बेनजिंगा कोर्स ( फोरेक्स 101): यह कोर्स खुद को उपलब्ध सबसे व्यापक और बहुमुखी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में से एक के रूप में दावा करता है , जो नौसिखिए और अनुभवी व्यापारियों दोनों की मांगों के अनुरूप होने का दावा करता है। चाहे आप वित्तीय बाजार तंत्र के बारे में सीखने फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करे? के लिए नए हों या कुछ पूर्व ज्ञान हो , पाठ्यक्रम आपको मुद्रा जोड़े , फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करे? पिप्स , स्प्रेड , फिबोनैचि रिट्रेसमेंट और अन्य महत्वपूर्ण अवधारणाओं जैसे मौलिक विदेशी मुद्रा व्यापार ज्ञान प्रदान करेगा। मुख्य लाभ यह है कि छात्रों को AUD/USD व्यापारियों के वास्तविक जीवन के उदाहरणों के साथ - साथ लघु - विक्रय नमूने भी दिखाई देंगे। वे सीखेंगे कि विदेशी मुद्रा चार्ट पैटर्न को कैसे समझें , तकनीकी संकेतकों का उपयोग करें , और अन्य बातों के अलावा समर्थन और प्रतिरोध स्तरों को उजागर करें।

Forex Trading Kya होती Hai ? हिंदी में जाने

आइए दोस्तो! क्या आप फॉरेक्स मार्केट या Forex Trading के बारे में जानना चाहते तो आप सही पोस्ट पर आए है और मैं खुद एक ट्रेडर हूं इसके बारे में आप को बेहतर तरीके से बता सकता हु। आइए जानते इस दुनिया की सबसे बड़ी मार्केट बारे में।

फॉरेक्स क्या अर्थ होता है = foreion+exchange इस मार्केट में एक करेंसी को दूसरी करेंसी में बदला जाता है। यह दुनिया को सबसे बड़ी मार्केट है इसका रोज का लेनदेन 5 या 6 ट्रिलियन का होता है। यह 24×5 खुली रहती है और Suterday,Sunday बंद रहती है।

Forex Trading क्या होती है – FOREX TRADING IN HINDI

जिस तरह से लोग शेयर मार्केट में Profit यानी पैसा कमाने के लिए शेयरों की खरीदी बेचा करते है। इसी तरह इस forex market में किसी करेंसी को कम दाम में खरीद कर ज्यादा दाम में बेचने को ही फॉरेक्स ट्रेडिंग या करेंसी ट्रेडिंग कहते है। जिस तरह शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने पर high या medium रिस्क होता है। इस मार्केट में ट्रेडिंग करने पर medium या low फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करे? रिस्क होता है। इसमें ट्रेड करने पर मार्जिन काम देना पड़ता है। आगे हम मार्जिन और जो भी फॉरेक्स मार्केट में concept है उसको जानेंगे।

भारत में यह दो तरीके से हो सकती है

  1. इंडियन ब्रोकर अकाउंट जैसे – Zerodha,Upstox Etc.
  2. International ब्रोकर अकाउंट जैसे – Octafx, Exness,Tickmill Etc.

फॉरेक्स मार्केट को इफेक्ट करने वाले कारक

USD/INR का प्राइस कम को एप्रीसिएशन कहते है और प्राइस बढ़ने को डिप्रीशिएशन कहते फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करे? है। प्राइस कम होने का मतलब है भारतीय रुपया मजबूत होता है।जब प्राइस बढ़ता है तो भारतीय रुपया कमजोर होता है।

  1. इनफ्लेशन (मुद्रास्फीति) – जब महगाई की दर यानी महंगाई कम होती है तब INR एप्रीसिएशन होता है
  2. इंटरेस्ट रेट्स (ब्याज दर) – जब rbi रेट्स बढ़ाता है तब भी INR एप्रीसिएशन होता है।
  3. RBI का USD/INR का बेचना – जब INR का प्राइस बढ़ने लगता है।इससे एक्सपोर्टइंपोर्ट करने में परेशानी होने लगती है तो RBI USD/INR बेचने लगता है इससे मार्केट स्थिर हो जाता है और एप्रेशियट होने लगता है।
  4. निर्यात – जब एक्सपोर्ट या फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करे? निर्यात बढ़ने लगता है।तब INR एप्रीसिएशन होता है।
  5. राजनीतिक स्थिरता – भारत में जब सरकार बार – बार नही बदलती है और एक सरकार पूरे पांच साल तक रहती है तो भी INR एप्रीसिएशन होता है
  6. करेंट अकाउंट डेफिसिट – करेंट अकाउंट डेफिसिट होता है तो भी INR का प्राइस कम होने लगता है

सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा व्यापार मार्गदर्शिकाएँ कहाँ देखें?

सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा व्यापार मार्गदर्शिकाएँ कहाँ देखें?

  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2022,
  • (अपडेटेड 07 जून 2022, 11:19 AM IST)
  • फोरेक्स ट्रेडर बनने के लिए आप दर्जनों ऑनलाइन फोरेक्स ट्रेडिंग स्कूल से ट्रेनिंग ले सकते है

फोरेक्स ट्रेडिंग में पार्ट टाइम या फुल टाइम ट्रेड करके आप अपने आय को बहुत अच्छे से बढ़ा सकते है। फोरेक्स ट्रेडिंग में पैसे कमाने के लिए बहुत ज्यादा ज्ञान और अनुशासन की जरुरत होती है , जो दोनों बहुत ही मुश्किल से आते है। अच्छी खबर यह है कि , एक अच्छा फोरेक्स ट्रेडर बनने के लिए आप दर्जनों ऑनलाइन फोरेक्स ट्रेडिंग स्कूल से ट्रेनिंग ले सकते है। जो आपको एक सफल ट्रेडिंग कॅरिअर की तरफ ले जायेग।

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