आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सजा दरों पर एक सवाल के जवाब में, सीतारमण ने कहा: ईडी जो करता है उसमें स्वतंत्र है। यह विधेय अपराधों पर काम करता है और अन्य एजेंसियों द्वारा मामला उठाए जाने के बाद सामने आता है और अगर ईडी कोई कार्रवाई करती है तो बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है वह सबूत के साथ।

बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है

October 17, 2022 8:29 am by: Dharm Path Category: ख़बरें अख़बारों-वेब से, विश्व Comments Off on रुपया गिर नहीं रहा है, बल्कि डॉलर मज़बूत हो रहा है: वित्त मंत्री सीतारमण A+ / A-

वाशिंगटन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर होती स्थिति के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए रविवार को कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा है, बल्कि डॉलर मजूबत हो रहा है.

भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत बताते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती के बावजूद भारतीय रुपये में स्थिरता बनी हुई है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति कम है और मौजूदा बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है स्तर पर उससे निपटा जा सकता है.

अपने आधिकारिक अमेरिकी दौरे पर सीतारमण ने संवाददाताओं से बातचीत में बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद अच्छी है, व्यापक आर्थिक बुनियाद भी अच्छी है. विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा है. मैं बार-बार कह रही हूं कि मुद्रास्फीति भी इस स्तर पर है जहां उससे निपटना संभव है.’

बल्कि बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है डॉलर मजबूत हो रहा है

योगिता पाठक

योगिता पाठक

भारतीय राजनीति में जब भी अर्थव्यवस्था की बात की जाती है, तो रुपये की कीमत की भी जोर-शोर के साथ चर्चा होती है। मौजूदा समय में राहुल गांधी से लेकर अरविंद केजरीवाल तक और तेजस्वी यादव से लेकर ममता बनर्जी तक हर विपक्षी नेता एक सुर में रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक कमजोर हो जाने की बात करते हुए इसे भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी विफलता के रूप में बताने में लगे हुए हैं। बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है राजनीतिक लाभ के लिए विपक्षी नेता अगर सरकार को रुपये की कीमत पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं, तो उनकी सियासी रणनीति के तहत ये स्वाभाविक भी है। इसमें कोई शक नहीं है कि डॉलर की तुलना में भारतीय मुद्रा रिकॉर्ड स्तर तक नीचे गिर गई है। लेकिन इसके साथ ही एक बड़ा सच ये भी है कि पिछले कुछ सालों के दौरान रुपये की कीमत में रिकॉर्ड मजबूती भी आई है।

रुपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है - केंद्रीय वित्त मंत्री

रुपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है - केंद्रीय वित्त मंत्री

नई दिल्ली । डॉलर के बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है मुकाबले रुपये में गिरावट जारी है। शुक्रवार को भारतीय रुपया आठ पैसे टूटकर 82.32 रुपये प्रति डॉलर पहुंच गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वह इस घटना को डॉलर की मजबूती के रूप में देखती हैं, न कि भारतीय मुद्रा में गिरावट के रूप में। शुक्रवार को वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सीतारमण ने कहा कि रुपये ने डॉलर की वृद्धि को झेला है और कई उभरती बाजार मुद्राओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, मैं इसे रुपये में गिरावट के रूप में नहीं बल्कि डॉलर के मजबूत होने के रूप में देखूंगी। खास बात यह है कि रुपया डॉलर की तेजी को झेल चुका है। लेकिन इसने कई अन्य उभरती बाजार मुद्राओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।

रुपया कमजोर नहीं बल्कि बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है डॉलर मजबूत हो रहा है: रुपये की गिरावट पर बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

रुपया कमजोर नहीं बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है: रुपये की गिरावट पर बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वाशिंगटन डीसी: भारतीय मुद्रा की गिरावट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि "रुपया कमजोर नहीं हो रहा| इसे ऐसे देखा जाना चाहिए कि डॉलर मज़बूत हो रहा है"| उन्होंने कहा कि ,''वह इसे रुपये में गिरावट के रूप में नहीं, बल्कि डॉलर के मजबूत होने के रूप में देखेंगी। रुपया कमजोर नहीं हो रहा, हमें इसे ऐसे देखना चाहिए कि डॉलर मज़बूत हो रहा है। लेकिन दूसरी मार्केट करेंसी देखें तो रुपया डॉलर की तुलना में काफी अच्छा कर रहा है|

डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के मूल्य में गिरावट के सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीताराम ने कहा, "रुपया कमजोर नहीं हो रहा, डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। तो जाहिर है, अन्य सभी मुद्राएं मजबूत डॉलर के मुकाबले प्रदर्शन कर रही हैं।

क्या मजबूत अमेरिकी डॉलर का मतलब कमजोर रुपया और गरीब होना है?

भारतीय रुपया गिर रहा है. टीवी, न्यूज़ पेपर से लेकर सोशल मीडिया तक में ये खबरें सुर्खियां बनी हुई हैं. इससे कई लोग ऐसा मानने लगे हैं कि एक राष्ट्र के रूप में हम दिन-ब-दिन गरीब होते जा रहे हैं. रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 को पार कर गया है. इस बात से एक तरह का मनोवैज्ञानिक दबाव भी बन गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है या हम एक आर्थिक आपदा की ओर बढ़ रहे हैं? आइए समझने की कोशिश करते हैं.

आइए पहले रुपए के इतिहास पर नजर डालते हैं. ब्रिटिश राज से आजादी के समय डॉलर के मुकाबले रुपया 3.3 था. 75 साल में रुपया 80 के लेवल पर पहुंच गया है यानी हर साल रुपया डॉलर के मुकाबले 4.4% कमजोर हुआ है. उस समय सरकार ने रुपये-डॉलर की दरों की घोषणा की थी और कोई वास्तविक बाजार-संचालित समीकरण नहीं था. तो, चलिए 1966 की बात करते हैं, जब रुपए का पहला बड़ा अवमूल्यन किया गया था, जो डॉलर के मुकाबले वैल्यू 7.5 तक ले बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है आया था. यदि हम 1966 को आधार वर्ष के रूप में लेते हैं, तो रुपए का अब तक का वार्षिक मूल्यह्रास (annualised depreciation) 4.3% आता है.

रेटिंग: 4.64
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 257