क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले जान लीजिए ये कैसे करती है काम
Cryptocurrency: क्रिप्टो के फ्लक्चुएशन के कई कारण हो सकते हैं. उसमें से एक कारण बिज़नेस आईडिया के इम्प्लीमेंटेशन को सपोर्ट देने के लिए पैसे जुटान
- Teena Jain Kaushal
- Publish Date - August 30, 2021 / 04:14 PM IST
एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.
क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) आज कल काफी चर्चा का विषय बनी हुई है युवाओं से लेकर प्रोफेशनल ट्रेडर्स तक हर कोई हर कोई इसी में निवेश की बातें करता दिख रहा है. क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) का इतना पॉपुलर होने का एक कारण ये भी है कि पिछले एक साल में क्रिप्टो करेंसी क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग द्वारा निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया गया है. अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो शार्प करेक्शन के बाद भी इस साल जनवरी की शुरुआत के बाद से सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (bitcoinn) ने 66% का रिटर्न दिया है. इसी तरह मार्केट कैप के मामले में दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एथेरियम (Ethereum) ने 342% का रिटर्न क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग दिया है. ऐसे में जो लोग अच्छे रिटर्न के लिए क्रिप्टो में निवेश करने की सोच रहे है उनके लिए ये जानना भी बहुत जरुरी है कि क्रिप्टो करेंसी काम कैसे करती हैं.
बिज़नेस आईडिया के इम्प्लीमेंटेशन को सपोर्ट देने के लिए पैसे जुटाना
आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी के फ्लक्चुएशन के कई कारण हो सकते हैं. उसमें से एक कारण बिज़नेस आईडिया के इम्प्लीमेंटेशन को सपोर्ट देने के लिए पैसे जुटाना भी है.
उदाहरण के लिए बिटकॉइन सबसे पुरानी क्रिप्टोक्यूरेंसी को 2009 में पेमेंट एनाब्लर के रूप में लॉन्च किया गया था. इसी तरह कंपनियां ऑपरेशनल और ट्रांसक्शनल पर्पस के लिए क्रिप्टो या टोकन इंट्रोडूस करती हैं.
उदाहरण के लिए वज़ीरएक्स द्वारा बिनेंस कॉइन ( Binance Coin) और डब्लूआरएक्स (Wrx) जैसी क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग फीस का भुगतान करने और रिवॉर्ड देने के लिए किया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टो टोकन के लिए अंडरलाइंग टेक्नोलॉजी एक ब्लॉकचेन है. यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो प्रकृति में डिसेंट्रलाइज है.
यह क्रिप्टोक्यूरेंसी को किसी भी अथॉरिटी से इंडिपेंडेंट बनाता है ताकि कोई भी क्रिप्टोक्यूरेंसी डेवलपर्स और मालिकों के लिए नियमों को डिक्टेट न कर सके.
बिटबन्स के सीईओ और सह-संस्थापक गौरव दहाके Google या ऐप्पल के ऐप स्टोर का एक उदाहरण लेते हुए कहते हैं कि एप्प स्टोर्स इकोसिस्टम का हिस्सा बनने के लिए किसी को Google या ऐप्पल द्वारा दिए गए मैकेनिज्म और नियमों का पालन करना होगा.
ये कंट्रोल्ड एंड सेंट्रलाइज्ड नेटवर्क्स हैं. जो वेरियस इश्यूज को जन्म देते हैं. साथ ही ऐसा जरूरी नहीं की ये हर किसी को समझ आये.
इसीलिए डिसेंट्रलाइज नेटवर्क चलन में आते हैं जो सेंट्रलाइज्ड और कंट्रोल्ड नेटवर्क की सभी महत्वपूर्ण समस्याओं को दूर करते हैं.
दहाके के मुताबिक जिस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या मशीन लर्निंग जो आज ओमनीप्रेजेंट हो गई है. उसी प्रकार क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) हर किसी के आगे बढ़ने की रणनीति का हिस्सा बनने जा रही है.
अगर आप अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी के क्रिएशन के पीछे की मैट्रिक्स के बारे में समझना चाहते हैं तो यहां उसकी डिटेल दी गयी है.
जानिए कंपनी अपना क्रिप्टो कैसे बनाती है?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मोटे तौर पर दो तरह की होती है. वर्चुअल टोकन का एक सेट प्रोजेक्ट द्वारा सपोर्टेड होता है जबकि कई बिना किसी प्रोजेक्ट के लॉन्च किए जाते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी भी क्रिप्टोकरेंसी के उद्देश्य और इन्हेरेंट वैल्यू को समझना महत्वपूर्ण है.
जियोटस क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज के सह-संस्थापक और सीईओ विक्रम सुब्बुराज के मुताबिक एक क्रिप्टोकुरेंसी (Cryptocurrency) लॉन्च करना अन्य मेट्रिक्स के साथ कैपिटल क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग जुटाने के समान है.
यह उस विचार की पहचान के साथ शुरू होता है जो क्रिप्टोकुरेंसी का समर्थन करता है. क्रिप्टोक्यूरेंसी का इन्हेरेंट वैल्यू आमतौर से यह है कि एक निवेशक इससे जुड़े क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग उपयोग के मामलों के मूल्य को कैसे मानता है. कई टोकन बिना किसी सेट प्रोजेक्ट के लॉन्च किए जाते हैं.
(उदाहरण के लिए शीबा इनु) और ज्यादातर टाइम टेस्टिंग पर खरे नहीं उतरते. अगला यह सुनिश्चित करना है कि लोकल जूरिस्डिक्शन ऐसे लॉन्च की अनुमति देता है कि कंपनी कैपिटल जुटाने के संबंध में कुछ रेगुलेटर नियमों का उल्लंघन कर सकती है.
अगला स्टेप यह तय करना है कि कितने टोकन जारी किए जाएंगे. इनिशियल शेयर किसे मिलेंगे , कब जारी किया जाएगा और यूजर द्वारा उन्हें कैसे एक्सेस किया जा सकता है.
इसके साथ ही क्रिप्टोक्यूरेंसी के फ्लक्चुएशन के लिए किसी को एक विशिष्ट ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर एक स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट करना होगा. बिटबन्स के सीईओ और सह-संस्थापक गौरव दहाके मुताबिक एथेरियम सबसे लोकप्रिय ब्लॉकचेन में से एक है और इसके क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग लिए कॉन्ट्रैक्ट लिखने के लिए टोकन स्टैण्डर्ड को ARC Twenty कॉन्ट्रैक्ट कहा जाता है.
ARC Twenty कॉन्ट्रैक्ट आमतौर पर सॉलिडिटी भाषा में पढ़ा जाता है. जिससे कॉन्ट्रैक्ट टोकन बन जाता है. और इसे ही क्रिप्टोक्यूरेंसी (Cryptocurrency) कहा जाता है.
खुद के ब्लॉकचेन पर टोकन लॉन्च करना जेब पर भारी हो सकता है, इसलिए लोकप्रिय ब्लॉकचेन जैसे एथेरियम, बिनेंस चेन, ट्रॉन, सोलाना आदि का उपयोग कंपनियां अपने खुद के क्रिप्टो लॉन्च करने के लिए करती हैं.
तुरंत बाजार क्रिएट हो जाता है
एक बार जब आप क्रिप्टो बनाते हैं तो अगला आवश्यक कदम ड्राइव के wider एडॉप्शन के लिए एक प्रमुख एक्सचेंज के साथ साझेदारी करना है.
जियोटस क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज के सह-संस्थापक और सीईओ विक्रम सुब्बुराज के मुताबिक यह अक्सर बिज़नेस प्लान के वेलिडेशन, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स में कन्वर्शन और ऑडिट के साथ आता है.
कंपनियां एक्सचेंज के साथ साझेदारी करके और अपने यूजरबेस को टोकन गिफ्ट/बेचकर इनिशियल एक्सचेंज ऑफरिंग (IEO) कर सकती हैं. जिससे तुरंत बाजार क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग क्रिएट हो जाता है.
दूसरा ऑप्शन एक DEX (डिसेंट्रलाइज एक्सचेंज) के माध्यम से लिस्टेड होना है, जहां इसे मुख्य रूप से मार्केटिंग, पार्टनरशिप्स और अन्य प्रमुख घोषणाओं के माध्यम से चलाया जाता है.
नकली सिक्कों से रहें दूर
बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता पर सवार कई MLM (मल्टी लेवल मार्केटिंग) प्लेयर्स ने अपनी क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च की हैं. उन्होंने नेटवर्क में लोगों को जोड़ने पर कंट्रीब्यूशन के अलावा हर महीने 10-15% के हाई रिटर्न का वादा किया है.
आपको बता दें ऐसी कई योजनाएं अब तक फ़र्ज़ी निकल चुकी हैं जिनमें निवेशकों को बहुत भारी नुक्सान भी हुआ है. इसलिए आपको हाई रिटर्न का झांसा देकर नकली क्रिप्टोकरेंसी बेचने वाले एजेंटों से सावधान रहना चाहिए.
विक्रम सुब्बुराज के मुताबिक निवेशकों को निवेश से पहले वाइट पेपर पढने की आदत डालनी होगी. वाइट पेपर उस आईडिया को डिस्क्राइब करता है जिसपर तोकेनोमिक्स के साथ-साथ एक टोकन बनाया जाता है.
एक बार जब आईडिया एक स्ट्रांग विएबल फ्यूचर के साथ रेसोनत हो जाता है. तो निवेशकों को यह इवैल्यूएट करना होगा कि क्या टोकन के पीछे की टीम सुझाव के अनुसार रोडमैप को एक्सेक्यूट करने में सक्षम है.
इसका अनुमान इंटरव्यू , पार्टनरशिप्स , न्यूज़ , रिव्यू आदि से लगाया जा सकता है.
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