Cryptocurrency क्या है ?यह कैसे काम करती है ? | What is Cryptocurrency ?
Cryptocurrency क्या है? | क्रिप्टोकोर्रेंसी का मतलब क्या होता है ?
Cryptocurrency (क्रिप्टो करेंसी) एक डिजिटल या वर्चुअल टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर मुद्रा है जिसे सामान और सेवाएं खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता है| क्रिप्टो करेंसी स्ट्रांग क्रिप्टोग्राफी और ऑनलाइन लेजर का इस्तेमाल करता है।
क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करता है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी है जिसका ट्रांज़ैक्शन इंटरनेट पर मौजूद बहुत सारे कंप्यूटर्स में रिकॉर्ड किया जाता है जो उसे मैनेज करते हैं| जिससे इसके डाटा में हेरफेर नहीं किया जा टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर सकता है|
क्रिप्टो करेंसी सामान्यत: सरकार द्वारा जारी नहीं की जाती है जिससे इस पर सरकार का हस्तक्षेप नहीं होता है।बहुत सारी कंपनियों ने अपना करेंसी क्रिप्टो करेंसी जारी किया है जिसे टोकन कहते हैं इस टोकन को कंपनी द्वारा कंपनी के सामान और सेवाएं खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
क्रिप्टो करेंसी को संपदा (एसेट) के रूप में रखा जाता है| इसकी ट्रेडिंग की जाती है क्रिप्टो करेंसी ने निवेश करने वालों को बहुत ही अच्छा रिटर्न दिया है|
क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार का होता है ? Types of Crypto Currency
पहला ब्लॉक चेन आधारित क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन है जो कि आज भी सबसे ज्यादा लोकप्रियऔर बहुमूल्य है। आज हजारों की संख्या में क्रिप्टो करेंसी है जिनका विशेषताएं और फंक्शन अलग-अलग है | इनमें से कुछ क्लोन करेंसी हैं जोकि बिटकॉइन पर आधारित है और कुछ मूल रूप से बनाए गए हैं।
क्रिप्टो करेंसी तीन प्रकार के होते हैं
- बिटकॉइन Bitcoin
- अल्टकोइंस Alt Coins
- टोकेंस/ डी ऐप्स Tokens/dApps
Bitcoin | बिटकॉइन्स
2008 में सतोशी नाकामोतो ने बिटकॉइन का अपना वाइट पेपर ऑनलाइन जारी किया था| प्रारंभ में इसे डार्क वेब पर गुड्स और सर्विस ट्रेड करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था|
2013-14 से इसकी लोकप्रियता और इसका मूल्य बढ़ना प्रारंभ हुआ| आज इसका मूल्य Rs 3565942 तक पहुंच गया है|
बिटकॉइन ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी लोगों के सामने लाया जिससे बिना थर्ड पार्टी के बिटकॉइन को रिसीव करना और दूसरे को भेजना संभव हुआ | यह पूरी तरह डिसेंट्रलाइज है इसका मतलब है कि या किसी भी थर्ड पार्टी या बैंक पर निर्भर नहीं है ||
बिटकॉइन के द्वारा प्रत्येक ट्रांजैक्शन डायरेक्टली यूजर्स के बीच में होता है इसे पियर टू पियर नेटवर्क कहते हैं| इससे अपना पहचान बताएं बिना पेमेंट कर सकते हैं|
Bitcoin कैसे काम करता है?
जब कोई बिटकॉइन भेजता है तो उसके ट्रांजैक्शन को वेरीफाई किया जाता है और ब्लॉकचेन में स्टोर कर लिया जाता है। ब्लॉकचेन में जो सूचनाएं होती हैं इंक्रिप्टेड होती हैं जिसे सब देख सकते हैं लेकिन उसे डिक्रिप्ट केवल उसका मालिक कर सकता है| सभी कार्नर के पास अपना एक प्राइवेट की होता है जिससे वे बिटकॉइन को डिक्रिप्ट कर सकते हैं।
बिटकॉइन ट्रांजैक्शन को वेरीफाई कौन करता है
बिटकॉइन ब्लॉकचेन अलग-अलग लोग और कंपनियां अपने कंप्यूटर पर चलाती हैं। वह लोग अपने कंप्यूटर में एक विशेष सॉफ्टवेयर चलाते हैं जो प्रत्येक ट्रांजैक्शन को वेरीफाई करता है | इसे नोड Node /Miner कहा जाता है |
Nodes /Miners को ट्रांजैक्शन वेरीफाई करने के लिए नया बिटकॉइन मिलता है|
जब एक नया ट्रांजैक्शन ब्लॉक, ब्लॉक चेन में भेजा जाता है तो Node /Miners एक स्पेशल एल्गोरिदम जिसे प्रूफ ऑफ वर्क(Proof of Work) कहते हैं के द्वारा वेरीफाई करते हैं| जो पहला माइनर उसे वेरीफाई करता है उसे नया कॉइन मिलता है |
Alt Coins | अल्ट कॉइन
बिटकॉइन के बाद बहुत सारे ने ब्लॉक चेंज बनाए गए जिन्हें अल्टकोइंस कहा जाता है| जैसे -NEO, Litecoin, Cardano…… आज के समय में 1000 से भी ज्यादा अल्टकोइंस है इसमें अधिकतर कॉइन बिटकॉइन में मामूली बदलाव करके बनाए गए हैं। जबकि
कुछ Alt Coins बिटकॉइन से बिल्कुल अलग है और उनका लक्ष्य और उपयोग भी अलग है| जैसे Factom Coin प्रूफ-ऑफ़-स्टेक (PoS -Proof of Stake) का उपयोग करता है | PoS में Miners नहो होते है | इसमें Stakers होते है |
Ethereum और NEO बिटकॉइन से बिलकुल अलग है | बिटकॉइन डिजिटल करेन्सी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जबकि Ethereum और NEO को डिजिटल करेंसी के तौर पर नहीं बनाया गया है | ये block chain apps के लिए एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म है | Ethereum और NEO पर आप अपना एप्लीकेशन बना सकते है | इसी से कई नए क्रिप्टो कर्रेंसी बने है |
Tokens/dApps | टोकंस
तीसरी प्रकार की क्रिप्टो करेंसी टोकन है। पहली दोनों क्रिप्टो करेंसी से यह बिल्कुल अलग है इसका अपना कोई ब्लॉकचेन नहीं होता है| यह एथेरियम और नियों (Ethereum और NEO) ब्लॉकचेन को यूज करके बनाए जाते हैं| इनको dApps (Decentralised Application) के द्वारा यूज किया जाता है| dApps स्मार्ट कांट्रैक्ट को यूज करके बनाए जाते हैं|
dApps किसी और का ब्लॉक चेंज जैसे कि Ethereum और NEO का इस्तेमाल करके बनाए जाते हैं इसलिए किसी भी प्रकार का टोकन ट्रांजैक्शन Ethereum और NEO ब्लॉकचेन नोड द्वारा ही वेरीफाई किया जाता है। इसका मतलब Ethereum और NEO ट्रांजैक्शन चार्ज देना होता है। इसलिए dApps ट्रांजैक्शन के लिए आपके पास आपका Ether या NEO होना चाहिए|
क्रिप्टोकरंसी के फायदे और नुकसान
क्रिप्टो करेंसी के फायदे
क्रिप्टो करेंसी आपको बहुत ही आसानी से बिना किसी थर्ड पार्टी के शामिल हुए बिना दो लोगों के बीच पैसे ट्रांसफर की सुविधा देता है| ट्रांजैक्शन पब्लिक की और प्राइवेट की का इस्तेमाल करके बहुत ही सुरक्षित होता है| इसमें बैंक और अन फाइनेंसियल कंपनियों के चार्जर से बहुत ही मिनिमम प्रोसेसिंग चार्ज लगता है। इसमें डाटा में कोई छेड़-छाड़ नहीं कर सकता |
क्रिप्टो करेंसी के नुकसान
क्रिप्टो करेंसी ट्रांज़ैक्शन को ट्रेस करना बहुत ही मुश्किल होता है इसलिए इसके द्वारा गैर क़ानूनी कार्य जैसे मनी लॉन्डरिंग और टैक्स चोरी किया जा सकता है | इसलिए दुनिया भर की सरकारे चिंतित है | हालाँकि इसका समर्थन करने वाले लोगो का कहना है की इससे प्राइवेसी सुरक्षित रहती है जो व्हिस्टलब्लोवर और एक्टिविस्ट को सुरक्षा प्रदान करता है |
Digital Rupee क्या देसी Cryptocurrency है या फिर कुछ और? बिटकॉइन से कितना अलग है
Digital Rupee: 1 दिसंबर से RBI डिजिटल रुपया की लॉन्चिंग के साथ करेंसी के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है. बहुत से लोग इसे देसी क्रिप्टोकरेंसी जैसा समझ रहे हैं. आइए टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर जानते हैं डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है. पहले ये सेवा देश के चार शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च की जा रही है.
अभिषेक मिश्रा
- नई दिल्ली,
- 01 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 01 दिसंबर 2022, 7:37 PM IST)
RBI का डिजिटल रुपया यानी देश में करेंसी का एक नया दौर शुरू हो चुका है. आज से दिल्ली समेत देश के चार शहरों में आम लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी को लेकर लोग काफी ज्यादा कन्फ्यूज हैं. लोग इसे क्रिप्टोकरेंसी समझ रहे हैं. हालांकि, आप इसे कमोबेश वैसा ही समझ सकते हैं, लेकिन मूल रूप से दोनों में काफी ज्यादा अंतर है.
डिजिटल रुपया का ऐलान इस साल के बजट में किया गया था. गुरुवार यानी 1 दिसंबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), जिसे डिजिटल रुपया कहा जा रहा है, को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. पहले फेज में इस प्रोजेक्ट को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है.
इन शहरों में कस्टमर और मर्चेंट्स डिजिटल रुपया का इस्तेमाल कर सकेंगे. दूसरे चरण में इसका विस्तार कई अन्य शहरों में भी किया जाएगा. मगर डिजिटल रुपया है क्या? ये अभी भी बहुत से लोगों के लिए सवाल बना हुआ है. आइए जानते हैं इसका आसान जवाब.
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क्या है डिजिटल रुपया?
इसे आप कैश का डिजिटल वर्जन समझ सकते हैं और इसे शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है. इसे खर्च करना ठीक वैसा ही होगा, जैसे आप अपने पर्स से पैसे खर्च करते हैं. हालांकि, ये डिजिटल वॉलेट या UPI से भी काफी अलग है. भविष्य में इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट सेक्टर, नॉन- फाइनेंशियल कस्टमर्स और बिजनसेस द्वारा किया जा सकेगा.
इस सीधा कंट्रोल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होगा. आसान भाषा में कहें तो जिस तरह से आप आज के वक्त में कैश इस्तेमाल करते हैं, ये ठीक वैसा ही रहेगा, लेकिन इसका रूप डिजिटल होगा. e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में होगा और इनको आप सिक्कों व नोट की तरह ही कर काम में ले सकेंगे.
यूजर्स डिजिटल रुपया का यूज पार्टिसिपेटिंग बैंक के जरिए कर सकेंगे. इन्हें मोबाइल फोन्स और डिवाइसेस में स्टोर भी किया जा सकेगा. इसका इस्तेमाल पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट दोनों तरह के ट्रांजेक्शन में किया जा सकता है.
आरबीआई ने डिजिटल रुपया को दो कैटेगरी में लॉन्च किया है. बैंक ने इसे जनरल पर्पज (रिटेल) और होलसेल दो रूप में पेश किया है. 1 नवंबर को RBI ने डिजिटल रुपया को होलसेल सेगमेंट में लॉन्च किया था.
क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है?
एक सवाल ये भी मन में आता है कि क्या डिजिटल रुपया भी क्रिप्टोकरेंसी ही है. वैसे तो ये है भी और नहीं भी. क्रिप्टोकरेंसी मूल रूप से डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी होती है. यानी इसका कंट्रोल किसी एक बैंक या ऑर्गेनाइजेशन के पास नहीं होता है और इसे ब्लॉकचेन के जरिए मैनेज किया जाता है.
वहीं डिजिटल रुपया जिसे आरबीआई ने लॉन्च किया है, एक सेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी है. इसके सेंट्रल बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाएगा. यानी ये मौजूदा करेंसी का डिजिटल रूप है.
क्या हैं इसके फायदे?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुरुआत में कहा था कि डिजिटल करेंसी को एक्सप्लोर करने का मूल मकसद फिजिकल कैश मैनेजमेंट में ऑपरेशनल कॉस्ट को कम करना है. इसके अलावा डिजिटल रुपया का इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड्स को कम करने में किया जा सकेगा. साथ ही लोगों को प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की ओर जाने से रोकने में भी मदद मिलेगी.
जहां प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी अस्थिर हैं, वहीं डिजिटल रुपया के साथ ऐसा नहीं होगा. इसमें आपको रुपये की तरह ही स्थिरता देखने को मिलेगी. इसे उसी वैल्यू पर जारी किया गया है, जो आज हमारे रुपये की है. लोग डिजिटल रुपया को फिजिकल कैश में भी बदल सकेंगे. इसके सर्कुलेशन पर आरबीआई का कंट्रोल होगा.
कौन-कौन से बैंक हैं शामिल?
इस प्रोजेक्ट में 8 बैंक शामिल होंगे. शुरुआत में चार बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, Yes बैंक और IDFC First बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. बाद में बैंक ऑफ बड़ोदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे.
Crypto निवेशकों के लाभ पर लगेगा भारी Tax, डिजिटल करेंसी के ITR पर यहां देखे नई अपडेट, जाने सबकुछ
व्यापर, डेस्क रिपोर्ट। भारत ने अंततः अपने नए बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) को मान्यता दी, इसने 30 प्रतिशत के साथ भारी कर (Tax) लगाने का भी फैसला किया। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के मामले में राजस्व सचिव तरुण बजाज (Tarun Bajaj) ने कहा कि चूंकि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगेगा। इसलिए ITR फॉर्म में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) से होने वाली आय के लिए एक अलग कॉलम होगा।
उन्होंने कहा अगले साल आईटीआर फॉर्म क्रिप्टो के लिए एक अलग कॉलम दिखाएगा। हां, आपको खुलासा करना होगा। एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए, उन्होंने आगे कहा कि Crypto or Digital Currency से होने वाले लाभ पर हमेशा Tax लगता है और Union Budget 2022 में जो प्रस्तावित किया गया है, वह कोई नया Tax नहीं है बल्कि इस मुद्दे पर निश्चितता प्रदान करता है।
“वित्त विधेयक में प्रावधान virtual digital assets के कराधान से संबंधित है। यह क्रिप्टोकरेंसी के कराधान के लिए निश्चितता लाने के लिए है। यह इसकी वैधता पर कुछ भी नहीं बताता है जो विधेयक (ऐसी संपत्ति को विनियमित करने पर) पेश होने के बाद सामने आएगा।
इसके अलावा, केंद्र सरकार 1 अप्रैल, 2022 से 30 प्रतिशत का कर लगाएगी, साथ ही उन लेनदेन पर उपकर और अधिभार भी लगाएगी जिनमें क्रिप्टोकरेंसी शामिल है क्योंकि यह इसे जीतने या उपहार लेनदेन के समान ही मान रहा है। न केवल क्रिप्टोकरेंसी बल्कि अपूरणीय टोकन (एनएफटी) पर भी 30 प्रतिशत Tax लगेगा।
Qatar 2022 Token Cryptocurrency क्या है? जिसने 24 घंटे में 1 लाख का किया 31 लाख!
Qatar 2022 Token Cryptocurrency क्या है? मौजूदा समय में वैश्विक क्रिप्टो बाजार में भारी उथल-पुथल जारी है। क्रिप्टोकरेंसी की खाश बात होती है की इसमें निवेश करने वाला रातो-रात अमीर भी बन सकता है। इसी बीच एक नयी क्रिप्टोकरेंसी सामने आई है जिसने 24 घंटों में निवेशकों को मोटा रिटर्न दिया है। हम बात कर रहे हैं कतर 2022 टोकन क्रिप्टोकरेंसी की जिसने पिछले 24 घंटे में 3100 फीसदी का रिटर्न देकर निवेशकों को मालामाल कर दिया। आइये जानते हैं Qatar 2022 Token Cryptocurrency क्या है? और इसकी पूरी जानकारी।
Qatar 2022 Token Cryptocurrency क्या है?
कतर 2022 टोकन क्रिप्टोकरेंसी का नाम आने वाले फुटबॉल विश्व कप के नाम पर रखा गया है। यह एक डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी करेंसी है। Qatar 2022 Token एक खास Cryptocurrency है जिसका मकसद फुटबॉल और क्रिप्टोकरेंसी को एक साथ लाने का है। आपको बता दें की फुटबॉल विश्व कप का आयोजन इसी साल नवंबर के अंत में आयोजित किया जाना हैं। ऐसे में आगे भी Qatar 2022 Token Cryptocurrency में तेजी की संभावना बनी रह सकती है। कतर 2022 टोकन क्रिप्टोकरेंसी ने पिछले 24 घंटे में निवेशकों को लगभग 3100 फीसदी का रिटर्न दिया है।
कतर 2022 टोकन क्रिप्टोकरेंसी ने दिया बम्पर रिटर्न!
क्रिप्टोकरेंसी कतर 2022 टोकन ने पिछले 24 घंटों की अवधि के भीतर निवेशकों को बम्पर रिटर्न दिया है। कतर 2022 टोकन के आंकड़ों पर नजर डाली जाये तो इस टोकन शुक्रवार को 0.00000000001 डॉलर से उछल कर 0.000000000323 डॉलर पर पहुंच गया। इस क्रिप्टोकरेंसी ने महज 24 घंटों के भीतर करीब 3130 फीसदी रिटर्न दिया। कतर 2022 टोकन ने 10,000 रुपये के निवेश को 3.23 लाख रुपये में बदल दिया। आपको बता दें कि Qatar 2022 Token Cryptocurrency को अभी हाल ही में लॉन्च किया गया था।
कतर 2022 टोकन क्रिप्टोकरेंसी FIFA विश्व कप पर आधारित!
कतर 2022 टोकन क्रिप्टोकरेंसी FIFA विश्व कप को ध्यान में रखकर बनाई गई है। आपको बता दें की कतर 2022 टोकन क्रिप्टोकरेंसी का नाम 2022 में क़तर में होने वाले फुटबॉल विश्वकप (FIFA) के ऊपर रखा गया है। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जहा गिरावट आ रही है वही पिछले कुछ दिन से कतर 2022 टोकन सबसे ज्यादा उछलने वाले कॉइन में से एक है। यह टोकन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है।
Cryptocurrency Qatar 2022 Token के मार्केट कैप में भरी उछाल!
शुक्रवार 11 मार्च को पिछले 24 घंटों के भीतर इस टोकन की वॉल्यूम में भी भारी उछाल आया। Qatar 2022 Token के वॉल्यूम में करीब 1,400 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। अगर ट्रांजेक्शन की बात करें तो पिछले 24 घंटों में कतर 2022 टोकन क्रिप्टोकरेंसी में 55.6 लाख डॉलर के कॉइंस में ट्रांजेक्शन दर्ज हुआ। समाचार लिखे जाने तक कतर 2022 टोकन की कुल मार्केट कैप 33.7 मिलियन डॉलर पहुंच गयी थी।
Qatar 2022 Token Cryptocurrency का उदेश्य!
कतर 2022 टोकन एक वेहद खाश क्रिप्टोकरेंसी है। इसका प्रमुख उदेश्य क्रिप्टोकरेंसी और फुटबॉल को साथ लाना है। इस क्रिप्टोकरेंसी के जरिये उपयोगकर्ता को क्रिप्टो फुटबॉल की दुनिया में एंटर करना है। कतर 2022 टोकन एक बीईपी-20 टोकन है जिसके जरिये आप फुटबॉल विश्वकप का टिकट खरीदने, रुकने के लिए होटल बुक करने सहित कई अन्य सेवाओं का उपयोग कर सकते है।
24 घंटे में 1 लाख के हो गए 31लाख!
पिछले 24 घंटों में ही कतर 2022 टोकन ने अपने निवेशकों को मालामाल कर दिया। आपको बता दें की इस क्रिप्टो ने महज 1 दिन में 3,130 प्रतिशत का रिटर्न दिया। अगर किसी निवेशक ने 24 घंटे पहले Qatar 2022 Token Cryptocurrency में 1000000 का निवेश किया होता तो सिर्फ 24 घंटे में उसके एक लाख के 31 लाख हो गए होते। एक्सपर्ट का मानना है की अभी भी इसमें तेजी देखी जा सकती है। क्योकि 2022 के क़तर में होने वाले फुटबॉल विश्वकप का इसपर असर पड़ेगा।
FAQs: Qatar 2022 Token Cryptocurrency क्या है?
Q: Qatar 2022 Token Cryptocurrency क्या है और इसका नाम कैसे पड़ा?
Ans: यह एक डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी करेंसी है। इसका नाम 2022 में क़तर में होने वाले फुटबॉल विश्वकप के नाम पर पड़ा।
Q: कतर 2022 टोकन की टोटल और अधिकतम आपूर्ति क्या है?
Ans: कतर 2022 टोकन की टोटल और अधिकतम आपूर्ति 200,000,000,000,000,000 कॉइन है।
Q: कतर 2022 टोकन की सर्कुलेटिंग सप्लाई क्या है?
Ans: कतर 2022 टोकन की सर्कुलेटिंग सप्लाई 99,712,041.00B कॉइन है।
मुश्किल होगा क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन! टैक्स को लेकर सरकार और सख्त
Indian Government on Cryptocurrency: बजट में एक साल में 10,000 रुपये से ज्यादा के ऑनलाइन डिजिटल करेंसी भुगतान पर एक फीसदी टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव है।
- एक फीसदी टीडीएस लगाने का प्रस्ताव एक जुलाई, 2022 से प्रभाव में आएगा।
- CoinMarketCap के अनुसार, शाम 4:45 बजे के करीब ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 2.01 लाख करोड़ डॉलर था।
- खबर लिखने के समय तक बिटकॉइन की कीमत 44,317.14 डॉलर थी।
Indian Government on Cryptocurrency: सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का काफी क्रेज है। कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी पर अलग-अलग नियम भी लागू किए हैं। बात अगर भारत की करें, तो भारत सरकार फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पर राहत देने के मूड में नहीं दिख रही है। सरकार ने वित्त विधेयक-2022 (Finance Bill 2022) में कुछ दबलाव करते हुए इसके लिए नियम और सख्त करने का प्रस्ताव रखा है।
सरकार ने अन्य डिजिटल एसेट से लाभ के साथ किसी भी नुकसान की भरपाई की अनुमति नहीं देकर क्रिप्टोकरेंसी पर कराधान (Tax on Cryptocurrency) के नियमों को कड़ा करने का प्रस्ताव किया। मंत्रालय ने लोकसभा सदस्यों को जारी वित्त विधेयक, 2022 में संशोधनों के तहत डिजिटल परिसंपत्तियों से लाभ के साथ नुकसान की भरपाई से संबंधित खंड से 'अन्य' शब्द को हटाने का प्रस्ताव किया है।
VDA में क्रिप्टोकरेंसी और NFT शामिल
इसका मतलब है कि 'वर्चुअल डिजिटल' संपत्तियों (VDA) के ट्रांसफर से होने वाले घाटे की अन्य वीडीए के स्थानांतरण से होने वाली आय के जरिए भरपाई की अनुमति नहीं होगी। वित्त विधेयक, 2022 के अनुसार वर्चुअल डिजिटल संपत्ति कोड या संख्या अथवा टोकन हो सकता है, जिसे स्थानांतरित किया जा सकता है या फिर उसे रखा जा सकता है अथवा इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यापार किया जा सकता है। वीडीए में क्रिप्टोकरेंसी और 'नॉन फंजिबल टोकन' (NFT) शामिल है, जिसके प्रति हाल के दिनों में आकर्षण बढ़ा है।
एक अप्रैल से लगेगा टैक्स
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट (Budget 2022-23) में क्रिप्टो संपत्ति पर आयकर लगाने को लेकर चीजें स्पष्ट की गयी हैं। एक अप्रैल से ऐसे लेन-देन से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत आयकर के साथ सेस और सरचार्ज लगाया जाएगा। यह टैक्स ठीक उसी प्रकार से लगेगा, जैसे लॉटरी जैसे सट्टे वाले लेन-देन से होने वाले लाभ पर लगता है।
क्रिप्टो पर रुख स्पष्ट कर सरकार: कांग्रेस
शुक्रवार को कांग्रेस ने देश में कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटने में असमानता की स्थिति का सामना करने और गरीबों एवं अमीरों के बीच खाई बढ़ने का दावा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर रुख स्पष्ट करना चाहिए।
(एजेंसी इनपुट- भाषा)
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