विश्व गुरु बनने के लिए, भारत को अपनी डिजिटल मुद्रा की आवश्यकता है और मोदी सरकार ने पहले ही इसकी तैयारी कर ली है

विश्व गुरु बनने के लिए, भारत को अपनी डिजिटल मुद्रा की आवश्यकता है और मोदी सरकार ने पहले ही इसकी तैयारी कर ली है

सरकार ने हाल ही में क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी बजट सत्र के दौरान जब क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल, “The Cryptocurrency and Regulation of official digital currency Bill 2021”, पारित किया था तो सरकार ने संसद में कहा था कि उसका उद्देश्य “रिजर्व बैंक द्वारा जारी होने वाले ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए सहायक फ्रेमवर्क तैयार करना है।”

इसके अतिरिक्त “यह बिल भारत की सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करता है, हालाँकि कुछ विशेष अपवादों को इसके अंतर्गत छूट मिलेगी जिससे क्रिप्टोकरेंसी के प्रयोग और तकनीकी के विकास में मदद मिले।”

पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला है। दरअसल, सेंट्रल बैंक केवल साधारण मुद्रा के मूल्य की liquidity को बढ़ाकर अथवा घटाकर उसे नियंत्रित कर सकता है क्योंकि मुद्रा पर सरकारी नियंत्रण काफी हद तक होता है। लेकिन tech gaint हमेशा से यह चाहते हैं कि उन्हें कम से कम सरकारी निगरानी में काम करना पड़े। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी एक बेहतर विकल्प बनकर आई, जो कि पूर्णतः सरकारी नियंत्रण से दूर होती है।

क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में सबसे अच्छा तर्क यह दिया जाता है कि यह एक विकेंद्रीकृत मुद्रा व्यवस्था है। इसका नियंत्रण किसी सरकार के हाथ में नहीं है। किन्तु किसी देश के भीमकाय तंत्र को चलाने के लिए सबसे जरुरी है आर्थिक गतिविधियों पर सरकार का नियंत्रण। क्रिप्टोकरेंसी सरकारी नियंत्रण में नहीं है यह सुनने में भले अच्छा लगे लेकिन आर्थिक गतिविधियों पर सरकार का नियंत्रण, उसकी निगरानी आवश्यक है। इसके बिना टैक्सेशन की जटिल प्रक्रिया कि कल्पना नहीं कि जा सकती और उसके बिना प्रशासन का रहना असम्भव है।

किन्तु जिस तेजी से क्रिप्टो करेंसी का चलन बढ़ रहा है उसके कारण इसपर प्रतिबन्ध लगाए रखना भी सही नहीं होगा, अतः सबसे बेहतर विकल्प है कि सरकार अपनी ही एक क्रिप्टो करेंसी निकाले। इस वक्त ऑनलाइन ट्रांज़ेक्शन का चलन जिस तेजी से बढ़ रहा है, क्रिप्टो करेंसी भविष्य का डॉलर बन सकती है, वैश्विक आर्थिक ढांचे और मुद्रा व्यवस्था में यह डॉलर का भावी विकल्प बन सकती है।

चीन ने इसको क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी समझते हुए पहले ही अपनी डिजिटल मुद्रा निकाल दी थी। चीन ने अपनी डिजिटल मुद्रा के संदर्भ में यह कहा भी था कि चीन की डिजिटल मुद्रा, वर्तमान मुद्रा व्यवस्था में बदलाव के उद्देश्य से लाई गई है। इसके जरिये अमेरिका के प्रतिबंधों का डर खत्म हो जाएगा जो डॉलर आधारित वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में रहता है।

अब भारत के लिए भी यही सही होगा कि इसके पूर्व कि चीनी डिजिटल मुद्रा अपना एक इकोसिस्टम तैयार करे, भारत भी इस क्षेत्र में आगे आये। वैसे भी कोरोना ने दुनिया को डिजिटल वर्ल्ड के महत्व का परिचय करवा दिया है। भारत का डिजिटलीकरण अभी जिस अवस्था में है, उसमें भारत के लिए यह चुनौतीपूर्ण होगा। किन्तु इसके पूर्व कि अमेरिका और चीनी कंपनियां वैश्विक डिजिटल मुद्रा व्यवस्था पर कब्जा जमाए भारत को आगे आना ही होगा।

कोरोना के बाद से अमेरिकी फेडरल बैंक अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए बड़ी संख्या में मुद्रा प्रवाहित कर रहे हैं। मुद्रा कि बढ़ती liquidity ने डॉलर की कीमत कम कर दी है और उसका अवमूल्यन हो रहा है। जब यूरोपियन यूनियन एकजुट हुआ और यूरो का चलन बढ़ने लगा तो उसे डॉलर के विकल्प के रूप में पेश किया गया, लेकिन यूरो डॉलर को वैश्विक मुद्रा व्यवस्था से हटा नहीं सका। यही कहानी 2008 की मंदी के बाद युआन के साथ हुई। इसे भी डॉलर का विकल्प मना जा रहा था, किन्तु युआन भी विकप्ल नहीं बन सका।

यह दोनों उदाहरण बताते हैं कि वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में डॉलर के वर्चस्व को किसी भी अन्य पेपर करेंसी के जरिये नहीं बदला जा सकता। किन्तु डिजिटल करेंसी इस पूरे ढांचे को ही बदल देगी। देखा जाए तो यह एक ऐसे क्रांतिकारी परिवर्तन को जन्म देगी जैसा इंटरनेट ने 90 के दशक के बाद किया था। डिजिटल करेंसी डॉलर का विकप्ल हो सकती है और भारत सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय डिजिटल मुद्रा ही इस परिवर्तन कि वाहक बने।

कृषि ऋण माफी पर तैयारी अंतिम चरण में

ृषि ऋण माफ करने की विभिन्न बैंकों द्वारा की जा रही तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। लिहाजा एक ठोस तस्वीर भी उभरने लगी है। व्यावसायिक बैंक अभी आंकड़े प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं लेकिन राज्य के ग्रामीण.

 कृषि ऋण माफी पर तैयारी अंतिम चरण में

ृषि ऋण माफ करने की विभिन्न बैंकों द्वारा की जा रही तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। लिहाजा एक ठोस तस्वीर भी उभरने लगी है। व्यावसायिक बैंक अभी आंकड़े प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं लेकिन राज्य के ग्रामीण बैंकों ने जो हिसाब लगाया है उससे यह लगने लगा है कि लाभ पाने वालों में लघु और सीमांत किसानों की संख्या लगभग प्रतिशत से भी ज्यादा होगी। बहुत कम संख्या में बड़े किसान इससे लाभन्वित होंगे। सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार राज्य के गा्रामीण बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों के लगभग 650 करोड़ रुपये माफ किये जायेंगे। हिसाब-किताब फाइनल होने पर राशि सात सौ करोड़ से ज्यादा होने की संभावना है। अब तक की सूची के अनुसार लगभग चार लाख किसानों को इसका लाभ मिलेगा जिसमें पौने चार लाख लघु और सीमांत किसान होंगे। भूमि क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी विकास बैंक लगभग 85 करोड ऋण माफी की घोषणा पहले ही कर चुका है। जानकारी के अनुसार सहकारिता बैंकों का काम थोड़ा धीमा चल रहा है। लेकिन इन बैंकों के अधिकारी भी समय पर लाभुकों की सूची पेश कर देने का दावा करते हैँ।ड्ढr ड्ढr नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक संदीप घोष ने बताया कि ग्रामीण बैंकों ने रविवार तक 0 प्रतिशत काम पूरा कर लिया था। उक्त बैंक की 1466 शाखाओं में 1105 की फाइनल सूची तैयार हो गई है। 145 शाखाओं में दो तिहाई काम हो चुका है शेष ब्रांचों ने भी आधा से अधिक लाभार्थियों की सूची तैयार कर ली है। अबतक के आंकड़े के अनुसार किसानों के 638.70 करोड़ रुपये माफ किये जायेंगे। इससे 385262 किसानों को लाभ मिलेगा जिसमें 3702लघु और सीमांत किसान हैं। भूमि विकास बैंक ने जो 85 करोड़ रुपये माफ करने की घोषणा की है उससे लगभग साढ़े चौदह हाार किसान लाभन्वित होंगे। लोन लेने वाले किसानों के लिए नीति स्पष्टड्ढr पटना (हि. ब्यू.)। केन्द्र सरकार की ऋण माफी की घोषणा को लेकर किसानों का भ्रम अब साफ होने लगा है। खासकर ट्रैक्टर, बकरी पालन और डेयरी के लिए ऋण लेने वाले किसानों के लिए भी नीति स्पष्ट कर दी गई है। रिार्व बैंक द्वारा भेजे गये दिशा-निर्देश के मुताबिक शर्त पूरी करने वाले वैसे सभी किसान इससे लाभन्वित होंगे जिन्होंने कृषि कार्य के लिए ऋण लिया है। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक संदीप घोष ने बताया कि केन्द्र की यह घोषणा किसानों को लाभ देने के लिए है न कि व्यावसायियों के लिए। जाहिर है व्यावसायिक कार्य के लिए ट्रैक्टर लोन लेने वाले लाभ से वंचित हो जायेंगे। लेकिन शर्त पूरी करने वाले हर किसान को लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा की डेयरी के लिए लोन लेने वाला किसान लाभन्वित होगा लेकिन डेयरी प्रोडक्ट का कारोबार करने वाली कंपनियां इस दायर में नहीं आयेंगी। शर्तो के बार में प्राप्त निर्देश को भी उन्होंने स्पष्ट किया। उनके अनुसार ऋण माफी या क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी राहत का हकदार वही किसान होगा जिसने 31 मार्च 1और 31 मार्च 2007 के बीच ऋण की निकासी कर ली हो। उक्त अवधि के लोन की वह किस्त जो 31 दिसंबर 2007 को ड्यू हो गयी और 2रवरी 2008 तक जमा नहीं की जा सकी माफी या रियायत के दायर में आयेगी। जिस किसान ने इसके पूर्व ड्यू किस्त की राशि जमा कर दी हो उसे उतनी राशि का लाभ नहीं मिलेगा।ं

Tax On Crypto: राज्यसभा में वित्त मंत्री ने कहा- टैक्स लगाना सरकार का अधिकार

Tax On Crypto:

Tax On Crypto: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को बजट 2022 पर चर्चा करने के दौरान ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार के रुख को फिर से स्पष्ट किया। उन्होंने कहा क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन से होने वाले फायदे पर टैक्स लगाना सरकार का अधिकार है और इस पर रोक लगाने के बारे में फैसला विचार-विमर्श के आधार पर लिया जाएगा।

टैक्स लगाना सरकार का अधिकारी

सीतारमण ने राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा कि मैं फिलहाल न तो देश में क्रिप्टोकरेंसी को वैध करने जा रही हूं और न ही इस पर पाबंदी लगाने जा रही हूं। इस पर रोक लगाने के संबंध में अंतिम निर्णय गहन विचार- विमर्श से निकलने वाले निर्णय के आधार पर होगा। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले फायदे पर टैक्स लगाने के बारे में उन्होंने कहा, इस पर टैक्स लगाने का मतलब ये कतई नहीं है कि इसे वैध कर दिया गया है। इसे वैलिड करना या नहीं करना, अलग सवाल है। लेकिन हमने टैक्स लगाया है क्योंकि यह सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है।

विपक्ष के सवाल का दिया जवाब

दरअसल, विपक्ष की ओर से क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स (Tax On Crypto) लगाने की वैधता के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये बड़ी बात कही। गौरतलब है कि सीतारमण ने बीती 1 फरवरी को संसद में बजट 2022 पेश करते हुए क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले फायदे पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने की घोषणा की क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी थी। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा था कि केवल आरबीआई की तरफ से जारी ‘डिजिटल रुपी’ को ही देश में डिजिटल करेंसी की मान्यता दी जाएगी।

तकनीक को दी गई प्राथमिकता

इस दौरान एक अन्य सवाल के जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बजट में तकनीक को प्राथमिकता दी गई है, इसका एक उदाहरण कृषि में सुधार करने और उसको मॉडर्न बनाने के लिए ड्रोन को लाना है। स्टॉर्टअप को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, हमने देखा कि देश में जिस मजबूती के साथ स्टॉर्टअप आ रहे हैं ऐसा विश्व में कहीं नहीं हुआ।

क्रिप्टोकरेंसी कानूनी निविदा नहीं बनने जा रही है: केंद्रीय वित्त सचिव टी वी सोमनाथन

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बड़ा झटका देते हुए केंद्र ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि उन्हें किसी भी तरह से लीगल टेंडर का दर्जा नहीं दिया जाएगा।

क्रिप्टोकरेंसी कानूनी निविदा नहीं बनने जा रही है: केंद्रीय वित्त सचिव टी वी सोमनाथन

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बड़ा झटका देते हुए केंद्र ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि उन्हें किसी भी तरह से लीगल टेंडर का दर्जा नहीं दिया जाएगा। केंद्रीय वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा: "अभी, मैं केवल इतना कहूंगा कि क्रिप्टोकरेंसी कानूनी निविदा नहीं होगी। भारतीय रुपया एक कानूनी निविदा है, जबकि सोना और चांदी कानूनी निविदा नहीं हैं। भारतीय रुपया एक कानूनी निविदा है, जबकि सोना और चांदी कानूनी निविदा नहीं हैं। साफ़ तौर पर सोमनाथ का कहना है की क्रिप्टोकरेंसी किसी भी देश में वैध मुद्रा नहीं मानी जाएगी। बाकी का फैसला बिल में होगा।


अवैध गतिविधियों से क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी हो सकता है शोषण

वित्त मंत्रालय भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक नियामक व्यवस्था बनाने और निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने पर आगे की चर्चा के लिए एक कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। सूत्रों ने कहा कि कैबिनेट नोट क्रिप्टोकरेंसी की अस्पष्टता और अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों द्वारा उनका शोषण कैसे किया जा सकता है, इस पर ध्यान दिया जाएगा। शीर्ष सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 13 नवंबर की बैठक को 'टर्निंग पॉइंट' कहा जा सकता है और बैठक में आने वाले कानून और क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार के रुख ने आकार लिया।


पारदर्शी विज्ञापन के प्रयासों को रोकने की जरूरत है

पीएम मोदी ने 13 नवंबर को वित्त और अन्य मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी। बैठक में सबसे महत्वपूर्ण इनपुट भारतीय रिजर्व बैंक से आया था। पीएम की बैठक के ठीक बाद, सरकार ने कहा था कि हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ चर्चा चल रही है और युवाओं को 'क्रिप्टोकरेंसी पर अति-प्रोमिसिंग और गैर-पारदर्शी विज्ञापन' के माध्यम से गुमराह करने के प्रयासों को रोकने की जरूरत है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने पुष्टि की कि आरबीआई ने बैठक के लिए केंद्र को एक विस्तृत राय रिपोर्ट सौंपी है।


क्रिप्टोस पर क्या कहती है आरबीआई की रिपोर्ट ?

सूत्रों ने कहा कि केंद्र को आरबीआई की रिपोर्ट ने रेखांकित किया कि क्रिप्टो के बारे में बहुत कम जानकारी है और वे मौद्रिक संप्रभुता और रुपये की स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं, खासकर अगर भविष्य में घरेलू मूल्य गठन आभासी मुद्राओं में सेट हो जाता है तो। वही आरबीआई जिसने अप्रैल 2018 में बैंकों को क्रिप्टो में लेनदेन करने से प्रतिबंधित कर दिया था उसके बारे में कहा जाता है कि उसने रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि क्रिप्टो की अस्थिरता बैंकों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है, जिससे वित्तीय अस्थिरता हो सकती है। आरबीआई के विस्तृत नोट में यह भी संकेत दिया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी से पूंजी की निकासी हो सकती है, भारत और विदेशों में किए गए निवेश का नकदीकरण हो सकता है, लेनदेन को भारतीय रुपये से दूर स्थानांतरित कर सकते हैं और आरबीआई की कमाई को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

*वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार और आरबीआई चिंतित हैं कि स्थिर मुद्रा जैसे क्रिप्टो, अगर अमेरिकी डॉलर पर टिका हुआ है, तो अमेरिकी मुद्रा की पहुंच को मजबूत कर सकता है। कहा जाता है कि आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला है कि बिना अंतर्निहित मूल्य के आभासी मुद्राएं व्यापक उतार-चढ़ाव के अधीन हैं और मुद्रा आपूर्ति और मुद्रास्फीति नियंत्रण को कैलिब्रेट करने में बाधा बन सकती हैं। क्रिप्टोकरेंसी पर पीएम के साथ बैठक के चार दिन बाद, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकुरेंसी हितधारकों के दावों और मांगों को चुनौती दी थी।

*उन्होंने कहा था, "मैं दोहराना चाहूंगा कि खातों की संख्या इस अर्थ में बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई है कि लगभग 70% -80% खातों का हवाला दिया जा रहा है जो 1,000-2,000 रुपये और यहां तक ​​​​कि 500 ​​रुपये के छोटे खाते हैं। तो, अनजाने में, और हम बहुत सारी प्रतिक्रिया है कि, खाता खोलने के लिए क्रेडिट और प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं, ये रकम 500 रुपये से 2,000 रुपये के बीच है। आरबीआई प्रमुख ने कहा था कि वह इस बात से सहमत हैं कि क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार मूल्य में वृद्धि हुई है, लेकिन "इसमें गंभीर मुद्दे शामिल हैं जब केंद्रीय बैंक कहता है कि हमें मैक्रो-इकोनॉमिक और वित्तीय स्थिरता के दृष्टिकोण से गंभीर चिंताएं हैं।" कहा, "मैंने अभी तक सार्वजनिक स्थान पर एक गंभीर, अच्छी तरह से सूचित चर्चा नहीं देखी है।

*चर्चा है कि यह एक नई तकनीक है और हमें इसका फायदा उठाना चाहिए। लेकिन यह तकनीक 10 साल पुरानी है। ब्लॉकचेन कल नहीं आया। तकनीक बढ़ सकती है। इस समय, आरबीआई, एक केंद्रीय बैंक के रूप में, जिसे आंतरिक चर्चा के बाद वित्तीय स्थिरता बनाए रखने का काम सौंपा गया है, का कहना है कि गंभीर चिंताएं हैं तो गहरे मुद्दे हैं जिन पर अधिक गहन चर्चा की आवश्यकता है। सूत्रों ने कहा कि क्रिप्टोकुरेंसी बिल के मसौदे पर काम चल रहा है और इसे अंतिम रूप देने के बाद, इनपुट और अंतर्दृष्टि के लिए आरबीआई से परामर्श लिया जाएगा। सरकार ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के लिए क्रिप्टोकरेंसी पर लोकसभा बुलेटिन में एक विधेयक सूचीबद्ध किया है। सूत्रों ने कहा कि सरकार आभासी मुद्रा नामों में "सिक्का" और "मुद्रा" जैसे शब्दों के इस्तेमाल से चिंतित है जो निवेशकों को गुमराह कर रहे हैं। इसलिए इनके लीगल टेंडर घोषित होने की कोई संभावना नहीं है।

चिलिज़: बिटपांडा लिस्टिंग समाचार पर सीएचजेड 18% उछला, लेकिन यहाँ चेतावनी है

चिलिज़: बिटपांडा लिस्टिंग समाचार पर सीएचजेड 18% उछला, लेकिन यहाँ चेतावनी है

बढ़ते मंदी के दबाव के बीच चिलिज की मूल क्रिप्टोक्यूरेंसी सीएचजेड अंतिम दिन में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली क्रिप्टोकरेंसी बन गई। बिटपांडा पर कई प्रशंसक टोकन की घोषित सूची के कारण इसका सकारात्मक प्रदर्शन हुआ है।

चिलिज़ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से बिटपांडा लिस्टिंग की पुष्टि की। कुछ सूचीबद्ध फैन टोकन में सिटी, बार, एटीएम, पीएसजी और जेयूवी शामिल हैं। ये सभी प्रशंसक टोकन हैं जिन्हें चिलिज़ नेटवर्क के माध्यम से ढाला गया है। यह बताता क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी है कि निवेशकों ने सीएचजेड का अधिग्रहण करके लिस्टिंग के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया क्यों दी।

पिछले 24 घंटों के भीतर मजबूत खरीदारी की मात्रा ने CHZ को 18% तक बढ़ा दिया। इसने $0.130 मूल्य स्तर पर 0.786 फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट लाइन को पार किया और उसी मूल्य बिंदु से नीचे पुलबैक का अनुभव किया। इस प्रेस के समय CHZ का कारोबार $0.125 पर हुआ, जिसका अर्थ है कि पिछले 24 घंटों में यह अभी भी लगभग 8% बढ़ा है।

स्रोत: ट्रेडिंग व्यू

रैली के बाद CHZ की वापसी क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में बिक्री के दबाव को दर्शाती है। CHZ रैली के दौरान अधिकांश शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी लाल रंग में थीं। यह पुष्टि करता है कि तेजी का दबाव समग्र क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी बाजार की प्रवृत्ति के खिलाफ धक्का देने के लिए पर्याप्त था। हालांकि, अप्रैल से इसकी गिरावट की भयावहता की तुलना में रैली अभी भी न्यूनतम थी।

चिलिज़ ऑन-चेन मेट्रिक्स

शीर्ष गैर-विनिमय पते मीट्रिक द्वारा आयोजित आपूर्ति पिछले सात दिनों से लगातार बढ़ रही है। इसका प्रदर्शन उसी अवधि के दौरान मूल्य वृद्धि के साथ प्रतिध्वनित होता है। हालांकि, पिछले 30 दिनों में शीर्ष एक्सचेंज पते द्वारा आयोजित आपूर्ति लगातार बनी हुई है।

ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में भालू बाजार ने सीएचजेड की अधिकांश आपूर्ति को एक्सचेंजों में वापस देखा है। हालांकि, पिछले 30 दिनों में बड़े पतों में लगातार राशि से पता चलता है कि कम खरीद मात्रा के कारण पर्याप्त बहिर्वाह नहीं हुआ है।

नवीनतम कीमतों के बावजूद कम खरीदारी की मात्रा अपेक्षाकृत छोटी रैली की व्याख्या कर सकती है। हालांकि, सीएचजेड का 30-दिवसीय एमवीआरवी अनुपात वर्तमान में इंगित करता है कि कुछ खरीदार, क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी विशेष रूप से हाल के तल पर खरीदारी करने वाले वर्तमान में लाभ में हैं। एमवीआरवी अनुपात -45.39% से वापस उछल गया, इसका निम्नतम मासिक स्तर, लेखन के समय भी -9.1%।

निष्कर्ष

सीएचजेड की मौजूदा तेजी आने वाले समय में और तेजी की शुरुआत हो सकती है। यह पुष्टि करता है कि क्रिप्टोकुरेंसी अभी भी एक कार्बनिक उपयोगिता द्वारा ईंधन की स्वस्थ मांग का आदेश दे सकती है। हालाँकि, इसके मेट्रिक्स एक सतर्क दृष्टिकोण की ओर भी इशारा करते हैं, जिसमें परदे के पीछे नकारात्मक पक्ष का खतरा है।

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