LIC has gained significant market share with 99 per cent YoY growth in individual Annual premium equivalent in January 2020.

स्टॉक ट्रेडिंग ऐप डेवलपमेंट बनाने के लिए दिशानिर्देश

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© - पोर्टल से संबंधित समस्त अधिकार मध्य प्रदेश स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड, भोपाल, के पास सुरक्षित हैं|

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Office Staff (आई.टी.)

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महत्वपूर्ण सूचना

कृषि विभाग के लिए महत्वपूर्ण सूचना

शासन के निर्देशनुसार mpfsts वेब पोर्टल में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की योजनाओं के लिए बंद किया गया है, पूर्व में इस पोर्टल पर उपलब्ध पंजीयन भी मान्य नहीं है | कृषक अब dbt.mpdage.org वेब पोर्टल के माध्यम से अनुदान हेतु नवीन पंजीयन कर सकते हैं|

अधिक जानकारी हेतु संपर्क सूत्र :-

कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय :-

आवेदक हेतु आवश्यक सुचना

भारत सरकार की UIDAI (Unique Identification Authority Of India) द्वारा आधार नंबर और बायोमेट्रिक सुविधा से पंजीयन की प्रक्रिया अस्थाई रूप से बंद है | जैसे ही UIDAI (Unique Identification Authority Of India) द्वारा SDC (State Data Center) को Production Mode की सुविधा देगा वैसे ही MPFSTS पर आधार नंबर और बायोमेट्रिक सुविधा से पंजीयन प्रारंभ हो जायेगा |

कृषक आवेदन से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि उसे किस योजना के किस सामग्री में लाभ लेना हैं | बाद में आवेदन निरस्त होगा न कि परिवर्तन | जो दस्तावेज upload करें वह सभी दस्तावेज स्पष्ट होना चाहिए अगर स्पष्ट नहीं होगें तो SHDO स्तर से रिजेक्ट कर दिये जावेंगे जिसके जिम्मेदार कृषक स्वयं होगें |

कृषक जो भी जानकारी आवेदन के दौरान प्रविष्ट कर रहा है वह भली प्रकार से जाँच ले क्योंकी जानकारी स्टॉक ट्रेडिंग ऐप डेवलपमेंट बनाने के लिए दिशानिर्देश गलत या अधूरी प्रविष्ट होने पर SHDO द्वारा आवेदन निरस्त कर दिया जायेगा जिसके जिम्मेदार कृषक स्वयं होगें |

Diary/Calendar 2022 Diary/Calendar 2022

ULIP और ट्रेडिशन इंश्योरेंस प्लान पर IRDAI के नए नियम, बीमा धारकों को अब ऐसे होगा फायदा

यूनिट-लिंक्ड और नॉन-लिंक्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट के लिए इरडा के नए नियम से बीमा धारकों को होगा फायदा.

ULIP और ट्रेडिशन इंश्योरेंस प्लान पर IRDAI के नए नियम, बीमा धारकों को अब ऐसे होगा फायदा

LIC has gained significant market share with 99 per cent YoY growth in individual Annual premium equivalent in January 2020.

IRDAI On ULIP & Non Linked Insurance Products: 8 जुलाई 2019 को, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी स्टॉक ट्रेडिंग ऐप डेवलपमेंट बनाने के लिए दिशानिर्देश आफ इंडिया (IRDAI) ने यूनिट-लिंक्ड और नॉन-लिंक्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट दोनों के लिए दिशानिर्देश जारी किए, जिससे उन्हें अधिक ग्राहक-केंद्रित बनाया जा सके. जारी अधिसूचना में सरेंडर और एन्यूटी प्रक्रिया को आसान बनाकर पेंशन प्रोडक्ट्स, ट्रेडिशनल प्लान और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान्स (ULIP) के नियमों के बारे में ब्यापक तौर पर बात की गई है. इरडा द्वारा ये दिशा निर्देश जारी करने के पीछे उद्देश्य है कि मौजूदा समय में जो इंश्योरेंस प्रोडक्ट हैं, उनके रेगुलेशन में और सुधार हो और पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा हो सके.

इसे सही समय पर लागू करने के लिए, IRDAI ने सभी बीमा कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे फरवरी 2020 से इन दिशानिर्देशों को लागू करें. इरडा का यह कदम इंश्योरेंस प्रोडक्ट में पारदर्शिता बढ़ाने और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की गलत बिक्री पर अंकुश लगाने का एक मजबूत प्रयास है. वहीं इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि स्टॉक ट्रेडिंग ऐप डेवलपमेंट बनाने के लिए दिशानिर्देश पॉलिसीधारकों को इंश्योरेंस प्रोडक्ट से संबंधित सभी सही जानकारी दी जाए.

पॉलिसी लैप्स होने के मामले होंगे कम

नियम स्टॉक ट्रेडिंग ऐप डेवलपमेंट बनाने के लिए दिशानिर्देश के अनुसार, एक पॉलिसी उस समय लैप्स कर जाती है जब पॉलिसीधारक प्रीमियम का भुगतान न सिर्फ नियत तारीख पर करने से चूक जाता है, बल्कि ग्रेस पीरियड के दौरान भी नहीं कर पाता है. नए दिशानिर्देशों के अनुसार, IRDAI ने बीमा कंपनियों से गैर-लिंक्ड पॉलिसीज के रिवाइवल की अवधि को मौजूदा 2 साल से बढ़ाकर 5 साल करने के लिए कहा है. इस प्रावधान का पालन करने के लिए, एलआईसी अपने 32 प्रोडक्ट के रिवाइवल पीरियड को 2 साल से बढ़ाकर 5 साल कर चुकी है. वहीं यूलिप प्लान, न्यू एंडाउमेंट प्लस को पहले अनपेड प्रीमियम से 3 साल कर दिया है. यह सबसे अच्छा बदलाव है जिसे बीमाधारक की रुचि और उनकी वित्तीय स्थितियों को ध्यान में रखते हुए लाया गया है.

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नए नियम से बढ़ेगा निवेश

लिंक्ड और नॉन-लिंक्ड प्रोडक्ट्स के मिनिमम सम एश्योर्ड में भी कुछ बदलाव हुए हैं. रेगुलर प्रीमियम और लिमिटेड प्रीमियम भुगतान करने वाली पॉलिसी खरीदते समय आपकी उम्र कुछ भी हो, डेथ बेनेफिट एनुअल प्रीमियम से 7 गुना तक कम हो जाता है. सिंगल प्रीमियम पॉलिसी के लिए सम एश्योर्ड सिंगल प्रीमियम का 125 फीसदी है, फिर चाहे आपकी एंट्री उम्र कितनी भी हो. नए नियम लागू होने के बाद, पॉलिसीधारक बाजार में अधिक निवेश करने में सक्षम होगा जिसके परिणामस्वरूप उच्च कॉर्पस का निर्माण किया जा सकेगा.

हालांकि, धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनेफिट पाने के लिए डेथ बेनेफिट अभी भी सालाना प्रीमियम का 10 गुना होना जरूरी है. इसके अलावा, नए नियम के तहत अब बीमा कंपनियों को पॉलिसीधारकों से अतिरिक्त प्रीमियम वसूलने की अनुमति होगी, यूनिट-लिंक्ड प्लान के साथ राइडर्स खरीदना चाहते हैं. इससे पहले, अगर कोई स्टॉक ट्रेडिंग ऐप डेवलपमेंट बनाने के लिए दिशानिर्देश पॉलिसीधारक इसके साथ राइडर्स खरीदता था तो बीमा कंपनियां यूलिप से यूनिट डिडक्ट करती थीं.

पॉलिसी को बंद करना भी आसान हुआ

मौजूदा समय में जब लोग किसी प्रोडक्ट में निवेश करते हैं तो एक खास लक्ष्य को ध्यान में रखते हैं. हालांकि जब वे जीवन के विभिन्न चरणों से गुजरते हैं और विभिन्न पहलुओं का अनुभव करते हैं, तो उनके लक्ष्य बदल जाते हैं. ट्रेडिशनल पॉलिसी के मोर्चे पर, अगर किसी कारण से पॉलिसीधारक ने अपनी पॉलिसी को बंद करने की योजना बनाई है, तो किसी को गारंटेड सरेंडर वैल्यू प्राप्त करने के लिए 3 साल का इंतजार नहीं करना होगा. जिसका मतलब है कि अगर कोई पॉलिसी को उसके शुरू होने के 2 साल बाद बंद कर दिया जाता है, तो पॉलिसीधारक को 30 फीसदी तक की निश्चित राशि दी जाएगी. अगर आपने 3 साल के बाद सरेंडर किया है तो 35 फीसदी और 4 से 7वें साल में सरेंडर किया है तो यह राशि 50 फीसदी तक बढ़ जाएगी.

इन कंडीशन में आंशिक निकासी की अनुमति

इसके अलावा, समय से पहले निकासी के लिए नियमों को भी बदल दिया गया है. लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स को एनपीएस की तरह बनाने के लिए अब गंभीर बीमारी की स्थिति में या किसी दुर्घटना की वजह से स्थाई विकलांगता या अन्य किसी बड़े स्वास्थ्य कारणों के लिए लिंक्ड पेंशन योजनाओं से आंशिक निकासी की जा सकेगा.

(Writer: Santosh Agarwal, Chief Business Officer-Life Insurance, Policybazaar.com)

अब स्मार्टफोन को करें माउस की तरह इस्तेमाल, बस फॉलो करें ये स्टेप्स

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News18 हिंदी 1 दिन पहले News18 Hindi

नई दिल्ली. लैपटॉप और कंप्यूटर को चलाने के लिए माउस की जरूरत पड़ती है. अगर आपके पास माउस न हो या किसी वजह से टचपैड खराब हो जाए तो ऐसी स्थिति में लोग परेशान हो जाते हैं. कई बार आप लैपटॉप को बार-बार रीस्टार्ट कर माउस की सेटिंग में जाकर इसे सही करने की कोशिश भी करते हैं इसके बावजूद भी कई बार यह काम करना बंद कर देती है. अगर आपके पास स्मार्टफोन हो तो ऐसी स्थिति में स्मार्टफोन की मदद ले सकते हैं.

अगर आप लैपटॉप में स्मार्टफोन को टचपैड या माउस के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए दोनों डिवाइस में वाईफाई फीचर होना जरूरी है. अगर आपके पास कंप्यूटर है और इसमें वाईफाई नहीं है तो अब इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सकते हैं. स्मार्टफोन माइस की तरह यूज करने के लिए आपको गूगल क्रोम ब्राउजर में जाकर unifiedremote.com वेबसाइट पर विजिट करना. अगर हमेशा के लिए स्मार्टफोन को माउस के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए इसका सॉफ्टवेयर डाउनलोड भी कर सकते हैं.

स्मार्टफोन में डाउनलोड करें ये ऐप

आप स्मार्टफोन में गूगल प्ले स्टोर से unified remote ऐप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं. यह एंड्रॉयड यूजर्स के लिए मुफ्त में उपलब्ध है. इस ऐप की मदद से ही अब दोनों डिवाइस को कनेक्ट कर पाएंगे. इसे डाउनलोड करने के बाद दोनों डिवाइस को एक ही वाईफाई से कनेक्ट होना बहुत जरूरी है. आपको बताते चलें कि कभी भी किसी भी ऐप को अनऑथराइज्ड ब्राउजर से डाउनलोड करने से बचें. इसके अलावा किसी परमिशन को देने से पहले टर्म एंड कंडीशन ध्यान से पढ़ लें.

स्मार्टफोन और लैपटॉप को ऐसे करें कनेक्ट

1-सबसे पहले लैपटॉप में यूनिफाइड unifiedremote.com पर विजिट कर इसे डाउनलोड करें.

2-इसके बाद वेबसाइट का सर्वर ऑन करने के लिए नीचे की तरफ राइट साइड में start server पर क्लिक करें.

3- अब स्मार्टफोन में इसी ऐप को ओपन करें.

4- यहां दोनों को एक ही वाईफाई से कनेक्ट करके आप स्मार्टफोन को माउस की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं.

5- स्टॉक ट्रेडिंग ऐप डेवलपमेंट बनाने के लिए दिशानिर्देश इसके अलावा इसे कीबोर्ड के रूप में भी इस्तेमाल करने की सुविधा मिलती है.

बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहा है पार्टनर, तो इन तरीकों से करें उसकी मदद

News18 हिंदी लोगो

News18 हिंदी 1 दिन पहले News18 Hindi

© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहा है पार्टनर, तो इन तरीकों से करें उसकी मदद"

How To Treat Bipolar Partner-

बाइपोलर एक मानसिक विकार है, जो किसी गहरी मानसिक चोट और दुर्घटना के कारण हो सकता स्टॉक ट्रेडिंग ऐप डेवलपमेंट बनाने के लिए दिशानिर्देश है. बाइपोलर व्‍यक्ति के साथ डील करना बेहद पेचीदा काम होता है खासकर यदि पार्टनर इस स्थिति का सामना कर रहा है तो लाइफ पूरी तरह से बदल सकती है. बाइपोलर विकार केवल उस व्‍यक्ति को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि इसका प्रभाव पार्टनर और रिलेशनशिप पर भी पड़ सकता है. बाइपोलर व्‍यक्ति भावनात्‍मक रूप से कमजोर, तनाव, यौन असंतोष और पैसों से संबंधित परेशानियों जैसे लक्षण महसूस कर सकता है. कई बार व्‍यक्ति अपना कॉन्फिडेंस लेवल भी खो देता है. ऐसे में दूसरा पार्टनर बाइपोलर व्‍यक्ति की भावनात्‍मक और शारीरिक रूप से मदद कर सकता है. चलिए जानते हैं बाइपोलर पार्टनर की किस प्रकार मदद की जा सकती है.

बाइपोलर व्‍यक्ति अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है इसलिए पार्टनर के साथ बहस करने की अपेक्षा उसका सपोर्ट करें. हेल्‍थ डॉट कॉम के अनुसार बाइपोलर व्‍यक्ति के साथ रहने में व्‍यवहारिक और भावनात्‍मक दोनों तरह की कठिनाई आ सकती हैं. इसलिए एक-दूसरे की भावनाओं को नुकसान न पहुंचाते हुए सपोर्ट कर सकते हैं.

माहौल को करें हल्‍का

जब भी बाइपोलर व्‍यक्ति गुस्‍से में या बहस के मूड में हो तो पार्टनर को हंसाने की कोशिश करें. ऐसे व्‍यक्ति को शांत करना और माहौल को हल्‍का करने में मदद मिल सकती है. पेशेंट जितना ज्‍यादा हंसेगा उतना ही उसका कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ेगा.

पुरानी यादों को करें याद

कई बार पुरानी बातों को याद करके रिश्‍तों को बचाया जा सकता है. बाइपोलर व्‍यक्ति को पुराने फोटो, एल्‍बम और बातें याद दिलाएं. इससे वह पहले जैसा बनने की कोशिश कर सकता है. साथ ही रिश्‍तों में प्‍यार भी बना रहेगा.

कुछ देर के लिए अकेला छोड़ें

बाइपोलर व्‍यक्ति गुस्‍से में कुछ भी कर सकते हैं. इसलिए जब वे गुस्‍सा हों या मारने का दौड़ें तो उसे कुछ देर के लिए अकेला छोड़ दें. जब व्‍यक्ति का गुस्‍सा शांत हो जाएगा तो वे खुद से आकर बात करेगा.

बाइपोलर एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्‍यक्ति का मूड पल-पल में बदल सकता है. इसलिए कोशिश करें कि बाइपोलर व्‍यक्ति को इस स्थिति से उभार पाएं.

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