हर बिजनेस को कानूनी तरह से चलाना जरूरी है. अपने बिजनेस निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं में सभी कानूनी चीजों का पालन करें और अपना बिजनेस रजिस्टर करें. इससे ग्राहकों का आप पर भरोसा बढ़ेगा साथ ही आप भी बिजनेस आराम से बिना किसी समस्या के चला पाएंगे. यह बिजनेस खाद्य से जुड़ा बिजनेस है, इसके लिए फूड ऑपरेटर लाइसेंस प्राप्त करें. इसे भारत खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा जारी किया जाता है.
Indian Startup: चीन-अमेरिका से ज्यादा भारत पर भरोसा, इन 5 वजहों से विदेशी दांव लगाने को तैयार
हाल ही में मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) कई बार दोहरा चुका है कि भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) का अगले 10 साल में दुनियाभर में परचम लहराएगा. इस तेजी में भारत के घरेलू निवेश (Invest) का तो दमदार प्रदर्शन रहेगा ही, साथ ही में विदेशी निवेशक (Investor) भी भारत के आर्थिक महाशक्ति बनने की कहानी का हिस्सा बनेंगे. तरक्की की इस तेज रफ्तार में स्टार्टअप्स (Startup) का भी खास रोल होगा. इसकी वजह भी बेहद सीधी और साफ है कि विदेशी निवेशकों को चीन के स्टार्टअप्स पर भरोसा नहीं है.
वहीं अमेरिकी स्टार्टअप्स (Americi Startup) विश्वसनीय तो हैं लेकिन वो अपनी वैल्यूएशन के मुकाबले बहुत ज्यादा कीमत पर निवेश की डिमांड करते हैं. ऐसे में भारत के स्टार्टअप भरोसे और कीमत दोनों लिहाज से निवेशकों के लिए निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं फायदेमंद साबित हो रहे हैं.
₹1 लाख से कम पूंजी में शुरू होने वाले स्टार्टअप | home business ideas with low startup costs
कांच के बोतलों का इंतज़ाम करना है। एक बोतल की कैपेसिटी 300 ML की होती है। एक साथ 1000 बोतल का आर्डर देने पर आपको एक बोतल की कीमत 8 रुपये की आएगी। खर्चा : 8000 रुपये।
फूड प्रोडक्शन एट होम की बिक्री कैसे होगी
अब आपको अपने इस ब्रांड को लिस्ट करवाना है जोमाटो, स्विग्गी, उबर निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं इट्स, फूडपांडा जैसे फ़ूड डिलीवरी कंपनियों के एप्प पर।
प्लेन मिल्कशेक, कोल्ड कॉफ़ी, चॉकलेट मिल्कशेक, मैंगो मिल्कशेक, स्ट्रॉबेरी मिल्कशेक इत्यादि। अगर हर एक मिल्कशेक का थिक वर्शन बना सकें तो और भी ज्यादा बेहतर।
शुरुआत में प्रोडक्ट की प्राइस कैसे तय करें
हर प्रकार के मिल्कशेक के लिए सामग्री - कॉफ़ी, मैंगो स्क्वाश, स्ट्रॉबेरी स्क्वाश, चॉकलेट पाउडर इत्यादि : 5 रुपये।
कुछ नामी ब्रांड हैं जो 200 रुपये, 250 रुपये, 400 रुपये के मिल्कशेक बेच रही हैं। एक मिल्कशेक के लिए 400 रुपये।
आप अच्छी से अच्छी मिल्कशेक 100 रुपये के अंदर दे रहे हैं। जब ब्रांड का थोड़ा नाम हो जाये, तब आप भी एक्सोटिक मिल्कशेक दे सकते हैं लेकिन कीमत 150 के अंदर ही रखियेगा।
कमाई: क्यूंकि व्यापार घर से ही हो रहा है तो रेंट देने का टेंशन नहीं। एक मिल्कशेक निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं भी बिक जाए तो 40 रुपये का मुनाफा आपकी जेब में।
सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक, 15 घंटों में अगर 15 मिल्कशेक भी बिक जाएँ (शुरुवात में इस से ज्यादा की उम्मीद करना ठीक नहीं) तो मुनाफा हो गया : 40*15 = 600 रुपये।
है ना कितना आसान। मात्र ₹17000 की पूंजी में आप ₹18000 महीना कमा सकते हैं। किस्मत अच्छी विदेश से निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं भी ज्यादा। और जैसे-जैसे आप लोकप्रिय होते जाएंगे आपकी कमाई बढ़ती जाएगी। इंक्रीमेंट के लिए आपको फाइनेंसियल ईयर खत्म होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सवाल यह है कि क्या केवल ₹17000 की पूंजी में ₹18000 महीने सही में कमाए जा सकते हैं। तो यहां आप को समझना चाहिए कि पूंजी मात्र ₹17000 नहीं है बल्कि आपकी क्षमता और योग्यता का उपयोग किया जा रहा है। कोई भी व्यापारी ऐसा ही करता है। आपकी क्षमता और योग्यता से ₹18000 महीने कमाता है और आपको ₹8000 थमा देता है।
Catering Business: कम निवेश में ऐसे शुरू करें कैटरिंग बिजनेस, इन टिप्स को करें फॉलो
भारत में कैटरिंग का बिजनेस एक प्रॉफिटेबल बिजनेस है. अगर आपको तरह-तरह के खाने के बारे में खास नॉलेज है और आप लजीज खाना बना निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं सकते हैं, तो आपके लिए कैटरिंग का बिजनेस शुरू करना एक अच्छा आइडिया साबित होगा. कैटरिंग बिजनेस के तहत विभिन्न स्थानों और आयोजनों जैसे- ऑफिस, हॉस्पिटल, होटल, शादी, जन्मदिन, सालगिरह आदि में फूड सर्विस प्रदान की जाती है. गृहणियां जो लाजवाब खाना बनाती हैं, वो भी इस बिजनेस को शुरू कर सकती हैं. यह बिजनेस खूब चलता है और इसमें कमाई भी खूब है. आप इस बिजनेस को कई तरह से शुरू कर सकते हैं.
आप इस बिजनेस को अपनी सुविधा के हिसाब से छोटे और बड़े स्तर पर शुरू कर सकते हैं. छोटे स्तर पर बिजनेस शुरू कर आप जन्मदिन, सगाई जैसे छोटे आयोजनों के ऑर्डर ले सकते हैं. बड़े स्तर पर बिजनेस शुरू कर आप शादी जैसे बड़े आयोजनों के ऑर्डर ले सकते हैं. यह पूरी तरह से आप पर निर्भर है. आप चाहें तो छोटे से शुरुआत कर फायदा होने पर ग्राहकों के दायरे को बढ़ा सकते हैं. यहां हम आपको इस बिजनेस से जुड़े कुछ स्टेप्स बता रहे हैं.
सिर्फ Paytm ही नहीं, इन शेयरों ने भी बर्बाद कर दिया निवेशकों को
निवेशकों का पैसा डुबाने के मामले में Paytm शेयर मार्केट पर लिस्ट होने के बाद से ही काफी खबरों में है. आईपीओ (IPO) में तय किए गए इश्यू प्राइस 2150 रु. वाले शेयर की वैल्यू अब महज 636 रु है. मतलब निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं अकेले Paytm के शेयर ने निवेशकों के 70% संपत्ति को डूबा दिया.
बता दें Paytm की पेरेंट कंपनी One97 कम्युनिकेशन्स नवंबर 2021 में मार्केट में अपने आईपीओ के साथ आई थी. कंपनी मार्केट से 18,300 करोड़ रूपये जुटाने में सफल रही थी. यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था. कंपनी ने तो मार्केट से इतनी बड़ी रकम जुटा ली, लेकिन फंस गए तो आम निवेशक.
निवेशकों का पैसा डुबाने के मामले में Paytm अकेला नहीं
हालांकि निवेशकों के पैसे डुबाने के मामले में Paytm अकेला नहीं है. पिछले साल आईपीओ रस में ढेरों कंपनियों ने मार्केट में डेब्यू किया. हालांकि हाल के दौर में हुए मार्केट करेक्शन के दौरान नए जमाने और मार्केट पर लिस्ट हुए नए शेयरों की सबसे बुरी पिटाई हुई.
बीएसई के आईपीओ इंडेक्स के 60 शेयरों में से 18 शेयरों में लिस्टिंग के बाद से 40 से 65 फीसदी की गिरावट आई है. Ace equity के आंकड़ों से पता चलता है कि IPO इंडेक्स के करीब आधे शेयरों ने निवेशकों की एक तिहाई संपत्ति का सफाया कर दिया.
Paytm शेयर की कीमत धड़ाम, समझिए कैसे राजा से रंक बन गए निवेशक?
Cartrade का शेयर इश्यू प्राइस से 65% नीचे
सेकंड हैंड गाड़ियों की खरीद-बिक्री के लिए मार्केटप्लेस Cartrade के शेयर अगस्त 2021 में लिस्ट हुए थे. 1618 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले कारट्रेड के शेयर 1600 रु पर लिस्ट हुए थे. 16 मार्च 2022 में इसी शेयर का प्राइस अब केवल 565 रु है. मतलब निवेशकों को 65% का नुकसान.
एक साल पहले लिस्ट हुए सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक के शेयर ने भी निवेशकों के 60% पैसे का सफाया कर दिया. बुधवार को बीएसई पर शेयर 0.27% की मामूली उछाल के साथ 113 रु पर बंद हुआ.
Goodfellows: बुजुर्गों का अकेलापन कम करने के लिए अनजान युवाओं का सहारा, दोनों के लिए विन-विन सिचुएशन
रतन टाटा ने गुड फेलोज नाम के स्टार्टअप में निवेश किया है जो इंटर जेनरेशनल फ्रेंडशिप को बढ़ावा देता है. यह सीनियर सिटीजन को युवाओं से कनेक्ट कर दोस्ती कराने में मदद करता है. करीब 128 अरब डॉलर के टाटा ग्रुप के मुखिया रतन टाटा ने इस मौके पर कहा कि आप नहीं समझ सकते कि अकेले रहने का दर्द क्या होता है.
भारत की आबादी में इस समय युवाओं की बड़ी संख्या है लेकिन भारत धीरे-धीरे एक बूढ़ा देश होने की तरफ बढ़ रहा है. एक अनुमान के मुताबिक 20-25 साल के बाद भारत की आबादी में वृद्धों की संख्या ज्यादा होगी जबकि युवाओं की संख्या कम हो जाएगी. देश में इस समय भी बहुत से सीनियर सिटीजन ऐसे हैं जो कई तरह की वजह से अकेले रहते हैं. उनके लिए अकेले जीवन यापन करना एक सजा की तरह है.
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