30 साल का लड़का जिसने एक दिन में गंवा दिए 15 बिलियन डॉलर, कैसे क्रिप्टो किंग बना कंगाल

152 बिलियन डॉलर! ये वो रकम है जिसे दुनिया की 15 क्रिप्टोकरेंसी ने सिर्फ 3 दिनों में गंवाया है. वजह है, आजकल चर्चा में चल रहे 30 साल के घुंघराले बालों वाले क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म FTX के पूर्व-CEO सैम बैंकमैन फ्रायड (Sam Bankman-Fried). ट्विटर पर SBF के नाम से मशहूर, एक प्रोफेसर के बेटे और MIT से ग्रेजुएट, तेज तर्रार, जिसे क्रिप्टो इंडस्ट्री का JP Morgan , जेफ बेजोस और अगला वॉरेन बफे तक कहा गया, एक समय फ्रायड की क्रिप्टो इंडस्ट्री में इतनी इज्जत थी कि लोग उन्हें मसीहा मानते थे. लेकिन क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? वो निकला क्रिप्टो इंडस्ट्री का सबसे बड़ा विलेन.

3 दिन में 80% वैल्यू साफ

कहानी शुरू होती है 6 नवंबर से, जब इसके FTT टोकन की वैल्यू लगातार गिरने लगती है और महज तीन दिन में इसकी 80% वैल्यू खत्म हो जाती है. इस घटना से पूरी क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री सदमे में आ जाती है. तो ऐसा क्या हुआ कि जो FTX कभी क्रिप्टो इंटस्ट्री के लिए हीरो था, अचानक से जीरो हो गया.

FTX में जमकर आया निवेश

थोड़ा फ्लैशबैक में चलते हैं- साल 2017 में फ्रायड ने क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग कंपनी Alameda Research नाम से एक फर्म की शुरुआत की. अब इस Alameda Research का नाम याद रखिएगा, क्योंकि सारा खेल यहीं होना है. इसके दो साल बाद साल 2019 में सैम ने क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री के लिए FTX नाम से क्रिप्टो एक्सचेंज खोला. सैम बैंकमैन ने इतना भरोसा कमाया कि निवेशकों ने झोली भर भरकर इसमें निवेश किया. जिसमें दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज Binance ने भी निवेश किया, हालांकि Binance के फाउंडर चांगपेंग झाओ, सैम के पक्के दोस्त भी हैं.

FTX बहुत तेजी से बढ़ा

FTX इतनी तेजी से बढ़ा कि ये देखते देखते डेरिवेटिव ट्रेडिगं के लिए चौथा सबसे बड़ा क्रिप्टोएक्सचेंज बन गया. बड़े-बड़े सेलेब्रिटीज ने FTX के ऐड और प्रमोशन किए. सबकुछ बढ़िया चल रहा था, निवेशक मुनाफा कमा रहे थे. वो एक मसीहा के तौर क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? पर उबर रहे थे. तमाम टीवी, न्यूजपेपर्स में हर जगह उनके इंटरव्यू छप रहे थे, FTX इतना बड़ा हो रहा था कि लोग उसे Binance के समकक्ष खड़ा करने लगे थे.

पर्दे के पीछे सैम लिख क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? रहा था कुछ और कहानी

लेकिन जो दिख रहा था, हकीकत उससे थोड़ी अलग थी. पर्दे के पीछे सैम बैंकमैन क्या खेल कर रहा था, ये सिर्फ उसी को पता था. वो दिन भी आया जब सैम बैंकमैन की सच्चाई से पर्दा उठने लगा. 2 नवंबर का वो दिन जब CoinDesk की एक रिपोर्ट ने पूरी क्रिप्टो इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया, क्योंकि रिपोर्ट में बात ही कुछ ऐसी छपी थी. रिपोर्ट में सैम बैंकमैन की कंपनी Alameda Research की बैलेंस शीट के लीक डेटा के हवाले से बताया गया था कि जून 30 जून तक Alameda के पास 14.6 बिलियन डॉलर के असेट हैं, इसमें से ज्यादातर FTT टोकन FTX की ओर से जारी किए गए थे.इस रिपोर्ट ने क्रिप्टो इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया, FTX के पास तीन दिन के भीतर ही 6 बिलियन डॉलर निकालने की रिक्वेस्ट आ गई, लेकिन इतना पैसा एक्सचेंज के पास था ही नहीं.

जब Binance ने बेच दिए लाखों के FTT

दूसरी तरफ 6 नवंबर को Binance ने लाखों डॉलर के FTT बेच दिए, 2 दिन के बाद FTX टूटकर गिर गया. लेकिन दो दिन बाद ही, 8 नवंबर को Binance सामने आता है और ऐलान करता है कि वो FTX को खरीदेगा, इसके लिए उसने एक नॉन बाइंडिंग डील भी किया है. ऐसा लगा मानो FTX ने पैसों की किल्लत को दूर कर लिया है. लेकिन इस डील के ऐलान के बाद सैम बैंकमैन की निजी संपत्ति 94 परसेंट तक गिर गई. 8 नवंबर को डील से पहले सैम की कुल संपत्ति 15 बिलियन डॉलर थी, लेकिन 10 क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? नवंबर को उसकी संपत्ति से 14 बिलियन डॉलर साफ हो गए थे. सिर्फ तीन दिनों में सैम बैंकमैन अर्श से फर्श पर आ गया. FTX का Token Price जो नवंबर को 25 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था, आज उसकी वैल्यू 1 डॉलर पर आ चुकी है.

Binance ने डील से हाथ खींचा

लेकिन इंतजार था कि Binance डील को लेकर अब अगला क्या कदम उठाता है. वो इस डील को कब पूरा करेगा. लेकिन हुआ कुछ ऐसा जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी. ठीक अगले ही दिन 9 नवंबर को, Binance ने डील से हाथ वापस खींच लिया. खबर छपी की FTX ने ग्राहकों के पैसों का गलत इस्तेमाल किया है. उसने अपने क्रिप्टो एक्सचेज के ग्राहकों के 10 बिलियन डॉलर अपनी ट्रेडिंग फर्म Alameda Research को ट्रांसफर किए हैं, कंपनी इसका इस्तेमाल ट्रेडिंग के लिए करती थी, यानी ग्राहकों के पैसों पर सैम बैंकमैन दांव लगा रहा था.

शिकंजे में SBF

मामला बढ़ता देख सैम बैंकमैन ने 11 नवंबर को खुद को दिवालिया घोषित कर दिया.सैम बैंकमैन-फ्राइड को सोमवार को बहामास में गिरफ्तार किया गया. मजे की बात ये है कि मार्च 2022 तक जिस कंपनी की वैल्यू 32 बिलियन डॉलर थी, उसे डुबाने के बाद, सैम बैंकमैन का कहना है कि उसने फ्रॉड करने की कभी कोशिश तक नहीं की, वह नहीं जानता था कि उसके क्रिप्टो बिजनेस के भीतर क्या चल रहा है. खैर ये सफाई हजम करना तो मुश्किल है. नजरें टिकी हैं कि सैम के ट्रायल पर, देखना होगा कि सैम क्या खुलासे करता है.

डॉलर के मुकाबले एक महीने की ऊंचाई पर पहुंचा रुपया, जानिए क्यों आई मजबूती

पिछले महीने ही डॉलर के मुकाबले रुपया 80.06 के अब तक के सबसे निचले स्तर तक पहुंचा था. पिछले कुछ समय से रुपये में मजबूती का रुख है

डॉलर के मुकाबले एक महीने की ऊंचाई पर पहुंचा रुपया, जानिए क्यों आई मजबूती

डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती का रुख देखने को मिल रहा है. मंगलवार के शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले एक महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. रुपया फिलहाल मजबूती के साथ 79 के स्तर से नीचे कारोबार कर रहा है. बदलती आर्थिक स्थितियों और शेयर बाजार के मजबूत प्रदर्शन की वजह से एक बार फिर विदेशी निवेश का रुख भारत की ओर हुआ है, जिससे रुपये को मजबूती मिली है. वहीं डॉलर में आई कमजोरी से भी रुपये को फायदा मिला है.

कहां पहुंचा रुपया

डॉलर के मुकाबले रुपया का पिछला बंद स्तर 79.03 था. आज रुपया इस स्तर के मुकाबले मजबूती के साथ 78.95 के स्तर पर खुला दोपहर के कारोबार तक रुपया 78.49 के स्तर तक मजबूत हुआ. दोपहर 12 बजे के करीब रुपया मजबूती के साथ 78.6 के करीब कारोबार कर रहा था. पिछले महीने ही डॉलर के मुकाबले रुपया 80.06 के अब तक के सबसे निचले स्तर तक पहुंचा था. हालांकि जुलाई के अंत से रुपये में मजबूती का रुख देखने को मिल रहा है. दरअसल भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों को भरोसा बढ़ रहा है. वहीं शेयर बाजार में भी पिछले कुछ समय से मजबूती देखने को मिल रही है और विदेशी निवेशकों की खरीदारी बढ़ रही है. कैपिटल का फ्लो एक बार फिर घरेलू मार्केट की तरफ होने से रुपये को सहारा मिला है. अपने निचले स्तरों पर इस साल अबतक डॉलर के मुकाबले रुपया 7 प्रतिशत से ज्यादा टूटा था. हालांकि अब नुकसान घटकर 6 प्रतिशत से नीचे आ गया है.

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रुपये में मजबूती का क्या होगा फायदा

भारत जैसे आयात पर निर्भर देशों के लिए घरेलू करंसी का मजबूत होना फायदे का सौदा होता है क्योंकि इससे उन पर आयात बिल का बोझ नहीं बढ़ता. इसके साथ ही रुपये में मजबूती से रिजर्व बैंक पर भी दबाव खत्म हो जाता है और घरेलू करंसी को बचाने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार को इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होती. वहीं रुपये में मजबूती से महंगाई का असर कुछ कम हो जाता है क्योंकि डॉलर में हुई खरीद का असर कुछ कम होता है. हालांकि इससे निर्यातकों को कुछ नुकसान होता है क्योंकि अगर रुपया मजबूत होता रहे तो उनके मार्जिन घट जाते हैं. हालांकि भारत जैसे देश जो बड़ी मात्रा में कच्चा तेल, खाद्य तेल, सोना, कच्चे माल आदि का आयात करते रहते उनके लिए घरेलू करंसी स्थिर रहना बेहद जरूरी है.

रुपए की गिरावट एक दुष्चक्र है जो शुरू हो जाय तो एक समय के बाद रुपया सिर्फ इसलिए गिर रहा होता है, क्योंकि रुपया गिर रहा होता है.

रुपया, सेंसेक्स और टाटा बाय-बाय

28 अगस्त, 2018, को बीएससी का सेंसेक्स सूचकांक अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 38,897 पर बंद हुआ था. तबसे अब के बीच ये सूचकांक तेज से कमज़ोर हुआ है. पांच अक्टूबर, 2018 को ये सूचकांक 34,377 पर बंद हुआ. 28 अगस्त से पांच अक्टूबर के बीच सेंसेक्स में करीब 11.6% की गिरावट हुई.

इन पांच से छह हफ़्तों की अवधि में ऐसा क्या बदल गया कि सेंसेक्स में इतनी भारी गिरावट हुई? इसका सीधा जवाब है, डॉलर के मुकाबले में रुपये की गिरावट.

28 अगस्त को एक डॉलर का मूल्य करीब 69.9 रुपए था. 5 अक्टूबर को एक डॉलर का मूल्य 74.2 रुपए पर बंद हुआ. इस समय में रुपया, डॉलर के मुकाबले 6.2% गिर गया. इस गिरावट का खामियाज़ा विदेशी संस्थागत निवेशकों को भी भुगतना पड़ा.

प्रश्न है कैसे? इसको समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं. मान लीजिये, एक विदेशी संस्थागत निवेशक भारत में 1,00,000 डॉलर का निवेश करना चाहता है. भारत में ये रकम निवेश करने के लिए उसे ये डॉलर रुपये में बदलने पड़ेंगे. मान लीजिये कि इस समय एक डॉलर 70 रुपए के बराबर है. डॉलर को रुपए में बदलने के बाद विदेशी निवेशक के पास आ जाते हैं 70 लाख रुपए.

इस पैसे को ये निवेशक शेयर बाज़ार में लगा देता है. कुछ समय बाद, किन्हीं कारणों से विदेशी निवेशक को बाज़ार से पैसा निकालना पड़ता है. तब तक रुपए की कीमत डॉलर के मुकाबले गिर 75 रुपए हो चुकी है (मिसाल के तौर पर).

इस गिरावट की वजह से अब उस विदेशी निवेशक को अपना 1,00,000 डॉलर निकालने के बदले में 75 लाख रुपए देना पड़ता है. इसका मतलब ये हुआ कि निवेशक को अपने निवेश पर कोई लाभ नहीं होता. फर्ज कीजिए कि एक डॉलर 80 रुपए पर चल रहा होता, तब क्या होता? विदेशी निवेशक को अपने एक लाख डॉलर के निवेश के बदले 93,750 डॉलर मिलते और उसे अपने निवेश पर 6.25% का नुकसान उठाना पड़ता.

इस उदाहरण से हमें ये पता लगता है कि अगर डॉलर के प्रति रुपये का मूल्य गिरता है, तब विदेशी निवेशकों का लाभ या तो कम हो जाता है या फिर उन्हें अपने निवेश पर नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

जैसा कि मैंने शुरू में लिखा था, रुपये का मूल्य डॉलर के प्रति हाल फ़िलहाल में काफी गिरा है. और जैसी परिस्थिति चल रही है, उससे ऐसा लगता है कि, रुपये का मूल्य आगे भी गिरेगा. ऐसे में विदेशी निवेशक भारत से अपने पैसे निकाल रहे हैं. सितंबर से लेकर अब तक ये निवेशक शेयर बाजार से 17,क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? 919 करोड़ निकाल चुके हैं. जब विदेशी निवेशक शेयर बेचते हैं, तो शेयर के दाम गिरते हैं और फिर इससे बाज़ार भी गिरता है. जब विदेशी निवेशक शेयर बेच कर प्राप्त किए रुपयों को बेच कर डॉलर खरीदते हैं, तो इससे डॉलर की मांग भी बढ़ जाती है और रुपए का मूल्य डॉलर के प्रति और भी गिर जाता है.

गिरते हुए रुपए से, उन विदेशी निवेशकों का भी नुकसान होता है जो कि भारतीय ऋण बाज़ार (debt market) में पैसा लगा कर बैठे हैं. इसलिए ये निवेशक भी अपना निवेश बेच कर देश से निकलने की ताक में बैठे हैं. सितंबर की शुरुआत से अब तक इन निवेशकों ने 12,458 करोड़ रुपए की बिकवाली ऋण बाजार से की है. जब ये निवेशक इन रुपयों को बेचकर डॉलर खरीदते हैं, तो रुपए पर दबाव और बढ़ जाता है.

यह ऐसा दुष्चक्र है कि एक बार रुपया गिरना शुरू हो जाय तो एक समय के बाद रुपया सिर्फ इसलिए गिर रहा होता है, क्योंकि रुपया गिर रहा होता है.

विदेशी निवेशकों ने पश्चिमी देशों से कम ब्याज पर पैसा उठा कर भारत में लगाया था. अब पश्चिमी देशों में ब्याज दर बढ़ रही है. इससे इस पंचायत (arbitrage) पर काफी असर पड़ा है. और उस पर से गिरता हुआ रुपया.

पिछले हफ्ते भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति में ये साफ़ कर दिया कि गिरते हुए रुपए को बचाना उसका काम नहीं. इससे बाज़ारों में (शेयर बाजार, बाज़ार और ऋण बाज़ार) में खलबली और भी बढ़ गयी है.

इन्हीं वजहों से विदेशी निवेशक भारत को टाटा बाय-बाय कह रहे हैं, रुपया गिर रहा है और बाज़ार में बदहाली का मौसम छाया हुआ है.

अब डॉलर का दादा बनेगा रुपया, PM मोदी भारत को बनाएंगे दुनिया का सरताज!

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Rupee Become International Currency Like Dollar: दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पीएम मोदी के सपनों का भारत ऊंचाइयों की नई उड़ान पर है। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा रुपये को डॉलर का प्रतिद्वंदी बनाना है। जी हां. वही डॉलर जो वर्षों से पूरी दुनिया पर राज करता आ रहा है।

नई दिल्ली। Rupee Become International Currency Like Dollar: दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पीएम मोदी के सपनों का भारत ऊंचाइयों की नई उड़ान पर क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? है। क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा रुपये को डॉलर का प्रतिद्वंदी बनाना है। जी हां. वही डॉलर जो वर्षों से पूरी दुनिया पर राज करता आ रहा है, वही डॉलर जो दुनिया की अर्थव्यवस्था और बाजार की दिशा क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? तय करता है, वही डॉलर जो वैश्विक बाजार का दादा है। मगर अब पीएम मोदी ने ऐसा प्लान बनाया है कि डॉलर की दादागीरी खतरे में है। प्रधानमंत्री के इस प्लान के बारे में जानकर अमेरिका से लेकर चीन तक खलबली मच गई है, क्योंकि पहली बार किसी देश की करेंसी ने दुनिया की बादशाहत को ललकारा है।

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पीएम मोदी जब कोई बात कहते हैं तो उसके पीछे उनकी सीक्रेट प्लानिंग होती है। यह प्रधानमंत्री के मजबूत अर्थशास्त्र का ही नतीजा है कि जब चीन, रूस, ब्रिटेन और जर्मनी समेत दुनिया के तमाम बड़े देशों की अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल रही है और श्रीलंका से लेकर पाकिस्तान और वेनेजुएला जैसे देशों में हाहाकार मचा है। मगर ठीक इसी दौरान वैश्विक मंदी को मात देते हुए भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन बैठा। अब भारत की नजर दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर है। उसके बाद देश की नजर फिर अगले पायदान पर होगी। वैश्विक मंदी के दौरान तेज गति से भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को देखकर दुनिया हैरान है।

रुपया बनेगा डॉलर का विकल्प
पीएम मोदी का प्लान सफल रहा तो जल्द ही रुपये को डॉलर का विकल्प बनते देखा जा सकेगा। डॉलर की बादशाहत इतनी जल्दी खत्म तो नहीं होने वाली, लेकिन रुपया के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बन जाने पर उसे कड़ा प्रतिद्वंदी जरूर मिल जाएगा। इसके लिए भारत ने तेजी से काम करना भी शुरू कर दिया है। ताकि रुपया जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? रूप में अपनी पहचान बना सके। इसके लिए भारतीय बैंकों ने बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू करने की संभावना तलाशनी भी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश के अलावा मिस्र जैसे कुछ अफ्रीकी देशों के साथ व्यापार रुपये में ही संचालित करने की तैयारी में है। इसके लिए बैंक जुटे हुए हैं। रुपये में विदेशी कारोबार होने से विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में होने वाली उठापटक के असर से बचने में भी मदद मिलेगी।

इन देशों के साथ रुपये में शुरू हो चुका व्यापार
वित्त मंत्रालय की हाल में हुई एक बैठक में सभी हितधारकों से अन्य देशों के साथ भी रुपये में विदेशी कारोबार की सुविधा देने की संभावना तलाशने को कहा गया है। फिलहाल रूस, मॉरीशस व श्रीलंका के साथ भारत रुपये में कारोबार कर रहा है। इसके लिए बैंकों के विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) का इस्तेमाल किया जाता है। अब तक 11 बैंकों ने इस तरह के 18 खाते खोले हैं। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने पिछले वित्त वर्ष में मिस्र से 352 करोड़ डॉलर, अल्जीरिया क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? से 100 करोड़ डॉलर और अंगोला से 272 करोड़ डॉलर की वस्तुओं का आयात किया था। इसी तरह बांग्लादेश से भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 197 करोड़ डॉलर का आयात किया था। अब भारत सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया जैसे देशों से भी रुपये में कारोबार करने के करीब पहुंच चुका है।

भारत के प्लान से घबराया अमेरिका
रुपये से डॉलर को चुनौती देने से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के माथे पर भी शिकन आ गई है। पहली बार दुनिया की किसी करेंसी ने सीधे डॉलर को चुनौती देने का प्लान बनाया है। सूत्रों के अनुसार भारत अब तक करीब 18 देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू करने पर सहमति प्राप्त कर चुका है। जल्द ही भारत इस आंकड़े को 50 से अधिक देशों के साथ समझौता करने की संभावनाएं तलाश रहा है। इससे भारत का सबसे बड़ा दुश्मन चीन भी घबरा गया है।

Cryptocurrency : करना है क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट तो इस क्रिप्टो ने दिया मुनाफ़ा, जानें पूरी जानकारी

Cryptocurrency Market : क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बाजार में निवेश (Invest) करने की सोच रहे निवेशकों (Investers) के लिए बड़ी खुशखबरी है। इस समय काफी अच्छा रिटर्न देखने को मिल रहा है। कई क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में काफी गिरावट देखी जा रही है तो वहीं कई क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency ) में काफी तेजी भी देखी जा रही है। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर दुनिया भर की सरकारों की सख्ती के बाद भी कई क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) तेजी से बढ़ रही हैं। कुछ क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) तो ऐसी हैं, जिनके रेट 2 डॉलर यानी 150 रुपये से भी कम हैं, और अच्छा रिटर्न (Return) दिया है । आइए आज हम आपको कुछ क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में बताते हैं जो मार्केट में तेजी के साथ बढ़ रही हैं.

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की बात करें तो मार्केट में बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी (Bitcoin Cryptocurrency) में इस वक्त गिरावट दिख रही है। बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी (Bitcoin Cryptocurrency) के ताजा रेट की बात करें तो आज इसके ताजा रेट (खबर लिखे जाने तक) 0.087 फीसदी की गिरावट के साथ 16,754.30 यूएस डॉलर है। वहीं भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत (खबर लिखे जाने तक) 13,84,928.87 रूपये है। बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 68,990.90 डॉलर रही है।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के तेजी से बढ़ते मार्केट में एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी (ETH Cryptocurrency) भी तेजी से बढ़ रहा था परंतु अभी इसकी कीमत में गिरावट देखी जा रही थी, जिसे फिलहाल सामान्य स्तर पर देखा जा रहा है। क्रिप्टो मार्केट में इस वक्त एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी (ETH Cryptocurrency) के आज के ताजा रेट अभी तक (खबर लिखे जाने तक) 0.16 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,185.22 यूएस डॉलर है। वहीं भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत (खबर लिखे जाने तक) 97,967.44 रूपये है। साथ ही एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी (ETH Cryptocurrency) की ऑलटाइम हाई कीमत 4,865.57 डॉलर रही है।

मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की बात हो और कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी (Cardano Cryptocurrency) की चर्चा न हो ऐसा कैसे हो सकता है। अन्य क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के साथ कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी (Cardano Cryptocurrency) में भी गिरावट दिख रही है। कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी (Cardano Cryptocurrency) के रेट्स की बात करें तो इसके आज के ताजा रेट्स अभी तक (खबर लिखे जाने तक) 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ 0.26 यूएस डॉलर है। साथ ही इसकी भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत (खबर लिखे जाने तक) 21.78 रूपये है। वहीं इस दौरान इसकी ऑलटाइम हाई कीमत 3.10 डॉलर रही है।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के मार्केट में एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी (XRP Cryptocurrency) भी तेजी से मार्केट में उभरा है, फिलहाल इसकी कीमत में गिरावट दर्ज की गई है। एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी (XRP Cryptocurrency) के ताजा रेट्स की बात करें तो अभी तक (खबर लिखे जाने तक) इसके रेट 1.86 फीसदी की गिरावट के साथ 0.34 यूएस डॉलर है। साथ ही भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत (खबर लिखे जाने तक) 28.40 रूपये है। वहीं इस दौरान एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी (XRP Cryptocurrency) की ऑलटाइम हाई कीमत 3.40 डॉलर रही है। याद रखें इन्वेस्ट आप अपने रिक्स पर करेंगे हम आपको किसी भी प्रकार की सलाह नही देते हैं।

आपके काम की हर महत्वपूर्ण खबर और अपडेट उपलब्ध है हमारे इस वेबसाइट पर। चाहे हो रोजगार से जुड़ी खबर या हो योजनाओं संबंधी जानकारी हर अपडेट और हर खबर आपको मिलेगी हमारे इस वेबसाइट पर। अगर आप चाहते हैं कि क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है? जब भी हम कोई खबर प्रकाशित करें तो आपको उसका नोटिफिकेशन मिले तो आप हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं जिसका लिंक इस पोस्ट के नीचे हरे रंग की पट्टी में दिया गया है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं और हर अपडेट का नोटिफिकेशन सबसे तेज और पहले प्राप्त कर सकते हैं। हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपको हर खबर का नोटिफिकेशन सबसे तेज मिल जाता है और आपसे आपके काम की कोई भी महत्वपूर्ण खबर नहीं छूटती है।

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