2. चाहे गए स्तरों पर ट्रेड ऑर्डर प्लेसमेंट तत्काल और सटीक होता है।
3. कीमतों में होने वाले बदलाव से बचने के लिए ट्रेड्स समय पर और तुरंत हो जाते हैं।
4. लेनदेन की लागत में कमी आती है।
5. कई बाजार स्थितियों पर एक साथ ऑटोमेटिक रूप से नजर बनाई जा सकती है।
6. ट्रेड्स प्लेस करते समय गलती की गुंजाइश का जोखिम काफी कम हो जाता है।
7. उपलब्ध ऐतिहासिक और रियल-टाइम डेटा का उपयोग करके एल्गो ट्रेडिंग का बैकटेस्ट किया जा सकता है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि यह एक व्यवहार्य ट्रेडिंग रणनीति है या नहीं।
8. ह्यूमन ट्रेडिंग में होने वाली भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक आधारित गलतियों की गुंजाइश नहीं रहती।
Forex Trading Fraud: फॉरेक्स ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का झांसा, फर्जी ऐप के जरिए लोगों से ऐसे की 15 करोड़ की ठगी
सेबी ने जारी किये दिशानिर्देश
पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने हाल ही में निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग से जुड़ी सेवाएं देने वाले ब्रोकर्स के लिये दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस पहल का उद्देश्य ‘उच्च रिटर्न’ का दावा कर शेयर बिक्री पर रोक लगाना है। सेबी ने एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा दे रहे ब्रोकर्स के लिए कुछ जिम्मेदारी तय की है। एल्गोरिदम ट्रेडिंग सेवाएं देने वाले ब्रोकरों को पिछले या भविष्य के रिटर्न को लेकर कोई भी संदर्भ देने से मना किया गया है। साथ ही ऐसे किसी भी प्लेटफॉर्म से जुड़े होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो एल्गोरिदम के पिछले या भविष्य के लाभ के बारे में कोई संदर्भ देता है। सेबी के सर्कुलर में कहा गया, ‘‘जो शेयर ब्रोकर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एल्गोरिदम के पिछले या भविष्य के रिटर्न या प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हैं या इस प्रकार की जानकारी देने वाले मंच से जुड़े हैं, वे सात दिन के भीतर उसे वेबसाइट से हटा देंगे। साथ ही इस तरह के संदर्भ प्रदान करने वाले मंच से खुद को अलग कर लेंगे।
एल्गो ट्रेडिंग गारंटीड रिटर्न देती है, यह धारणा गलत
ट्विटर पर जेरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत ने लिखा, “मुझे लगता है कि SEBI ने ऐसा इसलिए किया है, क्योंकि इस तरह के प्लेटफॉर्म ग्राहकों को लुभाने के लिए बैक-टेस्टिंग के जरिए असाधारण रिटर्न का लालच दे रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “एक धारणा गलत है कि एल्गो ट्रेडिंग गारंटीड रिटर्न देती हैं। ऐसी रणनीतियां (Strategies) खोजना जो लाभदायक प्रतीत होने के लिए अधिक बार ट्रेड करती हैं, कठिन नहीं है। लेकिन लगभग सभी मामलों में, हाई रिटर्न में तेजी से गिरावट आती है या एक बार जब आप इस पर होने वाली लागतों का हिसाब लगाते हैं तो रिटर्न दिखता ही नहीं।”
कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा
यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।
Explainer : शेयर मार्केट में गारंटीड और हाई रिटर्न के दावे! जानिए क्या स्टॉक मार्केट में कौन काम करता है? है Algo Trading और कैसे करती है काम
What is Algo Trading : एल्गो ट्रेडिंग को ऑटोमेटेड ट्रेडिंग, प्रोग्राम्ड ट्रेडिंग या ब्लैक बॉक्स ट्रेडिंग भी कहते हैं। एल्गो नाम एल्गोरिदम (Algorithm) से निकला है। यह एक कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए होती है, जो ट्रेड करने के लिए तय निर्देशों (एक एल्गोरिदम) को फॉलो करता है। माना जाता है कि इसमें काफी तेजी से और अधिक बार प्रोफिट जनरेट होता है।
एल्गो ट्रेडिंग क्या है, जिसमें किया जा रहा हाई रिटर्न का दावा
हाइलाइट्स
- इसे ऑटोमेटेड ट्रेडिंग, प्रोग्राम्ड ट्रेडिंग या ब्लैक बॉक्स ट्रेडिंग भी कहते हैं
- भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही है एल्गो ट्रेडिंग
- ट्रेडिंग एक्टिविटीज को भावनाओं से रखती है दूर
- बेस्ट पॉसिबल प्राइसेज पर पूरे होते हैं ट्रेड
1. बेस्ट पॉसिबल प्राइसेज पर ट्रेड पूरे होते हैं।
2. चाहे गए स्तरों पर ट्रेड ऑर्डर प्लेसमेंट तत्काल और सटीक होता है।
3. कीमतों में होने वाले बदलाव से बचने के लिए ट्रेड्स समय स्टॉक मार्केट में कौन काम करता है? पर और तुरंत हो जाते हैं।
4. लेनदेन की लागत में कमी आती है।
5. कई बाजार स्थितियों पर एक साथ ऑटोमेटिक रूप से नजर बनाई जा सकती है।
6. ट्रेड्स प्लेस करते समय गलती की गुंजाइश का जोखिम काफी कम हो जाता है।
7. उपलब्ध ऐतिहासिक और रियल-टाइम डेटा का उपयोग करके एल्गो ट्रेडिंग का बैकटेस्ट किया जा सकता है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि यह एक व्यवहार्य ट्रेडिंग रणनीति है या नहीं।
8. ह्यूमन ट्रेडिंग में होने वाली भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक आधारित गलतियों की गुंजाइश नहीं रहती।
Forex Trading Fraud: फॉरेक्स ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का झांसा, फर्जी ऐप के जरिए लोगों से ऐसे की 15 करोड़ की ठगी
सेबी ने जारी किये दिशानिर्देश
पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने हाल ही में निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग से जुड़ी सेवाएं देने वाले ब्रोकर्स के लिये दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस पहल का उद्देश्य ‘उच्च रिटर्न’ का दावा कर शेयर बिक्री पर रोक लगाना है। सेबी ने एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा दे रहे ब्रोकर्स के लिए कुछ जिम्मेदारी तय की है। एल्गोरिदम ट्रेडिंग सेवाएं देने वाले ब्रोकरों को पिछले या भविष्य के रिटर्न को लेकर कोई भी संदर्भ देने से मना किया गया है। साथ ही ऐसे किसी भी प्लेटफॉर्म से जुड़े होने से प्रतिबंधित स्टॉक मार्केट में कौन काम करता है? कर दिया गया है, जो एल्गोरिदम के पिछले या भविष्य के लाभ के बारे में कोई संदर्भ देता है। स्टॉक मार्केट में कौन काम करता है? सेबी के सर्कुलर में कहा गया, ‘‘जो शेयर ब्रोकर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एल्गोरिदम के पिछले या भविष्य के रिटर्न या प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हैं या इस प्रकार की जानकारी देने वाले मंच से जुड़े हैं, वे सात दिन के भीतर उसे वेबसाइट से हटा देंगे। साथ ही इस तरह के संदर्भ स्टॉक मार्केट में कौन काम करता है? प्रदान करने वाले मंच से खुद को अलग कर लेंगे।
एल्गो ट्रेडिंग गारंटीड रिटर्न देती है, यह धारणा गलत
ट्विटर पर जेरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत ने लिखा, “मुझे लगता है कि SEBI ने ऐसा इसलिए किया है, क्योंकि इस तरह के प्लेटफॉर्म ग्राहकों को लुभाने के लिए बैक-टेस्टिंग के जरिए असाधारण रिटर्न का लालच दे रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “एक धारणा गलत है कि एल्गो ट्रेडिंग गारंटीड रिटर्न देती हैं। ऐसी रणनीतियां (Strategies) खोजना जो लाभदायक प्रतीत होने के लिए अधिक बार ट्रेड करती हैं, कठिन नहीं है। लेकिन लगभग सभी मामलों में, हाई रिटर्न में तेजी से गिरावट आती है या एक बार जब आप इस पर होने वाली लागतों का हिसाब लगाते हैं तो रिटर्न दिखता ही नहीं।”
ऑक्सीजन नाम वाली कंपनियों के शेयर आसमान पर, दो महीने में दोगुना हुआ भाव, जानें पूरा मामला?
बाजार नीचे गिर रहा है ऑक्सीजन (Oxygen) नाम वाली कंपनियों के शेयर निवेशकों की पसंद बने हुए हैं. हालांकि, इन कंपनियों का गैस के कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है.
अक्सर यह कहा जाता है कि शेयर बाजार निवेशकों की धारणा पर काम करता है. बाजार को निवेशक धारणा से ही ऑक्सजीन मिलती है. लेकिन मौजूदा कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर के दौर में जब बाजार नीचे गिर रहा है ऑक्सीजन (Oxygen) नाम वाली कंपनियों के शेयर निवेशकों की पसंद बने हुए हैं. हालांकि, इन कंपनियों का जीवनरक्षक गैस के कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है.
बीएसई में सोमवार को बॉम्बे ऑक्सीजन इन्वेस्टमेंट्स लि. (Bombay Oxygen Investments) स्टॉक मार्केट में कौन काम करता है? का शेयर अपर सर्किट सीमा 24,574.85 रुपए पर पहुंच गया. यह शेयर निगरानी में है. ऐसे में इसमें अधिकतम लाभ की सीमा 5 फीसदी है.
बॉम्बे ऑक्सीजन का शेयर का भाव दोगुना हुआ
कुछ यही गैस और ऑक्सीजन नाम वाली अन्य कंपनियों के शेयरों में हुआ. इन सभी कंपनियों की किसी संभावित गड़बड़ी के लिए जांच चल रही है. बॉम्बे ऑक्सीजन के शेयर में पिछले कुछ दिन में जबरदस्त उछाल आया है. कंपनी के स्टॉक मार्केट में कौन काम करता है? शेयर का मूल्य मार्च अंत के 10,000 रुपए से दोगुना से अधिक हो गया है.
अगस्त 2019 में इंडस्ट्रियल गैस का उत्पादन बंद किया
हालांकि, कंपनी की वेबसाइट पर स्पष्ट किया गया है कि उसकी स्थापना 3 अक्टूबर, 1960 को बॉम्बे ऑक्सीजन कॉरपोरेशन लि. के रूप में हुई थी. लेकिन 3 अक्टूबर, 2018 से उसने अपना नाम बदलकर बॉम्बे इन्वेस्टमेंट्स लि. कर लिया था. कंपनी ने कहा है कि उसका मुख्य कारोबार औद्योगिक गैस के विनिर्माण और आपूर्ति का था, जो उसने एक अगस्त, 2019 से बंद कर दिया है.
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी की वेबसाइट में विरोधाभास है. कंपनी अब ऑक्सीजन का कारोबार नहीं करता. लेकिन उत्पाद खंड में ऑक्सीजन और अन्य औद्योगिक गैसों का उल्लेख है.
तीसरी तिमाही में इतना हुआ मुनाफा
हालांकि, मुंबई की कंपनी को बीएसई में नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के रूप में दर्शाया गया है. 31 दिसंबर, 2020 को समाप्त तिमाही में कंपनी की कुल आय 33.79 करोड़ रुपए और मुनाफा 31.69 करोड़ रुपए था. कंपनी का मार्केट कैप अभी 368 करोड़ रुपए का है.
इन स्टॉक्स में भी आई तेजी
पिछले दो हफ्तों में ऑक्सीजन नाम वाले शेयरों जैसे लिंडे इंडिया, भगवती ऑक्सीजन और नेशनल ऑक्सीजन के शेयरों में तेज उछाल आया है. ये कंपनियां ऑक्सीजन का निर्माण नहीं करती हैं, लेकिन कोरोना काल में ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के चलते इनके शेयरों में तेजी आ गई स्टॉक मार्केट में कौन काम करता है? है.
IPO क्या है? यह कैसे काम करता है? क्या है इसका उद्देश्य?
डीएनए हिंदी: आइपीओ (IPO) का फुल फॉर्म होता है- इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering). एक कंपनी जब अपने समान्य स्टॉक या शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करता है तो उसे आईपीओ कहते हैं. लिमिटेड कंपनियों द्वारा आईपीओ इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सके. शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीद शेयर बाजार में हो पाती है. कंपनी निवेश या विस्तार करने की हालत में फंडिंग इकट्ठा करने के लिए आईपीओ जारी करती है.
आईपीओ में जब एक कंपनी अपने सामान्य स्टॉक या शेयर पहली बार जनता के लिए जारी करती है तो उसे IPO कहा जाता है. एक फर्म (Firm) के IPO शुरू करने के दो मुख्य कारण पूंजी जुटाना और पूर्व निवेशकों को समृद्ध करना है.
आईपीओ दो तरह के होते हैं:—
फिक्स्ड प्राइस आईपीओ (Fixed Price IPO)
फिक्स्ड प्राइस IPO को इश्यू प्राइस के रूप में संदर्भित किया जा सकता है जो कुछ कंपनियां अपने शेयरों की प्रारंभिक बिक्री के लिए निर्धारित करती हैं. निवेशकों को उन शेयरों की कीमत के बारे में पता चलता है जिन्हें कंपनी सार्वजनिक करने का फैसला करती है. इश्यू बंद होने के बाद बाजार में शेयरों की मांग का पता लगाया जा सकता है. यदि निवेशक इस IPO में हिस्सा लेते हैं, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आवेदन करते समय शेयरों की पूरी कीमत का भुगतान करें.
बुक बिल्डिंग आईपीओ (Book Building IPO)
बुक बिल्डिंग के मामले में IPO शुरू करने वाली कंपनी निवेशकों को शेयरों पर 20% मूल्य बैंड प्रदान करती है. इच्छुक निवेशक अंतिम कीमत तय होने से पहले शेयरों पर बोली लगाते हैं. यहां निवेशकों को उन शेयरों की संख्या निर्दिष्ट करने की आवश्यकता है जिन्हें वे खरीदना स्टॉक मार्केट में कौन काम करता है? चाहते हैं और वह राशि जो वे प्रति शेयर भुगतान करने को तैयार हैं.
सबसे कम शेयर की कीमत स्टॉक मार्केट में कौन काम करता है? को फ्लोर प्राइस के रूप में जाना जाता है और उच्चतम स्टॉक मूल्य को कैप प्राइस के रूप में जाना जाता है. शेयरों की कीमत के संबंध में अंतिम निर्णय निवेशकों की बोलियों द्वारा निर्धारित किया जाता है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 588