कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा
यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।
निवेश के लिए कैसे करें सही शेयर का चुनाव, ताकि कम जोखिम में मिल सके बेहतर रिटर्न
शेयर मार्केट में सही निवेश की शेयर बाज़ार क्या है और इसमें निवेश कैसे करे पहली सीढ़ी है ऐसे शेयर्स का चुनाव जो लंबे समय के दौरान अच्छा मुनाफा देने की संभावना रखते हों.
शेयर मार्केट में निवेश करते समय कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
How To Invest For Better Returns: शेयर मार्केट में सही निवेश की पहली सीढ़ी है ऐसे शेयर्स का चुनाव जो लंबे समय के दौरान अच्छा मुनाफा देने की संभावना रखते हैं हों. ऐसे शेयरों की पहचान यूं ही सिर्फ सुनी-सुनाई बातों या यहां-वहां से मिलने वाले टिप्स के आधार पर करना ठीक नहीं होता. अगर आप चाहते हैं कि कम से कम जोखिम में आप शेयर बाज़ार क्या है और इसमें निवेश कैसे करे बाजार से बेहतर रिटर्न हासिल करें, तो आपको कुछ खास फिल्टर्स या कसौटियों पर नजर रखनी होगी. आइए जानते हैं, क्या हैं वो महत्वपूर्ण कसौटियां जिन पर ध्यान देकर आप सही शेयर का चुनाव कर सकते हैं.
बेहतर रिटर्न के लिए शेयर का चुनाव करते समय आपको उन शेयरों पर ध्यान देना चाहिए, जिनमें ये चार खूबियां मौजूद हों.
1. अच्छी क्वॉलिटी के शेयर जिनकी कीमत शेयर बाज़ार क्या है और इसमें निवेश कैसे करे अभी कम है
अच्छी क्वॉलिटी वाले शेयर की पहली कसौटी है निवेश की सुरक्षा. यानी ऐसी कंपनी जिसकी वित्तीय स्थिति और हाल के वर्षों का परफॉर्मेंस अच्छा हो. निवेश की सुरक्षा के लिहाज से कम से कम 500 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी पर ध्यान देना एक अच्छी रणनीति साबित हो सकती है. इसके अलावा शेयर का PEG यानी Price-earnings to Growth रेशियो एक से कम होना चाहिए. इससे कंपनी के शेयर की सही वैल्यूएशन का पता चलता है.
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2. अच्छा डिविडेंड देने वाले शेयर
निवेश के लिए बेहतर शेयर के चुनाव शेयर बाज़ार क्या है और इसमें निवेश कैसे करे की एक और कसौटी अच्छा डिविडेंड भी हो सकता है. डिविडेंड यानी लाभांश का अर्थ है वो मुनाफे का वो हिस्सा जो कंपनी अपने शेयरधारकों में बांटती है. लगातार डिविडेंड से न सिर्फ शेयर बाज़ार क्या है और इसमें निवेश कैसे करे शेयरधारक को सीधे-सीधे निवेश पर रिटर्न मिलता है, बल्कि इससे कंपनी की अच्छी वित्तीय सेहत का भी पता चलता है. निवेश से पहले कंपनी के पिछले 5 साल का डिविडेंड देने का रिकॉर्ड देखना चाहिए. साथ ही कंपनी का डिविडेंड-पे-आउट रेशियो 40 फीसदी से कम हो तो बेहतर. क्योंकि इससे पता चलता है कि कंपनी अपने लाभ का एक हिस्सा बांटने के बाद बाकी रकम बिजनेस के विस्तार में भी लगाती है.
3. ऐसे शेयर जो बुक वैल्यू के मुकाबले अच्छे डिस्काउंट पर मिल रहे हों
अगर कोई शेयर ऊपर की दोनों कसौटियों पर खरा उतर रहा हो तो तीसरी बात शेयर बाज़ार क्या है और इसमें निवेश कैसे करे उसके ‘डिस्काउंट-टू-बुक वैल्यू’ पर नजर डालनी चाहिए. अगर कंपनी बाकी हर लिहाज से मजबूत और बेहतर भविष्य वाली नजर आ रही है, फिर भी उसके शेयर अपनी बुक वैल्यू के मुकाबले कम कीमत पर मिल रहे हैं, तो उसमें आगे चलकर अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं. ऐसे शेयर में यह भी जरूर देखना चाहिए कि उसका डेट-इक्विटी रेशियो 1.5 से कम हो और हाल के वर्षों में रिटर्न ऑन नेट वर्थ 10 फीसदी से अधिक रहा हो.
4. ग्रोथ की अच्छी संभावना और वाजिब कीमत वाले शेयर
बेहतरीन शेयर के चुनाव के लिए यह भी एक अहम कसौटी हो सकती है. सवाल यह है कि ग्रोथ की अच्छी संभावना और वाजिब कीमत का अंदाजा कैसे लगाएं. फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयर का P/E यानी प्राइस-टू-अर्निंग्स रेशियो अगर 15 से कम है, तो आमतौर पर कीमत को वाजिब मान सकते हैं. पिछले 5 साल में कंपनी की अर्निंग्स ग्रोथ कम से कम 20 फीसदी होनी चाहिए. YoY आधार पर पिछली तिमाही की अर्निंग्स ग्रोथ और पिछले 12 महीनों की ट्रेलिंग अर्निंग्स ग्रोथ भी कम से कम इतनी ही यानी 20 फीसदी होनी चाहिए.
इन तमाम कसौटियों पर खरा उतरने वाला शेयर आने वाले दिनों में कम जोखिम में अच्छा रिटर्न देने वाला साबित हो सकता है. हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि यहां कही गई बातें इनवेस्टमेंट टिप्स नहीं हैं. ये कसौटियां बेहतर निवेश के लिए अपनाई जाने वाली कुछ बुनियादी बातों में शामिल हैं. इनके अलावा शेयर से जुड़ी खबरों, संबंधित इंडस्ट्री की दशा-दिशा और पूरी इकॉनमी को प्रभावित करने वाले राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय हालात जैसी बातों पर नजर रखना भी जरूरी है.
क्यों शेयर बाजार से डीलिस्ट होती है कंपनियां, क्या होता है निवेशकों पर इसका असर?
कंपनी के स्टॉक को शेयर बाजार बाहर करने की प्रक्रिया डीलिस्टिंग कहलाती है. .कंपनियां अपनी इच्छा से या फिर SEBI के निर्देश पर अपने स्टॉक को बाजार से डीलिस्ट कराती है.
साल 2021 को शेयर बाजार (Stock Market) के इतिहास में आईपीओ (IPO) के साल के रूप में जाना जाता है. करीब 65 कंपनियों ने अपने शेयरों को बाजार में उतारकर कुल 1.29 लाख करोड़ रुपये जुटा लिए. आईपीओ के इस मेले ने शेयर बाजार में नए निवेशकों की कतार लगा दी. कई आईपीओ में जबरदस्त पैसा कूटने से नए निवेशक काफी उत्साहित हैं. साहिल भी ऐसे ही एक निवेशक हैं उन्होंने एक आईपीओ में पैसा लगाया था और उसमें उन्होंने खूब मुनाफा कमाया. लेकिन हाल में आई एक खबर से वे चकित रह गए. उन्होंने एक कंपनी में कई साल पहले पैसा लगाया था, जो अब शेयर बाजार से डीलिस्ट (delisting of share) हो रही है. यह क्या नई चीज आ गई यार… वे परेशान हो गए.
अब मुझे क्या करना होगा? इन सब सवालों पर मंथन करते हुए वे पहुंच गए शेयर बाजार के जानकार दोस्त अतुल के पास. अतुल ने कहा…. घबराओ नहीं, पहले कॉफी पीओ… मैं तुम्हें सब बताता हूं… जिस तरह से एक्सचेंजों पर कंपनियां लिस्ट होती हैं, उसी तरह से उन्हें डीलिस्ट भी किया जाता है. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर को स्टॉक एक्सचेंजों से हटाया यानी डीलिस्ट किया जाता है.
क्यों होती हैं कंपनियां डीलिस्ट
वैसे तो यह बहुत गंभीर और अनिष्टकारी जैसा लगता है, लेकिन सच तो यह है कि डीलिस्टिंग हमेशा बुरी चीज नहीं होती. असल में यह अक्सर कंपनी के अनुरोध पर स्वैच्छिक रूप से होता है. दूसरी तरफ, जब कोई कंपनी बाजार नियामक SEBI द्वारा जबरन डीलिस्ट की जाती है, तो इसे कम्पल्सरी या अनिवार्य डीलिस्टिंग कहते हैं.
यार पूरा मामला समझ में नहीं आ रहा…थोड़ा विस्तार से समझाओ… साहिल ने कहा… अतुल ने कहा… डोन्ट वरी… मैं बताता हूं. जब कोई कंपनी स्वैच्छिक रूप से डीलिस्टिंग का ऐलान करती है तो वह रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के द्वारा आम निवेशकों के पास मौजूद शेयरों को बायबैक करती है. इस प्रक्रिया के द्वारा आम शेयरधारकों को यह आजादी दी जाती है कि वे बायबैक के लिए उचित कीमत तय करें. जिस कीमत पर ज्यादा संख्या में बिड हासिल होता है, उसे बायबैक के लिए कट ऑफ कीमत मान लिया जाता है.
एक बार जब कट ऑफ कीमत तय हो जाती है, तो कंपनी के सामने दो ही विकल्प होते हैं, या तो इसे स्वीकार करे या काउंटर ऑफर करे. अगर कंपनी कट-ऑफ कीमत चुन लेती है, तो बायबैक हो जाता है. कंपनी की डीलिस्टिंग को तभी सफल माना जाता है, जब आम निवेशकों के शेयरों की खरीद के बाद प्रमोटर्स के शेयरों का हिस्सा कंपनी के कुल शेयर कैपिटल का 90% हो जाता है.
उदाहरण से समझें
उदाहरण के लिए साल 2012 में निरमा लिमिटेड ने स्वैच्छिक रूप से डीलिस्टंग की थी. कंपनी ने माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की 18 फीसदी हिस्सेदारी 260 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बायबैक कर लिया था. कंपनी ने नए वैल्युएशन हासिल करने और FMCG, फार्मा, केमिकल्स, सीमेंट, पोर्ट्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और पावर जैसे अपने तमाम वर्टिकल की नए सिरे से लिस्टिंग के लिए यह डीलिस्टिंग की थी. बाद में कंपनी ने अपनी सीमेंट इकाई Nuvuco Vistas को एक्सचेंजों पर लिस्ट कराया.
अनिवार्य डीलिस्टिंग के मामले में भी कंपनी के प्रमोटर्स को पब्लिक के सभी शेयरों की बायबैक करनी होती है. हालांकि, इसमें किस कीमत पर शेयरों का बायबैक होगा, यह रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रॉसेस से नहीं बल्कि किसी स्वतंत्र मूल्यांकन एजेंसी के द्वारा तय किया जाता है. Lanco Infratech और Moser Baer India ऐसे अनिवार्य डीलिस्टिंग के कुछ उदाहरण हैं.
ओ हो… अब साहिल की समझ में पूरा मामला आता दिख रहा था.
मनी9 की सलाह
मनी9 की सलाह यह है कि अगर कोई कंपनी अनिवार्य रूप से डीलिस्ट होती है तो प्रमोटर्स को अपने शेयर बेचकर आपके लिए इसमें निवेश खत्म करना समझदारी भरा कदम होगा. किसी कंपनी के डीलिस्ट होने पर रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रॉसेस क्या होता है, इसे समझने के लिए देखिए फार्मूला गुरु.
शेयर मार्केट क्या है,कैसे सीखे जानिए हिंदी में- What is Share Market
दोस्तों क्या आप शेयर मार्केट के बारे में सभी जानकारी विस्तार पूर्वक जानना चाहते हैं Share Market क्या है | तो आप बिल्कुल सही पेज पर आए हैं| इसमें आपको Stock Market के बारे में सभी जानकारी हिंदी में सीखने को मिलेगी| इस पोस्ट में आपको शेयर बाजार से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे| जैसे शेयर मार्केट क्या है| शेयर मार्केट में निवेश कैसे करें| Investment के लिए खोले जाने वाले Account कौन से हैं| शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाए| Share market को समझने के लिए Best Book कौन सी हैं| तथा Share market को पढ़ने के लिए Best Institute और Course कौन से हैं| यह सभी जानकारी आपको इस पोस्ट में जानने को मिलेगी|
Share Market Kya Hai
Table of Contents
Share Market क्या है – Share Market वह Market होती है| जहां पर अलग-अलग Company के Share खरीदने और बेचने का काम किया जाता है| शेयर मार्केट भी अन्य मार्केट की तरह सामान्य ही होती है| शेयर बाजार एक ऐसी जगह है| जहां पर बहुत सारी Company Listed होती हैं| और यह कंपनीया अपने कुछ शेयर आम जनता को प्रदान करने का मौका देती है| इन के शेयर के दाम भी अलग-अलग होते हैं| बहुत लोग ऐसे होते हैं| जो Company से Share को खरीदते हैं| तथा उनका दाम बढ़ जाने पर उन्हें बेच देते हैं| और इस प्रकार से पैसा कमाते हैं| आपको बता दें कि Company के Share के दाम Fix नहीं होते हैं| कम या ज्यादा होते रहते हैं|
बहुत से लोग कंपनियों से शेयर खरीदते ही इसलिए हैं| ताकि उनको आने वाले समय में अधिक Return मिल सके|और उनको भारी फायदा हो| Share Market का काम आप Offline के साथ Online भी कर सकते हैं|
शेयर बाजार के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी
Share Market एक ऐसी Market है| जहां पर Company अपने शेयर को मार्केट में आम जनता की खरीद के लिए जारी करती हैं| और इसी के जरिए कंपनियां अपने बिजनेस में हिस्सेदारी खरीदने का मौका जनता को देती है| जो लोग शेयर खरीदना चाहते हैं| वह लोग कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं| शेयर खरीदने से पहले आपको मार्केट के और यहां के काम करने के तरीके का ज्ञान होना जरूरी होता है| जो लोग Share खरीदना चाहते हैं| उनको काम करने के तरीके के साथ- साथ इसमें कैसे और कब Invest किया जाए| इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए| आपको यह भी पता होना चाहिए कि किस प्रकार से पैसे लगाना आपको मुनाफा दिलवा सकता है| आपकी सभी बातों की जानकारी होना इसलिए जरूरी होता है| कि आपको मुनाफा ना हो तो आप को किसी प्रकार का नुकसान भी ना हो सके|
Referral Code Kya Hota Hai |
Bijli Meter Change Application |
शेयर बाजार में कई बार जोखिम भी उठाने पड़ जाते हैं| इसलिए इस पर निवेश तभी करें जब आप की आर्थिक स्थिति ठीक चल रही हो| जिससे यदि आपको कोई जोखिम उठाना भी पड़े तो आप पर कोई खास फर्क ना हो| ऐसा जरूरी नहीं है कि आपको Share Market में नुकसान ही उठाना पड़े| यदि आपको सभी जानकारी होगी और आप सोच समझकर इस पर निवेश करेंगे| तो आपको बहुत अधिक लाभ होगा|
यदि किसी भी Stock की कीमत में किसी भी तरह का उतार-चढ़ाव होता है| तो वह उतार चढ़ाव उस कंपनी की स्थिति पर निर्भर करता है| और अगर हम स्टॉक मार्केट की बात करें तो यह एक ऐसी मार्केट होती है| इसमें बहुत ही कम समय में पैसे कमाए जा सकते हैं| लेकिन अगर इसमें मुनाफा ना हुआ| तो इसमें आपके पैसे डूबने की संभावना रहती है| मुनाफा होना और ना होना उस Company के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है| जिससे आपने Share खरीदा है|
शेयर मार्केट में निवेश कैसे करें
यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं| तो आप यह निवेश ऑफलाइन तथा ऑनलाइन दोनों प्रकार से कर सकते हैं| Invest चाहे आप किसी भी प्रकार से करें| लेकिन इसमें आपको एक Stock Broker की आवश्यकता होती है| क्योंकि Share Market में Invest करने के लिए आप Direct प्रवेश नहीं कर सकते| इसीलिए आपको Stock Broker की आवश्यकता होती है| क्योंकि Invester ही आपको शेयर मार्केट तक पहुंचने में आपकी मदद करता है| Share Market में आपको बहुत से Broker मिल जाते हैं| जैसे- Zerodha, Sharekhan, Angel Broking, ICICI Direct आदि| इस प्रकार के ब्रोकर से संबंध उत्पन्न करके आप Account खोलने के काम को पूरा करें| जिससे आप उसमें Invest करेंगे|
Investment के लिए खोलें जाने वाले Account
इन्वेस्टमेंट के लिए खोले जाने वाले खाते दो प्रकार के होते हैं|
Demat Account एक Bank Account की तरह ही होता है| इस Account में आप Share Certificate और अन्य Security को Electronic Form में रख सकते हैं| Deamt Account का मतलब Demat Realization Account होता है| इसमें आप Share Bond Government Securities Mutual Fund Insurance ETFO जैसे Investment को रखने की प्रक्रिया आसानी से कर सकते हैं|
Trading Account एक प्रकार का Interface होता है| जो शेयरों की खरीद और बिक्री की अनुमति देता है| यह Invester के Bank और Demat Account के बीच का एक Interface के रूप में कार्य करता है| Trading Account का मतलब होता है| किसी भी वस्तु या सेवा को कम दामों में खरीदना तथा उस वस्तु या सेवा के दाम बढ़ जाने पर उसे बेच कर लाभ कमाना|
शेयर बाजार से कैसे कमाया जा सकता है पैसा?
निवेश करना सरल है, मगर इसे खेल नहीं समझना चाहिए. बाजार में सफल होने का कोई फॉर्मूला या शॉर्ट-कट नहीं है.
निवेश करना सरल है, मगर इसे खेल नहीं समझना चाहिए. इसके लिए बाजार की समझ तो जरूरी है ही. बाजार में सफल होने का कोई फॉर्मूला या शॉर्ट-कट नहीं है. मगर कुछ बातों पर अमल कर मुनाफा बढ़ाया जा सकता है. आइए जानते हैं क्या हैं ये बातें.
अपना होमवर्क पूरा करें
दिग्गज वैश्विक फंड प्रबंधक पीटर लिंच का कहना है, "यदि आप किसी कंपनी के बारे में अध्ययन नहीं करते हैं, तो अच्छे शेयर का चयन करना जुआ ही है. आप पत्ते देखे बिना ही अपनी चाल चल रहे हैं." लिंच ने कहा कि निवेश सिर्फ वहीं करें, जिसके बारे में आपको पता हो.
ऑनलाइन फाइनेंस पोर्टल 5नेंस के संस्थापक और सीईओ दिनेश रोहिरा का मानना है कि बाजार से कमाई करने का कोई शॉर्ट-कट नहीं है. उन्होंने कहा, "धीरज के साथ गहन मंथन करना अनिवार्य है. अच्छे बिजनेस में निवेश करना चाहिए."
बिजनेस में करें निवेश
निवेशकों को शेयर की कीमत में नहीं, बल्कि कंपनी के बिजनेस में निवेश करना चाहिए. आईआईएफएल सिक्योरिटीज के अभिमन्यु सोफट ने कहा, "किसी भी बिजनेस को समझना कंपनी की समझ को बेहतर करता है. इससे निवेश निर्णय लेना सरल हो जाता है."
उदाहरण के लिए वॉरेन बफे के निवेश का प्राथमिक दर्शन यही है कि वे उन्हीं कंपनियों में निवेश करते हैं, जिनके बिजनेस के बारे में समझ रखते हैं. उन्होंने 1988 में कोका कोला में $1 बिलियन का निवेश किया था. कंपनी ने 30 सालों तक 10 फीसदी की दर से रिटर्न दिया.
भेड़चाल से रहें दूर
किसी परिचित, परिजन या दोस्त की बातों में आकर बेकार कंपनियों में निवेश करना पैसे में आग लगाने जैसा है. लोग निवेश कर रहे हैं, इसलिए आप भी निवेश करेंगे- इस सोच से बचना चाहिए. लोगों ने दूसरों की देखादेखी कई कंपनियों में निवेश किया और उन्हें मुंह की खानी पड़ी.
उदाहरण के लिए रिलायंस पावर के आईपीओ को 14.4 गुना तक सब्सक्राइब किया गया था. कंपनी को रिटेले निवेशकों से 19.5 लाख आवेद मिले थे. आईपीओ का इश्यू प्राइस 450 रुपये था. इस शेयर की मौजूदा कीमत महज 30 रुपये ही है. ऐसे कई उदाहरण बाजार में मौजूद हैं.
अनुशासन का रखें ध्यान
निवेश में संयम और अनुशासन की खास जगह है. शेयर बाजार हमेशा ही अस्थिर होते हैं. निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता का आभास होना चाहिए. गैर-जरूरी जोखिम से बचना चाहिए. टॉरस एमएफ के सीईओ वकार नकवी ने कहा कि धीरज और संयम निवेशकों को दीर्घावधि की बेहतर तस्वीर देते हैं.
विस्तृत हो पोर्टफोलियो
अपने पोर्टफोलियो में तमाम प्रकार के एसेट क्लास को जगह दें. इस तरह कम जोखिम में बेहतर कमाई की जा सकती है. विविधता की परिभाषा हर निवेशक के लिए अलग हो सकती है. हालांकि, इससे बाजार की स्थिति से निपटना सरल हो जाता है. निवेश एसेट क्लास की प्राथमिकता को सावधानी से चुनें.
वास्तविकता में जीना बेहतर
कई निवेशक रातोंरात पैसा बनाने की ख्वाहिश रखते हैं. हालांकि, बाजार धीरे-धीरे रिटर्न देता है. कमाई करना सरल नहीं है. टॉरस एमएफ के नकवी ने कहा, "कोई भी एसेट लंबे समय तक आश्चर्यजनक रिटर्न नहीं दे सकता. अत्यधिक उम्मीदें रखना गलत है."
शेयर बाजार में घुसने और निकलने का भी समय होता है. यह अवसर बाजार की स्थिति के अनुसार बार-बार आते हैं. इसलिए जरूरी है कि अपने हाथ शेयर बाज़ार क्या है और इसमें निवेश कैसे करे शेयर बाज़ार क्या है और इसमें निवेश कैसे करे में कुछ पैसा रखें. यदि बाजार अपने आधार को मजबूत कर रहा हो, तो उस गिरावट से नहीं घबराना चाहिए.
अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश
निवेशकों को सिर्फ अतिरिक्त फंड का ही निवेश करना चाहिए. वे उस पैसे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जो उन्हें छोटी अवघि में नहीं चाहिए. अस्थिरता के कारण छोटी अवधि में वैल्यू घट सकती है. बाजार चक्र में चलता है.
वैश्विक बाजार गुरु सर जॉन टेम्पलटन कहते हैं कि बाजार में सबसे खतरनाक वाक्य है: "इस बार यह अलग है." निवेश के लिए सही सोच और मानसिकता की जरूरत होती है.
लगातार रखें नजर
सिर्फ निवेश कर देना ही पर्याप्त नहीं. नियामक और बाजार की खबरों पर भी नजर रखना चाहिए. इसका असर शेयरों की कीमतों पर पड़ता है. उदाहरण के लिए कमर्शियल वाहनों के लिए एक्सल लोड लिमिट बढ़ने से अशोक लेलैंड के शेयर टूट गए. अच्छी कमाई शेयरों में उछाल ला सकती है.
कैसे होगी कमाई?
बातें सुन कर निवेश करने की प्रबल इच्छा जागृत हो सकती है, मगर बाजार की गति कई बार समझ के परे होती है. इसलिए सही रणनीति का चयन जरूरी है. कई बार अच्छी रणनीति भी फेल हो जाती है. मौजूदा समय में सेंसेक्स रिकॉर्ड स्तर पर है, शेयर बाज़ार क्या है और इसमें निवेश कैसे करे मगर अधिकांश शेयरों की कीमत इस साल घटी है.
ऐसी स्थितियां निवेशकों को असमंजस में डाल देती हैं, जहां वे कुछ नहीं समझ पाते. निवेश लंबी अवधि के लिए किया जाए तो बेहतर है. बाजार में एक पैसा बचाना भी आपकी कमाई है. यदि आपको किसी बिजनेस पर भरोसा नहीं, तो उसमें निवेश नहीं करें.
इसे बभी पढ़ें: HDFC AMC का आईपीओ खुला, क्या है विश्लेषकों की राय?
पिछले 15 साल में बीएसई सेंसेक्स 16 फीसदी की दर से बढ़ा है, जबकि इस दौरान सिम्फनी, बोरोसिल ग्लास वर्क्स, मयूर युनिकोटर्स, टीटीके प्रेस्टीज और बजाज फाइनेंस ने 50 फीसदी की दर से रिटर्न दिया है. बाजार से निकलने का समय भी अहम है.
मोजर बेयर इंडिया के शेयर की कीमत जुलाई 2018 में 2 रुपये पर आ गई. जुलाई 2003 में इस शेयर की कीमत 110 रुपये से ऊपर थी. इस दौरान एमटीएनएल के शेयरों ने भी 105 रुपये से 15 रुपय तक का गोता लगाया है. शेयरों का चुनाव करने के लिए पेशेवर सलाहकारों की मदद भी ली जा सकती है.
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