वैसे देखा जाए तो Bank के रिटर्न 6 से 8% के ऊपर नहीं होते, मुचल फंड की बात करें तो ज्यादातर यह बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा ही होता है.
क्या है SIP के जरिए Mutual Fund में निवेश का सही तरीका? कैसे बनें स्मार्ट इन्वेस्टर
Mutual Fund में SIP या दूसरे तरीकों से निवेश का मतलब यही है कि बुरे वक्त में निवेश जारी रखा जा सके। स्मार्ट इन्वेस्टर इस बात का अनुमान नहीं लगाते कि मार्केट किस दिशा में जा रहे हैं। वो निवेश का सही जरिया तलाश लेते हैं।
धीरेंद्र कुमार, नई दिल्ली। कंपनी की बुनियादी बातों पर ध्यान देने वाले उनके लाभ, वृद्धि, मूल्यांकन जैसी बातों को अच्छी तरह से जानते हैं। यह सब जानना-समझना ही कई साल के निवेश में सही नतीजे देता है। यह बातें किसी एक दिन का नंबर तय नहीं करतीं। स्क्रीन क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए पर नजर आने वाले नंबर मौजूदा दामों पर होने वाली सप्लाई और डिमांड के आधार पर तय होते हैं।
डिमांड ज्यादा होने पर दाम तब तक ऊपर जाते हैं जब तक दोनों एक ही स्तर पर नहीं आ जाते। यही माइक्रो-इकोनमिक्स की सबसे बुनियादी बात है। शेयर मार्केट एक शानदार प्रयोगशाला है जिसमें इसी का अध्ययन होता है।
शेयर मार्केट में बदलाव अचानक क्यों होते हैं
असल अर्थव्यवस्था में सप्लाई-डिमांड और धन की सप्लाई में मायने रखने वाला बदलाव कई महीनों या वर्षों में आता है। शेयर मार्केट में यह कुछ ही दिनों, घंटों या मिनटों और सेकेंडों में हो जाता है। बुनियादी कारकों के आधार पर चलने वाले निवेशक जिन बातों पर भरोसा करते हैं वो केंद्र में बनी रहती हैं, मगर शार्ट-टर्म के बदलावों का चक्र अलग होता है।
आखिर इन शार्ट-टर्म बदलावों को क्या ड्राइव करता है? कभी आप टीवी पर कोई बिजनेस चैनल खोलें या किसी न्यूज वेबसाइट को देखें तो पाएंगे कि हाल ही के किसी आकंड़े या घटना का कारण बताया जाएगा। इसमें, तेल के दाम, ब्याज दर, राजनीतिक घटनाएं या कुछ भी हो सकता है।
बाजार कैसे अपनी दिशा बदलता है
असल में ज्यादातर को इन बदलावों के कारण और तर्क पता नहीं होते। सच तो ये है कि इनका पता नहीं लगाया जा सकता। जो कारण आपको मीडिया और सोशल मीडिया क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए से पता चलते हैं, वो घटना के बाद की ईजाद होते हैं। जो स्टाक में निवेश करते हैं उनके पास दूसरी कई तरह की जानकारियों पर आधारित विश्लेषण होते हैं, जो इससे भी विस्तृत होते हैं। क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए आप कैसे अनुमान लगाएंगे कि मार्केट ऊंचाई पर हैं या नीचे।
अनुमान पर आधारित आंकड़े या मान्यताओं पर बने नियमों को यह कह कर प्रमोट किया जाता है कि मार्केट इतना ऊंचा है कि वो अब जल्द ही गिरने वाला है या फिर इतने नीचे है कि अब बढ़ना शुरू हो जाएगा। मिसाल के तौर पर- रिकार्ड हाई वैल्युएशन, इक्विटी में बड़ी संख्या में नए निवेशकों का आना, इक्विटी मार्केट में वाल्यूम का ज्यादा होना और इसी तरह की दूसरी स्थितियां मार्केट के शीर्ष पर होने के संकेत माने जाते हैं। मार्केट का नीचे होना इन सब बातों का उलटा होना होता है। आपको क्या लगता है कि ये संकेत काम आते हैं। काम आने से मतलब है कि इन संकेतों से आप जान सकें कि मार्केट अपनी दिशा बदलेगा।
एसआईपी से मार्केट क्रैश की चिंता नहीं
सच तो ये है कि आप ऐसा नहीं कर सकते। जैसे टीवी एंकर हर रोज के बदलावों के कारण बताते हैं, वैसे ही ये भी बाद में दिए गए स्पष्टीकरण हैं। हालांकि अपवाद हमेशा ही होते हैं। सही होगा, अगर आप मार्केट की चाल को लेकर अपने (या दूसरों के) विश्वास के आधार पर कभी निवेश न करें।
निवेशकों को अपना निवेश, भविष्य के अनुमान पर न करके इन्वेस्टमेंट की क्वालिटी पर, और उस दाम पर करना चाहिए, जो सही आंतरिक कारकों पर आधारित हो। म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स के लिए समस्या से निबटना और भी आसान है। उन्हें दो या तीन इक्विटी फंड चुनने चाहिए, जिनका लंबे अर्से का अच्छा रिकार्ड हो। उन्हें अपना निवेश एसआइपी के जरिये किस्तों में करना चाहिए और मार्केट क्रैश की चिंता नहीं करनी चाहिए।
(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)
Investment Tips: लाखों का फंड चाहिए तो 15 साल तक रोज बचाएं 100 रुपये, घरवाले भी कहेंगे- क्या दिमाग पाया है
Business News: अगर म्यूचुअल फंड रिटर्न की बात की जाए तो कई स्कीम्स ऐसी हैं, जिन्होंने 15 फीसदी का रिटर्न 15 साल में दिया है. लेकिन एक बात ध्यान में रखें कि किसी एक फंड में पूरी धनराशि न लगाएं. अगर 3000 रुपये लगा रहे हैं तो तीन हिस्से करके 1000 रुपये अलग-अलग फंड्स में लगाएं.
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म्युचूवल फंड मे निवेश करने के क्या फायदे है ?
आपको अगर स्टाॅक मार्केट की जानकारी नहीं है तो आप इन-डायरेक्टली म्यूचुवल फंड की मदत से स्टाॅक मार्केट मे निवेश कर सकते हैं|
जादातर लोग अपने पैसे बॅक एफडी मे निवेश करते है| बॅक मे निवेश करने से आपको जादा से जादा ५ से ६% रिटर्न मिलता है पर अगर आप म्यूचुवल फंड मे निवेश करते है तो कम से कम बॅक से तो अच्छे रिटर्न्स आपको मिलेंगे ही मिलेंगे|
अगर आप डायरेक्टली स्टाॅक मार्केट मे निवेश करते है तो आपको हर एक स्टाॅक किंमत पर नजर रखनी होती है कब कौनसा स्टाॅक बेचना है कब कौनसा स्टाॅक खरिदना है यह आपको देखना पडता है और अगर आपको शेअर मार्केट (स्टाॅक मार्केट) की अच्छे से जानकारी नहीं है तो आप आपका सारा पैसा गवा सकते हैं |
शेअर मार्केट की जगह आप म्यूचुवल फंड मे निवेश करते है तो आपको यह सब नहीं देखना पडता वो सब फंड मॅनेजर को देखना पडता है आपको सिर्फ एक अच्छे फंड मॅनेजर और उस फंड कंपनी की रेटिंग देखके उस फंड मे इनवेस्ट कर करना होता है|
म्यूचुवल फंड के प्रकार ?
१. इक्विटी फंड:
इसमे कंंपनी सब निवेशको के पैसै इकठ्ठा करके इक्विटी शेअरो मे लगा देती ही| यह फंड हाईली रिस्की माना जाता है|
२. डेब्ट फंड:
३. बैलेंन्स फंड:
इसमे फंंड कंपनी निवेशको का पैसा इक्विटी और डेब्ट दोनो मे इनवेस्ट करती है|
४. गिल्ट फंड:
यह फंड सबसे सुरक्षित माना जाता है| इसका सारा पैसा कंपनी सरकारी योजनांचा मे लगा देती है| इसमे सरकार का बॅकअप भी रहने के कारण यह फंड सबसे जादा सुरक्षित और अच्छा माना जाता है|
मै कौन से म्यूचवल फंड मे निवेश करु?
भारत मे बहुत सारे म्यूचवल फंड मौजुद है| आप म्यूचूवल फंड की पिछले सब रेकाॅर्ड यांनी कितनी साल में कितना निचे या उपर गया है यह देखके भी निवेश कर सकते हैं|
आप अलग अलग म्यूचुवल फंड संस्था द्वारा दि गई रेटींग के आधार पर आप किसी अच्छे म्यूचुवल फंड मे निवेश कर सकते हैं| पर जादातर रेटिंग बदलती रहती है| आप फंड मॅनेजर को कौन चला रहा है उसे कितना अनुभव है इसके आधार पर भी म्यूचुवल फंड मे निवेश कर सकते हैं | या आप अपने पसंद अनुसार किसी फंड मे निवेश कर सकते हैं जैसे आपको ऑटो सेक्टर जानकारी जादा है तो आप ऑटो सेक्टर के किसी फंड मे इनवेस्ट कर सकते है|
आपको फार्मा सेक्टर का भविष्य आगे जाके अच्छा लग रहा है तो आप फार्मा सेक्टर के किसी फंड मे आप अपना पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं| किसी को सोने और चांदी की समज जादा हो तो वह किसी असेट्स म्यूचुवल फंड मे अपना पैसे इनवेस्ट कर सकते हैं| आपके हिसाब से आप किसी भी म्यूचुवल फंड मे अपना पैसा लगा सकते हैं|
Kis karan apko Mutual Funds me pahli baar me hi nuksan hua?
जब भी कोई निवेशक पहली बार म्यूच्यूअल फंडस में निवेश करता है तो वो यह बात सुनके निवेश करता है की म्यूच्यूअल फंड्स में सालाना 15 प्रतिशत का औसतम रिटर्न मिलता है जोकि सच भी है।
इस लिए निवेशक ये सोचता है की म्यूच्यूअल फंड में भी फिक्स्ड डिपाजिट की तरह साल के अंत में 15 प्रतिशत का ब्याज जमा हो जाएगा।
अगर आप भी ये सोच रहे है तो
म्यूच्यूअल फंड कोई फिक्स्ड डिपाजिट की तरह नहीं है जो उसमे आपके पैसे पर हर साल ब्याज जमा होता रहे।
म्यूच्यूअल फंड पैसे को शेयर में निवेश करते है जिनका दाम हर समय बदलता रहता है इसी लिए म्यूच्यूअल फंड में जमा कीए गए पैसे का मूल्य भी बढ़ता और घटता रहता है।
म्यूच्यूअल फंड में निवेश की सच्ची यात्रा के बारे में।
सोचिए की आपने साल 2013 में 10 हजार रूपए फिक्स्ड डिपाजिट में 7 प्रतिशत ब्याज पर निवेश किए होते तो आपके पैसो पर मिला हुआ रिटर्न और मूल रही का चार्ट कुछ इस तरह होता।
इस चार्ट पर से आप देख सकते है की FD में निवेश किए हुए पैसो की कीमत हमेशा मूल राशि (10 हज़ार) से ज़्यादा ही है।
इसी वजह से लोग फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश करने से डरते नहीं है और उन्हें नुकसान नहीं होता।
अब सोचिए की अगर आपने वो ही 10 हजार कोई स्मॉल कैप म्यूच्यूअल फंड में निवेश किए होते तो आपके पैसो का मूल्य 2013 की हर तिमाही के अंत में कुछ इस तरह होता।
निष्कर्ष :
तो दोस्तो उम्मीद करता हु आपको यह पता चल गया होगा की आपको Mutual Funds मे निवेश करने पर नुकसान किस वजह से होता है। तो आगे से इस बारे मे सोच कर ही अपना निवेश करे।
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छोटी कमाई के लिए बेस्ट ऑप्शन
आजकल के जीवन में इंवेस्टमेंट के साथ सेविंग भी उतनी ही जरूरी है. ऐसे में पैसे बचा कर सिर्फ अपने पास रखना कोई समझदारी का काम नहीं है. हमें इसे सही जगह लगाना आना चाहिए. कई लोग कमाते तो हैं लेकिन उन्हें पता नहीं होता कि पैसा कहां लगाए कि वो बढ़ता रहे.
छोटी कमाई के लिए बेस्ट ऑप्शन
अच्छी कमाई करने वाले लोगों को निवेश करने या मुनाफा कमाने में कोई दिक्कत नहीं होती है लेकिन अक्सर रोज कमाने वाले या कम कमान वाले इसका फायदा नहीं उठा पाते. छोटी कमाई वाले लोग सोचते हैं कि जब उनके पास मोटा पैसा आएगा तब वो निवेश की शुरुआत करेंगे. लेकिन ये सही नहीं है. छोटी-छोटी बचत से भी निवेश किया जा सकता है. आज हम आपको निवेश के ऐसे ही विकल्पों के बारे में बताएंगे.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पहली बार निवेश करने वाले लोगों के लिए पीपीएफ एक अच्छा विकल्प है. यह सुरक्षित भी होता है और इस निवेश विकल्प में कोई टैक्स देनदारी नहीं होती. यहां आप हर महीने 1,000 रुपये निवेश करें तो एक साल में आप 12,000 रुपये निवेश करेंगे. यहां आप 15 साल तक नियमित निवेश करेंगे तो कुल 1,80,000 रुपये निवेश होंगे. अब मौजूदा 7.1 फीसदी की ब्याज दर के हिसाब से ब्याज की राशि 1,45,457 रुपये बनेगी. इस तरह पीपीएफ की 15 साल की लॉक-इन अवधि में आपके पास कुल 3,25,457 रुपये की राशि जमा हो जाएगी.
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