Robot करेगा खेतों और फसलों की रखवाली, जानिए इसकी खासियत
भारत के कृषि वैज्ञानिक द्वारा किसानों को समय-समय नई तकनीक से रूबरू कराया जाता है, ताकि किसान आधुनिक तकनीक से खेती कर मुनाफा कमा सकें. मगर हर किसान की एक मुख्य समस्या है कि वह अपने खेतों और फसलों की रखवाली किस तरह करें.
भारत के कृषि वैज्ञानिक द्वारा किसानों को समय-समय नई तकनीक से रूबरू कराया जाता है, ताकि किसान आधुनिक तकनीक से खेती कर मुनाफा कमा सकें.
मगर हर किसान की एक मुख्य समस्या है कि वह अपने खेतों और फसलों की रखवाली किस तरह करें. आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) द्वारा किसानों की इसी समस्या का समाधान किया जा रहा है. दरअसल, आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने किसानों को एक बहुत ही खास तोहफा दिया है. इसके तहत किसानों के खेतों की रखवाली की बड़ी समस्या दूर की जाएगी.
रोबोट करेगा खेतों की रखवाली (Robot will guard the fields)
आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) और चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा खेतों की रखवाली के लिए रोबोट तैयार किया जा रहा है. इसका ट्रायल आलू के खेत पर करने की तैयारी चल रही है. फिलाहल, इस तकनीक पर काम जारी है. अगर इसका परिणाम अच्छा आया, तो अक्टूबर में सबसे पहले आलू के खेत में परीक्षण के लिए रोबोट उतारा जाएगा.
बता दें कि आईआईटी के विशेषज्ञों द्वारा सीएसए के विशेषज्ञों से खेत और फसल की संपूर्ण जानकारी साझा की गई है, जिसके बाद ही रोबोट तैयार किया जा रहा है.
रोबोट की खासियत (Features of Robot)
इस रोबोट में कैमरे लगाए गए हैं, तो वहीं कई तरह के सेंसर, एलईडी-एलडीआर, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस का प्रयोग किया गया है.रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें
फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के रामबाण तरीके, बिना किसी खर्च के ऐसे करें सुरक्षा
फसलों को उगाने से भी अधिक मुश्किल का काम उन्हें सुरक्षित रखने का है. शायद यही कारण है कि फसलों की सुरक्षा को लेकर किसान न तो चैन से खाता…
खेतों और फसलों की निगरानी करने वाले रोबोट पर लगभग 2 साल से काम किया जा रहा है. इसकी मदद से फसल की फोटो और वीडियो ली जाएगी. यह रोबोट मौके पर ही रिपोर्ट तैयार कर ऑनलाइन जारी कर देगा.
रोबोट ऐसे करेगा खेतों की रखवाली (The रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें robot will guard the fields like this)
इसका डिजाइन छोटे बच्चे की तरह है, जो खेतों की मेड़ और क्वारियों पर आसानी से जा सकेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें फल और फली को तोड़ने वाली तकनीक को भी इंस्टाल किया जा रहा है.
रोबोट में डाटा किया जाएगा इंस्टाल (Data will be installed in the robot)
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कई तरह की फसलों के डाटा को सुरक्षित रख लिया है, जिसमें फसलों के तैयार होने का समय, मिट्टी की गुणवत्ता, खाद, सोडियम, पोटेशियम, फासफोरस रोग, कीट, खाद, समेत अन्य तत्वों की मात्रा शामिल है.
इस डाटा को रोबोट में इंस्टाल किया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि केवीके (KVK) की मदद से किसानों तक रोबोट की तकनीक को पहुंचाया जाएगा. इस तरह किसानों की खेती-बाड़ी में अच्छी मदद होगी. जानकारी के लिए बता दें कि आईआईटी कानपुर द्ववारा किसानों के लिए समय-समय पर नई तकनीक विकसित की जाती हैं.
(कृषि क्षेत्र से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए कृषि जागरण की हिंदी वेबसाइट पर विजिट करें.)
English Summary: iit kanpur has made a robot to guard the fields and crops Published on: 26 August 2021, 04:35 IST
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Iron Man: मणिपुर के लड़के ने बना दिया आयरन मैन जैसा सूट, टॉनी स्टार्क की तरह कचरे से किया कमाल!
Youth create Real Iron Man like Suit: मणिपुर के युवा को आयरन मैन फिल्म देखकर वैसा ही सूट बनाने का जुनून सवार हुआ। उसने इलेक्ट्रॉनिक कचरे के हिस्सों को इकट्ठा कर वैसा ही दिखने वाला सूट तैयार कर दिया।
- टोनी स्टॉर्क कैरेक्टर ने पैदा किया जुनून, मणिपुर के लड़के ने बनाया आयरन मैन सूट
- इलेक्ट्रॉनिक कचरे के हिस्सों को जोड़कर तैयार किया फिल्म जैसा कवच
- रोबोट में है प्रेम की दिलचस्पी, खुद ही ठीक कर देता है रेडियो, टीवी सहित घर का इलेक्ट्रॉनिक सामान
थौबल (मणिपुर): मार्वल स्टूडियो की हॉलीवुड फिल्मों में आयरन सबसे चर्चित किरदारों में से एक है। इस पर आधारित फिल्म के तीन पार्ट से लेकर एवेंजर्स सीरीज तक, इस सुपरहीरो के नाम के चर्चे हैं। किरदार की कहानी शुरु होती है अफगानिस्तान के आतंकी ठिकानों से, जहां टोनी स्टार्क नाम का शख्स इलेक्ट्रॉनिक कचरे के हिस्सों से एक क्रांतिकारी सूट बना लेता है। यह तो बात थी फिल्म की लेकिन अब असल जिंदगी में भी एक लड़के ने इससे ही मिलता जुलता काम करके दिखाया है।
फिल्मों से उत्साहित, मणिपुर के एक 20 वर्षीय युवा ने इलेक्ट्रॉनिक कचरे से आयरन मैन जैसा दिखने वाला सूट बनाया है। थौबल जिले के हीरोक पार्ट -2 गांव के रहने वाले निंगोबम प्रेम ने कहा कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक कचरे का उपयोग करके यह खास सूट बनाया है, जिसमें उन्होंने रेडियो और टेलीविज़न को भी स्टोर किया है।
बचपन से है रोबोट बनाने का सपना:
प्रेम ने इस बारे में बोलते हुए कहा, 'मैं अपने बचपन के दिनों से रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें एक रोबोट बनाना चाहता था। लेकिन आयरन मैन सूट के लिए जुनून 2015 के आसपास शुरू हुआ। बनाने का एक कारण है - मैं मणिपुरी फिल्मों में वैज्ञानिक प्रभाव को जोड़ना चाहता हूं। हमारे यहां अधिकांश रोमांटकि कहानी आधारित फिल्में ही बनती हैं।'
युवा ने कहा, 'मैंने अधिकांश सामान को इलेक्ट्रॉनिक कचरे - रेडियो की दुकानों और टेलीविजन से इकट्ठा किया है। चूंकि हम सामान खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं, इसलिए मैंने इन सभी सामग्रियों को खुद एकत्र किया है।'
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Heat Waves: उबल रहा है पूरा उत्तर भारत, लोग गर्मी से बेहाल, ना छांव ना पानी दे पा रहे हैं सहारा- PICS
बिना कोई ट्रेनिंग बनाया आयरन मैन की तरह दिखने वाला सूट:
खास बात ये है कि लड़के ने सिर्फ इस सूट की फिल्म देखकर कल्पना की थी, उसके पास कोई औपचारिक प्रशिक्षण या विशेषज्ञता नहीं थी। प्रेम ने कहा कि हॉलीवुड की वैज्ञानिक फिल्मों के सुपरहीरो जैसी प्रतिकृति बनाने में उन्हें रोमांच आता है।
इनमें से अधिकांश बाजूबंद हिस्से मोटरों से बने हैं, जबकि शरीर के अधिकांश भाग कार्डबोर्ड से बने हुए हैं। आर्मर को भी कचरे, आपातकालीन लैंप, इलेक्ट्रॉनिक खिलौने, सीरिंज, स्पीकर फ्रेम और यहां तक कि आईवी लिक्विड ट्यूब से भी बनाया गया है।
छोटे भाई ने की थी आयरन मैन बनाने की ज़िद:
प्रेम के छोटे भाई प्रेमचंद ने कहा, 'मैं रोया और अपने बड़े भाई को आयरन मैन बनाने के लिए राजी किया। बाद में, उसने इसे छोड़ दिया और अन्य चीजें सामान बनाना शुरू कर दिया। उसने मुझे निर्देश दिया कि मुझे क्या करना है।' लड़के ने और भी रोबोटिक्स से प्रेरित आइटम बनाए हैं, साथ ही घर पर टेलीविजन, रेडियो और आपातकालीन लैंप की मरम्मत भी करता है।
Robot Robotics Artificial Intelligence Article in Hindi रोबोट
आप लोगों को सोफिया के बारे में पता होगा. Hanson Robotics हांगकांग स्थित एक कंपनी है जिसने ह्यूमन रोबोट सोफिया का निर्माण किया है. मजे की बात यह है कि इसे अक्टूबर २०१७ में सऊदी अरब रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें की नागरिकता भी मिल गयी है. इसकी खासियत यह है कि यह किसी भी तरह के प्रश्न का जबाब दे सकती है.
रोबोटिक्स और आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस पर विश्व के कई देशों में काम चल रहा है. हम कह सकते हैं कि आज का विज्ञान इतना विकसित हो चुका है कि आज वह अपना विकल्प तैयार करने को प्रयासरत है. इसी प्रयास का परिणाम सोफिया जैसे रोबोट का विकास है.
रोबोट करेगा नेतागिरी
जी हाँ यह बिलकुल सत्य है. न्यूजी लैंड के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो अब चुनाव भी लडेगा रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें और नेतागिरी भी करेगा, इस रोबोट का नाम सैम है. कहा यह जा रहा है कि 2020 के इलेक्शन में यह रोबोट इलेक्शन में उतरेगा. लिंक
SAM – The New Generation Politician
रोबोट को आप यन्त्र-मानव कह सकते हैं जो मनुष्य की तरह काम करता है लेकिन यह एक मानव नहीं है. इसे आप मनुष्य का सेवक या मनुष्य के आदेशों पर काम करनेवाला यन्त्र कह सकते हैं. रोबोट शब्द चेक शब्द रोबोटा से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ दास या क्रीत दास होता है. कारल काएक नामक चेक नाटककार ने सबसे पहले इस शब्द का अपने नाटक R.U.R में किया था. इस नाटक का मंचन सबसे पहले चेकोस्लोवाकिया की राजधानी प्राग में १९२१ में हुआ था. उसके बाद इसका मंचन १९२३ में लन्दन में हुआ और कुछ ही समय में रोबोट एक बहुत शब्द हो गया. इस नाटक में यह दिखाया गया है कि मनुष्य द्वारा बनाया गया यन्त्र मानव बाद में मनुष्य को ही अपना सेवक बना लेता है और स्वयं उसका मालिक बन जाता है.
Robot Robotics Artificial Intelligence Article in Hindi रोबोट शब्द का प्रथम प्रयोग
यदि साहित्य में रोबोट शब्द के प्रयोग को देखा जाय तो इसका प्रथम प्रयोग १८१८ में हो चुका था जो काएक के नाटक से काफी पहले का समय है. फ्रैंकस्टीन नामक उपन्यास जिसकी लेखिका रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें मेरी शैली में रोबोट शब्द का जिक्र मिलता है. इस उपन्यास का नायक डॉक्टर विक्टर फ्रैंकस्टीन एक मृत इंसान के शरीर में प्राण का संचार कर एक कृत्रिम मानव या रोबोट बनाता है. इडके उपरांत साहित्य में रोबोट का प्रयोग कई बार हुआ. कहने का मतलब यह है कि साहित्य में रोबोट का जन्म हो चुका था, अब जरुरत थी इस काल्पनिक रोबोट को वास्तविक रोबोट में परिवर्तित करने का, जो कि तकनीक के विकास से ही संभव था.
Artificial Intelligence का इस्तेमाल
आज का युग कंप्यूटर और मोबाइल का युग है. आज हम नैनोटेक्नोलॉजी की बात करते हैं. इन सबके विकास से रोबोट का निर्माण और उपयोग भी बढ़ता जा रहा है. आज दुनिया के वैज्ञानिक और रिसर्चर इस बात पर जोर दे रहे हैं कि किस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या कृत्रिम मस्तिष्क का संयोजन कर एडवांस रोबोट का निर्माण किया जाय. आज यन्त्र मानव के निर्माण के लिए लगातार रिसर्च किया जा रहा है. विज्ञान की नई शाखा रोबोटिक्स की पढाई अब कई बड़े- बड़े कॉलेजों में होने लगी है.
यदि रोबोट के विकास की बात की जाय तो पहला रोबोट विलियम ग्रे वाल्टर ने किया था. उन्होंने अपने इस रोबोट का नाम टोस्टीडडो रखा. लैटिन भाषा में इस शब्द का अर्थ कछुआ होता है. उनका यह यन्त्र जीवित प्राणियों की अनेक एक्शन का नक़ल कर सकता था. वाल्टर के इस यन्त्र ने विज्ञान के विकास और उसकी एक नयी शाखा रोबोटिक्स की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया. कंप्यूटर में विकास के साथ ही साथ रोबोट विज्ञान का भी विकास होने लगा. रोबोट का दिमाग एक तरह से एक कंप्यूटर ही होता है. आज विज्ञान के विकास और अनुसंधानों में रोबोट का महत्वपूर्ण योगदान है. नॉरवेर्ट रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें विनर, जॉन वौन, न्यूमेन, एलेन टूरिंग, क्लाड एल्वूड आदि रोबोट वैज्ञानिकों ने इसके विकास में अपना योगदान दिया है और इसे एक नयी उंचाई प्रदान की है.
क्या रोबोट मानव को अपना दास बना लेगा?
आम लोगों में रोबोट के विषय में यह धारणा रहती है कि रोबोट हुबहू मनुष्य की तरह होता है. इसका सबसे बड़ा कारण कुछ हॉलीवुड़ और बॉलीवुड़ का कुछ सिनेमा है जिसमे रोबोट को मानव की तरह बनाया जाता है. यह बिलकुल गलत धारणा है. ह्यूमन रोबोट सिर्फ रोबोट का एक प्रकार है. यदि देखा जाय तो रोबोट का डिजाईन जरुरत के मुताबिक बनाया जाता है. उसकी के अनुसार उसके अंग- प्रत्यंग निर्धारित किया जाता है. एक रोबोट आपको ऐसा दिखेगा जिसका सिर्फ एक ही हाथ है, कोई चार पैरों वाला होता है. लेकिन रोबोट के प्रकार पर बात करें तो मुख्य रूप से इसके तीन टाइप होते हैं – टाइल, आर्म और मोबाइल. आज रोबोट का उपयोग बढ़ता जा रहा है. जहाँ मानव कार्य करने में कठिनाई का अनुभव करता है, आज वहां रोबोट का उपयोग किया जा रहा है.
दिन-ब-दिन रोबोट का प्रयोग बढ़ने का कारण इसके कार्य करने की सटीकता भी है. आज शल्य चिकित्सा में रोबोट का खूब प्रयोग हो रहा है. स्पेस में या मंगल की सतह पर रोबोट को ही भेजा गया ताकि वहां के वातावरण रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें का सही तरह से अध्ययन कर रिसर्च को आगे बढाया जा सके. आज एक से एक उन्नत रोबोट का निर्माण हो रहा है. एक तरफ तो यह मानव का सहयोगी है तो दूसरी तरफ यह भी प्रश्न उठाये जा रहे हैं कि कही मनुष्य इस प्राणहीन मशीन का दास न बन जाए.
तरह- तरह के रोबोट
आज बहुत सारी औध्योगिक ईकाइयों में रोबोट का प्रयोग किया जा रहा है. इससे उत्पादन तो बढ़ता ही है, काम भी सरलता से और एक्यूरेसी के साथ होता है लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि यह बेरोजगारी बढाता है.
कुछ मामले ऐसे भी हुए हैं जिसमें रोबोट ने मनुष्य पर हमला भी किया है और आघात पहुंचाया है. इसपर भी विचार किया जाना चाहिए ताकि रोबोट के प्रयोग को सुरक्षित बनाया जा सके. हालांकि आज कृषि रोबोट, रक्षा रोबोट, घरेलू रोबोट, नेनो रोबोट, स्पेस रोबोट, मेडिकल रोबोट आदि अपने-अपने क्षेत्र में बहुत तेजी से उपयोग में लाये जा रहे हैं. लेकिन आनेवाले समय में रोबोट का प्रयोग बढेगा और मानवता को इससे बहुत लाभ होगा, ऐसी आशा की जा सकती है.
रोबोट में भी भावनाएं होती हैं! चेन्नई के एक युवा ने बनाया ऐसा खास रोबोट जो यह भी जान लेगा कि आप दुखी हैं या खुश
ऐसा कहा जाता है कि रोबोट इंसान नहीं हो सकते क्योंकि उनके पास केवल एक ही शरीर है, लेकिन कोई भावना नहीं है। वे वही करते हैं जो उन्हें करने के लिए कहा जाता है। हालांकि, अगर उनमें भी भावनाएं हैं, तो रोबोट और इंसानों के बीच अंतर की एक बहुत पतली रेखा होगी।
एक इंसान और एक रोबोट में कई समानताएं होती हैं जैसे दोनों के दो हाथ और पैर होना, वजन उठाना, ऊर्जा की खपत करना आदि। लेकिन अब इस लिस्ट में एक और समानता जुड़ गई है, वो है इमोशन्स। हाँ! आपने सही पढ़ा।
रोबोट को फिर से परिभाषित करना Taminadu के एक 13 वर्षीय लड़के रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें ने चेन्नई में ‘भावनाओं के साथ रोबोट’ तैयार करने का दावा किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक प्रतीक नाम के लड़के ने इमोशन्स वाले अपने रोबोट का नाम रफी रखा.
प्रतीक कहता है कि उसका रोबोट उसके सभी सवालों का जवाब दे सकता है, लेकिन अगर आप उसे डांटते हैं, तो वह तब तक जवाब नहीं देगा जब तक आप माफी नहीं मांगते। लड़के ने दावा किया कि रफी आपकी भावनाओं को भी समझ सकता है, जैसे कि अगर आप दुखी हैं तो वह आपका चेहरा और दिमाग पढ़ सकता है।
“रफी, मेरा रोबोट, आपके सभी सवालों का जवाब दे सकता है। यदि आप उसे डांटते हैं, तो वह आपके सवालों का जवाब तब तक नहीं देगा जब तक आप माफी नहीं मांगते। यदि आप दुखी हैं तो वह आपको समझ भी सकता है, ”प्रतीक ने एएनआई को बताया।
प्रौद्योगिकी को दूसरे स्तर पर ले जाने के लिए नेटिज़न्स ने तमिलनाडु की प्रशंसा की। कुछ ने यह भी सुझाव दिया कि रोबोट में इनबिल्ट फेशियल और वॉयस डेटा होना चाहिए। कल यानी 24 अगस्त से इसे कमेंट बॉक्स में अनगिनत प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं.
“भारत में बहुत प्रतिभा है। मैं इसे अगले 10 वर्षों में प्रकट होते देख रहा हूं क्योंकि तकनीक पूरी आबादी के अंतिम छोर तक पहुंचती है और उन्हें सीखने और बढ़ने का अधिकार देती है!” एक उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की।
एक अन्य ने लिखा, “मुझे लगता है, यह चेहरे और आवाज के डेटा से तंग आ गया है, जैसे यह एक गुस्से वाला चेहरा है, यह एक खुश चेहरा है और आवाज भी है, इसलिए इस पर प्रशिक्षित होना चाहिए। दृष्टि प्रशिक्षण या ऐसा कुछ होगा। भले ही, 13 साल की उम्र में करना अभी भी एक बड़ा काम है।”
एक तीसरे यूजर ने कहा, “गूगल एआई में टेक्स्ट की अरबों लाइनें भावनाओं को उत्पन्न नहीं कर सकती हैं, लेकिन एक 13 वर्षीय व्यक्ति किसी तरह भावनाओं के साथ एक मॉडल को प्रशिक्षित करने में कामयाब रहा।”
पांचवी क्लास के साईनाथ ने दुबई में बनाया समुन्द्र साफ़ करने वाला रोबोट, खूब मिल रही वाह-वाही
सौजन्य से-खलीज टाइम्स
अबू धाबी में एक क्लास 5th के छात्र ने एक समुद्री क्लिनर रोबोट बनाया है जो समुद्रों और महासागरों से कचरा हटा सकता है और समुद्री निवासों के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है.
जीइएमएस यूनाईटेड इंडियन स्कूल, आबू धाबी में पढाई कर रहे भारतीय छात्र साइनाथ मानिकंदन, ने इनोवाटर 2018 के दौरान अपनी “एम-बीओटी क्लीनर (समुद्री रोबोट क्लीनर)” परियोजना का प्रदर्शन किया है जो कि संयुक्त अरब अमीरात के इनोवेशन महीने 2018 का हिस्सा है.
मानिकंदन ने कहा है की “मेरे द्वारा बनाया गया यह एम-बीओटी क्लीनर, समुद्री आवासों के लिए महत्वपूर्ण संरक्षण प्रदान करना चाहता है क्योंकि यह पानी की सतह से अपशिष्ट को दूर करता है और क्लीनर जल और बेहतर समुद्री जीवन की सुविधा देता है. मैं सतत विकास लक्ष्य 14 (एसडीजी -14) की रक्षा के लिए काम कर रहा हूं.”
यह इवेंट अबू धाबी शिक्षा विभाग और ज्ञान द्वारा आयोजित किया जा रहा है. जिसका उद्देश्य यूएई समुदाय के रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें भीतर रचनात्मकता और उद्यमिता का पोषण करना और संयुक्त अरब अमीरात में युवा लोगों के बीच नवीनता की भावना को प्रोत्साहित करना है. मानिकंदन नवाचार परियोजना एक नाव के आकार में एक प्रोटोटाइप रोबोट है और पुनर्नवीनीकरण की पानी की बोतलों की सहायता से फ़्लोट करता है. इसे दूर एक रेडियो नियंत्रण के साथ संचालित किया जा सकता है.
मानिकंदन ने कहा की “पोपसिकल की छड़ें दो पेंसिल से जुड़ी हुई हैं जो दो डीसी मोटर्स से जुड़े हैं जो कि पानी में जाने के लिए नाव में एक पैडल के रूप में काम करती हैं, पॉपस्लिक स्टिक वाला एक पहिया, जल निकायों से भंडारण टोकरी में कचरे को धक्का करने के लिए मोर्चे पर तीसरे मोटर से जुड़ा हुआ है, अतिरिक्त सुविधाओं को बैटरी के बजाय सौर पैनलों के जरिए बढ़ाया जा सकता है और एम-बीट को सिग्नल भेजने के लिए जीपीएस का प्रयोग किया जा सकता है ताकि कचरे एकत्रित करने के लिए समुद्र / नदी में एक विशेष स्थान पर जा सके, यद्यपि यह परियोजना पूरी तरह से पानी की शुद्धता को पुनर्स्थापित कर सकती है, फिर भी यह एक बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की ओर अग्रसर हो सकता है.
मानिकंदन ने कहा कि इस दुनिया के नागरिकों को जीवित प्राणियों के लिए और अधिक स्थायी स्थान बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
उनकी रोबोट किट में सीपीयू, तीन डीसी मोटर्स, तीन पहियों, 6 वी बैटरी केस, रिमोट ट्रांसमीटर, रिसीवर बोर्ड और केबल जैसे आइटम शामिल थे. उन्होंने सामग्री खरीदने पर Dh550 खर्च किया.
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