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Delhi MCD Result 2022: MCD चुनाव का क्या है इतिहास, कितना बदल गया परिसीमन के बाद रूप, यहां जानिए A 2 Z ब्यौरा

दिल्ली नगर निगम चुनाव के 250 वार्ड के परिणाम बस कुछ ही समय बाद आना शुरू हो जाएंगे. इससे पहले यह जानना जरूरी है कि अब तक एमसीडी का इतिहास क्या रहा है और निगम के एकीकरण के बाद क्या बदलाव हुए हैं.

By: ABP Live | Updated at : 07 Dec 2022 06:52 AM (IST)

दिल्ली एमसीडी परिणाम 2022

Delhi MCD Result 2022: दिल्ली नगर निगम चुनाव के 250 वार्ड पर 4 दिसंबर को मतदान हो चुका है. आज सभी वार्ड के नतीजे घोषित किए जाएंगे. सुबह 8 बजे से चुनाव परिणाम के रुझान शुरू हो जाएंगे. नतीजे तय होने के बाद तय हो जाएगा कि एमसीडी में 15 सालों से कायम बीजेपी रहती है या दिल्ली सरकार की आम आदमी पार्टी ही नगर निकाय में राज करेगी.

इससे पहले यह जानना जरूरी है कि एमसीडी का इतिहास क्या रहा है, कितने वार्ड हैं, कितने वोटर हैं, पिछले चुनाव के नतीजे आदि. यहां लीजिए सारी जानकारी.

दिल्ली नगर निगम- बड़ी बातें

  • विश्व के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है.

आबादी

News Reels

  • दिल्ली नगर निगम करीब 2 करोड़ लोगों के लिए काम करता है, जो श्रीलंका देश की आबादी के करीब बराबर है.

एरिया

  • दिल्ली नगर निगम का एरिया 1,397 वर्ग किलोमीटर है.
    यह भारत के 4 केंद्र शासित प्रदेश के एरिया के जोड़ से भी ज्यादा है.

बजट

  • दिल्ली नगर निगम का 2022-23 का बजट 15,276 करोड़ रुपये है.
    निगम का बजट देश एमएसीडी क्या है एमएसीडी क्या है के 3 राज्यों/UT के बजट से ज्यादा है.

दिल्ली नगर निगम- पहले और अब

  • 2011 से पहले दिल्ली नगर निगम एक था.
  • 2011 में दिल्ली नगर निगम 3 भांगो में बंट गया जो 2012 में लागू एमएसीडी क्या है हुआ.
  • 22 मई 2022 को तीन नगर निगम मिलाकर एक हुए.
  • दिल्ली में पहले 272 वार्ड थे.

नए नगर निगम में वार्ड

  • अभी नगर निगम में कुल 250 वार्ड हैं, जिसमें 42 सीटें एससी समाज के लिए आरक्षित हैं
  • कुल 12 जोन हैं और मुख्यालय एस पी मुखर्जी सिविक सेंटर, नई दिल्ली में है.

दिल्ली नगर निगम का इतिहास

  • 'बंबई नगर निगम' की तर्ज पर दिल्ली नगर निगम की स्थापना की गई.
  • दिल्ली नगर निगम अधिनियम विधेयक को 28 दिसंबर 1957 को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी.
  • इसके बाद 7 अप्रैल 1958 से नगर निगम अस्तित्व में आया.
  • दिल्ली को करीब 1860 में शुरू नगरीय प्रशासन प्रणाली से मुक्ति मिली.
  • इसके बाद फिर दिल्ली को पहला मेयर मिला.
  • दिल्ली की पहली मेयर अरूणा आसिफ अली थी.
  • हालांकि चुने गए पहले मेयर त्रिलोक चंद शर्मा थे.
  • दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक को तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू ने संबोधित किया था.
  • निगम का मुख्यालय चांदनी चौक इलाके में स्थित ऐतहासिक टाउन हॉल को बनाया गया.
  • कार्यालय से एमसीडी ने 2000 के दशक तक काम किया.
  • 1958 में दिल्ली नगर निगम में 80 पार्षद होते थे.
  • 2017 में कुल 272 पार्षद चुने गए.
  • नए परिसीमन के बाद अब 250 पार्षद चुने जाएंगे.

दिल्ली में एमसीडी चुनाव

  • दिल्ली में 4 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. जबकि 7 दिसंबर को परिणाम आने हैं.
  • इस बार तीनों नगर निगम को मिलाकर एक कर दिया गया है.
  • तीनों निगम एक करने से निगम को 150 करोड़ की बचत होगी.
  • बीजेपी का एमसीडी पर 2007 से कब्जा है.
  • एमसीडी का कार्यकाल मई में ही खत्म हो चुका है.

एमसीडी के स्कूल

  • कुल प्राइमरी स्कूल 1,646 हैं.
  • इन स्कूलों में 8 लाख 71 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं.

एमसीडी चुनाव में BJP

  • एमसीडी में बीजेपी लगातार 15 साल से काबिज है.
  • 2007 से लगातार बीजेपी एमसीडी चुनाव जीत रही है. हालांकि इस दौरान बीजेपी कभी दिल्ली में सरकार नहीं बना पाई.

एमसीडी चुनाव में AAP

  • दिल्ली में आप आदमी पार्टी 2015 से सत्ता में है.
  • 2017 में नगर निगम चुनाव में आप ने एंट्री मारी थी.
  • आप को 272 में से 49 सीटों पर जीत मिली थी.

एमसीडी चुनाव में कांग्रेस

  • कांग्रेस 1998 से 2013 तक दिल्ली में सत्ता में थी, लेकिन 2007 और 2012 में एमसीडी का चुनाव हार गई थी.
  • 2017 में कांग्रेस को सिर्फ 31 सीटों पर जीत मिली थी.
  • 2017- दिल्ली नगर निगम के नतीजे

उत्तरी दिल्ली

  • कुल सीट – 104
  • बहुमत – 53
  • बीजेपी – 64
  • आप – 21
  • कांग्रेस – 16
  • अन्य – 3

दक्षिणी दिल्ली

  • कुल सीट – 104
  • बहुमत – 53
  • बीजेपी – 70
  • आप – 16
  • कांग्रेस – 12
  • अन्य – 6

पूर्वी दिल्ली

  • कुल सीट – 64
  • बहुमत – 33
  • बीजेपी - 47
  • आप – 12
  • कांग्रेस – 3
  • अन्य – 2

2012- दिल्ली नगर निगम के नतीजे

उत्तरी दिल्ली

  • कुल सीट – 104
  • बहुमत – 53
  • बीजेपी – 59
  • कांग्रेस – 29
  • अन्य – 16

दक्षिण दिल्ली

  • कुल सीट – 104
  • बहुमत – 53
  • बीजेपी – 44
  • कांग्रेस – 29
  • अन्य – 31

पूर्वी दिल्ली

  • कुल सीट – 64
  • बहुमत – 33
  • बीजेपी - 35
  • कांग्रेस – 19
  • अन्य – 10

Published at : 07 Dec 2022 06:52 AM (IST) Tags: Delhi MCD Election 2022 MCD Polls 2022 MCD Results 2022 Delhi MCD Results 2022 Delhi MCD Result 2022 MCD Result 2022 Winners List Delhi MCD Election Counting Live हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Elections News in Hindi

MCD Details: कितना कमा लेते हैं दिल्ली के पार्षद, कितनी मिलती है सैलरी, कितना है सालाना फंड और क्या है काम?

क्या आपको पता है दिल्ली में एक पार्षद को अपने इलाके में विकास के लिए सालाना कितना फंड मिलता है? इसके अलावा लोगों में ये जानने की इच्छी होती है कि पार्षद की कमाई कहां से होती है? उन्हें कितनी सैलरी मिलती है?

 MCD पर आप का कब्जा (Photo:PTI)

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2022,
  • (अपडेटेड 08 दिसंबर 2022, 12:06 AM IST)

दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD) के नतीजे आ चुके हैं. लगातार 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) को इस बार हार झेलनी पड़ी है और अब नगर निगम पर अब आम आदमी पार्टी (AAP) का कब्जा हो गया है. दिल्ली नगर निगम में कुल 250 वार्ड्स हैं. चुनाव से ठीक पहले तक दिल्ली में अलग-अलग तीन नगर निगम थे. लेकिन चुनाव से पहले तीनों का विलय कर एक निगम बना दिया गया.

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के शासनकाल के दौरान साल- 2011 में दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक को पारित किया गया था. इसके तहत एमसीडी को तीन भागों में बांटा गया. जिसके बाद 2012 में निगम चुनाव अलग-अलग हुए थे. लेकिन अब फिर पूर्वी दिल्ली नगर निगम, उत्तर दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम एक हो गया है.एमएसीडी क्या है

पार्षद का कार्यक्षेत्र

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इस बार एमसीडी चुनाव (MCD Election) में साफ-सफाई, भ्रष्टाचार, पेयजल और सड़क निर्माण मुख्य मुद्दे थे. इसके अलावा भी कई मुद्दे उछाले गए, लेकिन जनता को जिन चीजों को लेकर हर रोज समस्या झेलनी पड़ती थी. उसे ध्यान में रखकर उन्होंने अपने मतों का प्रयोग किया. अब चुन गए पार्षदों की जिम्मेदारी है कि जनता से किए वादों को पूरे किए जाएं.

लेकिन क्या आपको पता है दिल्ली में एक पार्षद को अपने इलाके में विकास के लिए सालाना कितना फंड मिलता है? इसके अलावा लोगों में ये जानने की इच्छी होती है कि पार्षद की कमाई कहां से होती है? उन्हें कितनी सैलरी मिलती है? एक पार्षद जो इतना आपके एरिया में काम कराने का जिम्मेदार होता है, वो कैसे अपना खर्च चलाता है.

सबसे पहले ये जानने की कोशिश करते हैं कि पार्षद (Councillor) को विकास के लिए कितना फंड मिलता है. अगर बीते वर्षों की बात करें तो दिल्ली नगर निगम तीन हिस्सों में बंटा था. तीनों इलाकों के अलग-अलग मेयर थे. लेकिन अब एक मेयर होंगे. पिछले कार्यकाल की बात करें दिल्ली नगर निगम के पार्षदों के लिए कोई तय फंड निर्धारित नहीं है.

पार्षद को कितना मिलता है फंड? (Councillor Fund in Delhi)

जानकारी के मुताबिक पार्षदों को सालाना 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का फंड मिलता है, लेकिन ये भी निर्धारित नहीं है. पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी की वजह से फंड में कटौती भी की गई थी. काउंसलर को यह फंड अपने क्षेत्र में विकास के लिए मिलता है. आंकड़ों को देखें तो दिल्ली में कुछ पार्षद बीते साल पूरे फंड का इस्तेमाल भी नहीं कर पाए थे. कई बार निगम और दिल्ली सरकार में अलग-अलग पार्टियां होने की वजह से फंड को लेकर गतिरोध देखने को मिला था. लेकिन अब दोनों जगहों पर आम आदमी पार्टी की सरकार होगी, तो तस्वीर दूसरी हो सकती है. साथ ही निगम का बजट बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है.

अगर नगर निगम के कार्य को देखें तो सफाई, पीने के पानी का व्यवस्था करना, सड़क बनाना और मरम्मत करना, सड़कों और गलियों में लाइटिंग, नालियों की सफाई, अस्पताल खोलना, आग से सुरक्षा, श्मशान घाट बनवाना, टीके लगाना, जन्म एवं मृत्यु का निबंधन करना, पार्क बनवाना, प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना और लाइब्रेरी का प्रबंध करना है. अगर आमदनी की बाते करें तो नगर निगम को अपने कार्यों के लिए पैसा लोगों द्वारा दिए गए कर (टैक्सों) से मिलता है.

पार्षद की सैलरी (Councillor Salary in Delhi)

जहां तक पार्षदों की कमाई का मामला है तो इसको लेकर फिक्स डेटा उपलब्ध नहीं है. क्योंकि दिल्ली नगर निगम के पार्षदों को फिक्स सैलरी के तौर पर कुछ नहीं मिलता है. निगम में चुने गए एक पार्षद को हर मीटिंग के 300 रुपये तक मिलते हैं. एक पार्षद की महीने में कम से कम 6 मीटिंग होती हैं. हालांकि, बाकी खर्चों के लिए भी दिल्ली नगर निगम पार्षदों को अलग से पैसे मिलते हैं. जिसे आप भत्ते के तौर पर जानते हैं. राजधानी दिल्ली के लोगों को बेहतर सेवाएं देने के लिए दिल्ली नगर निगम 7 अप्रैल, 1985 को अस्तित्व में आया था.

यह Delhi MCD है क्या, इसका चुनाव होता कैसे है, यह सांसद, विधायक से कैसे अलग है, जानिए सबकुछ

What is MCD: दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू हो गई है और कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव के लिए मतदान चार दिसंबर को होगा और मतगणना सात दिसंबर को होगी। गुजरात, हिमाचल के साथ ही दिल्ली एमसीडी चुनाव की भी काफी चर्चा है।

MCD Election

हाइलाइट्स

  • दिल्ली एमसीडी चुनाव 4 दिसंबर को, 7 दिसंबर को आएंगे नतीजे
  • इस बार 3 नहीं एक नगर निगम, 272 की बजाय 250 वार्ड पर चुनाव
  • बीजेपी का एमसीडी पर कई वर्षों से कब्जा, AAP ने लगाया जोर

पार्षदों की संख्या और अब एक नगर निगम
साल 1958 में एमसीडी में पार्षदों की संख्या 80 थी। इसके बाद यह बढ़कर 134 और 2007 में यह संख्या 272 तक पहुंच गई। साल 2011 में जब दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित थीं तब नगर निगम को तीन हिस्सों उत्तरी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में विभाजित कर दिया गया। इस दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिण दिल्ली नगर निगम में फिलहाल 104-104 वहीं पूर्वी दिल्ली दिल्ली में 64 वार्ड पर चुनाव हुए और तीनों ही जगह मेयर अलग- अलग चुने गए। करीब 11 साल बाद फिर दोबारा से एमसीडी को मोदी सरकार में एक कर दिया गया। इसके लिए जब विधेयक पारित किया उसमें इस बात का जिक्र था कि वार्ड की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी। एमसीडी चुनाव के लिए अब तारीखों का ऐलान हो गया है और 250 सीटों पर 4 दिसंबर को चुनाव होगा।

एमसीडी के पास कैसी जिम्मेदारी
स्ट्रीट लाइट, प्राइमरी स्कूल, प्रॉपर्टी और प्रोफेशनल टैक्स कलेक्शन, टोल टैक्स कलेक्शन सिस्टम, शमशान और जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र, डिस्पेंसरीज, ड्रेनेज सिस्टम, बाजारों की देखरेख इसका जिम्मा एमसीडी के पास है। एमसीडी के जरिए कई ऐसे काम किए जाते हैं जो लंबे समय में सभी पार्टियों के वोट बैंक के लिए बेहद अहम होता है। सड़क निर्माण से लेकर स्कूल और टैक्स कलेक्शन आय का बड़ा स्रोत होता है। दिल्ली एमसीडी का बजट करीब 15 हजार करोड़ से ज्यादा का है। इस बड़े बजट के जरिए कई सारे विकास कार्यों को अंजाम दिया जाता है। ऐसे में इतने बड़े बजट वाले एमसीडी पर कब्जा करने की हसरत सभी दलों की रहती है।

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एमसीडी को दिल्ली सरकार से भी खर्चे के लिए बजट मिलता है। दिल्‍ली सरकार और नगर निगम के अधिकार अलग है लेकिन कई मिलते जुलते हैं। सड़क का निर्माण एमसीडी और दिल्ली सरकार दोनों ही करती है। एक ओर जहां 60 फीट से कम चौड़ी सड़का जिम्मा एमसीडी के पास तो वहीं इससे अधिक सड़क चौड़ी दिल्ली सरकार के पास। स्कूल दोनों के पास हैं प्राइमरी एमसीडी के पास तो वहीं हायर स्कूल का जिम्मा दिल्ली सरकार के पास है। एमसीडी के पास कई डिस्‍पेंसरी है तो वहीं बड़े हॉस्पिटल की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के पास है।

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हाउस, लाइसेंस के लिए एक टैक्स

अब दिल्ली नगर निगम का एक ही मुख्यालय होगा। तीन की बजाय नगर निगम का एक ही सदन होगा। एक ही मेयर, एक ही स्टैंडिंग कमिटी। इसके अलावा अब हाउस टैक्स, लाइसेंस आदि के लिए एक ही नीति होगी। अब तक तीनों निगम हाउस टैक्स जमा कराने की अंतिम तिथि भी अलग अलग ही तय करते थे लेकिन अब इस मामले में पूरी दिल्ली में एकरूपता होगी। अब तक दिक्कत ये थी कि तीनों निगमों की आमदनी एक जैसी नहीं थी। पहले दक्षिणी नगर निगम की आमदनी अच्छी थी जबकि बाकी दोनों निगमों की आमदनी कम थी। आमदनी में संतुलन न होने की वजह से भी दिक्कत थी। अब तीनों निगम एक होने से एक ही जगह आमदनी आएगी और तीन तीन निगम होने से जो अतिरिक्त खर्च हो रहा था, वह भी कम हो जाएगा। इससे निगम की वित्तीय स्थिति कुछ सुधरने की उम्मीद है।

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एमसीडी चुनाव के लिए आज नामांकन का आखिरी दिन है। बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से सभी सीटों को लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया है। वोटिंग से पहले यह जानना भी जरूरी है कि निगम पार्षदों के पास क्या अधिकार हैं। 4 दिसंबर को वोटिंग है।

हाइलाइट्स

  • एमसीडी चुनाव के लिए आज नामांकन का आखिरी दिन
  • 250 वॉर्डों के लिए सभी दलों ने किया उम्मीदवारों का ऐलान
  • 4 दिसंबर को वोटिंग, 7 दिसंबर को आएंगे सभी वॉर्ड के नतीजे

mcd

हर साल मिलता है 1 करोड़ का फंड
पूरे दिल्ली स्तर पर नगर निगम के पार्षद ही मिलकर हाउस में नीति तैयार करते हैं, जिसके आधार पर निगम आयुक्त और अन्य अधिकारी कामकाज करते हैं। नगर निगम के हर पार्षद को सालाना एक करोड़ रुपये का फंड मिलता है। इस राशि से पार्षद अपने इलाके में कुछ भी विकास कार्य करा सकते हैं। वह नगर निगम को अपने इलाके की बड़ी परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव भी भेज सकते हैं।

गरीबों को पेंशन देने का अधिकार
निगम पार्षदों को अपने इलाके में एक निर्धारित संख्या में रहने वाले गरीब लोगों को पेंशन देने की सिफारिश करने का अधिकार होता है। किसी विधवा की बेटी की शादी के लिए भी 25 हजार रुपये नगर निगम से देने के लिए पार्षद सिफारिश करते हैं। अगर गलियों में सफाई नहीं हो रही या निगम स्कूलों, डिस्पेंसरी में पर्याप्त सुविधा नहीं मिल रही तो उस स्थिति में पार्षद उस मामले को सदन में उठा सकते हैं। निगम की स्कूलों में बनने वाली कमिटियों की अध्यक्षता भी पार्षद ही करते हैं।

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इंटरनैशनल गेस्ट को करते हैं रिसीव
नगर निगम का विभाजन होने से पहले तो दिल्ली के मेयर का ही ये अधिकार था कि जब भी किसी देश का राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली आता था तो एयरपोर्ट पर उसका स्वागत सबसे पहले मेयर ही करते थे। अब फिर से नगर निगम के एक होने के बाद उम्मीद है कि फिर से मेयर को ये अधिकार मिलेगा।

भत्ते के रूप में मिलते हैं सिर्फ 300 रुपये

महत्वपूर्ण ये है कि चुनाव में भारी भरकम रकम खर्च करके चुनाव जीतने वाले पार्षदों को भत्ते के नाम पर बेहद मामूली राशि दी जाती है। उन्हें हर बैठक के लिए मात्र तीन सौ रुपये का भत्ता मिलता है। इसके अलावा उन्हें न तो कोई वेतन मिलता है और न ही पेंशन।

दिल्ली नगर निगम के पास क्या हैं अधिकार?

सफाई व्यवस्था : दिल्ली की कॉलोनियों और सड़कों पर सफाई करने, कूड़ा एकत्र करके उसका निस्तारण करने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की है। घरों से कूड़ा एकत्र करके ढलाव तक ले जाना और फिर वहां से उसके निस्तारण की व्यवस्था करने का कार्य निगम को ही करना होता है।

सड़कों का रखरखाव : शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान दिल्ली सरकार ने 60 मीटर से बड़ी सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम से लेकर पीडब्ल्यूडी को दे दी थी। लेकिन इसके बावजूद अभी भी नगर निगम के पास 32 हजार किमी से अधिक की छोटी सड़कों, गलियां हैं। हजारों की संख्या में पार्क हैं, जिनकी देखभाल नगर निगम करता है।

mcd election 2022

नक्शों को मंजूरी : दिल्ली में भले ही केंद्र सरकार हो या दिल्ली सरकार लेकिन बिल्डिंग के नक्शे मंजूर करने का अधिकार नगर निगम के पास ही है। यहां तक की अगर निगम के एरिया में केंद्र सरकार को भी बिल्डिंग बनानी हो तो उसका नक्शा भी निगम ही पारित करेगा। अगर कोई बिल्डिंग अवैध बनी है या निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया गया है तो उसमें तोड़फोड़ भी नगर निगम ही करता है।

स्कूल, अस्पताल, डिस्पेंसरी :
दिल्ली नगर निगम के प्राइमरी शिक्षा के लिए दिल्ली में स्कूल भी हैं, हेल्थ के लिए डिस्पेंसरी और अस्पताल भी हैं। हालांकि अस्पतालों की संख्या सीमित है लेकिन इनकी भी अहम भूमिका है। इसके अलावा कुछ जगह निगम के प्राइमरी हेल्थ सेंटर भी हैं।

टैक्स वसूलना :
दिल्ली में 45 से 50 लाख प्रॉपर्टी हैं। इन सभी प्रॉपर्टी एमएसीडी क्या है का टैक्स भी नगर निगम ही वसूलता है। इनमें खाली प्लॉट, मकान, दुकानें, कमर्शल बिल्डिंग आदि शामिल हैं। इसी तरह से निगम की सड़कों और बिल्डिंगों पर लगने वाले विज्ञापन, टोल टैक्स और पार्किंग के जरिए भी नगर निगम ही पैसे की वसूली करता है।

कई और कार्य : इनके अलावा कई और कार्य भी नगर निगम करता है। इनमें जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करना, ट्रेड लाइसेंस देना, तहबाजारी देना, रेस्तरां आदि को लाइसेंस देने का काम भी नगर निगम ही करता है।

और कहां से आमदनी :
नगर निगम को बिजली और रोड टैक्स के अलावा प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त के वक्त होने वाले रजिस्ट्रेशन पर ली जाने वाले शुल्क में से भी हिस्सा मिलता है।

Delhi MCD Election Results 2022 LIVE: दिल्ली की बड़ी लड़ाई में AAP को बहुमत, BJP दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी

Delhi MCD Election Result Live Updates: दिल्ली में 250 नगर निगम वॉर्ड के चुनावी नतीजे आ गए हैं. दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए 4 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. इस बार करीब 50.47 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो 2017 के मुकाबले लगभग तीन फीसदी कम है.

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  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2022,
  • (Updated 07 दिसंबर 2022, 3:09 PM IST)

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MCD Results LIVE: दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बहुमत हासिल कर लिया है. बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है. इस तरह दिल्ली एमसीडी पर 15 साल से काबिज भाजपा दिल्ली नगर निगम से बाहर हो गई है. चुनावी नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जीत के जश्न में डूबे हैं. नतीजों के साथ ही दिल्ली नगर निगम में मेयर को लेकर मुकाबला शुरू हो गया है. बीजेपी का कहना है कि एमसीडी में उनका मेयर होगा, वहीं आप ने बीजेपी को चुनाव नतीजे से सबक लेने की नसीहत दे डाली है. दिल्ली सरकार में मंत्री और AAP नेता गोपाल राय ने कहा हैं कि अगर BJP काम नहीं करेगी, तो जनता अरविंद केजरीवाल को चुनेगी. ये फैसला दिल्ली के लोगों ने लिया है, इसके लिए दिल्ली के लोगों को बधाई. AAP का मेयर बनेगा और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश एमएसीडी क्या है पर टाइम बाउन्ड तरीके से MCD में काम होगा.

क्या हैं अब तक के आंकड़े?

आज 1,349 उम्मीदवारों के साथ-साथ तीन बड़े राजनीतिक दलों के भाग्य का फैसला हो गया. अबतक उपलब्ध नतीजों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (AAP) 134 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है जबकि बीजेपी (BJP) के उम्मीदवार 103 सीटों पर जीत हासिल कर चुके हैं. कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत नसीब हुई है. MCD की तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों की भी जीत हुई है. देखें अपडेटेड टैली.

क्या थे एक्जिट पोल के नतीजे?
MCD चुनाव के वोटों की गिनती के लिए चुनाव आयोग ने शहरभर में 42 मतगणना केंद्र बनाए हैं, जिनकी देखरेख में आयोग द्वारा 68 चुनाव ऑबजर्वर पहले ही तैनात किए जा चुके हैं. मतों की गणना रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधि की उपस्थिति में की जा रही है. 5 दिसंबर को पांच अलग-अलग एजेंसियों ने एमसीडी चुनाव को लेकर एग्जिट पोल जारी किया गया था. बता दें कि दिल्ली में कुल बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, बसपा, सीपीआई समेत कुल 6 राष्ट्रीय दलों के अलावा एक प्रादेशिक आम आदमी पार्टी चुनाव मैदान में है. एग्जिट पोल के आंकड़े आम आदमी पार्टी के पक्ष में रहे.

तकनीकी खराबी के लिए इंजीनियर तैनात
इसके अलावा, आयोग ने केंद्रों पर ECIL के 136 इंजीनियरों को भी तैनात किया है ताकि गिनती के दौरान अगर ईवीएम में कोई भी तकनीकी समस्या आती है तो उसे दूर किया जा सके. इसके अलावा जिन मीडियाकर्मियों को आयोग से मीडिया पास मिला है उसके लिए अलग से व्यवस्था की गई है. जिनके पास है. लाइव परिणाम देखने की सुविधा के लिए विशेष मीडिया रूम बनाए गए हैं. इन 42 मतगणना केंद्रों पर एलईडी स्क्रीन पर आयोग के वेब पोर्टल “secdelhi.in” पर रिजल्ट अपडेट हो रहा है.

सुरक्षा के खास इंतजाम
मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए हैं. केवल आयोग की तरफ से अधिकृत व्यक्तियों को ही अंदर प्रवेश दिया जा रहा है.केंद्रों के अंदर मोबाइल फोन की अनुमति दी गई है लेकिन यह निर्दिष्ट क्षेत्रों तक ही सीमित है. मीडिया के लिए एसईसी (मुख्यालय), निगम भवन, कश्मीरी गेट में एक मीडिया सेंटर भी बनाया गया है. एमसीडी चुनाव के नतीजों की लाइव जानकारी आयोग के मोबाइल ऐप "निगम चुनाव दिल्ली" पर भी देखी जा सकती है.

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