साल 2005: 100 टीपीडी की क्षमता के साथ कंपनी की प्रॉसेसिंग यूनिट शुरू

फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है

कॉम्पिटीशन के बजाय क्वालिटी प्रॉडक्ट्स में यकीन रख बरेली की BL Agro कैसे बनी 3100 करोड़ की कंपनी

कॉम्पिटीशन के बजाय क्वालिटी प्रॉडक्ट्स में यकीन रख बरेली की BL Agro कैसे बनी 3100 करोड़ की कंपनी

कमोडिटी ट्रेडिंग बिजनेस के तौर पर शुरुआत करने वाली उत्तर प्रदेश के बरेली की BL Agro आज एक दिग्गज FMCG कंपनी है.

बिजनेस की दुनिया में कॉम्पिटीशन आम बात है. लेकिन बरेली की कंपनी बीएल एग्रो (B.L. Agro Industries Ltd) कॉम्पिटीशन में नहीं बल्कि लोगों तक क्वालिटी प्रॉडक्ट पहुंचाने में यकीन रखती है. बीएल एग्रो का मानना है कि अगर लोगों को क्वालिटी प्रॉडक्ट मिलता है तो उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है, स्वास्थ्य ठीक रहता है तो ब्रांड पर उनका भरोसा बना रहता है और यह भरोसा उन्हें ब्रांड से जोड़े रखता है. इसलिए बीएल एग्रो केवल अपने प्रॉडक्ट्स की क्वालिटी को और बेहतर बनाने और उसे बरकरार रखने पर फोकस करती है.

कब शुरू हुई थी बीएल एग्रो

बीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड की नींव 1940 में किशन लाल खंडेलवाल और बिशन लाल खंडेलवाल ने कमोडिटी ट्रेडिंग बिजनेस के तौर पर डाली थी. हर तरह के खाद्य तेलों की ट्रेडिंग की जाती थी. 1976 में इस कारोबार से अगली पीढ़ी यानी घनश्याम खंडेलवाल जुड़े, फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? जो आज कंपनी के चेयरमैन हैं. उनका मकसद नए जमाने के लिहाज से, इनोवेशन के साथ कारोबार को आगे बढ़ाना था. लिहाजा घनश्याम खंडेलवाल ने कारोबार बढ़ाने के साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग की संभावनाएं भी तलाशीं और उन्हीं की बदौलत यह कारोबार एक ब्रांड के तौर पर स्थापित हुआ.

उन्होंने क्वालिटी को अपना हथियार बनाया. जिस वक्त घनश्याम खंडेलवाल बिजनेस से जुड़े, उस वक्त भारत में खान-पीने के सामान की कमी थी. चूंकि माल ही नहीं था तो क्वालिटी पर बहुत ज्यादा ध्यान ही नहीं था. उस वक्त सिर्फ कुछ ही ब्रांड थे, जो अच्छे प्रॉडक्ट लोगों तक पहुंचाने की कोशिश में लगे थे. ऐसे में घनश्याम को लगा कि प्रॉडक्ट की क्वालिटी पर फोकस करके अपने कारोबार की पैठ बनाई और बढ़ाई जा सकती है.

1983 में बैल कोल्हू सरसों तेल लॉन्च

कंपनी ने 1983 में अपना पहला प्रॉडक्ट बैल कोल्हू सरसों तेल लॉन्च किया. तेल की क्वालिटी उम्दा हो, इसके लिए घनश्याम खंडेलवाल ने खुद से काफी जानकारी जुटाई. लगभग 4 साल तक उन्होंने इसे बेहतर से और बेहतर बनाने पर काम किया. प्रॉडक्ट 1986 में ट्रेडमार्क हुआ और आज यह कंपनी का फ्लैगशिप प्रॉडक्ट है.

story-of-bl-agro-a-bareilly-based-company-bail-kolhu-brand-ghanshyam-khandelwal-brands-of-pre-independence-era

फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है ?

फ्यूचर ट्रेडिंग डेरीटिव ट्रेडिंग का एक प्रकार है फ्यूचर ट्रेडिंग मे भविष्य मे एक पूर्व निर्धारित समय और मूल्य पर एक डेरीवेटिव खरिदने या बेचचचने के लिये कानूनी समझौता होता है। फ्यूचर ट्रेडिंग मे खरीदार और बेचने वाला दोनो पक्षो का दायित्व होता है कि वह निर्धारित समय पर निर्धारित मूल्य और वस्तु एक दुसरे को सोंप दे जिससे की कांट्रेक्ट पुरा हो सके।

फ्यूचर ट्रेडिंग मे पहले से तय मुल्य को फ्यूचर प्राईस और पहले से तय समय को डिलीवरी डेट कहा जाता है। इसमे किसी प्रकार का कोई न्यूनतम अकांउट साईट नही होता है। यदि आप फ्यूचर ट्रेडिंग मे रुची रखते है तो आप इसे कम से कम पैसो मे शुरु कर सकते है।

फ्यूचर ट्रेडिंग की विशेषताएँ

फ्यूचर ट्रेडिंग की अपने आप फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? मे कई सारी खुबिया है जिसके कारण फ्यूचर ट्रेडिंग आज बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। आइये जानते है फ्यूचर ट्रेडिंग की कुछ विशेषताओं को जो निम्नलिखित है.

  1. फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की कीमत उसके एसेट्स पर निर्भर करती है यदि एसेट्स की किमत मे बढोतरी होती है तो फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की कीमत भी बढ जाती फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? है।
  2. फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को अन्य ट्रेडर के साथ ट्रांसफर किया जा सकता है और ट्रेड किया जा सकता है।
  3. यदि कोई व्यक्ति अपने कान्ट्रेक्ट से बाहर जाना फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? चाहता है तो वह बाहर जा सकता है जिसके फ्यूचर्स में ट्रेडिंग कैसे करें? लिये उसे पेनल्टी का भुगतान करना होगा।
  4. फ्यूचर ट्रेडिंग दो पक्षो का भष्यि मे होने वाला व्यापार है जिसमे हमेशा दोनो पक्षो द्वारा अपने कान्ट्रेक्ट को पुरा ना करने का डर बना रहता है जिसके लिये सेबी द्वारा इसे रेगुलेट किया जाता है। जिससे कोई भी पक्ष बिच मे सोदा छोड कर नही जाता है।
  5. सेबी द्वारा फ्यूचर ट्रेडिंग को सुचारु रुप से चलाया जाता हे जिसमे डिफाल्ट होने की संभावना ना के बराबर होती है।
  6. फ्यूचर ट्रेडिंग के अपने नियम होते है वह ट्रेड करने वालो के अनुसार नही होता है। यह अपने मानको पर कार्य करता है।
  7. फ्यूचर ट्रेडिंग मे सेटलमेंट का एक समय निश्चित होता हे जिसमे दोनो पक्ष अपने कांट्रेक्ट के अनुसार समय पर कांट्रेक्ट पुरा करते है और इसके लिये भोतिक मुवमेंट की आवश्यकता नही होती है।

फ्यूचर ट्रेडिंग की आवश्यकता

फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे मे एक बात तो आपको समझ आ गइ होगी की यह एक भविश्य का सौदा है। सामान्यतः फ्यूचर ट्रेडिंग मे पहले पेसे नही होने के कारण व माल रेडी नही होने के कारण फ्यूचर कांट्रेक्ट होते थे। जिसमे आप आज सोदा करते थे और बाद मे वह निश्चित दाम और माल के लेन देन पर समाप्ता होता था। पंरतु वर्तमान मे सभी सेग्मेंट मे फ्यूचर ट्रेडिंग इसी धारणा के साथ शुरु हुई । फ्यूचर ट्रेडिंग होने के कारण आने वाले भविष्य की किमते और इससे जुडे अनुमान आसानी से मिल जाते है जिससे की जिस सेग्मेंट मे फ्यूचर ट्रेडिंग हो रही है वह स्थिर बना रहता है। परंतु स्पाट ट्रेडिंग के समय ऐसा नही होता था,

फ्यूचर ट्रेडिंग मे आपको कोई न्यूनतम पूंजी की आवश्यकता नही होती है। यह आपके सोदे पर निर्भर करता है , यहां आप अपने ब्रोकर से मार्जिन लेकर भी सोदा कर सकते है जो आपके सोदे की समाप्ती पर ब्रोकर को देना होगा।

रेटिंग: 4.72
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 819