Crime News: पटना में मिली शेयर ब्रोकर की लाश, गोली लगने से हुई मौत, बोरिंग रोड के सुमति पैलेस की घटना

Dead Body found from Patna Boring Road Sumati Palace: अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह आत्महत्या है किसी ने हत्या की है. पुलिस इस मामले में की जांच में जुटी है.

By: परमानंद सिंह | Updated at : 01 Aug 2022 06:00 PM (IST)

Edited By: Ajeet Kumar

घटनास्थल की तस्वीर

पटनाः बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र के बोरिंग रोड स्थित सुमति पैलेस से सोमवार की दोपहर एक शेयर ब्रोकर का शव बरामद किया गया है. शेयर ब्रोकर की पहचान बसंत सिंह के रूप में की गई है. सुमति पैलेस में ऑफिस है. गोली लगने से मौत हुई है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह आत्महत्या है किसी ने हत्या की है. पुलिस इस मामले में की जांच में जुटी है.

बताया जाता है कि शेयर ब्रोकर बसंत सिंह गोली लगने के बाद उसका शव कुर्सी पर ही पड़ा हुआ था. शव के पास में ही जमीन पर देसी पिस्टल भी गिरा हुआ था. घटना की जानकारी मिलते ही बुद्धा कॉलोनी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. साथ ही साथ पुलिस के कई बड़े अधिकारी भी पहुंचे. बसंत की छाती में गोली लगी है. कोतवाली डीएसपी संजय कुमार ने बताया कि हत्या की गई है या यह आत्महत्या है अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. प्रथम दृष्टया आत्महत्या ही लग रहा है. हम लोग जांच कर रहे हैं. जांच के बाद ही कुछ पता चल पाएगा.

कॉल नहीं उठाने के बाद पुलिस को दी गई सूचना

News Reels

शेयर ब्रोकर मूल रूप से छपरा जिले का रहने वाला था. किसी रिश्तेदार ने उसे फोन किया. कॉल रिसीव नहीं हो रहा था तब उसने पुलिस को इसके बारे में बताया. पुलिस पहुंची तो घटना सामने आई. मौके पर जांच करने के लिए एफएसएल की टीम भी पहुंची है. पुलिस की मानें तो शुरुआती जांच में ऐसा लगता है कि घटना शनिवार रात की है. क्योंकि खून जम चुका था. रविवार को ऑफिस भी बंद रहता है. फिलहाल इस घटना में हत्या और आत्महत्या दोनों एंगल से जांच की जा रही है.

Published at : 01 Aug 2022 04:57 PM (IST) Tags: Patna Suicide Bihar News Murder Crime News हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया

वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।

लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।

10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?

दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार

मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।

दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:

क्रमांक कितने तरह के चार्जेज कितना चार्ज रकम
1 ब्रोकरेज 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो 0
2 सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.1% 100/-
3 ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.00325% 3.25/-
4 GST ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज 0.585/-
5 SEBI चार्ज 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर 0.1/-
कुल 103.93/-

तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।

उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज देता है। ये नोट एक तरह का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई सभी फीस की जानकारी उसमें होती है।

दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार

जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं।

अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते।

इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है।

दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार

तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर निकल कर आपके ब्रोकर के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे।

अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।

इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे।

10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है?

जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं।

ब्रोकर के पीछे क्या है

ब्रोकर रिपोर्ट न्यूज़

Share Market Tips: जानिए किन 5 शेयरों में है बंपर मुनाफा कमाने का मौका, विदेशी ब्रोकरेज फर्मों ने बढ़ा दिया टारगेट

विदेशी ब्रोकिंग फार्मों ने इन 5 शेयरों का टारगेट प्राइस बढ़ा दिया है। इनमें निवेश करके आप भी जोरदार मुनाफा कमा सकते हैं। इन स्टॉक्स में एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, डाबर इंडिया, हनीवेल ऑटोमेशन और पंजाब नेशनल बैंक के नाम शामिल हैं।

शेयर मार्केट क्रैश क्‍या है? ऐसी गलतियां जिनसे शेयर मार्केट क्रैश के दौरान बचना चाहिए।

शेयर मार्केट क्रैश क्‍या है? ऐसी गलतियां जिनसे शेयर मार्केट क्रैश के दौरान बचना चाहिए।

  • Date : 25/07/2022
  • Read: 3 mins Rating : -->
  • Read in English: What is a stock market crash? Mistakes to avoid during stock market crash.

जब एक अप्रत्याशित घटना एक ऐसे मार्केट पर स्‍ट्राइक करती है जो अपने ओवरवैल्‍यूड स्‍टेज पर पहुंच गया है, तो क्रैश होता हैं। आप इन सुझावों का उपयोग क्रैश के दौरान घबराहट में बेचने के बजाय गलतियों को रोकने के लिए कर सकते हैं।

शेयर मार्केट क्रैश क्‍या है

मार्केट क्रैश क्‍या है और यह क्‍यों होता है?

फाइनेंशियल क्रैश स्‍टॉक की कीमतों में अचानक और आमतौर पर अप्रत्याशित गिरावट होती है। एक लंबा फाइनेंशियल बबल फटना या आर्थिक संकट दोनों के ही परिणामस्‍वरूप स्‍टॉक मार्केट क्रैश हो सकता है। यहां तक कि अगर कोई निर्धारित मानदंड नहीं है, फिर भी स्टॉक मार्केट क्रैश को आमतौर पर कुछ दिनों में स्टॉक इंडेक्स में नाटकीय रूप से डबल डिजिट की कमी के रूप में माना जाता है। स्टॉक मार्केट क्रैश से अक्सर अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित होती है। मार्केट क्रैश के दौरान निवेशकों के द्वारा पैसा खोने के कुछ सबसे प्रचलित कारणों में कीमतों में तेज गिरावट के तुरंत बाद शेयर्स की बिक्री और मार्जिन पर अत्यधिक संख्या में इक्विटी खरीदना शामिल है।

मार्केट क्रैश के पीछे के कारणों को जानने के लिए वीडियो देखें:

मार्केट क्रैश के इन समय के दौरान गलतियां करने से बचने के लिए निवेशक क्‍या कर सकते हैं?

  • निवेशक मार्केट के गिरने के दौरान अक्‍सर स्‍टॉप लॉस लगाने को नज़रअंदाज़ करते हैं, जो एक मूलभूत गलती है। सीधे शब्दों में कहें तो, स्टॉप-लॉस ट्रेड एक विशेष कीमत तक पहुंचने पर स्‍टॉक को खरीदने या बेचने के लिए एक ब्रोकर से अनुरोध करना है। जोखिम और अंतिम नुकसान को कम करने के लिए मार्केट में सुधार के दौरान स्टॉप-लॉस ऑर्डर रखना महत्वपूर्ण होता है।
  • अस्थिर स्टॉक्‍स से जोखिम वाले मुनाफे को पाने के पक्ष में सुरक्षित स्टॉक होल्डिंग्स को बेचना, बाजार में गिरावट के दौरान निवेशकों द्वारा की जाने वाली एक सामान्य गलती है।
  • जोखिम भरे स्‍टॉक्‍स में निवेश करना एक और आम गलती है जो कंपनियां मार्केट में गिरावट के दौरान तय करती हैं। जोखिम में लाभ शामिल होता है, लेकिन अपने बहुत अधिक पैसे को जोखिम भरी इक्विटी में इस उम्मीद में लगाना कि उनमें फिर से उछाल आएगा, यह एक अच्छी निवेश रणनीति नहीं है ।
  • हालांकि बियर (नीचे जाता हुआ) मार्केट के कारण निस्संदेह थोड़ी चिंता हो सकती है, निश्चित समय के दौरान घबराहट की बिक्री को रोकने के लिए ब्रोकर के पीछे क्या है निवेश से भावनाओं को दूर करना महत्वपूर्ण है।

निष्‍कर्ष:

इस साल भारतीय मार्केट में काफी गिरावट आई है जबकि अंतर्राष्‍ट्रीय मार्केट बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। निवेशकों के लिए अभी भी लाभ कमाने के तरीके हैं, लेकिन कई लोगों ने इस उम्मीद में लो-क्‍वालिटी वाले इक्विटी को रखने की गलती की है कि बाजार में बदलाव के बाद उनकी वैल्‍यू बढ़ेगी। कुछ खरीदार जो बाजार में सुधार का लाभ उठाना चाहते हैं, वे लो क्‍वालिटी वाली इक्विटी भी खरीदते हैं जिनकी कीमत में काफी गिरावट आई है। इन्हें देखें और हर स्थिति का सबसे अच्‍छा लाभ उठाने के लिए मूलभूत गलतियां करने से बचें।

मार्केट क्रैश क्‍या है और यह क्‍यों होता है?

फाइनेंशियल क्रैश स्‍टॉक की कीमतों में अचानक और आमतौर ब्रोकर के पीछे क्या है पर अप्रत्याशित गिरावट होती है। एक लंबा फाइनेंशियल बबल फटना या आर्थिक संकट दोनों के ही परिणामस्‍वरूप स्‍टॉक मार्केट क्रैश हो सकता है। यहां तक कि अगर कोई निर्धारित मानदंड नहीं है, फिर भी स्टॉक मार्केट क्रैश को आमतौर पर कुछ दिनों में स्टॉक इंडेक्स में नाटकीय रूप से डबल डिजिट की कमी के रूप में माना जाता है। स्टॉक मार्केट क्रैश से अक्सर अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित होती है। मार्केट क्रैश के दौरान निवेशकों के द्वारा पैसा खोने के कुछ सबसे प्रचलित कारणों में कीमतों में तेज गिरावट के तुरंत बाद शेयर्स की बिक्री और मार्जिन पर अत्यधिक संख्या में इक्विटी खरीदना शामिल है।

मार्केट क्रैश के पीछे के कारणों को जानने के लिए वीडियो देखें:

मार्केट क्रैश के इन समय के दौरान गलतियां करने से बचने के लिए निवेशक क्‍या कर सकते हैं?

  • निवेशक मार्केट के गिरने के दौरान अक्‍सर स्‍टॉप लॉस लगाने को नज़रअंदाज़ करते हैं, जो एक मूलभूत गलती है। सीधे शब्दों में कहें तो, स्टॉप-लॉस ट्रेड एक विशेष कीमत तक पहुंचने पर स्‍टॉक को खरीदने या बेचने के लिए एक ब्रोकर से अनुरोध करना है। जोखिम और अंतिम नुकसान को कम करने के लिए मार्केट में सुधार के दौरान स्टॉप-लॉस ऑर्डर रखना महत्वपूर्ण होता है।
  • अस्थिर स्टॉक्‍स से जोखिम वाले मुनाफे को पाने के पक्ष में सुरक्षित स्टॉक होल्डिंग्स को बेचना, बाजार में गिरावट के दौरान निवेशकों द्वारा की जाने वाली एक सामान्य गलती है।
  • जोखिम भरे स्‍टॉक्‍स में निवेश करना एक और आम गलती है जो कंपनियां मार्केट में गिरावट के दौरान तय करती हैं। जोखिम में लाभ शामिल होता है, लेकिन अपने बहुत अधिक पैसे को जोखिम भरी इक्विटी में इस उम्मीद में लगाना कि उनमें ब्रोकर के पीछे क्या है फिर से उछाल आएगा, यह एक अच्छी निवेश रणनीति नहीं है ।
  • हालांकि बियर (नीचे जाता हुआ) मार्केट के कारण निस्संदेह थोड़ी चिंता हो सकती है, निश्चित समय के दौरान घबराहट की बिक्री को रोकने के लिए निवेश से भावनाओं को दूर करना महत्वपूर्ण है।

निष्‍कर्ष:

इस साल भारतीय मार्केट में काफी गिरावट आई है जबकि अंतर्राष्‍ट्रीय मार्केट बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। निवेशकों के लिए अभी भी लाभ कमाने के तरीके हैं, लेकिन कई लोगों ने इस उम्मीद में लो-क्‍वालिटी वाले इक्विटी को रखने की गलती की है कि बाजार में बदलाव के बाद उनकी वैल्‍यू बढ़ेगी। कुछ खरीदार जो बाजार में सुधार का लाभ उठाना चाहते हैं, वे लो क्‍वालिटी वाली इक्विटी भी खरीदते हैं जिनकी कीमत में काफी गिरावट आई है। इन्हें देखें और हर स्थिति का सबसे अच्‍छा लाभ उठाने के लिए मूलभूत गलतियां करने से बचें।

शेयर मार्केट में करना है काम तो ऐसे बने स्टॉक ब्रोकर

शेयर मार्केट की दुनिया में अक्सर लोग पैसा लगाकर ही मुनाफा कमा पाते हैं लेकिन आप अपने टैलेंट के दम पर यहाँ अपना करियर बना सकते हैं. शेयर मार्केट के अंदर एक खास करियर (Stock Broker kaise bane?) ऑप्शन स्टॉक ब्रोकर है. जिसमें करियर बनाकर आप खूब सारा पैसा कमा सकते हैं.

By रवि नामदेव On Aug 23, 2022 760 0

शेयर मार्केट आपको इतना पैसा कमाकर दे सकता है जितना आप पूरी ज़िंदगी में नहीं कमा सकते. वहीं दूसरी ओर आप इसमें पैसा लगाकर बुरी तरह कर्ज में भी डूब सकते हैं. लेकिन यदि आप इसमें करियर बनाना चाहते हैं तो आप स्टॉक ब्रोकर बनकर (Stock Broker Career) खुद भी मुनाफा कमा सकते हैं और दूसरों को भी कमाकर दे सकते हैं.

शेयर मार्केट की दुनिया में अक्सर लोग पैसा लगाकर ही मुनाफा कमा पाते हैं लेकिन आप अपने टैलेंट के दम पर यहाँ अपना करियर बना सकते हैं. शेयर मार्केट के अंदर एक खास करियर (Stock Broker kaise bane?) ऑप्शन स्टॉक ब्रोकर है. जिसमें करियर बनाकर आप खूब सारा पैसा कमा सकते हैं.

स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?(What is Stock Broker?)

स्टॉक ब्रोकर को समझने के लिए पहले आप ये समझिए कि भारत में आप स्टॉक कैसे खरीदते हैं?

कोई कंपनी जब अपना शेयर लाती है तो वो शेयर मार्केट में लिस्ट होता है. इस शेयर को खरीदने और बेचने का काम करती है ब्रोकरेज फर्म. इन ब्रोकरेज फर्म पर बल्क में कंपनियों के शेयर होते हैं.

इन ब्रोकरेज फर्म में ही काम करते हैं स्टॉक ब्रोकर. स्टॉक ब्रोकर का काम होता है आम लोगों के लिए शेयर को खरीदना और बेचना. मतलब आप कोई शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपको स्टॉक ब्रोकर को ही कहना होगा और साथ ही बेचने के लिए भी आपको उसी को कहना होगा.

स्टॉक ब्रोकर इसके अलावा आपको दूसरे स्टॉक भी सजेस्ट करते हैं. स्टॉक ब्रोकर कमीशन और सैलरी दोनों के आधार पर कार्य करते हैं.

अतः स्टॉक ब्रोकर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो शेयर की खरीद और बिक्री का कार्य करता है.

स्टॉक ब्रोकर के लिए योग्यता (Stock Broker Eligibility)

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आपको शेयर मार्केट की बेसिक स्किल्स के बारे में अच्छी तरह पता होना चाहिए. क्योंकि आपको जिस जगह पर काम करना है उसके बारे में पहले से जानकारी होना चाहिए.

आपने फाइनेंस, कॉमर्स या अकाउंटेनसी में ग्रेजुएशन करना होता है. क्योंकि इनमें आपको अच्छे से शेयर मार्केट के बारे में समझाया जाता है.

आपकी कम्यूनिकेशन स्किल बहुत अच्छी होनी चाहिए. आपमें लोगों को कन्वेंस करने का गुण होना चाहिए.

आपकी गणित और रिजनिंग बहुत ही स्ट्रॉंग ब्रोकर के पीछे क्या है होनी चाहिए. क्योंकि शेयर मार्केट में सारा खेल आंकड़ों का है.

स्टॉक ब्रोकर कैसे बने? (How to become stock broker?)

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आपके अंदर जरूरी योग्यता है तो आप नीचे दिए गए सर्टिफिकेट कोर्स को करके स्टॉक ब्रोकर बनने की ओर अपना कदम बढ़ा सकते हैं.

NSE’s Certification In Financial Markets
NSE’s Certified Market Professional
Certificate Program On Capital Markets
A PG Diploma In Capital Market And Financial Services
Post Graduate Diploma In Fundamentals Of Capital Market Development

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए बेस्ट कॉलेज (Stock broker best college)

भारत में यदि आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं और इन कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको ये सारे कोर्स नीचे दिए गए कॉलेज में मिल जाएंगे.

Institute Of Company Secretaries Of India
Institute Of Capital Market Development
All India Center For Capital Market Studies
Mumbai Stock Exchange Training Institute
Institute Of Financial And Investment Planning ब्रोकर के पीछे क्या है
Institute Of Chartered Financial Analysts Of India
The Orion Institute Of Capital Market
The UTI Institute Of Capital Market

स्टॉक ब्रोकर कितना कमा सकता है? (Stock broker salary)

Stock Broker बनना कोई हंसी खेल नहीं है. इसमें एंट्री पाना तो आपके लिए आसान रहेगा लेकिन यहाँ टिके रहना मुश्किल है. इसमें शुरुआती तौर पर आप सैलरी के रूप में 20 से 25 हजार रुपये प्रतिमाह कमा सकते हैं.

जब आपको अनुभव हो जाता है और आप सीख जाते हैं कि कब कौन सा शेयर ऊपर जाने वाला है और कौन सा शेयर नीचे आने वाला है तो आप उनमें निवेश करके खुद भी मुनाफा कमा सकते हैं. इसमें कमाई की कोई सीमा नहीं है.

भारत में किसी स्टॉक में निवेश करने का काम काफी हद तक ऑनलाइन हो चुका है और लोग अपनी मर्जी से अपने फोन या कंप्यूटर से पैसा निवेश करके अपनी पसंद का शेयर खरीद लेते हैं. लेकिन स्टॉक ब्रोकर का रोल फिर भी महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि ये ही आपको बताता है कि ये नया शेयर आया है आप इसमें निवेश कीजिए, कौन सा शेयर आपके लिए फायदेंमंद रहेगा. ये सारी जानकारी बिना स्टॉक ब्रोकर के आपको नहीं मिल पाती है. साथ ही आपके Demat account को मैन्टेन करने का काम भी एक स्टॉक ब्रोकर ही करता है.

रेटिंग: 4.18
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 368