ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए

किसी भी न्यूज़ या इवेंट के कारण प्राइस ऍक्शन और अस्थिरता के आधार पर ट्रेडिंग को न्यूज़ या इवेंट बेस्ड ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है। न्यूज़ या इवेंट ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए या तो निर्धारित होते है या अचानक हो सकते हैं। अनुसूचित समाचार पहले से ही नियोजित होते हैं, जबकि अचानक आने वाले न्यूज़ इवेंट्स अनिर्धारित या अनियोजित होते हैं। एक अनुसूचित घटना पर उचित उम्मीदों के साथ ट्रेड कर सकते हैं, लेकिन अनिर्धारित न्यूज़ या इवेंट्स पर ट्रेड करना बहुत मुश्किल है क्योंकि वो स्पष्टीकरण के अधीन हैं।

समाचार और घटनाएँ ग्लोबल या डोमेस्टिक हो सकती हैं। ग्लोबल न्यूज़ दुनिया भर के मार्केट्स को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, 2008 के सबप्राइम मॉर्गेज क्राइसिस ने दुनिया भर के मार्केट्स को झटका दिया था। डोमेस्टिक न्यूज़ इवेंट्स जैसे चुनाव परिणाम का स्थानीय प्रभाव हो सकता है।

न्यूज़ या इवेंट्स का व्यापक वर्गीकरण

कॉर्पोरेट: कॉर्पोरेट न्यूज़ या इवेंट्स कंपनी विशिष्ट होते हैं। यह एक प्रोडक्ट, मर्जर और एक्वीजीशन, डिमर्जर, अर्निंग्स आदि का शुभारंभ हो सकता है। तिमाही अर्निंग्स जैसे इवेंट्स निर्धारित किए जाते हैं क्योंकि एक्सचेंजों को इसके बारे में सूचित करना होता है। तिमाही अर्निंग्स के परिणाम का काफी अनुमान लगाया जा सकता है और उसके अनुसार ट्रेडों की योजना बनाई जा सकती है। हालांकि, कुछ अनिर्धारित कॉर्पोरेट इवेंट्स या अनाउंसमेंट हैं जो स्टॉक प्राइस पर प्रभाव का अनुमान लगाने में चुनौतियों का सामना कर सकती हैं।

डेटा संचालित: ये अनुसूचित इवेंट्स हैं जैसे कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) की द्वि-मासिक पॉलिसी रिव्यु, इंफ्लेशन जैसे डेटा जारी करना, ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट्स (जीडीपी) में वृद्धि जैसे तिमाही मैक्रो संकेतक, रोजगार डेटा इत्यादि। ये डेटा पॉइंट्स ट्रेडों के लिए तदनुसार योजना बनाने की अनुमति देते हैं। हालांकि, कई बार मैक्रो इंडिकेटर्स मार्केट को चौंका सकते हैं। अप्रत्याशित की उम्मीद करने के बारे में सावधान रहना होगा। ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए उदाहरण के लिए, विशेष रूप से अमेरिका में प्रकाशित कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस इन्वेंटरी जैसी रिपोर्टों के दौरान, इन मार्केट्स और इन ऊर्जा वस्तुओं की कीमतों में उस समय के आसपास अत्यधिक अस्थिरता पाई जा सकती है। कई वेबसाइट इकनॉमिक कैलेंडर देती हैं जिसमें वे तिथियां होती हैं जिन पर विभिन्न इकनॉमिक डेटा जारी होने की उम्मीद होती है।

पॉलिसीस: मैक्रो-इकोनॉमिक न्यूज़ जैसे पॉलिसीस में बदलाव या नई नीतिगत पहल, टैक्सेशन इंडस्ट्रियल पॉलिसीस में बदलाव जो आम तौर पर देश में सभी को प्रभावित करते हैं। उन्हें विशेष उद्योगों तक ही सीमित रखा जा सकता है।

उदाहरण के लिए, बजट में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर कॅपिटल गेन्स टॅक्स की घोषणा स्टॉक की कीमतों को प्रभावित कर सकती है। इसी तरह, 20 वर्षों में वाहनों को स्क्रैप करने जैसी पॉलिसीस पर सरकार का निर्णय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को प्रभावित कर सकता है। जिससे नए वाहनों की मांग बढ़ेगी और ऑटोमोबाइल सेक्टर को ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए मदद मिलेगी।

जिओपोलिटिकल: जिओपोलिटिकल इवेंट्स का दुनिया भर के मार्केट्स पर भारी प्रभाव पड़ सकता है। वे ग्लोबल इवेंट्स की रेंज हैं जिनमें युद्ध, संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, प्रवास और ब्रेक्सिट जैसी प्रमुख पॉलिटिकल इवेंट्स शामिल हो सकती हैं।

ब्लैक स्वान इवेंट्स : वे अप्रत्याशित, नकारात्मक और दुर्लभ इवेंट्स हैं जिनके गंभीर परिणाम होते हैं। कई लोग कोविड-19 को एक काले हंस की घटना मानते हैं, हालांकि उस दृष्टिकोण को ब्लैक स्वान की अवधारणा पेश करने वाले सांख्यिकीविद् नसीम निकोलस तालेब ने चुनौती दी है। ब्लैक स्वान के समय में ट्रेडिंग करना वास्तव में चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

न्यूज़ और इवेंट्स के आधारित ट्रेडिंग

  • न्यूज़ या इवेंट्स पर ट्रेडिंग करने के लिए अनुभव और स्टॉक पर उनके प्रभाव को समझने की क्षमता की आवश्यकता होती है
  • न्यूज़ से लाभ उठाने में सक्षम होने के लिए न्यूज़ की सही व्याख्या करने में सक्षम होना चाहिए
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें इस बात पर विचार करने की आवश्यकता है कि क्या न्यूज़ को पहले ही कीमत में शामिल कर लिया गया है या यदि कीमत में बदलाव के लिए और जगह बाकि है

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे न्यूज़ का ट्रेड किया जा सकता ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए है लेकिन आइए हम दो व्यापक तरीकों पर टिके रहें:

दिशात्मक ट्रेड : इस ट्रेड में, न्यूज़ से सकारात्मक अपेक्षा के आधार पर कीमत बढ़ती है। जैसे ही खबर आती है, कीमत बढ़ती रहती है, और जब खबर कन्फर्म होती है, तो इस ट्रेंड की पुष्टि भी होती है। यह नकारात्मक न्यूज़ के विपरीत है।

रिवर्सल ट्रेड: इस ट्रेड में सकारात्मक खबर की उम्मीद से शेयर की कीमत ऊपर होती है। हालाँकि, जैसे ही न्यूज़ आती है, ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए कीमत गति को जारी रखने में विफल रहती है। यह या तो एक विशेष सीमा में रहता है या तेजी से नीचे जाने लगता है। कोई भी यहां अपना लॉन्ग ट्रेड बुक कर सकता है और शॉर्ट के लिए जा सकता है। यह नकारात्मक न्यूज़ के विपरीत है।

न्यूज़ ट्रेडिंग में प्रमुख पॉइंट्स में से एक आपके स्टॉप लॉस का स्थान है। न्यूज़ का एक पार्ट हमेशा अस्थिरता को ट्रिगर करता है जिसके परिणामस्वरूप तेज कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है। यदि कोई स्टॉप लॉस नहीं रखता है तो उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है।

फायदे और नुकसान

फायदे : यदि यह एक नियमित डेटा-संचालित या एक नियोजित कॉर्पोरेट घटना है तो ट्रेड की योजना बनाई जा सकती है । ट्रेड को एंट्री, एग्जिट और स्टॉप लॉस से ही प्लान किया जा सकता है। एक ही दिन में कई ट्रेड के अवसर संभव हैं।

नुकसान: न्यूज़ बेस्ड ट्रेडिंग में रिस्क भी होती हैं। रातोंरात पोजीशन लेना जोखिम भरा है क्योंकि खबर नकली हो सकती है या इसकी पुष्टि नहीं हो सकती है। जैसे ही न्यूज़ प्रवाह के साथ अस्थिरता का निर्माण शुरू होता है, बिड/आस्क स्प्रेड का परिणाम बड़े पैमाने पर हाई इंपैक्ट कॉस्ट में हो सकता है। ट्रेडर को ट्रेड दक्षिण की ओर जाते ही उससे बाहर निकलने के लिए कुशल और फुर्तीला होना चाहिए।

Stock Market Day Trading Rules how to make you profitable

Stock Market day trading Rules for Traders; Stock Market में ज्यादा तर सभी व्यक्ति जल्द ही पैसा बनाना चाहते है और जल्द ही और अच्छी कमाई करना चाहते है जिसके कारण Day Trading (Intraday) करना चाहते है. Day Trading से जल्द ही और ज्यादा पैसा बनाया जा सकता है लेकिन उसके लिये एक आपको Day Trading Rules के अनुसार ही करना होगा जिससे आप ज्यादा Profit और कम Lose होगा। 10 Most Important Rules जिनके अनुसार आप Day Trading में Profitable बन सकते है.

आप निम्नलिखित Rules के अनुसार Stock Market में काम करते है तो आपको जरुर सफलता मिलेगी. क्योकि ये Rules आपके Loss को कम और Profite को बढ़ा सकती है

Read Following 10 Intraday Trading Rules for Day Traders

Rule No.1

Best Stock for Day Trading.

यह Tradersके लिए सबसे जरुरी है कोन सा Stock Day Trading के लिये सही है क्योकि क्योकि सभी Stock Intraday Trading के अनिवार्य नही होते है, क्योकि आप उन्ही Stock में trading करना चाहेंगे जिसमे profit होंने का ज्यादा मोका मिले.

· ऐसे Stocks को चुनना जो Nifty 50 या Bank nifty में हो.

· ऐसे Stocks जिनमे ज्यादा volatility हो.

· ऐसे Stocks जिसमे liquidity होना भी बहुत जरुरी होता जिससे Impact Cost कम होता है.

· ऐसे Stocks को Day Trading के लिये चुनना जिनके Sector भी उस दिन अच्छा प्रदर्सन कर रहे हो.

· ऐसे Stocks जो पुरे Market के अनुसार ही Move करे.

Rule No.2

Right Entry, Exit and Stop Price

Day Trading में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण Rule है Entry and Exit and Stop Loss को निर्धारित करना. किसि भी Trade को लेने से पहले ये जानना बहुत जरुरी होता है क्योकि Live market में ये निर्धारित करना मुस्किल हो जाता है क्योकि Stock Market बहुत volatile है।

Rule No.3

Trade with money that you are ready to lose

Stock Market में Day Trading करने का चुनाव करने से पहले ये जानना भी जरुरी है की Intraday Trading एक Higher Risky Game है जिसमे Loss होने की सम्भावना अधिक होती है इसलिए Day Trading में कम से कम leverage का उपयोग करे, जितना आप Loss उठा सके.

Rule No.4

Market position with Limit orders Instead of Market Orders

Beginners जीने Limit और Market orders के बीच का फ़र्क अक्सर नही पता होता है जोकि Day Trading के लिये महतवपूर्ण होता है, जो Stock बहुत ज्यादा volatile होते है उनमे Limit order जल्दी नही लगता है जिससे आप एक अपने trade को खो सकते है लेकिन अगेर market order का उपयोग करते है तो आप जल्द ही trade लगा लकते है।

Rule No.5

Perform Research and Analysis

अगले दिन Day Trading करने से पहले उन सभी Stock को Research करना महत्वपूर्ण किसी भी Stocks में Trading करने से पहले Before planning होना जरुरी होता है जिससे आप पहले ही अपने Profit और Loss को निर्धारित आसानी से कर पाएंगे.

Rule No.6

Create your Daily Dairy and Keep all the records of Trades

Stock Market में यह महत्वपूर्ण Rules है Maintain Daily Diary, आप इस Market में एक Day Trader हो या फिर Swing Trader या फिर एक investor सभी को अपने Trade का Record रखना बहुत जरुरी होता है किस्से आप अपने trading Strategy को और बेहतर बना सकते है, और इससे आप अपनी पिछली गलतियों को भी सुधार सकते है जिससे आप future में उन्ही गलतियों को दोहराने से बच सकते है.

Rule No.7

Don’t do trading Daily

Stock Market में रोज Trading करना जरुरी नही होता क्योकि market किसी दिन Trending और किसी दिन Sideways होता है ज्यादा तर Trading days में Sideways होता है. आपको यह जानना जरुरी है की आप किस दिन profit बना सकते है, और कब नही.

Rule No.8

Control Your Emotions

इस Market में Success पाने लिये बहुत जरुरी है अपने Emotions को Control करना, किसी भी Trade में 70% Emotion और 30% Strategy की जरूरत पढ़ती है अगर आप अपने लोभ और डर को Control कर लेते है तो आप आसानी से पैसा बना सकते है.

Rule No.9

Trade in Few Stocks in a day

Day Trading में सुरुआती समय में कम से कम trade लेने चाहिये, जिससे Lose कम होगा.Over Trading से आपको बचना चाहिये.

Rule No.10

Use a Stop Loss order.

Stock Market जो बहुत ही volatility है, कोई भी व्यक्ति यह नही बता सकता है की किसी Point से market कितना उपर और कितना निचे जा सकता है अगर आप Stop Loss order नही लगाते है तो आपका lose भी Unlimited हो सकता है, इस वजह से हमें Stop Loss Order को अपना दोस्त बना के रखना चाहिये हमें जो आपको lose से बचा सके

Best VWAP Intraday Strategy कैसे उपयोग करें?

इस ब्लॉग में VWAP Intraday Strategy पर प्रकाश डालेंगे। जो हमारे शिक्षार्थियों को शेयर बाजार में लाभ प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं। शेयर बाजारों में स्थिति बनाए रखने के लिए धैर्य और उचित तकनीक की आवश्यकता होती है।

लेकिन कभी-कभी लोग अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण वे शेयर बाजार में नुकसान (Loss) करते हैं।

बाजार के संरचना (Structure) को समझना

VWAP Intraday Strategy के रणनीतियों के बारे मे जानने से पहले हम बाजार के संरचना (Structure) को समझेंगे।

आइए,पहले शेयर मार्केट के संरचना के 4 चरणों को समझें:

बाजार को चार चरणों में विभाजित किया जा सकता है – चरण 1 संचय चरण यह उस तरह का है जहां मार्केट ना तो ऊपर जाता है और ना ही नीचे आता है। यह किसी सीमा (Range) में घूमता रहता है।

इसके बजाय, हम चरण 2 अपट्रेंड पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यदि हम एक अपट्रेंड में हैं, तो ही मार्केट में खरीदने के बारे में सोचना चाहिए।

जब मार्केट अपने अपट्रेंड को खत्म करता है तो फिर से रेंज में में स्थापित हो जाता है।

इसे चरण तीन कहते है। इस चरण में भी बाजार बग़ल (sideways) में मुड़ना शुरू हो जाता है, और चरण 4 में, बाज़ार में गिरावट आती है जहां व्यापारियों को खरीदने की स्थिति से बचना चाहिए और बेचने की स्थिति में चले जाना चाहिए।

यह बाजार के मुख्य रूप से चार चरण होते हैं।

बाजार संरचना के बारे में समझने के बाद, आइए हम VWAP Indicator पर चर्चा करें:

  • Supertrend Best Intraday Trading Strategy

VWAP क्या है?

VWAP का फुल फॉर्म Volume-Weighted-Average-Price है। मूल्य (Volumes), मात्रा(weighted) और समय (Time), यह VWAP के मूल्य घटक हैं। Time बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि सभी व्यक्ति अलग-अलग टाइम पर ट्रेड करते हैं। VWAP Intraday Strategy का उपयोग करके कुछ लोग swing Traders हैं तो कुछ लोग scalper पर हैं और कुछ लोग Intraday Traders भी हैं।

अब हम प्राइस पर आते हैं, सबसे पहले हमें यह देखना होता है की कौन मार्केट को चला रहा है। मतलब की मार्केट में ज्यादा लोग खरीदारी कर रहे हैं या फिर बेचने की स्थिति में है।

अगर अधिकतर लोग मार्केट में खरीदारी करेंगे तो मार्केट ऊपर की तरफ जाएगा। इसके विपरीत, अगर अधिकतर लोग बेचेंगे तो मार्केट नीचे की तरफ जाना शुरु कर देगा।

वहीं अगर, लोग ना ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए तो खरीद रहे हैं और ना ही बेच रहे हैं तो मार्केट एक रेंज में घूमता रहेगा।

इंट्राडे में VWAP का उपयोग करके खरीदने की रणनीति

जब मार्केट ऊपर जा रहा है तो, हम एक मिनट की समय सीमा (Timeframe) देखेंगे। और अगर प्राइस VWAP के ऊपर है तो हम मार्केट में कभी भी बेचने की कोशिश नहीं करेंगे।

इस समय मार्केट में हमेशा खरीदने का अवसर देखेंगे

जब मार्केट किसी रेंज को ऊपर की तरफ तोड़ता है तभी हम खरीदेंगे। और स्टॉप लॉस किसी छोटे स्विंग के नीचे रखेंगे।

इस तरह से हम VWAP का उपयोग करके इंट्राडे में ट्रेडिंग कर सकते हैं।

इंट्राडे में VWAP का उपयोग करके बेचने की रणनीति

इस रणनिती में कोई अंतर नहीं है, यह उपरोक्त रणनीति के विपरीत है।

मार्केट में सेल करने के लिए भी एक मिनट का टाइम फ्रेम लेना चाहिए।

जब मार्केट विवेक के नीचे रहेगा तब हमें हमेशा सेल करना चाहिए। मार्केट विवाह के नीचे होने पर कभी भी खरीदना नहीं चाहिए।

इसमें भी, जब मार्केट किसी रेंज को नीचे की तरफ तोड़ेगा, तो हमें सेल करना चाहिए। और इसके समीप वाले स्विंग पर Stop Loss लगाना चाहिए।

VWAP Intraday Strategy दिशानिर्देश

VWAP भी मूवींग एवरेज (Moving Average) की तरह दिखता है। जिस तरह से जब मार्केट 50-Day मूविंग एवरेज के ऊपर जाता है तो हम इसे अपट्रेंड मार्केट कहने लगते हैं।

इसी तरह से छोटे टाइम फ्रेम पर जब मार्केट VWAP के ऊपर होता है तो हम इसे अब ट्रेंड मार्केट मान लेते हैं।

एक बार जब प्रतिरोध टूट जाता है, तो कोई अपना स्टॉप-लॉस सेट कर सकता है और देख सकता है कि कोई नया चलन सामने आता है या नहीं। लेकिन, फिर से, यह उस लंबी अवधि की समय सीमा के साथ संरेखित होता है, इसलिए उन तटस्थ अवधियों को पहचानने में मूल्य है।

निष्कर्ष (Conclusion):

हमें उम्मीद है कि आपको यह ब्लॉग जानकारीपूर्ण लगा होगा और शेयर मार्केट की दुनिया में इसकी अधिकतम क्षमता का उपयोग करेंगे। इसके अलावा, इस ब्लॉग को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करके और वित्तीय साक्षरता फैलाने के हमारे मिशन में हमारी मदद करके कुछ प्यार दिखाएं।

Intraday Trading कैसे work करता है :

intraday tips

इंट्राडे ट्रेडिंग उनके लिए है जो सौदा को एक ही दिन के लिए खरीद -बेच करते हैं उन्हें शेयर को होल्ड नहीं करना होता है चाहे फ़ायदा हो या नुकसान वो सौदा को होल्ड नहीं करते है इन्हे जोखिम लेना पसंद होता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होगी जो आप निचे दिए गए लिंक के सहारे ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं।

Intraday trading account खोलने के लिए यहाँ क्लिक करें।

जैसा कि नाम से ही मालूम होता है कि यह “एक दिन का सौदा” है यानि को आपको एक दिन के पुरे ट्रेडिंग सेशन में शेयर को ख़रीदा व् बेचा जाता है उसे अगले दिन के लिए होल्ड नहीं किया जाता हैं। SEBI के द्वारा आपको intraday के लिए आपको मार्जिन दिया जाता हैं जिस शेयर आपको खरीदना या बेचना है उसके वैल्यू का आपके पास 25% का बैलेंस होना चाहिए। इंट्राडे ट्रेडिंग का ब्रोकरेज डेलिवरी ट्रेडिंग के मुकाबले कम है

Intraday trading करते समय आपको MIS option सेलेक्ट करके ट्रेडिंग करना पड़ता है इस सेक्शन में आपके द्वारा खरीदा या बेचा गया माल आपको Square Off करना होता है। अर्थात आपके ट्रेडिंग अकाउंट में शेयर की संख्या को शून्य करना होता हैं चाहे आप शेयर buy या sell किये हों नहीं तो आपका ब्रोकरेज हाउस मार्केट के क्लोज होने के कुछ समय पहले आपके शेयर को auto Square Off कर देता हैं यानी की आपके द्वारा बेचा या ख़रीदा गया शेयर को आपके ट्रेडिंग अकाउंट में quantity शून्य कर देता है शेयर को खरीद या बेच कर।

17 Intraday Trading Tips |17 इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला:

  • Highly volatile स्टॉक में Intraday Trading नहीं करना चाहिए। .
  • टी ग्रुप (टी २ टी )NSE पर BE ग्रुप में इंट्राडे ट्रेड नहीं होता है इसमें कोई शेयर buy करने पर compulsory delivery लेना पड़ता है।
  • मार्किट में अगर आप शार्ट सेल्लिंग करते हैं तो उसे मार्केट क्लोज होने से पहले स्क्वायर ऑफ करना पड़ता है अगर आप square off नहीं कर पाते हैं तो आपको ऑक्शन की प्रक्रिया से गुजरना ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए पड़ता है। इसमें आपको भारी penalty देना पड़ सकता हैं।
  • बाजार के मूड के साथ ट्रेड लें अगर बाजार अपट्रेंड में हो तो long करें ,अगर downtrend में हो तो short करें।
  • सही समय का इंतज़ार करे ,जल्दबाज़ी में शेयर न बेचें।
  • stop loss का मजबूती के साथ पालन करें।
  • इंट्राडे करने से पहले 10 लिक्विड शेयर्स का चयन कर उसपर ग्राफ,RSI ,और भी तकनीकी से स्टडी करें और अपनी योजना बनायें।
  • अधिकांशतः लार्ज कैप के शेयर में ही इंट्राडे करें क्योकि उसने ट्रेडिंग जयादा होती हैं।
  • ग्राफ का स्टडी 15 ,10 और 5 मिनट के टाइम फ्रेम के ऊपर स्टडी करें की आपका स्टॉक किस पैटर्न पर वर्क करता है ,कहाँ रेजिस्टेंस है कहाँ सपोर्ट लेवल है। स्टॉप लोस्स कहाँ लगाना है।
  • प्रॉफिट किस लेवल पर लेना है या कितना प्रतिशत पर सौदा काटना है पलहे से ही निर्धारित करें ,लालच में न पड़ें।
  • स्टॉक के खबरों पर विशेष नज़र रक्खे जैसे बोनस , स्प्लिट,डिविडेंट ,रिजल्ट।
  • इंट्राडे करते समय योजना के अनुसार कार्य करें इमोशनल न हो धैर्य से काम लें।
  • इंट्राडे करते समय सजग रहें और शेयर को वाच करते रहें अगर आपके अनुमान के उल्टा शेयर जा रहा हो तो तुरंत शेयर से निकल जाएँ।
  • बाजार के तुरंत खुलने व् बंद होने से 30 मिंट पहले इंट्राडे न करें क्योकि उस समय वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है।
  • अगर आपके पास होल्डिंग में शेयर पड़ा है तो उससे भी आप इंट्राडे कर सकते है केवल downtrend के समय आप अपना होल्डिंग शेयर बेंच दें और जब वह शेयर और भी निचे गिरकर चला जाये तो आप उसे buy के ले इस तरह आप को शेयर के खरीद व् बेच के बीच के अंतर का आपको फायदा हो जायेगा और शेयर भी आपके पास पड़ा रहेगा।
  • इंट्राडे में छोटे प्रॉफिट पर धयान दें ज्यादा के लालच में न पड़े।
  • overbought/oversold जोन को देखकर buy और sell करें।

Disclaimer:

आपका निवेश जोखिम के अधीन हैं इस पृष्ठ में निहित जानकारी ,नियम ,शर्त ,टिप्स केवल आपको समझने के लिए हैं न कि आपको निवेश के लिए बाध्य करता है आपका निवेश आपकी समझ और आपकी अपनी जिम्मेदारी पे निर्भर है न की किसी दूसरे पर।

F&O: फ्यूचर्स-ऑप्शंस देते हैं कम लागत में ज्यादा पैसा कमाने का मौका

Futures & Options: आप केवल स्टॉक नहीं, बल्कि कृषि वस्तुओं, पेट्रोलियम, सोना, मुद्रा आदि में भी फ्यूचर्स-ऑप्शंस ट्रेडिंग कर सकते हैं.

  • Vijay Parmar
  • Publish Date - July 27, 2021 / 02:38 PM IST

F&O: फ्यूचर्स-ऑप्शंस देते हैं कम लागत में ज्यादा पैसा कमाने का मौका

Future & Option: कम इन्वेस्टमेंट करके ज्यादा मुनाफा कमाना कौन नहीं चाहेगा? सभी लोग ऐसा चाहते हैं और उसके लिए मार्केट में कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं. आज हम ऐसे ही एक विकल्प, यानी फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) डेरिवेटिव्स के बारे में जानेंगे. यह आपको केवल स्टॉक नहीं, बल्कि कृषि वस्तुओं, पेट्रोलियम, सोना, मुद्रा आदि में भी ट्रेडिंग करके पैसा कमाने का मौका देता है. इससे आपको कीमतों में उतार-चढ़ाव के जोखिम से बचने में मदद मिलती है.

फ्यूचर्स (Futures) क्या होता है?

कई प्रकार के डेरिवेटिव (derivative) में से एक प्रकार है फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट. इस प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट में खरीदार (या विक्रेता) किसी विशेष संपत्ति की एक निश्चित मात्रा को भविष्य की तारीख में एक विशिष्ट कीमत पर खरीदने (या बेचने) के लिए सहमत होता है.

उदाहरण से समझते हैंः आपने एक फिक्स्ड तारीख पर XYZ कंपनी के 50 शेयरों को 100 रुपये में खरीदने के लिए एक फ्युचर कोन्ट्राक्ट खरीदा है. जब ये कॉन्ट्रैक्ट की एक्स्पायरी होगी तब आप उसकी मौजूदा कीमत के बावजूद, 100 रुपये पर ही शेयर प्राप्त करेंगे. यहां तक कि अगर कीमत 120 रुपये तक जाती है, तो भी आपको प्रत्येक शेयर 100 रुपये पर मिलेगा, जिसका मतलब है कि आप 1,000 रुपये का शुद्ध लाभ कमाते हैं. यदि शेयर की कीमत 80 रुपये तक गिरती है, तो भी आपको उन्हें 100 रुपये पर खरीदना होगा, ऐसे में आपको 1,000 रुपये का नुकसान होगा.

ऑप्शंस (Options) क्या होते हैं?

डेरिवेटिव्स के अन्य एक प्रकार को ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट कहते हैं. यह फ्युचर कोन्ट्राक्ट से थोड़ा अलग है जिसमें एक खरीदार (या विक्रेता) को एक विशिष्ट पूर्व-निर्धारित तिथि पर एक निश्चित कीमत पर एक विशेष संपत्ति खरीदने (या बेचने) का अधिकार देता है, लेकिन ऐसा करना उसका दायित्व नहीं होता. ऑप्शंस दो तरह के होते हैं, कॉल ऑप्शंस और पुट ऑप्शंस.

कॉल ऑप्शन – मान लें कि आपने एक निश्चित तिथि पर XYZ कंपनी के 50 शेयर 100 रुपये पर खरीदने के लिए कॉल ऑप्शन खरीदा है, लेकिन शेयर की कीमत एक्स्पायरी के वक्त 80 रुपये तक गिर जाती है, और आप 1,000 रुपये के नुकसान में चले जाते हैं. तब आपके पास 100 रुपये में शेयर नहीं खरीदने का अधिकार है, इसलिए सौदे पर 1,000 रुपये खोने के बजाय, आपको केवल कॉन्ट्रैक्ट के लिए चुकाए गए प्रीमियम का नुकसान होगा, जो बहुत कम होता है.

पुट ऑप्शंस – इस प्रकार के ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट में आप भविष्य में एक सहमत मूल्य पर संपत्ति बेच सकते हैं, लेकिन ऐसा करना आपका दायित्व नहीं. यदि आपके पास XYZ कंपनी के शेयरों को भविष्य की तारीख में 100 रुपये पर बेचने का विकल्प है, और समाप्ति तिथि से पहले शेयर की कीमतें 120 रुपये तक बढ़ जाती हैं, तो आपके पास शेयर को 100 रुपये में नहीं बेचने का विकल्प है, ऐसे में आप 1,000 रुपये ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए के नुकसान से बच सकते हैं.

फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंगः

फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) का एक फायदा यह है कि आप इन्हें विभिन्न एक्सचेंजों पर स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकते हैं. आप स्टॉक एक्सचेंजों पर स्टॉक F&O का व्यापार कर सकते हैं, कमोडिटी एक्सचेंजों पर कमोडिटी आदि. F&O ट्रेडिंग में आपको 1 लाख रुपये के शेयर या कमोडिटी में ट्रेडिंग करने के लिए केवल 10,000 रुपये की जरूरत पड़ती है, क्योंकि आपको उसका ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए पूरा दाम चुकाने के बजाय 10-30% मार्जिन पर सौदा करने का मौका मिलता है. आप किसी वस्तुओं को खरीदे बिना उसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठा सकते हैं.

F&O ट्रेडिंग में जोखिमः

फ्यूचर्स बाजार में हेजिंग का टूल नहीं है यानी इसमें सौदे को ओपन (खुला) छोड़ते हैं या फिर स्टॉप लॉस लगाते हैं. स्टॉप लॉस न लगाया तो नुकसान ज्यादा होता है, जबकि पुट ऑप्शन में खरीदे हुए सौदे को हेज कर सकते हैं.

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