RBI द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लाने की अपनी योजना की दिशा में ई-रुपी का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इसमें देश के नौ बैंक शामिल होंगे और वह सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन के निपटान में इसका उपयोग करेंगे। इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC, ICICI, कोटक महिंद्रा, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC शामिल है।

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Play Store पर गलत देश या मुद्रा दिखने पर क्या करना चाहिए

Play Store में आपको क्या-क्या मिल सकता है, यह Google Play में उस देश के हिसाब से तय होता है जो आपके पैसे चुकाने के तरीके के लिए चुना गया है.

Google Play में आपके देश के नाम से यह भी तय होता है कि Play Store में किस मुद्रा का इस्तेमाल किया जा सकता है:

  • यात्रा करने पर, आपके देश और मुद्रा में कोई बदलाव नहीं होता.
  • भाषा बदलने पर, वह देश या मुद्रा नहीं बदलती जिसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
  • Play पर देश का नाम कुछ समय के लिए नहीं बदला जा सकता.
  • साल में सिर्फ़ एक बार, देश के नाम में बदलाव किया जा सकता है.

अगर डिवाइस पर देश या मुद्रा गलत है, तो देखें कि Play पर देश का नाम सही है या नहीं.

Google Play पर अपने देश का नाम देखना

    में साइन इन करें.
  1. सबसे ऊपर, सेटिंग पर क्लिक करें.
  2. "पेमेंट्स प्रोफ़ाइल" में जाकर, “देश/इलाका” देखें. यह सेक्शन, Google Play पर आपके मौजूदा देश को दिखाता है.
  3. अगर यह गलत है, तो अपने देश के लिए एक नई प्रोफ़ाइल बनाएं.

सलाह: अगर आपने हाल ही में अपने देश की जानकारी बदली है, तो बदलाव लागू होने के लिए कम से कम 48 घंटों तक इंतज़ार करें.

Google Play पर अपने देश से जुड़ी समस्याएं ठीक करना

अगर Play Store पर आपके देश की जानकारी गलत है या इसका नाम बदलने में समस्या आ रही है, तो नीचे दिए गए तरीके आज़माएं. हर चरण के बाद, Play Store में जाकर देखें कि समस्या ठीक हुई है या नहीं. बदलाव लागू होने में 24 घंटे तक लग सकते हैं.

सिम कार्ड बदलना

अगर आपके फ़ोन में सिम कार्ड है और आपने हाल ही में किसी दूसरे देश में शिफ़्ट किया है, तो आपको नए सिम कार्ड की ज़रूरत पड़ सकती है. मदद के लिए, सेवा देने वाली कंपनी से संपर्क करें.

नए देश में नया सिम कार्ड लेने के बाद, फ़ोन रीस्टार्ट करें. इसके बाद, फिर से Play Store का इस्तेमाल करें.

अगर आपके डिवाइस में सिम कार्ड नहीं है, तो यह चरण छोड़ दें.

Play बैलेंस कम करना

अगर आपके नए देश के मुताबिक Play बैलेंस बहुत ज़्यादा है, तो थ्रेशोल्ड के हिसाब से आपको कुछ पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं. अपने देश के हिसाब से तय लिमिट जानें.

Explained: सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपया (e₹-E-Rupee)

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपया (e₹-E-Rupee) 1 नवंबर को होलसेल सेगमेंट में पायलट आधार पर शुरू हुआ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि सरकारी प्रतिभूतियों में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन के सेटलमेंट के लिए डिजिटल रुपये का उपयोग किया जाएगा।

कितने प्रकार की होती है CBDC?

केंद्रीय बैंकों द्वारा नियंत्रित डिजिटल करेंसी को दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है। पहला प्रकार रिटेल (CBDC-R) और दूसरा प्रकार होलसेल (CBDC-W) होता है। CBDC-R नकदी का इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है और यह सबके लिए उपलब्ध होगी। वहीं CBDC-W को चुनिंदा वित्तीय संस्थानों को खास एक्सेस देने के लिए डिजाइन किया जाता है। यह बैंकों के आपसी ट्रांसफर और होलसेल लेनदेन के लिए इस्तेमाल होगी। RBI दोनों ही जारी करने पर विचार कर रहा है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि डिजिटल करेंसी धारक के पास बैंक अकाउंट होना जरूरी नहीं होगा। इसके इस्तेमाल से बड़ी मात्रा में रियल टाइम डाटा उपलब्ध होगा। इसका इस्तेमाल नीति निर्धारण में हो सकेगा। इसी तरह व्यापार में पैसो का लेनदेन आसान होगा, मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के लेनदेन होगा, नकली नोट की समस्या से छुटकारा मिलेगा, नोटों की छपाई का खर्च बचेगा, इसकी अवधि कागज के नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी।

CBDC और क्रिप्टोकरेंसी में क्या है अंतर?

RBI की डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी से कई मायनों में अलग होगी। क्रिप्टोकरेंसी डीसेंट्रलाइज्ड होती हैं और वो लीगल टेंडर नहीं मानी जाती। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत बहुत अस्थिर होती है, जबकि CBDC को स्थिरता और सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है। RBI का कहना है कि क्रिप्टो संपत्ति का प्रसार मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण के खतरे को बढ़ावा दे सकता है। साथ ही यह मौद्रिक नीतियों को भी प्रभावित कर सकती है।

RBI के अनुसार, बड़े पैमाने पर डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल के लिए इसे गोपनीय रखने की आवश्यकता होगी। हालांकि, डिजिटल लेनदेन में कुछ सबूत होने के कारण यह एक चुनौती हो सकती है। केंद्रीय बैंकों का कहना है कि CBDC के डिजाइन में गोपनीयता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। खासकर नकद भुगतान से जुड़ी गोपनीयता के समान छोटे मूल्य के खुदरा लेनदेन के मामले में यह गोपनीय होना चाहिए। इससे लोगों को अपनी आय गुप्त रखने में मदद मिलेगी।

क्या ई-रुपी के जरिए ऑफलाइन लेनदेन किया जा सकेगा?

RBI ने अभी इस पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन यह एक बड़ी चुनौती है। उसे इसे भी ऑफलाइन मोड में शामिल करना होगा, क्योंकि देश के 80 करोड़ लोग आज भी अच्छी इंटरनेट सुविधा से अछूते हैं। हालांकि, ऑफलाइन मोड में दोहरे खर्च के साथ सुरक्षात्मक खतरे भी हैं। इसमें एक टोकन तकनीकी रूप डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? से CBDC लेजर को अपडेट किए बिना दो बार उपयोग किया जा सकता है, लेकिन लेनदेन की सीमा निर्धारित कर सुरक्षात्मक उपाय कर सकते हैं।

डिजिटल करेंसी पर RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग और धोखाधड़ी आशंका नहीं रहेगी। सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन तक पहुंच होगी और पैसों के देश में आने या बाहर जाने पर बेहतर नियंत्रण होगा। इससे सरकार भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाएं भी बना सकेगी। यह प्रणाली देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी और इसका पूरी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा।

What is Digital Currency (Bitcoin) in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी बिटकॉइन

पिछली पोस्ट में हमनें आपको बताया था कि Bitwalking एप्प के जरिये आप केवल पैदल चलकर डिजिटल करेंसी कमा सकते हैं और उसे मनचाहे खर्च भी कर सकते हैं, लेकिन आप जानते हैं कि ये डिजिटल करेंसी क्या होती है अगर नहीं तो जानिये ये भविष्य की मुद्रा है - What is Digital Currency (Bitcoin) in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी बिटकॉइन

What is Digital Currency in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा

इसके कई नाम हैं ई-मुद्रा भी कह सकते हैं। यानि यह आपके नोटों की तरह नहीं होती है, केवल कंप्यूटर पर ही दिखाई देती है सीधे अापके जेब में नहीं आती है इसलिये इसे डिजिटल करेंसी, वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) कहते हैं, यह 2009 में लॉन्‍च हुई थी। इसके इस्तेमाल और भुगतान के लिये क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) का इस्तेमाल किया जाता है इसलिये इसे क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) भी कहा जाता है। दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) है। इसको जमा करना माइनिंग (Mining) कहलाता है। क्रिप्टो करेंसी को दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है और किसी भी प्रकार की करेंसी में कनवर्ट किया जा सकता है जैसे डॉलर, यूरो, रूपया आदि।

बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा यानि वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) है, आप केवल ऑनलाइन खरीददारी (Online Shopping) और लेनदेन के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे माइनिंग (Mining) द्वारा कमाया जाता है और इसे स्टोर करने के लिये बिटकॉइन वॉलेट (Bitcoin Wallet) की आवश्यकता होती है, इसे सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने बनाया था। आज 1 Bitcoin लगभग 427 अमेरिकी डॉलर (US Dollar) यानि लगभग 28000 भारतीय रुपया(Indian Rupee) के बराबर है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि वर्ष 2014 में 1 Bitcoin की कीमत 1000 अमेरिकी डॉलर से भी ऊपर चली गयी थी। बिटकॉइन के भुगतान के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है।

What is Cryptography in Hindi - क्रिप्टोग्राफी क्या है

क्रिप्टोग्राफी एक प्रकार का कूट-लेखन (encode) है यानि जिसमें भेजे गये संदेश या बिटकॉइन या जानकारी को सांकेतिक शब्दों में बदलना होता है, जिससे उसे भेजने वाला या रिसिव करने वाला ही पढ जायें या खोल पायें, उदाहरण के लिये आपमें से जो लोग स्टेनोग्राफी (stenography) का एग्जाम (exam) की तैयारी कर रहे होगें उन्होंने शॉर्टहैंड (Shorthand) जरूर सीखा होगा, इसमें भी एेसा ही होता है कि आप शब्दों को अपने हिसाब से संकेतों में डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? बदल देते हैं, जिससे या तो आप ही उसे पढ पाते हैं या दूसरा कोई व्यक्ति जो शॉर्टहैंड जानता हो, कुछ इसी तरह होती है क्रिप्टोग्राफी, इसमें भी बिटकॉइन के भुगतान हेतु कूट-लेखन द्वारा सुरक्षित किया जाता है।


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आज होगा डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट का आगाज, जानें कैसे करेगा काम

Updated Nov 1, 2022 | 03:26 PM IST

बैचलर किराएदार की डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? गलती क्या आपको खिला सकती है जेल की हवा, जानिए क्या हैं घर किराए में देने के डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? कानूनी नियम

digital rupee

Central Bank Digital Currency: डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट का आगाज! जानें कैसे करेगा काम

  • जल्द ही जेब में कैश लेकर चलना पुराने जमाने की बात होगी।
  • देश में डिजिटल रुपया (E-Rupee) का पायलट लॉन्च होने जा रहा है।
  • जी हां, आरबीआई की डिजिटल करेंसी अब हकीकत बनने डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? जा रही है।

नई दिल्ली। देश की डिजिटल करेंसी- 'डिजिटल रुपया' (Digital Rupee) का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इसकी जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को दी। केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया कि डिजिटल रुपये (होलसेल सेगमेंट) का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इस परीक्षण से सरकारी सिक्योरिटी में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा। इसमें नौ बैंक सरकारी सिक्योरिटी में लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा (Central Bank Digital Currency) का इस्तेमाल करेंगे।

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