Buying US Stocks: क्या आप खरीदना चाहते हैं अमेरिकी शेयर, यहां जानें यूएस स्टॉक मार्केट में कैसे शुरू करें ट्रेडिंग

US Stocks Market Trading: विदेशी स्टॉक उतना मुश्किल नहीं है जितना लगता है. निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके 27 Sep 2021 10:17 PM (IST)

US Stocks Market: विदेशों में निवेश करने की चाहत रखने वाले भारतीय निवेशकों की खासी चर्चा हो रही है. मौजूदा विदेशी फंडों के अलावा, हाल ही में कई इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड स्कीम्स शुरू की गई हैं, इस प्रकार उनके घरेलू पोर्टफोलियो में विविधता लाने का विकल्प दिया गया है.

इनमें से कुछ अंतरराष्ट्रीय फंड, ‘फंड ऑफ फंड्स’ हैं जबकि कुछ फीडर फंड हो सकते हैं, विशेष रूप से कई निष्क्रिय इंडेक्स फंड हैं जो अधिकांश प्रमुख वैश्विक सूचकांकों पर नज़र रखते हैं.

विदेशी स्टॉक खरीदना जटिल मामला नहीं
वैकल्पिक रूप से, विदेशी स्टॉक खरीदना कोई जटिल मामला नहीं है जैसा कि यह लगता है. सेल्सफोर्स, वीज़ा, अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी, कॉस्टको होलसेल कॉर्प, एक्सपीडिया ग्रुप, ज़िवो बायोसाइंस, पल्टॉक जैसे हालिया टॉप मूवर्स सहित फेसबुक, ऐप्पल या अमेज़ॅन जैसे कुछ टॉप अमेरिकी शेयर्स का मालिक होना, भारतीय निवेशकों के लिए संभव है. यह ठीक वैसे ही जैसे आप भारतीय शेयर बाजार में जौमेटो, रिलायंस, टाटा मोटर्स आदि के शेयर्स के मालिक बन सकते हैं.

यूएस शेयरों में निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है. केवाईसी और आरबीआई के एलआरएस नियमों सहित अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने पर, जिसे पूरा करने में ब्रोकरेज फर्म मदद करती है, आप यूएस शेयरों में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.

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कीमत नहीं है बाधा
अब, अगर आप सोच रहे हैं कि क्या डॉलर में अमेरिकी शेयर्स को खरीदना एक किफायती सौदा होगा, तो यहां आपके लिए एक अच्छी खबर है. अमेरिकी शेयर्स में आंशिक स्वामित्व की अनुमति है और कोई भी अमेरिकी शेयरों को 100 रुपये से कम राशि के साथ जमा करना शुरू कर सकता है. भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों के विपरीत, कीमत अमेरिकी शेयर बाजार में बाधा नहीं है. बस तय करें कि आपको कितना निवेश करना है और शेयरों की संख्या की गणना स्वचालित रूप से आपके लिए की जाएगी.

बेहतर तरीका यह हो सकता है कि कुछ टॉप अमेरिकी शेयरों को नियमित अंतराल पर 5000 रुपये या 1 लाख रुपये की निश्चित राशि के साथ खरीदा जाए. अमेरिकी शेयर बाजार निवेशकों के लिए कुछ प्रमुख ग्लोबल ब्लू-चिप्स के मालिक होने और लंबी अवधि में लाभ प्राप्त करने के अवसर प्रस्तुत करता है.

फिलहाल ग्लोबल इक्विटी लगभग सर्वकालिक उच्च स्तर पर कारोबार कर रहे हैं. लेकिन, इससे निवेशकों को सभी क्षेत्रों में लंबी अवधि के अवसरों की तलाश करने से नहीं रुकना चाहिए. शुरुआत करने के लिए, प्रमुख शेयरों पर नज़र रखें और किसी भी सुधार या गिरावट का उपयोग लंबी अवधि के लिए उन्हें जमा करने के अवसर के रूप में करें.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

अमेरिकन स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट कैसे करें ?

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Developed Country अमेरिका के स्टॉक मार्केट में हर कोई इनवेस्ट करना चाहता है और हम इंडियन्स तो खासकर इनवेस्टमेंट के लिए काफी उत्साहित रहते हैं। दुनिया की लगभग सारी बड़ी कंपनियां यूएस की ही हैं, यहां तक 1 ट्रिलियन M arket Valuation क्लब की चारों कंपनियां A pple, Microsoft, Amazon & Google भी US based कंपनियां हैं। दरअसल ज्यादा V aluation वाली इन कंपनियों में थोड़े से बदलाव में ही हमको अच्छा खासा Profit मिल जाता है।

अभी हाल ही में Johy Ivy के एपल छोड़कर जाने की खबर पर एपल के शेयर्स की कीमत 1% गिर गई थी। सिर्फ 1 % शेयर्स के कम होने की वजह से एपल कंपनी की Market Value 9 बिलियन डॉलर यानि करीब 62, 000 करोड़ कम हो गई थी।

आपको बता दें कि यूएस की कंपनियों में बड़े पद पर ज्यादातर इंडियन्स ही हैं। जैसे- Google के CEO सुंदर पिचाई, Microsoft के CEO सत्या नडेला , Adobe के CEO शांतनु नारायण।

US Stock Market में Investment के दो तरीके हैं-

1. F oreign Brokerage Firm से tie-up वाले Indian Brokerage Firm में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाकर।

2. D irect Foreign Brokerage Firm में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाकर।

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Indian Brokerage Firm से ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाकर-

कोई भी इंडियन जो कि यूएस स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहता है, वह F oreign Brokerage Firm से tie-up वाले Indian Brokerage Firm में अपना ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करके इनवेस्टमेंट कर सकता है। इस तरह के ट्रेडिंग अकाउंट को O verseas अकाउंट कहते हैं। इंडिया में F oreign tie-up के Brokerage Firms कई सारे हैं,जैसे- ICICI direct, HDFC Securities, Kotak Securities, Reliance Money.

स्टेप्स कुछ ऐसे हैं-

1) सबसे पहले आपको FF oreign tie-up वाले ब्रोकर Firm में ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाना होगा।

2) KYC के लिए जरूरी सभी डाक्यूमेंट सबमिट करने होगें।

3) अकाउंट ओपन होने के बाद आपको फंड ट्रांसफर करना होगा और फिर A 2 Form भरना होगा। A2 Form के जरिए आप Foreign Exchange अपने अकाउंट में receive कर पाएंगे। ये F orm आपको Brokerage Firm खुद प्रोवाइड करता है।

4) फंड ट्रांसफर होने के बाद ही आप ऑनलाइन प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग कर सकते हैं। इससे पहले आपको E xecutive Trade के लिए C ontract Notes मिलते है, जो आपके इनबॉक्स में भेजा जाता है।

इसके बाद आप F oreign C ompanies के शेयर्स खरीद पाएंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि आप Foreign E xchange पर M argin Trading और Short Selling नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ये दोनों M ethod Indian Investors के लिए A llowed नहीं हैं।

Foreign Brokerage Firm में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाकर-

आप डायरेक्ट Foreign Brokerage में ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करके इनवेस्टमेंट कर सकते हैं। फॉरेन के कई Brokerage Firm- Interactive Brokers, TD Ameritrade, Charles Schwab International Account etc इंडियन्स के लिए ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने की Permission देते हैं।

इस समय एक फायनेशियल ईयर में कोई भी इंडियन यूएस स्टॉक मार्केट में 2,50,000 डॉलर यानि करीब 1.7 करोड़ रुपये की इनवेस्टमेंट कर सकता है और यही LRS (Liberalized Remittance Scheme) की M aximum Price है।

US Stock Market में इनवेस्ट करने के कुछ फायदे है और कुछ नुकसान भी हैं-

1 > ’ Foreign Broker ’ Foreign Exchange में ब्रोकरेज चार्ज डॉलर में लेते हैं, इसलिए हम इंडियन्स के लिए ब्रोकरेज चार्ज ज्यादा हो जाता है।

2> एक्सचेंज रेट का काफी ज्यादा I mpact पड़ता है, जब भी D ollar Fluctuate होता है तो हमारी Currency की V alue भी F luctuate हो जाती है।

3> अगर आप G lobal Business Factors और E conomics Conditions नहीं जानते हैं तो आपके लिए यूएस स्टॉक मार्केट D angerous साबित हो सकता है।

यूएस स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट करके आप अपनी इनवेस्टमेंट स्किल को बढ़ा सकते हैं।

क्या आप जानते हैं कि US में लगभग 60% लोग स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट करते हैं पर इंडिया में सिर्फ 4% से 5% लोग ही Stock Market में Invest करते हैं।

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सस्ता हुआ अमेरिकी शेयर बाजार! Apple, Netflix और Tesla का स्टॉक घर बैठे खरीदें, जानिए क्या है प्रोसेस

अगर आप भी अमेरिकी बाजार में Apple, Netflix और Tesla जैसी कंपनियों का शेयर अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहते हैं, तो यह संभव है. यानी निवेशक भारत में घर बैठे अमेरिकी शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर सकते हैं.

भारतीय शेयर बाजार में प्रमुख इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स ने बीते हफ्ते नया रिकॉर्ड हाई बनाया. बाजार में आई तेजी के बाद शेयर की वैल्यू ऊंची हो गई है. इमर्जिंग मार्केट में सबसे ज्यादा ग्रोथ भारत और इंडोनेशिया के बाजारों में नजर आ रहा है. दूसरी ओर अमेरिका और चीन जैसे बड़े बाजारों की हालात तंग हैं. इसका असर वहां के शेयर बाजारों पर भी पड़ रहा. ऐसे में शेयर बाजार अपने रिकॉर्ड हाई से काफी नीचे ट्रेड कर रहे हैं. इससे दिग्गज कंपनियों के शेयर भी निचले स्तरों पर फिसल गए. चुंकि बाजार में समझदार निवेशक हर गिरावट को मौके के तौर पर देखता है. ऐसे में अगर आप भी अमेरिकी बाजार में Apple, Netflix और Tesla जैसी कंपनियों का शेयर अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहते हैं, तो यह संभव है. यानी निवेशक भारत में घर बैठे अमेरिकी शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर सकते हैं.

अमेरिकी बाजार में कैसे करें ट्रेडिंग?

अमेरिका बाजार में भारत से निवेश करने के दो तरीके है. पहला है कि निवेशक सीधे अमेरिकी कंपनियों के शेयर खरीदे. जबकि दूसरा तरीका यह है कि निवेशक म्यूचुअल फंड्स या ETF के जरिए निवेश करे. अगर भारतीय निवेशक सीधे अमेरिकी बाजार में शेयर खरीदना चाहता है तो इसके लिए कुछ जरूर बातें जान लेना चाहिए. जैसे कि निवेशकों का फॉरेन ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए. यह ट्रेडिंग अकाउंट ऐसे भारतीय ब्रोकिंग फर्म में हो जिसका टाई अप अमेरिकी ब्रोकरों के साथ हो.

फॉरेन ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खुलेगा?

इसके लिए निवेशक को ऑनलाइन अप्लीकेशन भरना होगा. इसमें ID प्रूफ समेत अन्य जरूरी डॉक्युमेंट्स जमा करना होता है. इसके साथ ही पैन और आधार की फोटो कॉपी सबमिट करना होगा. आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब आपका आवेदन मंजूर हो जाता है, तो आपके पास अपना विदेश व्यापार खाता होगा. खाता खुलने के बाद इसमें अमाउंट जमा करना होगा.

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विदेशी व्यापार खाते में कैसे जमा करें रकम?

खाते में रकम जमा करने के लिए सबसे पहले भारतीय रुपए को अमेरिकी डॉलर में कनवर्ट करना होगा. फिर इसे अपने ट्रेडिंग खाते में भेजना होगा. RBI नियमों के तहत यह केवल बैंकों जैसे अधिकृत डीलरों के जरिए ही किया जा सकता है. अकाउंट में रकम भेजने के लिए आपको अपने बैंक से संपर्क करना होगा. फिर US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके फॉर्म A2 जमा करना होगा. मंजूरी मिलने के बाद रकम खाते में ट्रांसफर हो जाएगा. इसके बाद आप अमेरिकी शेयर बाजार में अपने पसंदीदा शेयर को खरीद सकते हैं.US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके

अमेरिकी शेयर बाजार में कैसे करें निवेश, क्या ये सही समय है?

एक वित्तीय वर्ष में 2,50,000 डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपये भारतीय सीमा के बाहर निवेश कर सकते हैं.

अमेरिकी शेयर बाजार में कैसे करें निवेश, क्या ये सही समय है?

जबरदस्त रिटर्न के लिए अच्छी और मुनाफा बनाने वाली कंपनी की तलाश हर निवेशक को होती है. हो सकता है ऐसे में आपका मन US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके टेस्ला, अमेजन या नेटफ्लिक्स जैसी कंपनी पर आया हो जो भारतीय बाजार नहीं बल्कि US के बाजार में निवेश के लिए मौजूद है. आइए ऐसे में समझते हैं एक भारतीय निवेशक के लिए अमेरिकी बाजार में निवेश से जुड़े विभिन्न पहलुओं को-

अमेरिका में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज के ऐलान के बाद S&P 500 इंडेक्स अप्रैल में पहली बार 4,000 का स्तर पार कर गया.

कितना बड़ा है US स्टॉक मार्केट?

अमेरिकी शेयर बाजार दुनिया का सबसे बड़ा इक्विटी मार्केट है. US के दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और नैस्डैक में अमेजन, टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, इत्यादि विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर लिस्टेड हैं. अमेरिकी बाजार से जुड़े विभिन्न इंडेक्स जैसे S&P 500 इंडेक्स, डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज और नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्सों का इस्तेमाल निवेशकों की दृष्टि से US और विश्व की अर्थव्यस्था को समझने के लिए किया जाता है. साथ ही दुनिया के दूसरे बाजारों पर भी इनकी दिशा का बड़ा असर होता है. दूसरे देशों की कंपनियां भी विभिन्न वजहों से अपनी लिस्टिंग US बाजार में करवाती है.

निवेश के क्या हो सकते हैं US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके फायदे?

निवेशक हमेशा रिस्क को कम करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न सेक्टर और अलग अलग तरह के स्टॉक्स रखना चाहते हैं. इस दृष्टि से किसी भी बाहरी बाजार में निवेश नए विकल्पों को खोल देता है. US बाजार में कई दूसरे देशों की कंपनियों भी खुद को लिस्ट करवाती है.

बीते वर्षों में अमेरिकी बाजार में भारतीय बाजार की तुलना में कम वोलैटिलिटी देखी गई है. काफी बार रिटर्न के मामले में भी US के बाजार का प्रदर्शन भारतीय बाजार से बेहतर रहा है. रुपये के डॉलर की तुलना में कमजोर होने का भी निवेशकों को फायदा मिल सकता है.

स्टार्टअप हब होने के कारण US में अच्छी क्षमता वाली कंपनियों में शुरुआत में निवेश का मौका होता है. इसी तरह भारत या अन्य बाजारों में कई बड़ी कंपनियों की सब्सिडियरी लिस्ट होती है जबकि US बाजार में सीधे निवेश से ज्यादातर ऐसी कंपनियों में US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके आसानी से निवेश कर सकते हैं.

कैसे कर सकते हैं निवेश शुरु?

US बाजार में निवेश के दो रास्ते हैं.

पहला तरीका सीधे निवेश का है. इसमें निवेशक भारतीय बाजार की तरह ही ब्रोकर के साथ रजिस्ट्रेशन कर स्टॉक्स में खरीद बिक्री कर सकता है. आजकल भारतीय ब्रोकरेज कंपनियां भी अमेरिकी ब्रोकरेज हाउस के साथ करार कर निवेशकों को आसान निवेश की सुविधा देती हैं. निवेशक जरूरी पैन कार्ड, घर के पते को सत्यापित करने वाले ID के साथ सीधे अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी के साथ भी बाजार में व्यापार के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.

दूसरा तरीका म्यूचुअल फंड के रास्ते निवेश का हो सकता है. भारत में अनेकों म्यूचुअल फंड US बाजार आधारित फंड चलाते हैं. ऐसे फंड या तो सीधा अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयरों में निवेश करते हैं या ऐसे बाजारों से जुड़े दूसरे म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. इस प्रक्रिया में किसी अलग तरह के रजिस्ट्रेशन और बाजार के गहरी समझ की जरूरत नहीं है.

पैसों के लेनदेन की क्या है प्रक्रिया?

अमेरिकी बाजार में निवेश के लिए भारतीय करेंसी को US डॉलर में बदलना होता है. फॉरेन एक्सचेंज संबंधी गतिविधि होने के कारण यहां RBI के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के नियमों का पालन जरूरी है. नियमों के तहत एक व्यक्ति बिना विशेष अनुमति के एक वित्तीय वर्ष में 2,50,000 डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 80 लाख रूपये भारतीय सीमा के बाहर निवेश कर सकता है.

किसी भी बाजार में निवेश से बनाए पैसे पर भारत सरकार टैक्स लगाती है. नियमों के अनुसार अवधि के मुताबिक शार्ट या लांग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगाया जा सकता है. हालांकि डिविडेंड पर टैक्स US गवर्नमेंट लगाती है.

निवेश से पहले किन बातों को समझना जरूरी?

US या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश से पहले इन्वेस्टमेंट से जुड़े विभिन्न तरह US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके की फीस और चार्ज को समझना काफी जरूरी है. रुपये को डॉलर में कन्वर्ट करने की प्रक्रिया से लेकर म्यूचुअल फंड द्वारा चार्ज की जाने वाली एक्स्ट्रा फीस कमाई पर असर डाल सकती है. ब्रोकरेज कंपनियां भी स्पेशल दरों पर ब्रोकरेज चार्ज करती है. ऐसे में बेहतर है कि शार्ट टर्म के लिए और ज्यादा समझ के बिना निवेश ना करें. लंबे समय के निवेश ज्यादा रिटर्न दिला सकता है. ज्यादा रिस्क से बचने के लिए इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश बेहतर हो सकता है.

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US Stocks: अमेरिकी स्टॉक मार्केट में करना है इंवेस्टमेंट? इन तरीकों से झट से खरीद पाएंगे शेयर

Share Price: करीब एक साल से अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज Nasdaq में गिरावट देखने को मिल रही है. Nasdaq का 52 वीक हाई और ऑल टाइम हाई 16212.23 है. हालांकि एक साल की गिरावट के बाद से Nasdaq अब 11146 के स्तर पर आ चुका है.

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US Stocks: अमेरिकी स्टॉक मार्केट में करना है इंवेस्टमेंट? इन तरीकों से झट से खरीद पाएंगे शेयर

American Stock Market: शेयर बाजार में लोग निवेश कर पैसा बनाने को आतुर रहते हैं. भारत की कई ऐसी बड़ी कंपनियां है, जिनके शेयर में निवेश कर लोग पैसा बनाने की कोशिश करत US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके हैं. वहीं विदेशों में भी कई ऐसी बड़ी कंपनियां है, जिनको लोग जानते हैं और उनकी वैल्यू भी काफी ज्यादा है. ऐसी कंपनियों में भी भारतीय निवेशक निवेश करना चाहते हैं लेकिन उन्हें ये माध्यम नहीं पता है, जिनकी मदद से वो देश से बाहर की कंपनियों में भी निवेश कर सकें. यहां हम आपको बताने वाले हैं कि आप भारत में रहकर कैसे अमेरिकी स्टॉक मार्केट की कंपनियों में निवेश कर सकते हैं. आइए जानते हैं.

Nasdaq में गिरावट

करीब एक साल से अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज Nasdaq में गिरावट देखने को मिल रही है. Nasdaq का 52 वीक हाई और ऑल टाइम हाई 16212.23 है. हालांकि एक साल की गिरावट के बाद से Nasdaq अब 11146 के स्तर पर आ चुका है. ऐसे में अमेरिकी कंपनियों में निवेश का रुझान भी भारतीय लोगों में देखने को मिल रहा है. अमेरिकी कंपनियों में अगर निवेश करना है US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके तो इसके कई माध्यम है.

Direct Investments
यूएस के शेयर मार्केट में लिस्ट कंपनियों में निवेश करने का सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला तरीका एक विदेशी US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके ट्रेडिंग खाता खोलना है. ऐसा खाता सीधे किसी विदेशी ब्रोकर (जैसे कि चार्ल्स श्वाब इंटरनेशनल अकाउंट, इंटरएक्टिव ब्रोकर्स, टीडी अमेरिट्रेड, आदि) या किसी भारतीय ब्रोकर (जैसे एक्सिस सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आदि) के साथ खोला जा सकता है. इन भारतीय ब्रोकर की विदेशी ब्रोकर के साथ साझेदारी है.

Indirect Investment
वहीं एक निवेशक के पास म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के माध्यम से अमेरिकी शेयर बाजार में अप्रत्यक्ष रूप से पैसा लगाने का विकल्प होता है, जिसमें वह एक भारतीय फंड में निवेश करने का विकल्प चुन सकता है, जो विदेशी शेयरों या अंतर्राष्ट्रीय यूएस फंड में निवेश कर सकता है जो सीधे अमेरिकी बाजारों में निवेश करते हैं. ये विकल्प एक ऐसे निवेशक की सहायता करते हैं जिसके पास तकनीकी समझ और संसाधनों की कमी होती है ताकि वह अमेरिकी शेयर बाजारों में सीधे निवेश कर सके,

नए जमाने के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म
एंजेल ब्रोकिंग, जेरोधा, अपस्टॉक्स, वेस्टेड फाइनेंस, GROWW, Indmoney, Webull आदि स्टार्टअप ने अपने मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च करके ट्रेडिंग को निवेशक की उंगलियों तक पहुंचा दिया है. इन नेक्स्ट-जेनरेशन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ने निवेशकों को कम US स्टॉक मार्केट में निवेश करने के तरीके प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं के साथ अमेरिकी शेयरों में निवेश करने में सक्षम बनाया है. इनमें से कुछ केवल विदेशी शेयरों वाले भारतीय ईटीएफ तक पहुंच की अनुमति देते हैं और कुछ प्लेटफॉर्म निवेशकों को आंशिक शेयरों में निवेश करने की सुविधा भी प्रदान करते हैं. हालांकि, एक निवेशक को इन प्लेटफार्मों द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए.

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