे या ट्रेडिंग में संकेतक का उपयोग कैसे करें? फिर oversold है। ये दर्शाने का काम rsi indicator करता है।
स्टॉक में उसके टाइम फ्रेम के हिसाब से मार्केट में strength हे या weakness है। ये rsi indicator दर्शाता है। उसेही rsi indicator कहा जाता है ,ट्रेडिंग में संकेतक का उपयोग कैसे करें? अभी हमने जाना की rsi indicator क्या होता है (rsi indicator in hindi).अभी हम जानेंगे की rsi indicator काम कैसे करता है।
rsi indicator कैसे काम करता है
rsi indicator ० ते १०० के बिच में ट्रेंड दिखने के कारन ये कभी ० के निचे और १०० के ऊपर नही जाता। इसके में तीन स्तर होते है। जैसे की ३०,५०,और ७० ये इसके महत्वपूर्ण स्तर है। इनका मतलब होता है की। अगर rsi अगर ५० से १०० के बिच है मतलब स्टॉक का मोमेंटम अभी पॉजिटिव यानि की बुलिश है। और अगर rsi का स्तर ० से लेकर ५० के बिच होता है तो इसका मतलब स्टॉक का मोमेंटम नेगेटिव यानि की बेयरिश है।
rsi indicaor १४ दिनों का average निकाल के आपको स्टॉक की strength बताता है। हलाकि हम उसका average चेंज भी कर सकते है। जाइए की हम 20 दिनों का भी average निकल सकते है। या आप अपने हिसाब से इसका average निकल सकते है। लेकिन डिफ़ॉल्ट १४ दिनों का average निकलने ये सही होता है। ये इंडिकेटर ज्यादातर technical analysis में इस्तेमाल किया जाता है।
अगर rsi ५० के ऊपर जा रहा है इसका मतलब शेयर में तेजी आने की संभवना होती है। या स्टॉक की प्राइज भी ऊपर जाने लगाती है। लेकिन अगर rsi ५०के निचे अपना ट्रेंड बना रहा होता है ,यानि की शेयर में बिकवाली होना शुरू हुआ है ,यानि स्टॉक निचे जाने की संभावना होती है।
RSI indicator के फायदे
ये एक मोमेंटम indicator होने के कारन ये आपको स्टॉक के चार्ट का मोमेंटम बताता है। और अगर मार्केटover bought (औसत से ज्यादा खरीद ) हे तो ये आपको outbought का सिग्नल पहले ही दे देता है। इससे आप पहल की स्टॉक का रिवर्सल पता करके के स्टॉक में short selling भी कर सकते है। आपको अच्छ मुनाफा कमाने का मौका ये इंडिकेटर देता है।
और अगर मार्केट over sold यानि की औसत से ज्यादा बिकवाली स्टॉक में है तो ये इंडिकेटर आपको over sold का सिग्नल पहले ही दे देता है। और ऐसा मन जाता है की स्टॉक जब भी over bought होता है। या फिर over sold होता है। तो मार्केट में रिवर्सल जरूर आता है। तो इसी ट्रेडिंग में संकेतक का उपयोग कैसे करें? रिवर्सल को पहलेही पहनके आप इसमें अच्छा मुनाफा काम सकते है।
निष्कर्ष
rsi indicator एक ऐसा इंडिकेटर हे जो आपको मार्किट की ताकत बुलिश है या फिर बेयरिश है ये दर्शाता है। फिर उसके हिसाब से आप अपना ट्रेड ले सकते है। लेकिन इसे समझने के लिए आपको इसे candle stick chart पर लगाना जरुरी है। उससे ही आपको इसका अंदाजा हो जायेगा की ये काम कैसे करता है।
ऐसा नहीं हे की rsi indicator हमेशा ही आपको सही सिग्नल दिखायेगा। आपको सिर्फ एक ही इंडिकेटर पर डिपेंड नहीं रहना आपको rsi indicatorके साथ साथ prize action और candle stick chart pattern ,ये भी देखना होता है।
टिप ; किसीभी इंडीकेटर्स को समझने के लिए आपको उन्हें अच्छे से समझना होगा। और ये मुमकिन हे आपके अनुभव से। कोई भी इंडीकेटर्स एक्यूरेट सिग्नल नहीं दिखता। ये आपको आपके अनुभव से पता चलेगा की कोनसा इंडीकेटर्स किस तरीके से काम करता है।
आज हमने क्या सीखा
आज हमने सीखा की rsi indicator in hindi में क्या होता है। rsi indicator कैसे काम करता है। rsi indicator in hindi के फायदे क्या है। इन सब के बारे में हमने आज जाना। और rsi indicator का सही से इस्तेमाल हम ट्रेडिंग में करेंगे।
यकीं है की आपको rsi indicator in hindi में क्या होता है। समझ आगया होगा। और साथ ही आपके ये हमरा आर्टिकल काफी फायदेमंद भी साबित रहा होगा। और अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आये तो कृपया इसे अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजियेगा।
और अगर आपको ऐसेही शेयर बाजार के विषय में कोई जानकारी चाहिए हो तो आप हमें कमेंट बोस में क्यूमेंट करके पूछ सकते है। और अगर आपको इस आर्टिकल के सम्भंधि कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट में भेज सकते है। हम जरूर आपको सावल का जवाब देने की कोशिश करेंगे। धन्यवाद !
१. इंडिकेटर क्या है?
इंडिकेटर का मतलब होता है शेयर मार्किट के चार्ट पर लगाया जाने वाला एक सिग्नल होता है। जैसे की RSI (rsi indicator in hindi)ये किसी भी स्टॉक के चार्ट पर लगा कर आप उसके ट्रेंड का पता कर सकते है। उसेही इंडिकेटर कहा जाता है।
२. शेयर मार्केट में आर एस आई क्या होता है?
RSI (rsi indicator in hindi)ये एक शेयर मार्किट का लीडिंग इंडिकेटर होता है। इससे आप किसी भी स्टॉक का ट्रेंड पता कर सकते है। और आप इस इंडिकेटर की सहायता से ट्रेडिंग कर सकते है। जो आप स्टॉक में आ रही गिरावट या तेजी के बारे में पूर्व सूचना देता है।
३.RSI सूचक का उपयोग कैसे करे ?
RSI (rsi indicator in hindi) इंडिकेटर में अगर rsi ३० के निचे हे इसका मतलब मार्किट में मंडी कहल रही है ऐसा होता है।और अगर rsi ७० के ऊपर कहल रहा होता है तो मार्किट में तेजी चल रही है ऐसा कहा जाता है। और अगर rsi ५० चला रहा है तो मार्किट sideways चला रहा होता है।
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अगर आप किसी ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप के साथ ट्रेड कर रहे हैं, तो संभवत: आपके स्मार्टफोन में एक ऐप होगा। यह फायदेमंद तो है लेकिन ट्रेडिंग अपने आप में काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है और लाभ कमाने के लिए आपको ट्रेड करने के लिए थोड़ी समझदारी की जरूरत होती है। इसलिए कई व्यापारी चाहे अनुभवी हों या नहीं, ट्रेडों को लाभकारी बनाने में मदद करने के लिए कुछ इंडिकेटर का उपयोग करते हैं।
टेक्निकल इंडिकेटर
एक ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप आपको आसानी से ट्रेड करने में मदद करता है। आप सर्वश्रेष्ठ शेयर ट्रेडिंग ऐप का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन आपको खास टेक्निकल इंडिकेटर के बारे में पता होना चाहिए जो आपके ट्रेडों को लाभदायक बनाने में मदद करते हैं। ये आपको रिटर्न की पूरी गारंटी नहीं दे सकते हैं, लेकिन ट्रेडिंग के दौरान आपके अवसरों को बेहतर बनाने के लिए ये एक लंबा रास्ता तय करते हैं। टेक्निकल इंडिकेटर आपको स्टॉक की मांग और आपूर्ति ट्रेडिंग में संकेतक का उपयोग कैसे करें? और वर्तमान बाजार की चाल के पीछे के मनोविज्ञान के बारे में जानकारी दे सकते हैं। आप सभी टेक्निकल ट्रेडिंग इंडिकेटर का एक साथ उपयोग नहीं कर सकते हैं, लेकिन आपको निश्चित रूप से एक सुराग मिलेगा कि आपको कब कौन सा टूल इस्तेमाल करना है।
उपयोग करने के लिए 5 ट्रेडिंग इंडिकेटर
जब आप पहली बार डीमैट एकाउंट खोलते हैं, तो लाभ कमाने के लिहाज से आप तेजी से व्यापार करने के लिए उत्साहित हो सकते हैं। जबकि स्टॉक ट्रेडिंग ऐप आपको बेहतरीन कार्यक्षमता की सुविधा प्रदान करते हैं, वे आपको यह नहीं बता सकते हैं कि ट्रेड करते समय क्या देखना है। इसलिए, आपको कुछ ट्रेडिंग इंडिकेटर पर भरोसा करना चाहिए, और इन पांचों को ज्यादातर समय काम करने के लिए आजमाया और परखा गया है।
1) वॉल्यूम इंडिकेटर (Volume Indicator)
OBV या 'ऑन बैलेंस वॉल्यूम' एक टेक्निकल इंडिकेटर है जो एक अवधि में सिक्योरिटी में पॉजिटिव और नेगेटिव वॉल्यूम फ्लो को मापता है। यह इंडिकेटर 'डाउन' वॉल्यूम के रनिंग टोटल के सरल सिद्धांत पर काम करता है जिसे 'अप' वॉल्यूम से घटाया जाता है। ऊपर की मात्रा उस दिन की मात्रा को इंडीकेट करती है जिस दिन शेयरों में तेजी आई थी और नीचे की मात्रा उस दिन की मात्रा का प्रतिनिधित्व करती है जिस दिन शेयरों की कीमतें गिरती हैं। हर दिन के लिए, वॉल्यूम जोड़ा या घटाया जाता है। इस प्रकार, इस तरह के एक इंडिकेटर से पता चलता है कि जब OBV बढ़ रहा है, तो खरीदार स्टॉक को अधिक ले सकते हैं, और इसके विपरीत OBV घटने पर स्टॉक खरीदना समझदारी नहीं।
2) एरोन इंडिकेटर (Aroon Indicator)
जब आप ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप का उपयोग करते हैं, तो आप यह देखने के लिए इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं कि आपको ट्रेड करना चाहिए या नहीं। यह इंडिकेटर आपको बताता है कि कोई स्टॉक बढ़ने या गिरने की प्रवृत्ति पर है या नहीं। एरोन ऑसिलेटर के साथ, आप एक स्टॉक के उदय की गणना कर सकते हैं, जिसे 'एरोन लाइन' कहा जाता है या लाइन के नीचे स्टॉक के गिरने की प्रवृत्ति कहा जाता है।
3) आरएसआई (The RSI - Relative Strength Index)
यह ज्यादातर व्यापारियों द्वारा ट्रेडिंग में संकेतक का उपयोग कैसे करें? उपयोग किए जाने वाले सबसे सामान्य टेक्निकल ट्रेडिंग इंडिकेटर में से एक है। सूचकांक 0 और 100 के बीच की स्थिति तक पहुंच जाता है, और हाल के नुकसान की तुलना में कीमत में हालिया लाभ की साजिश रची जाती है। नतीजतन, RSI का स्तर निवेशकों को स्टॉक ट्रेंड और मोमेंटम को मापने में मदद करता है।
4) स्टोकेस्टिक ऑसिलेटर (Stochastic Oscillator)
यह इंडिकेटर आपको अतीत में विभिन्न अवधियों में स्टॉक की कीमत की तुलना में स्टॉक की मौजूदा कीमत के कुछ सुराग देता है। इसके पीछे मुख्य विचार यह है कि जब किसी शेयर का रुझान चढ़ रहा होता है, तो कीमत पहले अनुभव नहीं की गई उच्च तक पहुंच जाती है।
एडीएक्स, या Average Directional Index एक अन्य इंडिकेटर है जो किसी दिए गए स्टॉक के ट्रेंड को दर्शाता है। जब आप स्टॉक ट्रेडिंग ऐप्स का उपयोग करते हैं, तो ADX किसी भी स्टॉक ट्रेंड के मोमेंटम और धारण क्षमता को मापता है। यदि दिशा की ताकत ऊपर की ओर है, तो कीमत और अधिक बढ़ने के लिए निहित है, और इसी तरह नीचे की ओर होने पर जाने पर कीमत घटने के संकेत है।
ट्रेड करने से पहले एनालाइज करें
यह सामान्य ज्ञान है कि ट्रेडिंग एक्सपर्ट्स कुछ टेक्निकल इंडिकेटर के आधार पर एनालिसिस करते हैं और फिर ट्रेड करते हैं। इसमें समय लगता है और हम में से अधिकांश लोग तेजी से लाभ के साथ डे ट्रेडिंग करना चाहते हैं। हालांकि, एक डीमैट एकाउंट खोलने के बाद, आप टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करके डे ट्रेडिंग करके अपने स्टॉक पोर्टफोलियो में विविधता ला सकते हैं, साथ लॉन्ग टर्म के लिए भी निवेश कर सकते है।
ट्रेडिंग इंडिकेटर क्या होता है – [2022] Trading Indicator In Hindi
ट्रेडिंग इंडिकेटर क्या होता है – Trading Indicator ट्रेडिंग में संकेतक का उपयोग कैसे करें? In ट्रेडिंग में संकेतक का उपयोग कैसे करें? Hindi , Trading Indicator Explained In Hindi: शेयर की Price ऊपर जा सकती है या नीचे यह कन्फर्म करने के लिए Indicators का उपयोग किया जाता है इंडिकेटर एक तरह का प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर होता है जो किसी Share की Price या Volume के Past को देखकर यह एनालिसिस करता है की Future में शेयर का ट्रेंड क्या होगा।
इंडिकेटर Technical Analysis का सबसे महत्वपूर्ण भाग है Technical Indicator का उपयोग Chart Pattern और Candlestick Pattern के साथ किया जाता है इन तीनो की उपयोग से स्टॉक किस दिशा में जा सकता है उसका अंदाजा लगाया जाता है
मार्किट में हज़ारों Indicators है एक Trader को अपनी जोखिम लेने की क्षमता, अनुभव और कम्फर्ट लेवल के अनुसार इंडीकेटर्स का चुनाव करना चाहिए।
ट्रेडिंग इंडिकेटर क्या होता है
Table of Contents
ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार – (Trading Type Of Indicators)
- Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स)
- Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)
1. Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स)
Leading का अर्थ होता है नेतृत्व करना, लीडिंग इंडिकेटर किसी स्टॉक का Price Prediction करते है स्टॉक के प्राइस में आने वाली तेज़ी या मंदी का पता लगाकर उसका पहले ही सिग्नल दे देते है
Leading Indicator को Oscillators (ओसिलेटर) भी कहते है क्योंकि Leading Indicators 0 से 100 की एक रेंज के बीच में झूलते रहते है
मार्किट में आगे क्या हो सकता है Share Price आगे किस दिशा में जा सकती है यह बताने का काम Leading Indicator का होता है
Top 2 Leading Indicator:
RSI:
2. Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)
लैगिंग का अर्थ होता है देरी से, Delayed या पिछड़ जाना। लैगिंग इंडीकेटर्स हमेशा Share Price के पीछे-पीछे चलता है
Lagging Indicator देरी से सिग्नल देते है मार्किट में क्या हो चूका है यह बताने का काम लैगिंग इंडीकेटर्स का होता है
शेयर प्राइस जिस भी दिशा में जा रहा हो चाहे वह ऊपर की तरफ जा रहा हो या नीचे की तरफ उसकी दिशा को Confirm करने के लिए Lagging Indicators का उपयोग किया जाता है।
इंडिकेटर के फायदे (Advantages of Technical Indicators)
इंडिकेटर की सहायता से किसी भी स्टॉक की कीमत ऊपर की तरफ जाने वाली है या नीचे की तरफ इसे समझने में मदद मिलती है इंडिकेटर से स्टॉक कहां खरीदना है और कहां बेचना है उन Levels को पता करने में मदद मिलती है
Stock चाहे Uptrend में हो, Downtrend में हो या Sideways Trend में इंडीकेटर्स का उपयोग करके स्टॉक के ट्रेंड का पता लगाया जा सकता है।
एक ट्रेडर को मार्किट में तेज़ी से बदलते हुए Trend में तेज़ी से Respond करना होता है इंडीकेटर्स ट्रेडर की Quick Decision Making में हेल्प करते है। इंडीकेटर्स स्टॉक मार्किट के Behaviour को समझने में मदद करता है की हमें Trade लेना चाहिए या नहीं।
इंडिकेटर की सीमाएं (Limitations of Technical Indicators)
इंडिकेटर सिर्फ Price Prediction करता है जरूरी नहीं की जो Signal इंडिकेटर ने दिया हो वो सही हो इंडिकेटर के सिग्नल गलत भी होते है।
कभी भी एक चार्ट में 3 से ज्यादा इंडिकेटर का उपयोग नहीं करना चाहिए बहुत सारे Indicators का उपयोग करने से सभी इंडीकेटर्स अलग-अलग सिंग्नल देने लगते है जिससे ख़रीदा-बेचना है या नहीं यह निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है
Indicators किसी भी स्टॉक में संभावित Entry और Exit Point देते है जरूरी नहीं है की मार्किट उन एंट्री और एग्जिट पॉइंट के हिसाब से चले Entry लेने के बाद Stock नीचे भी गिर सकता है और Exit लेने के बाद Stock बढ़ भी सकता है।
बहुत सारे इंडीकेटर्स एक दूसरे के विरोधाभासी होते है अगर एक इंडिकेटर Buy Signal देता है तो दूसरा Sell Signal देता है
उम्मीद करता हु आपको इंडिकेटर क्या है समझ आया होगा अगर आपका अभी भी कोई सवाल है ट्रेडिंग इंडिकेटर क्या होता है – W hat Is Trading Indicator In Stock Market In Hindi तो कमेंट करके पूछ सकते है।
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