First Published: Oct 08, 2022 10:49 AM
Play Store पर गलत देश या मुद्रा दिखने पर क्या करना चाहिए
Play Store में आपको क्या-क्या मिल सकता है, यह Google Play में उस देश के हिसाब से तय होता है जो आपके पैसे चुकाने के तरीके के लिए चुना गया है.
Google Play में आपके देश के नाम से यह भी तय होता है कि Play Store में किस मुद्रा का इस्तेमाल किया जा सकता है:
- यात्रा करने पर, आपके देश और मुद्रा में कोई बदलाव नहीं होता.
- भाषा बदलने पर, वह देश या मुद्रा नहीं बदलती जिसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
- Play पर देश का नाम कुछ समय के लिए नहीं बदला जा सकता.
- साल में सिर्फ़ एक बार, देश के नाम में बदलाव किया जा सकता है.
अगर डिवाइस पर देश या मुद्रा गलत है, तो देखें कि Play पर देश का नाम सही है या नहीं.
Google Play पर अपने देश का नाम देखना
-
में साइन इन करें.
- सबसे ऊपर, सेटिंग पर क्लिक करें.
- "पेमेंट्स प्रोफ़ाइल" में जाकर, “देश/इलाका” देखें. यह सेक्शन, Google Play पर आपके मौजूदा देश को दिखाता है.
- अगर यह गलत है, तो अपने देश के लिए एक नई प्रोफ़ाइल बनाएं.
सलाह: अगर आपने हाल ही में अपने देश की जानकारी बदली है, तो बदलाव लागू होने के लिए कम से कम 48 घंटों तक इंतज़ार करें.
Google Play पर अपने देश से जुड़ी समस्याएं ठीक करना
अगर Play Store पर आपके देश की जानकारी गलत है या इसका नाम बदलने में समस्या आ रही है, तो नीचे दिए गए तरीके आज़माएं. हर चरण के बाद, Play Store में जाकर देखें कि समस्या ठीक हुई है या नहीं. बदलाव लागू होने में डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं 24 घंटे तक लग सकते हैं.
सिम कार्ड बदलना
अगर आपके फ़ोन में सिम कार्ड है और आपने हाल ही में किसी दूसरे देश में शिफ़्ट किया है, तो आपको नए सिम कार्ड की ज़रूरत पड़ सकती है. मदद के लिए, सेवा देने वाली कंपनी से संपर्क करें.
नए देश में नया सिम कार्ड लेने के बाद, फ़ोन रीस्टार्ट करें. इसके बाद, फिर से Play Store का इस्तेमाल करें.
अगर आपके डिवाइस में सिम कार्ड नहीं है, तो यह चरण छोड़ दें.
Play बैलेंस कम करना
अगर आपके नए देश के मुताबिक Play बैलेंस बहुत ज़्यादा है, तो थ्रेशोल्ड के हिसाब से आपको कुछ पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं. अपने देश के हिसाब से तय लिमिट जानें.
समस्या का हल करने के दूसरे तरीके
अगर आपने ऊपर दिए गए सभी चरणों को आज़मा लिया है और 24 घंटे से ज़्यादा हो गए हैं, तो समस्या हल करने के लिए नीचे दिए गए तरीके आज़माएं.
'Google Play सेवाएं' से कैश मेमोरी और डेटा हटाना
- अपने डिवाइस पर सेटिंग ऐप्लिकेशन खोलें.
- ऐप्लिकेशन और सूचनाएंऐप्लिकेशन की जानकारी या सभी ऐप्लिकेशन देखें पर टैप करें.
- Google Play सेवाएं पर टैप करें.
- डिवाइस का स्टोरेजकैश मेमोरी मिटाएं पर टैप करें.
- स्टोरेज में जगह खाली करेंपूरा डेटा मिटाएंठीक है पर टैप करें.
'Play स्टोर' की कैश मेमोरी और डेटा हटाना
- अपने डिवाइस पर सेटिंग ऐप्लिकेशन खोलें.
- ऐप्लिकेशन और सूचनाएंऐप्लिकेशन की जानकारी या सभी ऐप्लिकेशन देखें पर टैप करें.
- Google Play Store पर टैप करें.
- डिवाइस का स्टोरेजकैश मेमोरी मिटाएं पर टैप करें.
- स्टोरेज में जगह खाली करेंपूरा डेटा मिटाएंठीक है पर टैप करें.
Digital Currency: RBI जल्द ही लॉन्च करेगा सीमित उपयोग के लिए E-Rupee का पायलट प्रोजेक्ट
इस साल पेश किए बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा था कि आरबीआई इसी साल ब्लॉक चेन तकनीक पर आधारित डिजिटल करेंसी CBDC जारी करेगी
E-Rupee (e₹) पर आरबीआई की तरफ से बड़ा अपडेट आया है। आरबीआई ने बताया है कि वह जल्द ही सीमित उपयोग के लिए e₹ का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करेगी। बतातें चलें कि e₹ आरबीआई द्वारा जारी किया जाने वाला एक डिजिटल रुपया है। हालांकि आरबीआई ने इस लॉन्चिंग के लिए कोई टाइमलाइन नहीं बताई है।
रिजर्व बैंक ने E-Rupee पर एक कॉन्सेप्ट नोट भी जारी किया है। इस कॉन्सेप्ट नोट का लक्ष्य लोगों में E-Rupee को लेकर जागरुकता फैलाना है, जिससे की इस डिजिटल करेंसी का सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के चीफ जनरल मैनेजर योगेश दयाल ने इस बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा है कि इस पायलट प्रोजेक्ट का दायरा जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा आरबीआई e₹ से जुड़े फीचर्स और इसके फायदे पर जानकारी देता रहेगा।
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गौरतलब है कि भारत के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को e₹ नाम दिया गया है। इस कॉन्सेप्ट नोट में आरबीआई ने बताया है कि CBDC यूजर के लिए भुगतान का एक और विकल्प होगा। इसको शुरू करने का लक्ष्य पहले से चल रहे पेमेंट सिस्टम में कोई बदलाव करने का नहीं है। पुराने सिस्टम भी CBDC के साथ चलते रहेंगे।
आरबीआई ने आगे कहा कि इस डिजिटल रुपये से भारत की डिजिटल इकोनॉमी को बड़ा बूस्ट मिलेगा। इससे देश का मुद्रा और भुगतान प्रणाली और बेहतर होगी। साथ ही वित्तीय समायोजन में भी सहायता मिलेगी। बताते चलें कि CBDC एक ऐसी करेंसी है जो आरबीआई द्वारा डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं जारी की जाती है और यह डिजिटल फॉर्मेट में होती है। इसको पेपर करेंसी में भी बदला जा सकेगा। ये आरबीआई की बैलेंसशीट मे दर्ज हो सकेगा। जिससे इसको लीगल टेंडर (वैध करेंसी) का दर्जा हासिल होगा। भारत का लक्ष्य 31 मार्च 2023 को खत्म होने वाले वर्तमान वर्ष में अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का है।
Digital Rupee: कल से कैश की जरूरत खत्म! आम आदमी भी कर सकेंगे डिजिटल रुपये में भुगतान
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खुदरा स्तर पर डिजिटल रुपये (Digital Rupee) का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने की घोषणा की है. आरबीआई ने मंगलवार को कहा कि वह 1 दिसंबर से रिटेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के लिए पायलट प्रोजेक्ट लेकर आएगा. आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा, जो लीगल टेंडर यानी वैध मुद्रा होगी.
आरबीआई ने कहा है कि वह एक दिसंबर को खुदरा डिजिटल रुपये (e₹-R) के लिए पहली खेप लॉन्च करेगी. RBI ने यह भी बताया कि डिजिटल रुपया उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा जिसमें वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं. यानी नोट के मूल्य जितना ही डिजिटल रुपया भी होगा. आरबीआई ने कहा कि एक दिसंबर को बंद उपयोगकर्ता समूह (CUG) में चुनिंदा जगहों पर यह परीक्षण किया जाएगा. इसमें ग्राहक एवं बैंक मर्चेंट दोनों शामिल होंगे.
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ये चार बैंक होंगे शामिल
डिजिटल रुपये के खुदरा उपयोग के इस परीक्षण में भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत चार बैंक शामिल होंगे. यह परीक्षण दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में किया जाएगा. डिजिटल रुपये को बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा और उपयोगकर्ता पायलट परीक्षण में शामिल होने वाले बैंकों की तरफ से पेश किए जाने वाले डिजिटल वॉलेट के जरिये ई-रुपये में लेनदेन कर पाएंगे.
आरबीआई ने कहा कि यह डिजिटल रुपया परंपरागत नकद मुद्रा की ही तरह धारक को भरोसा, सुरक्षा एवं अंतिम समाधान की खूबियों से भी लैस होगा. नकदी की ही तरह डिजिटल रुपया के धारक को भी किसी तरह का ब्याज नहीं मिलेगा और इसे बैंकों के पास जमा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
डिजिटल रुपये की विशेषताएं
- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) देश का आधिकारिक डिजिटल टोकन होगा। यह एक सॉवरेन करेंसी है, जिसे RBI अपनी मौद्रिक नीतियों के आधार पर जारी करेगा।
- यह केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट पर देयता के रूप में दिखाई देगा।
- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) कमर्शियल बैंक के पैसे और नकदी के खिलाफ स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय है।
- यह कमर्शियल सौदों को सरल करेगा।
- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) एक वैकल्पिक लीगल टेंडर है, जिसके लिए धारकों के पास बैंक खाता होना आवश्यक नहीं है।
- इससे करेंसी जारी करने/प्रिंट करने की सरकार की लागत कम होने की उम्मीद है।
- स्मार्टफोन से मनी ट्रांसफर जल्दी, आसान और परेशानी मुक्त होगा।
- ई-रुपये को सभी व्यक्तियों, व्यवसायों और सरकारी संगठनों द्वारा भुगतान के रूप, लीगल टेंडर और मूल्य के एक सुरक्षित स्टोर के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
डिजिटल रुपये के सामने आने वाली चुनौतियां
- अगर ई-रुपया लोकप्रिय हो जाता है और RBI मोबाइल वॉलेट में जमा की जा सकने वाली राशि पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाता है, तो कमजोर बैंकों को कम लागत वाली जमा राशि को बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।
- पूरी तरह से गुमनाम कॅश के विपरीत, अधिकांश सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि RBI खर्च का पता लगाने में सक्षम होगा। हालांकि, ई-रुपये के साथ किए गए लेनदेन भुगतान ऐप के लिए सुलभ नहीं हो सकते हैं, और फिनटेक फर्म उन लोगों के लिए सस्ते ऋण के लिए कुछ डेटा तक पहुंच खो सकते हैं, जिनके पास कोलैटरल नहीं है।
- भारत पहले से ही कई साइबर सुरक्षा खतरों से जूझ रहा है। डिजिटल करेंसी की शुरुआत से साइबर हमले में बढ़त हो सकती है और चोरी का खतरा पैदा हो सकता है।
- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के कार्यान्वयन के लिए कई परिचालन मुद्दे होंगे, जिसमें Know your Customer (KYC) मानदंड और डेटा की गोपनीयता शामिल है।
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केंद्र सरकार पहले ही इस बात के लिए इशारा कर चुकी है कि वह ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है. सरकार का यह कदम चीन की ओर से अपनाए गए उपायों को फॉलो करता है. चीन ने सितंबर से क्रिप्टोकरेंसीज पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है.
बिल का जो सारांश है, उसके डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं मुताबिक, भारत सरकार किसी भी व्यक्ति द्वारा डिजिटल करेंसी को ‘विनिमय का माध्यम’ (medium of exchange), मूल्य का भंडार (store of value) और खाते की इकाई (a unit of account)’ के तौर पर माइनिंग, जेनरेटिंग, होल्डिंग, सेलिंग (अथवा) डीलिंग जैसी सभी गतिविधियों को सामान्यत: प्रतिबंधित करने की योजना बना रही है.
इनमें से किसी भी नियम का उल्लंघन करना ‘संज्ञेय’ अपराध माना जाएगा, जिसका मतलब है कि बिना वॉरंट के गिरफ्तारी की जा सकती है, और यह‘गैर जमानती’ है.
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