मनोवैज्ञानिक गैरीसन, किंगस्टन और मैकडॉनल्ड ने अनवरत विकास के संबंध में कहां है कि– “व्यक्तित्व अनवरत विकास की प्रक्रिया में रहता है।”
व्यक्तित्व की विशेषताएँ ( Personality characteristics in Hindi )
इस पोस्ट पर आप व्यक्तित्व से जुड़ी हुई प्रमुख विशेषताओं के बारे में जानेगें। व्यक्तित्व से किसी व्यक्ति के आकर्षक होने अथवा न होने का पता चलता है, लेकिन व्यक्तित्व को इस तरह एक पंक्ति में संमझना संभव नहीं है, क्योंकि की व्यक्तित्व में किसी व्यक्ति की कई विशेषताओं और हुनर का प्रतिबिंब दिखाई देता है।
व्यक्तित्व की विशेषतायें पढ़ने से पहले आप व्यक्तित्व की परिभाषा और अर्थ को इस पोस्ट से जाकर पढ़ सकते हैं।
व्यक्तित्व की विशेषताएँ :-
व्यक्तित्व व्यक्ति की मानसिक अवस्थाओं का सम्मिलित योग और जन्म के समय और व्यक्ति के पिछले पूरे जीवनकाल में प्राप्ति की प्रवृत्तियों, प्रतिभा, गुणों आदि का योग है। व्यक्तित्व व्यक्ति के जीवन के सभी पहलुओं को दर्शाता है।
व्यक्तित्व की विशेषताओं को हम निम्लिखित भागों में वर्गीकृत करके समझ सकते हैं–
सामाजिकता
सामाजिकता व्यक्ति के व्यक्तित्व की एक प्रमुख विशेषता है मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और वह समाज के बीच ही रहता है। व्यक्ति समाज के बीच की रहकर अपने सारे क्रिया-कलाप करता है।
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई लक्ष्य जरूर होता है, जिसको ध्यान में रखकर व्यक्ति उस लक्ष्य प्राप्ति के लिए हमेशा प्रयत्नशील लेता है। क्योंकि व्यक्ति अपने लक्ष्य के अनुरूप ही कार्य करता है, इसलिए व्यक्ति के व्यक्तित्व में उसके लक्ष्य का काफी प्रभाव पड़ता है।
आतंकवाद से निपटने को कानूनी ढांचा : पोटा की विशेषताएँ
जब 2002 में आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पोटा) कानून बनाया गया तो उस की मुख्य विशेषताएं इस तरह थीं….
क. आतंकवादी कार्रवाई की परिभाषा:
आतंकवादी कार्रवाई की परिभाषा में अपराध के आशय को संशोधित कर बदल दिया गया था। नयी परिभाषा में एकता, अखंडता सुरक्षा या भारत की संप्रभुता को चोट पहुंचाना या जनता में आतंक पैदा करना और आतंकवाद के लिए धन एकत्र करना मुख्य रूप से आशय में सम्मिलित कर दिया गया था।
ख. गिरफ्तारी के प्रावधान:
इस में एक गिरफ्तार व्यक्ति को पूछताछ के दौरान कानूनी व्यवसायी (वकील) से मिलने की अनुमति दी गई थी लेकिन वह पूछताछ के पूरे समय उपस्थित नहीं रह सकता था। (धारा 52).
ग. जब्ती और आतंकवाद से आय की जब्ती :
अपराध का अन्वेषण करने वाला अधिकारी पोटा के तहत संपत्ति की जब्ती या कुर्की आदेश सकता था, यदि उसे विश्वास है कि वह संपत्ति आतंकवाद से आय का प्रतिनिधित्व करती है। इसी तरह की संपत्ति की जब्ती या कुर्की का आदेश संतुष्ट होने पर विशेष अदालत भी दे सकती EMA की विशेषताएँ थी। (धारा 6 से 17 तक)
घ. संचार का अवरोधन (इन्टरसेप्शन):
इस कानून के अन्तर्गत अन्वेषण अधिकारी के अनुरोध के सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्राधिकृत होने पर तार माध्यम से या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से या मौखिक किए जा रहे संचार का अवरोधन किया जा सकता था यदि यह विश्वास हो कि ऐसा अवरोधन इस अधिनियम के अंतर्गत किसी अपराध के लिए सबूत जुटा सकता है। (धारा 36 से 48)
ङ. आग्नेयास्त्र का अनधिकृत कब्ज़ा:
यदि किसी भी व्यक्ति के अनाधिकृत कब्जे में आर्म्स नियम 1962 में विनिर्दिष्ट कोई हथियार या गोला बारूद अधिसूचित क्षेत्र में या किसी भी क्षेत्र में विस्फोटक पदार्थ और सामूहिक विनाश में सक्षम हथियारों या युद्ध के जैविक या रासायनिक पदार्थ पाए जाने पर, जिस भी व्यक्ति के कब्जे में पाया जाता वह आतंकवादी कार्रवाई करने का दोषी होता। (धारा 4)
च. अन्वेषण अधिकारियों शक्ति में इजाफा:
एक पुलिस अधीक्षक या उस से ऊंचे EMA की विशेषताएँ पद का कोई भी व्यक्ति अभियुक्त का इकबालिया बयान लिखित में या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक साधन से रिकॉर्ड सकता था जिसे विचारण में एक सबूत के तौर पर स्वीकार्य बना दिया गया था। (धारा 32)
छ. पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाया गया:
हालांकि सीआरपीसी की धारा 167 को लागू किया गया था लेकिन पुलिस हिरासत की अवधि को15 दिन से 30 दिन और कुल हिरासत अवधि को 90 दिन से 180 दिन कर दिया गया था। [धारा 49 (2)].
ज. विशेष न्यायालयों का गठन:
इस कानून में केन्द्र द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों या मामलों के समूह को केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार दोनों मुकदमों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालयों का गठन कर सकती थीं। (धारा 23).
झ. आतंकवादियों के संगठनों से निपटने पर एक अलग अध्याय :
इस विषय पर एक पूरा अध्याय कानून में जोड़ा गया था। जिस में आतंकवादी संगठनों की एक सूची जोड़ी गई थी। केन्द्र सरकार को इस सूची में आतंकवादी संगठनों को जोड़ने या हटाने का अधिकार दिया गया था।
ञ.EMA की विशेषताएँ समीक्षा समितियों का गठन:
केन्द्रीय और राज्य सरकारों को इस कानून के तहत समीक्षा समितियाँ गठित करने का अधिकार दिया गया था। इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए एक या अधिक समीक्षा समितियों का गठन करने का अधिकार दिया गया था। (धारा 60).
Database क्या है। Database की विशेषताएं बताइये।
इस ब्लॉग में डेटाबेस और DBMS क्या होता है। डेटाबेस के उदाहरण। डेटाबेस की विशेषताएं और कमियॉ एंव डेटाबेस के उपयोग के बारे में। तथा डेटाबेस कितने प्रकार के होते है। इन सभी के बारे में जानने की कोशिश करते है। आशा करते है कि यह ब्लॉग आपको जरूर पसन्द आयेगा।
डेटाबेस डाटा स्टोर करने का एक व्यवस्थित तरीका होता है। डाटाबेस में Table होते है। और इसके अन्दर Column होते है। जिसमें कई प्रकार का डाटा स्टोर किया जाता है। डाटा व्यवस्थित होने के कारण जरूरत पड़ने पर डाटा को Access और Manage करने में आसानी होती है। डेटाबेस को अच्छे से समझने के लिये एक उदाहरण लेते है।
उदाहरण के लिये -
आज बहुत से छोटे स्कूलो में जब विघार्थियो का Admission होता है, तो विघार्थी का नाम, पिता का नाम, माता का नाम, एड्रेस तथा अन्य सभी जानकारियो को रजिस्टर पर नोट किया जाता है। लेकिन बड़े कालेजो एंव विश्वविघालयो में विघार्थियो का Admission होता है, तो विघार्थी का नाम, पिता का नाम, माता का नाम, एड्रेस तथा अन्य सभी जानकारियो को रजिस्टर पर नोट करने के अलावा कम्प्यूटर और सॉफ्टवेयर की सहायता से डेटाबेस में व्यवस्थित तरीके से Store किया जाता है।
DBMS क्या होता है।
DBMS का पूरा नाम Database Management System होता है। यह एक साफ्टवेयर होता है। जिसकी सहायता से डेटाबेस को Create, Delete, Update तथा Manage किया जाता है। DBMS की सहायता से उपयोगकर्ता डाटा को आसानी से Access और Analysis कर सकते है। DBMS के निम्नलिखित उदाहरण है। जैसे- Microsoft Excel, Sql Server, MySql और Oracle इत्यादि।
डेटाबेस की निम्नलिखित विशेषताएं इस प्रकार है।
1- डेटाबेस में डाटा को क्रमबध्द Store किया जाता है। जिसको हम Sorting कह सकते है।
2- डेटाबेस में डाटा की Security और Privacy का प्रबन्घ अच्छे से होता है।
3- डेटाबेस में डाटा का Backup और Recovery पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
4- डेटाबेस में कम Space में अधिक डाटा Store किया जा सकता है।
5- डेटाबेस को Multiple उपयोगकर्ता एक साथ Access कर सकते है।
6- डेटाबेस में किसी भी डाटा का Duplicate नही होता है। अर्थात् डेटाबेस Redundancy को कम करता है।
Database की कमियॉ।
डेटाबेस की निम्नलिखित कमियॉ इस प्रकार है।
1- इसमे इस्तेमाल होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का Cost अधिक हो सकता है।
2- डेटाबेस का आकार बड़ा और Complexity जटिल होता है। इसलिये इसको Handle करने के लिये एक अच्छे Database इन्जीनियर की आवश्यकता पड़ती है।
3- डेटाबेस के सिस्टम में अचानक डेटाबेस Failure हो जाने वजह से महत्वपूर्ण डाटा का Loss भी हो सकता है।
डेटाबेस का उपयोग वैसे तो बहुत से क्षेत्रो में किया जाता है। लेकिन उनमें से कुछ इस प्रकार है।
1. बैकिंग में
बैकिंग के क्षेत्र के डेटाबेस का उपयोग बैंको के Staff तथा बैंको के Customer का डाटा सुरक्षित करने EMA की विशेषताएँ के लिये किया जाता है। इसलिये आजकल हर एक बैंको में डेटाबेस का इस्तेमाल किया जाता है।
2. सोशल मीडिया नेटवर्क में
सोशल मीडिया नेटवर्क में भी डेटाबेस का इस्तेमाल किया जाता है। हम सभी लोग Facebook, Instagram और Instagram जैसे अन्य सोशल साइट्स का इस्तेमाल करते है। और इन्ही सोशल साइट्स पर अपने Information को डेटाबेस में Store करते है।
Database के प्रकार।
वैसे तो डेटाबेस कई प्रकार के होते है। लेकिन उनमे से जो डेटाबेस प्रचलित है, वह इस प्रकार है।
1. Centralized Database
Centralized Database एक ऐसा डेटाबेस होता है। जिसमें सम्पूर्ण डाटा किसी Single कम्प्यूटर सिस्टम पर Store और Manage किया जाता है। और यह किसी EMA की विशेषताएँ Single लोकेशन पर स्थापित होते है। इसमें Multiple यूजर नेटवर्क के माध्यम सें डेटाबेस के सम्पूर्ण डेटा को Access कर सकते है।
2. Distributed Database
Distributed Database एक ऐसा डेटाबेस होता है। जिसमें Multiple डेटाबेस कम्प्यूटर नेटवर्क के माध्यम से एक साथ जुड़े होते है। जो अलग-अलग लोकेशन पर स्थापित होते है। और एक Single डेटाबेस की तरह महसूस होते है।
3. Hierarchical Database
Hierarchical Database एक ऐसा डेटाबेस होता है। जिसमें डाटा को Tree Struture में व्यवस्थित किया जाता है। जैसे एक पेड़ में कई शाखा होते है। वैसे इसमें प्रत्येक रिकार्ड के लिये एक Parent तथा कई Child होते है।
Pariksha RanNiti
3 ) यह पत्र सदैव अभिलेख के रूप में होता है । इस पत्र को सरंक्षित किया जा सकता है जिसके माध्यम के अतीत के निर्णय का अवलोकन, वर्तमान कार्य का सम्पादन तथा भविष्य के लिए गाइडलाइन को तैयार किया जा सकता है ।
4 ) इस पत्र के माध्यम के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा सकती है EMA की विशेषताएँ ।
5 ) शासकीय पत्र को अभिलेख रूप में सरंक्षित करने के साथ अनिवार्य रूप से गज़ट मे प्रकाशित किया जाता है ।
6 ) सूचितापूर्ण शासन के लिए इस पत्र का प्रयोग किया जाता है ।
7 ) यह पत्र न्यायालय मे बतौर न्यायिक साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है ।
पाठ में वर्णित घटनाओं के आधार पर पीटी सर की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
पाठ में वर्णित घटनाओं के आधार पीटी सर की चारित्रिक विशेषताएं इस प्रकार होंगी :
- पीटी सर का कद ठिगना था और वह दुबले पतले शरीर वाले व्यक्ति थे।
- पीटी सर की आँखों का रंग भूरा था और देखने में आँखें काफी तेज EMA की विशेषताएँ लगती थीं।
- पीटी सर खाकी वर्दी और लंबे जूते पहनते थे।
- पीटी सर बेहद कड़क मिजाज और अनुशासन प्रिय शिक्षक थे। यदि बच्चे द्वारा कोई भी
- अनुशासनहीनता होती तो वह कठोर दंड देते थे।
- पीटी सर के स्वभाव में बेहद कठोरता थी उनके मन में अपने छात्रों के प्रति दया का भाव नहीं था। वह जब बच्चों की पिटाई करते तो उनके बाल खींच लेते, उनकी ठुड्डी पर जोर से मारते तो कभी-कभी उनकी खाल खींच लेते। इस तरह वह बच्चों की पिटाई बेहद निर्ममता से करते थे।
- पीटीसर बेहद स्वाभिमानी व्यक्ति भी थे। बच्चों की पिटाई करने पर हेडमास्टर साहब ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया तो वह एक मास्टर साहब से के सामने गिड़गिड़ाने की जगह चुपचाप वहाँ से चले गए।
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