शेयर बाजार 20 दिसम्बर 2022 ,18:45

हिन्दी वार्ता

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कीमत किस भाषा का शब्द है?

कीमत मूल रूप से किस भाषा का शब्द है?

कोई भी भाषा समय के साथ साथ अन्य भाषा के शब्दों को अपना कर ही समृद्ध होती है और हिन्दी भी इसका अपवाद नहीं है। विदेशी भाषाओं से हिंदी में आये शब्दों को विदेशी शब्द कहा जाता है। इन विदेशी भाषाओं में मुख्यतः अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी व पुर्तगाली शामिल हैं। इन भाषाओं के अनेकों शब्द हिन्दी भाषा में इस तरह से घुल मिल गए हैं कि उन्हें पहचानना कठिन है। जैसे कि यह बताना मुश्किल है कि – क्या कीमत विदेशी बोली और कीमत पूछना क्या है भाषा का शब्द है? या यह पहचानना कि कीमत कौन सी भाषा का शब्द है?

कीमत कौन सी भाषा का शब्द है?

कीमत शब्द अरबी भाषा से लिया गया है।

Kimat kaun si bhasha ka shabd hai

Kimat shabd Arbi bhasha se liya gaya hai.

विदेशी शब्द कीमत का वाक्य प्रयोग – उसे मकान की अच्छी कीमत मिली है।

अंग्रेजी के शब्द – ब्रिटिश शासन के समय से भारत में आम बोलचाल की भाषा में अनेकों अंग्रेजी शब्द इस तरह घुल-मिल गए हैं कि उनकी हिन्दी खोजनी मुश्किल है। जैसे – कॉलेज (महाविद्यालय), पेंसिल (कलम), रेडियो (आकाशवाणी), टेलीविजन (दूरदर्शन), डॉक्टर (चिकित्सक), मशीन (यंत्र), सिगरेट (धूम्रपान शलाका), साइकिल (दुपहिया वाहन), स्टेशन (पड़ाव) आदि।

फारसी के शब्द – भारत की भाषा का नाम ‘हिन्दी’ भी एक फारसी शब्द है। मुगल कल में शासन की भाषा रही फारसी के बहुत से शब्द हिन्दी के ही हो गए हैं जैसे – अनार (दाड़िम), चश्मा (चक्षु यंत्र), जमींदार (बड़े भू-भाग का कृषक), दुकान (सामान क्रय-विक्रय स्थल), नमक (लवण), नमूना (उदाहरण), बीमार (रोगी), आदमी (मानव), गंदगी (अपशिष्ट)

अरबी के शब्द – अरबी भाषा हिन्द-यूरोपीय परिवार की प्रमुख भाषा है और इस्लाम के भारत में आगमन के साथ यहाँ आई। इसके अनेकों शब्द थोड़े बदलाव के साथ हिन्दी में बोले जाते हैं जैसे – औलाद (संतान), अमीर (धनी), कत्ल (हत्या), कलम (लेखनी), कानून (विधि), रिश्वत (घूस, उत्कोच), औरत (महिला), कैदी (कारगर में रखा गया आरोपी), गरीब (निर्धन) आदि।

उर्दू के शब्द – प्रचलित मान्यता के अनुसार उर्दू भाषा हिन्दी का वह रूप है जिसमें अरबी और फ़ारसी के शब्द अधिक हैं संस्कृत का प्रभाव नगण्य है। उर्दू दाएं से बाएं लिखी जाती है। भारत में उर्दू देवनागरी में भी लिखी जाती है। हिन्दी मीन सबसे अधिक उर्दू के ही शब्द घुले-मिले हुए हैं जैसे – अख़बार (समाचारपत्र) आवाज़ (ध्वनि), आराम (विश्राम), अफ़सोस (शोक), आदत (प्रवृति), इन्क़लाब (क्रान्ति), इमारत (भवन) आदि।

Uber से राइड पर कितना खर्च आता है?

राइडर के लिए सैंपल के तौर पर जो कीमतें दी गई हैं वे सिर्फ़ अनुमान हैं, इनमें छूट, भौगोलिक वजहें, ट्रैफ़िक में देरी या दूसरी वजहों से कीमतों में आने वाले बदलाव दिखाई नहीं देते हैं। नियत दरें और कम से कम शुल्क लागू हो सकते हैं। राइड और तय की गई राइड के लिए असल कीमतें अलग-अलग हो सकती हैं।

हो सकता है कि आपके शहर के सभी क्षेत्रों में सभी विकल्प उपलब्ध न हों। उपलब्धता के लिए कृपया अपना ऐप देखें।

कीमतों का अनुमान कैसे लगाया जाता है

अधिकांश शहरों में, आपके द्वारा अपनी राइड की पुष्टि करने से पहले ही आपके किराये की गणना कर ली जाती है। अन्य शहरों में, आपको किराये की अनुमानित रेंज* दिखाई देगी। आपकी कीमत को प्रभावित कर सकने वाले कुछ शुल्क और कारक :

*अपने शहर में किराये से सम्बंधित शर्तें देखें

बेस रेट

ट्रिप में लगने वाले समय और उसकी दूरी के आधार पर बेस रेट तय किया जाता है।

परिचालन शुल्क

आपके शहर में, प्रत्येक ट्रिप में नियत शुल्क जोड़ा जा सकता है। यह परिचालन, नियामक और सुरक्षा लागतों में सहायता करता है।

व्यस्त समय और क्षेत्र

उपलब्ध ड्राइवर पार्टनर की तुलना में अधिक राइडर होने की स्थिति में मार्केटप्लेस के पुन: संतुलित होने तक कुछ समय के लिए कीमतें बढ़ सकती हैं।

Sula Vineyard IPO: प्राइस बैंड से लेकर लॉट साइज तक, IPO से जुड़ी डीटेल्स आ गई है सामने, निवेश से पहले पढ़ लें जरूरी जानकारी

Sula Vineyards देश की दिग्गज वाइन बनाने और बेचने वाली कंपनी है. कंपनी के ब्रांड्स की बात करें तो इसमें Sula, RASA, Dindori, The Source, Satori, Madera और Dia शामिल हैं.

Upcoming IPO: प्राइमरी मार्केट में IPO की धूम जारी है. दिसंबर के मिड में निवेशकों के लिए IPO में पैसा लगाने का एक और मौका मिलने वाला है. क्योंकि वाइन बनाने और बेचने वाली कंपनी सुला वाइनयार्ड का IPO खुलने वाला. इससे जुड़ी सभी डीटेल्स अब सामने आ गई है. ऐसे में निवेशकों को IPO में बोली लगाने से पहले कंपनी और IPO से जुड़ी सभी जानकारी जान लेनी चाहिए.

IPO कब खुलेगा, प्राइस बैंड क्या है?

DRHP फाइलिंग के मुताबिक Sula Vineyards IPO के जरिए 960 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है. यह पूरी तरह ऑफर फॉर सेल यानी OFS होगा. इसमें मौजूदा निवेशक और प्रोमोटर्स अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे. अगर आप भी IPO में बोली लगाने की सोच रहे हैं तो प्रति शेयर 340-357 रुपए का प्राइस बैंड फिक्स किया गया है. यह पब्लिक इश्यू 12 से 14 दिसंबर तक खुलेगा.

रिटेल निवेशकों के अहम बातें

IPO में लॉट साइज 42 शेयरों का है. यानी निवेशकों को कम से कम बोली और कीमत पूछना क्या है एक लॉट शेयरों पर बोली लगानी होगी. प्राइस बैंड के लिहाज से एक लॉट शेयर के लिए निवेशकों को 14994 रुपए का पेमेंट करना होगा. वहीं, अधिकतम निवेशक की बात करें तो रिटेल निवेशक 13 लॉट शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं. इसके लिए 194922 रुपए का निवेश करना होगा. IPO के खुलने की तारीख के लिहाज शेयर दोनों एक्सचेंज पर 22 दिसंबर तक लिस्ट हो सकता है.

Sula Vineyards क्या करती है?

यह देश बोली और कीमत पूछना क्या है की दिग्गज वाइन बनाने और बेचने वाली कंपनी है. कंपनी के ब्रांड्स की बात करें तो इसमें Sula, RASA, Dindori, The Source, Satori, Madera और Dia शामिल हैं. कंपनी के प्लांट्स महाराष्ट्र और कर्नाटक में मौजूद हैं. कंपनी की फ्लैगशिप फैसिलिटी महाराष्ट्र के नासिक में स्थित है.

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कंपनी का कारोबार कैसा है?

ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइलिंग में कंपनी ने बताया है कि भारतीय बाजार में ग्रैप्स वाइन कैटेगरी में उसका मार्केट शेयर लगातार बढ़ा है. यह FY09 में 33 फीसदी थी, जो FY21 में बढ़कर 52.6 फीसदी हो गई. यह ग्रोथ ऑपरेशंस से आने वाली आय के आधार पर है.

इंडियन टी-20 लीग 2023: 5 अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी जिन पर लग सकती है बड़ी बोली

इंडियन टी-20 लीग के आगामी सीजन के लिए मिनी ऑक्शन का आयोजन 23 दिसंबर को कोच्चि में किया जाने वाला है। इसके लिए सभी फ्रेंचाइजी ने कमर कस ली है। ऑक्शन में 405 खिलाड़ियों की फाइनल लिस्ट सामने आ चुकी है, जिसमें 273 भारतीय खिलाड़ी, 132 विदेशी खिलाड़ी और 4 एसोसिएट देशों के खिलाड़ी हैं। वहीं अनकैप्ड खिलाड़ियों की बात करें तो उनकी संख्या 282 है।

आज इस आर्टिकल में हम ऐसे 5 भारतीय अनकैप्ड खिलाड़ियों की चर्चा करने जा रहे हैं, जिन पर मिनी ऑक्शन में फ्रेंचाइजी बड़ी बोली लगा सकते हैं। तो आइए जानें वो कौन से पांच खिलाड़ी हैं।

(here are 5 uncapped indian players can be sold on high price in upcoming mini auction)

नारायण जगदीशन (Narayan Jagadeesan)

Narayan Jagadeesan (Image Source: Twitter)

Narayan Jagadeesan (Image Source: Twitter)

इस युवा खिलाड़ी ने हाल ही में समाप्त हुए विजय हजारे ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 141 गेंदों में 277 रनों की सनसनीखेज पारी खेली। अपनी इस पारी में उन्होंने 25 चौके और 15 छक्के जड़े। वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे, जिनके नाम 8 मैचों में 138.33 की औसत और 125.37 के स्ट्राइक रेट से 830 रन है।

हालांकि, वह इंडियन टी-20 लीग में 2020 से 2022 तक चेन्नई टीम का हिस्सा थे। इस दौरान उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले और 7 पारियों में केवल 73 रन बनाए। इसलिए चेन्नई ने उन्हें इस साल रिलीज कर दिया, लेकिन उनके हालिया फॉर्म को देखते हुए सभी फ्रेंचाइजी की नजर उन पर होगी। उनका बेस प्राइस 20 लाख रुपये होगा।

रिलायंस कैपिटल रिजॉल्यूशन प्रोसेस को झटका, कॉस्मिया-पीरामल कंसोर्टियम बोली प्रक्रिया से बाहर

शेयर बाजार 20 दिसम्बर 2022 ,18:45

रिलायंस कैपिटल रिजॉल्यूशन प्रोसेस को झटका, कॉस्मिया-पीरामल कंसोर्टियम बोली प्रक्रिया से बाहर

© Reuters. रिलायंस कैपिटल रिजॉल्यूशन प्रोसेस को झटका, कॉस्मिया-पीरामल कंसोर्टियम बोली प्रक्रिया से बाहर

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

मुंबई, 20 दिसम्बर (आईएएनएस)। रिलायंस (NS: RELI ) कैपिटल लिमिटेड (आरसीएपी) की समाधान प्रक्रिया को एक बड़ा झटका लगा है। कॉसमिया फाइनेंशियल और पीरामल ग्रुप का कंसोर्टियम, जो आरसीएपी संपत्तियों के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाला था, बोली प्रक्रिया से बाहर हो गया है।लेनदारों की समिति (सीओसी) द्वारा बोली और कीमत पूछना क्या है अनुमोदित रिलायंस कैपिटल के लिए नियोजित ई-नीलामी बुधवार को होने वाली है और नीलामी की पूर्व संध्या पर उच्चतम बोली और कीमत पूछना क्या है बोली लगाने वाले के बाहर निकलने से रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं को बड़ा झटका लगा है।

सूत्रों के अनुसार, कोस्मिया-पिरामल कंसोर्टियम ने समाधान प्रक्रिया से बाहर निकलने का फैसला किया है क्योंकि उसका मानना है कि बोली प्रक्रिया की रूपरेखा में काफी बदलाव किया गया है, जिसमें नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए उच्चतम बोली के अलावा लगभग 1,500 करोड़ रुपये की वृद्धि है। सीओसी ने नीलामी के लिए फ्लोर वैल्यू 6,500 करोड़ रुपये तय की है, जो कॉस्मिया-पीरामल रेजोल्यूशन प्लान के नेट प्रेजेंट वैल्यू (एनपीवी) से 1,500 करोड़ रुपये ज्यादा है।

इसके बोली और कीमत पूछना क्या है अलावा, दूसरे और तीसरे दौर के लिए नीलामी प्रक्रिया में भी वृद्धि 1,000 करोड़ रुपये के बहुत ही बोली और कीमत पूछना क्या है उच्च स्तर पर निर्धारित की गई है। स्थिति और खराब तब हो गई जब चार राउंड के लिए 500 करोड़ रुपये और बाद के हर राउंड के लिए 250 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए। इसका मतलब यह होगा कि आवश्यक बोलियां क्रमश: कम से कम 7,500 करोड़ रुपये, 8,500 करोड़ रुपये, 9,000 करोड़ रुपये और 9,250 करोड़ रुपये होनी चाहिए।

कंसोर्टियम को लगता है कि यह न केवल अनुचित और मनमाना है, बल्कि अवास्तविक और अव्यवहारिक भी है। बोली लगाने वालों का यह भी मत है कि उच्चतम बोली लगाने वाले की घोषणा न करने और हर दौर के बाद बोली लगाने वालों की रैंकिंग प्रदान नहीं करने की गैर-पारदर्शिता, दूरसंचार क्षेत्र और सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में स्पेक्ट्रम से संबंधित भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा पूरे देश में आयोजित ई-नीलामी के विपरीत है।

सरकारों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रथाओं को दुर्भाग्य से इस मामले में नहीं अपनाया जा रहा है। कॉस्मिया-पीरामल के बाहर निकलने के साथ, अब केवल तीन खिलाड़ी ही दौड़ में बचे हैं, यानी हिंदुजा, टोरेंट और ओकट्री। कॉस्मिया-पीरामल, 5,231 करोड़ रुपये के कुल बोली मूल्य के साथ, रिलायंस कैपिटल सीआईसी (कोर निवेश कंपनी) के लिए सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी थी। इस ऑफर में 4,250 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान शामिल था। कॉस्मिया-पीरामल ऑफर की नेट प्रेजेंट वैल्यू (एनपीवी) 5,000 करोड़ रुपये थी।

हिंदुजा की 5,060 करोड़ रुपये की बोली, जिसमें 4,100 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान शामिल है, दूसरी सबसे बड़ी बोली थी। हिंदुजा की पेशकश का एनपीवी 4,800 करोड़ रुपये था। टोरेंट और ओकट्री ने क्रमश: 4,500 करोड़ रुपये बोली और कीमत पूछना क्या है और 4,200 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। उन्होंने क्रमश: 1,100 करोड़ रुपये और 1,000 करोड़ रुपये के अग्रिम भुगतान की पेशकश की थी। टोरेंट की समाधान योजना का एनपीवी 4,200 करोड़ रुपये और ओकट्री की योजना 2,600 करोड़ रुपये की थी।

नीलामी के लिए 6,500 करोड़ रुपये का फ्लोर प्राइस 1,500 करोड़ रुपये या कॉस्मिया-पीरामल बोली के एनपीवी मूल्य से 30 प्रतिशत अधिक है। अब, कोस्मिया-पीरामल के बाहर निकलने के साथ, हिंदुजा की 4,800 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली बन गई, और उच्चतम बोली और नीलामी के न्यूनतम मूल्य के बीच का अंतर भी बढ़कर 1,700 करोड़ रुपये हो गया है।

ऑक्शन फ्लोर प्राइस और टोरेंट और ओकट्री की बिड वैल्यू के बीच का अंतर क्रमश: 2,300 करोड़ रुपये और 3,900 करोड़ रुपये है।

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